RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तब अंकित बोला- मैं संध्या को चुदते हुए देख कर एक बार मुठ मार चुका हूं.. इसका चेहरे का एक्सप्रेशन बहुत गजब का है. मैंने आज तक कोई ऐसी ब्लू फिल्म में चुदाई नहीं देखी, जैसे यह संध्या चुदवाती है. मैं आ रहा हूं अंकल.राज अंकल बोले- हां आजा अंकित बेटा.. तू तो टेबलेट भी खाता है और लंड बड़ा करने की क्रीम भी लगाता है.. सुना है मैंने तेरा लंड बहुत मोटा और लम्बा है. जरा सोनू पर जोर आजमा, हम लोग भी देखें तेरे लौड़े में कितना दम है.
तभी अंकित ने अपने पूरे कपड़े मेरे सामने खोल दिए और नंगा हो गया. जैसे ही मैंने अंकित का लौड़ा देखा, मैं एकदम से चौंक गई. सच में बहुत ही बड़ा लंड था. वैसे तो मुझे पटा ही था कि अंकित का लंड बहुत बड़ा है. मुझे दो तीन महीने पहले एक बार लाल जी ने बताया था कि अंकित का लंड बहुत मोटा और बड़ा है. अंकित का लंड मेरे हाथ के बराबर मोटा और हाथ के बराबर ही लंबा था. और उस दिन बाथरूम में भी चूसा था. लेकिन खुल कर अभी देखा था.
पहले तो मैं एकदम से हिचक गई, पर मेरा बहुत मन कर रहा था तो मैंने अंकित को बोला- अंकित, तू बहुत मस्त है.. उस दिन तूने सुबह जो किया था, जो आग मेरे बदन में लगायी थी.. बस आज उसे बुझा दे, आज पूरी कर ले तू अपने मन की चाहत.. मेरा भी बहुत मन कर रहा है. अंकित आजा मेरे ऊपर.. मेरी बांहों में आके मेरे जिस्म में समा जा, ये जो अंकल लोग बोल रहे हैं कि अपनी बहन को चोद दे, लालजी मेरी सगी मौसी का बेटा है और तू उसके सगे बड़े पापा का बेटा है.. तो रियल भाई का ही रिश्ता हुआ.. आजा अंकित.. आज फाड़ दे अपनी बहन की चूत.. तू तो मेरा मस्त भाई है.
राज अंकल तभी मेरे ऊपर से उठ गए और अंकित को बोले कि अंकित आ सम्हाल अपनी बहन की चूत को.
अंकित मेरे पैरों तरफ से आया और सबसे पहले मेरे मेरे पैर के अंगूठे को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा और फिर उसने मेरी टांगों को चूमना शुरू किया. अंकित का ये एक अलग ही अंदाज निकला. वो ऊपर की ओर बढ़ा, तो मेरी जांघों को जीभ से चाटने सहलाने लगा.
मैं गुदगुदी के मारे तड़प उठी, फिर मेरी चूत को जैसे किस किया.. मेरे मुँह से निकल उठा- उहहह अंकित … बहुत मस्त है तू..
अंकित ने कहा- संध्या … मेरी बहना … मैं तेरी चूत की खुशबू से मस्त हो गया हूँ. इसकी महक बहुत ही मदहोश करने वाली है, मैं अब तक मैं ज्यादा तो नहीं, पर दस बारह लड़कियों को ही चोद चुका हूं. मैंने उन सबकी चूत चाटी थी. कुछ तो तेरे से भी छोटी उम्र की लड़की के संग भी मजा किया था.. पर ऐसी चूत की खुशबू और महक.. किसी की भी नहीं थी.
इतना कहते ही अंकित मेरी चूत को फैला कर ऐसे चाटने लगा कि मैं उत्तेजित हो कर उछल पड़ी. तभी समाली अंकल और तेजी से मेरी गांड में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगे.
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