RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
सनी (अपने पति से)-जानी कुछ करो न प्लीज़ ,नहीं तो मर जाऊँगी मैं ।
जानी(सनी के चेहरे पर हाथ फेरते हुए उसे दिलासा देते हुए कहता)-सब ठीक हो जाएगा सनी ,सब ठीक हो जाएगा ।
जानी(राहुल से)-तरस खाओ हम पर ,भगवान के लिए छोड़ दो उसे ।
राहुल इसी समय अपने लन्ड को पीछे खींचकर एक इतने ज़ोर का धक्का मारता है कि जानी पीछे दीवार से टकराता है ।सनी इस बार बेहोश तो नहीं होती पर उसकी सारी शक्ति निकल जाती है ,उसकी जीभ बाहर निकल जाती है और और आँखे उलट जाती है ।
जानी(सनी को पानी पिलाते हुए)- सनी तुम ठीक तो हो ।
सनी-जानी मैं नहीं झेल पाऊँगी इसका लन्ड बहुत बड़ा है , प्लीज़ कुछ करो न ।
जानी-सॉरी सनी मैं कुछ नहीं कर सकता यह कोई मायावी भूत प्रेत है ।
राहुल सनी की कमर को पकड़ बेहरहमी से उसे चोदने लगता है वो न इस समय मज़ा ले रहा था न सनी की ही उसे कोई चिंता थी वो बस लगातार धक्के लगाए जा रहा था उसके अंदर का वहशी जानवर सिर्फ और सिर्फ बदला लेना चाहता था । सनी उसके 10-11 धक्के भी सह न पाई और उसका बदन काँपने लगा और एक दर्द मई आह के साथ वो झड़ गयी । जानी ने उसके पसीने से लथपथ चेहरे को तौलिए से साफ किया ।
जानी(हाथ जोड़ते हुए)- प्लीज़ अब छोड़ दो इसे ...देखो क्या हालत हो गयी है इसकी ....प्लीज़ रहम करो हम पर ।
सनी( सनी एक बार फिर कुछ होश में आई , अब उसकि नज़रों में डर बिल्कुल नहीं था बस नफरत थी और एक अजीब सा दृढ़ इच्छाशक्ति, वो अब इस दानव से रहम की भीख नहीं मांगना चाहती थी)-जानी इस दरिंदे से भीख मत मांगों ।
दरिंदा शब्द राहुल के कानों में किसी तीर की तरह लगा उसने एक बार फिर अपने दानवी धक्कों की रेल सी चला दी ...सनी कुछ देर के लिए बेहोश हो गयी पर फिर होश में आ गयी ....वो अजीब सी मुस्कुरा दी .....
सनी(पागलों सी हँसते हुए)--दरिंदे हो तुम दरिंदे , तुमने साबित कर दिया कि तुम एक रेपिस्ट से ज्यादा कुछ नहीं हो ।
राहुल को सनी की जगह तनु नज़र आने लग गयी ...जो नफरत भरे लहजे से कह रही थी "हाऊ रास्कल ....दरिंदा कहीं का"। ...दरिंदा....दरिंदा...दरिंदा ...रेपिस्ट...दरिंदा...रेपिस्ट ..दरिंदा ..यह शब्द राहुल के कानों में ढोल सा बजने लगा ...आखिर राहुल की शक्ति जवाब दे गई वो सनी के कमरे की खिड़की से बाहर कूद गया । और बिना सोचे समझे भागने लगा ...बिना रुके वो भागता जा रहा था ...शहर पीछे छूट गया ...पर वो भागता जा रहा था ...वो उस दुनिया से ही भाग जाना चाहता जँहा उसे कोई प्यार नहीं करता था....जिसने उसे प्यार की नज़रों में ही एक दरिंदा बना दिया था.....कई गाँव आए और पीछे छूट गए ...पर वो बस लगातार भाग रहा था ...शाम घिर आई थी ...पहाड़ आने शुरू हो गए थे पर वो भागता रहा ...वो थकावट से चूर था पर भागता जा रहा था ....उसकी साँसे इतनी फूलने लगी थीं कि वो साँस भी नहीं ले पा रहा था...एक ही पल में सारी दुनियां ...पहाड़...आसमान उसकी नज़र में घूम गए और वो बेहोश होकर गिर पड़ा ।
राहुल को होश आया तो किसी अनजानी ही जगह में था ....रात होने लगी थी ...और उसे ऊँचे ऊंचे पहाड़ों के इलावा कुछ नज़र नहीं आ रहा था ....वो सड़क के किनारे एक पत्थर पर बैठ गया ...उसके पीछे एक अंतहीन सी लगती खाई थी ....."इस वादी में मरना इस बोझ सी ज़िन्दगी से कहीं बेहतर है" यह विचार उसके मन में आया .....उसे एक कार का इंजिन चीखता हुआ सुनाई दिया ...."शायद कोई अमीरजादा अपनी अमीरी झाड़ रहा है" उसने सोचा और कूद गया ....
उसके कानों में कार के टायरों के घिसटने की तेज आवाज पड़ी उसने गिरते हुए पीछे कि तरफ देखा ...एक कार उसी पत्थर से टकराई जिस पर वो अभी एक सेकंड पहले बैठा हुआ था ...एक आकृति पलटती कार से ही कूद गई और इससे पहले वो कुछ समझ पाता किसी ने उसे थाम लिया था ।
"पागल हो गए हो क्या ..एक सेकंड लेट हो जाती तो?" एक लड़की की हांफती आवाज़ उसे सुनाई दी....अंधेरा इतना था कि वो लड़की की शक्ल पहचान नहीं पा रहा था ....पर उसे लगा जैसे उसने यह आवाज़ पहले भी कंही सुनी है । "छोड़ दो मुझे ...मैं मर जाना चाहता हूँ " राहुल ने अपना हाथ छुड़वाने कि कोशिश करते हुए कहा पर हाथों के मुलायम और नरम होने के बावजूद लड़की की पकड़ काफी मजबूत थी वो अपना हाथ नहीं छुड़ा सका ।
लड़की ने एक ज़ोर की हुंकार भरी और राहुल को ऊपर खींच लिया ....राहुल ऊपर सड़क पर गिर पड़ा और बेहोश होने से पहले उसने देखा कि लड़की ने अपनी उलटी हुई लग्ज़री कार को ऐसे सीधा कर दिया मानो वो असली नहीं खिलौने वाली कार हो । लड़की ने बेहोश पड़े राहुल को उठाकर कार में डाला और कार को पूरी रफ्तार से दौड़ा दिया ।
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