RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
समीर- ठीक है रक्षाबंधन ना मनाओ, लेकिन अब ये चुदाई-बंधन का क्या वचन देना है?
नेहा- ये हुआ ना सही सवाल!
सोनिया- सिंपल है यार, तुम कसम खाओगे कि जब भी मैं तुमको चोदने को कहूँगी तो तुम मुझे ज़रूर चोदोगे। बीवी बाद में बहन पहले। चुदाई का वचन, चुदाई-बंधन! समझे?
समीर- समझ गया, ठीक है फिर बाकी सब तो वही है ना? वचन तो पहले भी कौन सा बोल कर देते थे वो तो मन में ही हो जाता था।
नेहा- नहीं यार! अपन नए ज़माने के लोग हैं। जब राखी का मतलब बदल गया, तो तरीका भी तो बदलना जरूरी है ना? मैंने कहा ना, सेक्सी रीमिक्स है। अभी तुम बताओ पहले राखी कैसे मनाते थे?
समीर- देखो, सबसे पहले तो नहा-धो कर तैयार हो कर आमने-सामने बैठ जाते थे। फिर… दीदी मेरे हाथ में नारियल देती थी; फिर मुझे माथे पर तिलक लगाती थी; फिर मेरी आरती उतारती थी;
उसके बाद मुझे राखी बांधती थी; फिर वो मुझे मिठाई खिलाती थी और मैं उसे कोई गिफ्ट या पैसे देता था। बस…
नेहा- हाँ तो बस यही करना है लेकिन थोडा तरीका बदल गया है। एक काम करो पहले तुम ही आ जाओ मैं बताती जाऊँगी क्या करना है।
आसन तो थे नहीं, तो दो योगा मैट बिछा कर उन पर ही समीर सोनिया, दोनों आमने सामने बैठ गए और बीच में पूजा की थाली रख दी गई। नेहा किसी पंडित की तरह उनको निर्देश देने लगी।
नेहा- हम्म, तो अब नारियल की जगह बहन अपनी इज्ज़त भाई के हाथ में देगी…
सोनिया ने उठ का अपनी लाल थोंग बड़े ही मादक तरीके से कमर मटकाते हुए निकाली और वापस बैठ कर उसे समीर के हाथ में रख दिया।
समीर ने अपनी बहन की चिकनी चूत को देखते हुए उस थोंग को सूंघा और फिर गोद में रख लिया।
नेहा- अब बहन, भाई को तिलक लगाएगी। इसके लिए थाली में खाने में डालने वाला लाल रंग रखा है, उसे बहन अपने भागोष्ठों (चूत के होंठों) पर लगा कर फिर भाई के माथे पर लगाए। ये बहन की चूत की सील है जो सबको बताएगी कि ये लड़का भगिनीगामी (बहनचोद) है।
इस बात पर सब के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई। सोनिया ने खाने के रंग को अपनी चूत पर लगाया और खड़ी हो कर समीर के पास अपने दोनों पैर चौड़े करके खड़ी हुए और उसका सर अपने पैरों के बीच ठीक से सेट करके अपनी चूत से चिपका दिया। सोनिया ने ना जाने कितनी बार अपने पैरों के बीच राजन का सर दबाया था लेकिन हमेशा उसकी चूत राजन के मुह पर होती थी। ये माथे पर चूत लगाने का उसका पहले अनुभव था।
नेहा- अब आरती उतारने की जगह बहन अपने भाई का लंड खड़ा करेगी. अपनी श्रद्धानुसार चूस कर या हिला कर आप ये क्रिया संपन्न कर सकती है।
नेहा के बोलने के तरीके ने एक हँसी मजाक जैसा माहौल बना दिया था। लेकिन फिर भी उत्तेजना की कोई कमी नहीं थी, इसीलिए समीर का लंड सोनिया के हाथ लगाते ही खड़ा हो गया, और एक दो झटकों में एकदम कड़क भी हो गया।
नेहा- अब बहन अपने भाई के तने हुए लंड पर राखी बांधे।
राजन- राखी तुम हाथ पर ही बाँध देना। लंड के लिए मैंने बेशरम की वेबसाइट से ये कॉक-रिंग आर्डर कर दी थीं। लंड पर तुम इसे पहना दो।
राजन ने वो कॉक-रिंग सोनिया को देते हुए जब ऐसा कहा तो सब की नज़र उस कॉक-रिंग पर ही थी।
सोनिया उसे समीर के लंड पर पहनाने लगी।
नेहा- अब ये क्या बला है?
राजन- देखो जो लंड होता है वो खून के दबाव से खड़ा होता है। जैसे कार के टायर में हवा भर के कड़क करते हैं वैसे ही लंड में खून भरा होता है। धमनियां खून लाती हैं और शिराएँ उसे वापस ले जाती हैं लेकिन उत्तेजना के समय धड़कन बढ़ जाने से, धमनियां तो बहुत खून लाती हैं लेकिन शिराएं सिकुड़ का खून को वापस जाने से रोक देती हैं और इससे उसमे दबाव के साथ खून भर जाता है और लंड खड़ा हो जाता है।
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