RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
तनु देख रही थी उस मर्द के लन्ड की नसें उभर आईं थीं शायद वो भी झड़ने वाला था तनु साँसे रोके देख रही थी कि आगे क्या होगा .....उस आदमी ने अपने मोटे बैगन जैसे टोपे को बबिता की गुदा पर सेट कर दिया और अपने बड़े-2 हाथों से बबिता की कमर पकड़ते हुए अपने भारी कुहलों को ज़ोर से उचका दिया वो भयंकर लन्ड बबिता की गाँड़ में लगभग आधा अन्दर घुस गया ।
"आह....ऊऊऊऊ.....माँ........ मर... गई रे....कितना मोटा है रे....आह" बबिता इतने ज़ोर से चिल्लाई की तनु को उसकी चीख साफ -2 सुनाई दी । बबिता ने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से सोफ़े को पकड़ लिया ।
उस खूँटे जैसे लौड़े वाले आदमी ने अब धीरे-धीरे अपना मूसल अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था और लय में आ रहा था तनु देख रही थी वो मूसल लन्ड हर धक्के के साथ बबिता की गाँड़ में और गहरा उतरता जा रहा था ।
बबिता- आह आह आह ..साले.. बहुत दर्द हो रहा है, उफ़फ्फ़… जलन होने लगी है एयेए और मत डालना आह.. पहले इतने से ही कर।
वो समझ गया कि अभी भी बबिता की गांड बहुत टाइट है और कुछ डर की वजह से बबिता ने कर रखी है। वो अब आधे लंड को ही अन्दर-बाहर कर रहा था।
"साले चोद न भोसड़ा बना दे इसकी गाँड़ को ...उफ्फ क्या जानदार लन्ड है" तनु अपनी चूत को तेजी से रगड़ते हुए सोच रही थी वो इस समय तक पूरी गर्म हो चुकी थी उसे होश भी नहीं था कि वो बबिता के घर के बाहर है और सड़क से आते जाते लोग उसे देख सकते हैं वैसे रात के अंधेरे ने उसको अजनबी नज़रों से बचा रखा था ।
बबिता कराह रही थी मगर धीरे-2 दर्द कम हो रहा था। फिर वो बड़े आराम से लंड को हिला रहा था।
करीब 5 मिनट तक वो धीरे-धीरे गांड को चोदता रहा। अब बबिता का दर्द भी कम हो गया था तो उसने ने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी। अब हर धक्के के साथ वो लंड को थोड़ा आगे कर देता और इसी तरह 10 मिनट की चुदाई में पूरा लंड गांड में समा गया और बबिता को बस मामूली दर्द हुआ। बबिता को तो जब पता चला जब उसकी की गोटियाँ उसकी जाँघ से टकराईं कि काका ने पूरा लंड गांड में घुसा दिया।
बबिता- आह.. वाह.. पूरा चला गया आह.. पता भी नहीं चला आह.. आप बहुत अच्छे हो काका आह.. चोदो अब आह.. जोर से करो आह.. अब मज़ा आने लगा है।
"साली राँड़ कैसे मज़े से पूरा ले गयी" तनु अपने मोम्मों को दबाते हुए खुद से बोली। लेकिन उतेजना वश शायद उसकी आवाज कुछ ऊंची थी क्योंकि राहुल ने उसकी आवाज़ सुन ली थी।
राहुल पर अब जैसा दोहरा भार आ गया था एक तो वो अपने चरम पर पहुँच रहा था दूसरा वो तनु को हब्शी चुदाई दिखना चाहता था वो फुल जोश में आ गया ,अब उसने ने बबिता की कमर को कस कर पकड़ लिया और चुत में उंगली करते हुए उसकी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगा।
बबिता अब उत्तेजित हो गई थी, उसकी चुत भी गर्म हो गई थी। उसने राहुल से कहा- थोड़ी देर मेरी चुत में लंड डाल दो.. बड़ी आग लगी हुई है...जल रही है ।
राहुल फुल स्पीड से लंड को अन्दर-बाहर करने करने लगा। बबिता भी गांड हिला-हिला कर उसका साथ देने लगी।
वो कभी बबिता की चुत में लंड घुसेडता… कभी उसकी की गाँड़ में, इस तरह तनु को एक अलग ही सीन देखने को मिल रहा था और इस घमसान चुदाई का अंत अब करीब था।
बबिता- आह जोर करो… उफ़फ्फ़ आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई आह… आह फास्ट ऊउउ आआ ससस्स और तेज आह…
राहुल ने मोना को रेल बना दिया और वो झड़ गई। राहुल ने उसकि चूत से लंड निकालकर फिर गाँड़ में घुसा दिया…
बबिता- उननम उम्म्म आह सस्स आह… तू इंसान नहीं जानवर है ... आह मर गई आह… उईईइ उईईइ मत....कर...रुक जा ....धीरे से क्क्क…करो आह....
राहुल ने पूरी ताक़त लगा दी और कमर को तेज़ी से हिलाने लगा। उनके लंड से वीर्य की बौछार शुरू हो गई और बबिता की जलती गांड को काका के रस ने थोड़ा सुकून दे दिया।
इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
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