RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
राहुल को जब होश आया तो वो खुद को एक साफ और आलीशान कमरे में पाता है वो हैरान होकर बिस्तर से उठ जाता है "कँहा हूँ मैं....मैं यँहा कैसे आया "
लड़की की आवाज़(उसके पीछे से आती है)- तो जनाब सब भूल गए ? भई वाह पहले आत्महत्या की कोशिश करो और फिर सब भूल जाओ इससे बढ़िया क्या हो सकता है ।
राहुल को याद आता है उसका सनी के होटल जाना ...फिर कूदना...किसी लड़की का उसे बचाना । "पक्का कोई रेस्लर टाइप की लड़की होगी...तभी तो इतनी आसानी से उसने कार को उठा लिया था " वो सोचते हुए आवाज़ की दिशा में घूमता है पर किसी रेस्लर की जगह वो एक सुन्दर नाज़ुक सी लड़की को देखकर उसकी हैरानी और बढ़ जाती है । वो उसे एकटक देखता रह जाता है । उसकी हाइट 5.5 फुट होगी , अंडाकार गोरा चेहरा ,लम्बे घने बाल , 36-23-36 का जानलेवा फिगर "उफ्फ देखने में बिल्कुल निधि अग्रवाल जैसी है" । उसने सीवलेस काली ड्रेस पहन रखी थी जिस पर गुलाबी रंग के फूल बने हुए थे जो उसके घुटनों तक आ रही थी ,उसके ऊपर उसने एक नीली जीन्स की जैकेट पहनी हुई थी जिसके बटन खुले होने के कारण उसके सुडौल स्तंनो का उभार साफ नजर आ रहा था । राहुल उसे देखकर जैसे दिनभर की सारी थकान-गुस्सा-घटनाओं सब को भूल गया । वो ज़मीन पर खड़ी थी और उसकी एक टांग कुर्सी पर थी ।उसके घुटने पर चोट लगी हुई थी वो उसे कॉटन से साफ करते हुए कहती है "घूरते ही रहोगे या कुछ कहोगे भी" । राहुल उसके पास जाकर उसकी चोट को देखता है ,बेचारी का सारा घुटना छिल गया था ।
राहुल(उसके घुटने की चोट देखकर परेशान हो जाता है, उसे अपने बचपन की याद आती है ,जब मां उसकी चोट को चूम कर उसका दर्द ठीक कर देती थी ,वो उसका घुटना हल्के से चूम लेता)-कैसे लगी तुम्हें इतनी चोट ? । लड़की उस इस हरकत पर खिलखिला कर हँस पड़ती है ।
राहुल-तुम हँसी क्यों ?
लड़की-चोट को कोई चूमता है क्या ?
राहुल-बचपन में माँ चूमती थी ।
लड़की-तुम बहुत नादान हो ।
राहुल(उसके चेहरे की मासूमियत को निहारते हुए)- तुम्हें इतनी चोट लगी कैसे ,तुमने बताया नहीं ।
लड़की(राहुल की नाक खींचते हुए)-जनाब यह आपका ही काम है ।
राहुल-मेरा ? मैंने तो तुम्हें चोट नहीं पहुंचाई ,तुम इतनी ...। वो जानबूझकर बात अधूरी छोड़ देता है वो सोचता उस जैसे हरामी को ऐसी लडक़ी की तारीफ भी करने का हक नहीं है ।
लड़की-बुद्धु महाशय ,जब आप जान देने के लिए पहाड़ से कूद पड़े थे तो मुझे चलती कार से कूद कर आपकी जान बचानी पड़ी ,उसी समय लगी यह चोट ।
उफ्फ कितनी मासूस है वो टेबल पर पड़ी पट्टी उठा लेता और उसे ध्यान से लड़की के घुटने पर बाँध देता है ।वो सोच लेता है कि वो इस लड़की से दोबारा कभी नहीं मिलेगा... क्योंकि वो उसके लायक ही नहीं है...उस जैसे हैवान को ऐसी लड़की के साए के पास भी फटकना नहीं चाहिए.....जितना जल्दी हो सके वो इससे दूर चला जाएगा और फिर कभी उससे नहीं मिलेगा ।
लड़की-कँहा खो जाते हो तुम ? क्या नाम है तुम्हारा ?
राहुल-...र...राहुल। और तुम्हारा ?
लड़की- वैदेही , अच्छा नाम है ना ? अच्छा मिस्टर खामोश यह बताओ कि मैं ज्यादा सुंदर हूँ या मेरा नाम ।तुम तो बड़े अजीब हो इतनी सुन्दर-सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है और तुम हो कि बोलते ही नहीं .....क्या तुम्हें मैं सुंदर नहीं लगी ? । राहुल उसकी बक-2 सुनता जाता है वो नॉनस्टॉप बातें करती ही जा रही थी अगर रूम सर्विस वाला कॉफी न लेकर आया होता तो शायद वो कभी रुकती ही नहीं । वो पर्स से 500 रुपए निकालकर रूम सर्विस वाले को देती है ।
रूम सर्विस वाला-मैडम पेमेंट नीचे रिसेप्शन पर करनी है ।
वैदेही-मुझे पता है ,यह तो तुम्हारी टिप थी । पूरा दिन सबकी मदद करते हो....किसी के लिए खाना लाते हो किसी के लिए पानी....किसी को फलाना चाहिए और किसी को फलानी चीज़ और अब हमारे लिए कॉफी भी तो लेकर आए हो ।
राहुल सोचता है जितनी बड़बोली है उससे ज्यादा बेफकूफ टिप में 500 रुपए कौन देता है ।
वैदेही-तो राहुल तुम क्या करते हो ? मतलब काम धँधा ...पढ़ाई ...चोरी-चकारी । अचानक उसे लगता है कि कुछ गलत बोल दिया अपनी उंगली अपने दाँतो से काटते हुए वो कहती है ...हहहह... सिर्फ पढ़ाई तक काफी है ।
राहुल-पढ़ता हूँ ।
वैदेही-कॉलेज ? कौनसे कॉलेज ?क्या सब्जेक्ट हैं तुम्हारे ..
राहुल-(उसे बीच में ही रोकते हुए कहता है)-12th।
वैदेही-बॉडी बिल्डर्स जैसी बॉडी है मुझे लगा था कि कम से कम कॉलेज में तो होगे.... वैसे तो तुम मुझसे बड़े ही हो मैं 11th में हूँ । ...अब तुम सोचोगे मेरे पास ड्राइविंग लाइसेंस कैसे आया ...यही सोच रहे हो न ? ...पर डरो मत मैं बहुत अच्छी ड्राइवर हूँ ।
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