RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
रमा उसके लिंग पर अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी. रवि ने राम की बड़ी गुलाबी चूचियो को पकड़ कर दबाना शुरू किया. एक चूची के निपल को ज़ोर से खींचा तो उसमे से दूध की धार निकल कर रवि के चेहरे पर पड़ी. रवि ने मुँह खोल कर दूध की धार को अपने मुँह की ओर किया. एक हाथ से मेरे निपल की दिशा अपने मुँह की ओर सेट करके दूसरे हाथ से उसे मसल मसल कर दूहने लगा. रमा के मोटे सुडौल पर रुई से नरम स्तनो से दूध निकल कर पिचकारी की धार की तरह सीधा उसके मुँह मे गिर रहा था. रवि ने अपना मुँह पूरा खोल कर रमा के स्तनो से निकलने वाले सारे दूध को अपने मुँह मे समेट लिया.
रमा कामवेग में पगला सी गयी थी वो तेजी से रवि के के खम्बे जैसे लौड़े पर कूद-कूद कर उसे चोद रही थी ,रवि अपने चरम पर पहुँच गया था उसने रमा के स्तंनो को बेहद ज़ोर से अपने मुठ्ठी में भीच लिया उसका लन्ड रमा की चूत में रह रहकर झटके खा रहा था पर लन्ड को बांधने का उसका आइडिया काम कर गया न उसका माल निकला और न लन्ड ही शिथिल हुआ ,चरम अवस्था के गुज़र जाने के बाद रवि के मुख से एक लंबी आह निकली और वो निश्वास छोड़ते हुए बिस्तर पर पसर गया ।
उसका लन्ड अभी भी पूरी तरह सख्त था और रमा की टाइट और गहरी चूत के अन्दर था ।रमा इसी इसी पोज़ में नीचे झुक कर रवि के गालों,होंठो ,गले और छाती पर किस करने लग गयी ।
रवि(रमा की पीठ सहलाते हुए)-मज़ा आ गया मेरी जान क्या मस्त चुदाई करती हो तुम ।
रमा(रवि के होंठ चूमते हुए)-मैं तो आंनद और मज़े के आसमान में उड़ रही हूँ लग रहा जैसे सुहागरात हो मेरी । तुम हो मेरे पति रवि ।
रवि(उठ कर रमा को गोदी लेते हुए)-हम्म और तुम मेरी पत्नी । रवि ने रमा को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और अपने लिंग को उसकी योनि के अंतस्थल तक पहुँचाने की कोशिश में लग गया था
रमा जो कि रवि के हाथों में अब खिलोने जैसे लग रही थी उसे भी रवि की हरकतों का अंदाज़ा था पर वो कुछ नहीं कर सकती थी वो इतनी थक चुकी थी कि उसके हाथ पाँवो ने जबाब दे दिया था वो तो बस लटके हुए थे और किसी भी सहारे की तलाश में थे पर सहारा कहाँ वो तो अब रवि की गोद में थी और उसकी जाँघो के बीच में उसका, मोटा लिंग फिर से अपनी लड़ाई लड़ता हुआ दिख रहा था वो जानती थी कि अब उसकी फुद्दी को फाड़ने के लिए वो फिर से तैयार था और वो फिर से उस संघर्ष का हिस्सा है वो भी थोड़ा सा रवि के कंधों का सहारा लेके आगे की ओर हुई थी कि झट से रवि ने उसे नीचे से एक ध्क्का लगाया और उसका मूसल का लिंग उसे भेदता हुआ अंदर और बहुत अंदर तक पहुँच चुका था रवि बेड पर था और उसके पैर जमीन पर टिके हुए थे पर उसके धक्के इतने ताकतवर थे कि रमा हर बार किसी गेंद की भाँति ऊपर की ओर उछल पड़ती थी रवि रवि का लिंग अब पूरी तरह से अपना रास्ता खोजने में सफल हो गया था और उनके दोनों हाथ उसकी कमर के चारो ओर उसे जोर के जकड़े हुए था उस्का दाढ़ी वाला चेहरा उसके नरम और मुलायम कोमल सीने को छूता तो रमा के मुख से एक लंबी सी सिसकारी भी निकलती
रमा- ऊऊह्ह रवि प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज धीरीईईईईईईईई...फट गई मेरी ।
रवि- रुक जा रमा थोड़ा और बस ...बस मेरा शोना आह....रवि उसे दिलासा देते हुए अपने लन्ड को तेजी से उसकी योनि के अन्दर बाहर करता जा रहा था ।
रमा- मैं माअरर्र्ररर जाऊँगी और नहीं ....आह...आह....ओह... मां
पर रवि को कहाँ शांति थी वो तो एक हैवान बन चुका था उसके धक्के इतने जबरदस्त होते जा रहे थे कि हर धक्के में रमा उसके कंधों के ऊपर निकल जाती थी पर उसकी मजबूत पकड़ से आगे नहीं जा पाती थी लेकिन हर धक्कों के साथ वो फिर से गर्म होने लगी थी अब धीरे-धीरे उसकी पकड़ रवि के कंधों पर मजबूत होती जा रही थी और कस्ती जा रही थी
उसके शरीर में एक और बार उमंग की लहरे दौड़ चुकी थी वो फिर से अपने अंदर की उथल पुथल को संभालने की चेष्टा कर रही थी वो अब हर धक्के पर कसकर रवि को अपने शरीर के और पास लाने की कोशिश करती जा रही थी अब उसके पैरों में भी और हाथों में भी जोर आ गया था वो अब रवि रवि पर झुकी जा रही थी और हर धक्के को अपने अंदर तक महसूस कर रही थी
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