RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तब मैं बोली- सच में अंकल क्या ऐसा हो सकता है? तब तो मेरे लिए बहुत अच्छा हो जाएगा, आपका यह एहसान मैं कभी भी नहीं भूलूंगी.. क्योंकि इससे मेरी आगे की लाइफ में थोड़ा क्या.. मुझे पूरी आजादी मिल जाएगी.तब राज अंकल बोले- चल तेरे लिए यह मैं करवा दूंगा और तुझे कभी भी अगर कुछ दिक्कत आई या तेरी मम्मी जान भी गई तो कुछ नहीं बोल पाएगी.
अब मैं बिल्कुल राज अंकल से लिपट गई- तू बहुत मस्त है राज.. तेरा कोई जवाब नहीं.. तू मेरी चूत को आज फाड़ दे! और हाँ, यह मम्मी वाला जो आइडिया दिया है, इस काम को जरूर करवा देना. मेरी मम्मी को एक बार मैं भी सामने से चुदते हुए देख लूं.. उनके बारे में सुनी तो बहुत है.. एक बार देखना भी चाहती हूं.राज अंकल बोले- आह.. सोनू लगता है अब मेरा काम तमाम होने वाला है. मैं झड़ने वाला हूं.. तेरे को बहुत चोदने का मन है.. तेरी चूत बहुत टाइट है. मैंने तेरी गांड को भी बहुत चोदा और अब लगता है कि तेरी चूत की रगड़ और गर्मी मेरा लौड़ा बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. अब मेरा रस निकलने वाला है, सोनू तू यह बता कि मेरा लंड रस चूत में लेगी या अपने मुँह में लेगी.. तू जैसा बोल?
मैं बोली- राज मैं बहुत प्यासी हूं.. तुझे जहाँ मन पड़े, वहीं बौछार कर दे.. आह.. राज बहुत मस्त चोदता है.. मैं आज तेरे लौड़े की दीवानी हो गई हूं. तू ऐसा कर कि मेरी चूत में ही रस भर दे. मेरी चूत में पूरा जड़ तक लंड घुसा दे. अब मुझे भी बहुत कुछ अन्दर होने लगा है.
इतने में मेरे दोनों दूध जम के पकड़ कर राज अंकल जोर जोर से मेरी चूत में अपने लंड के धक्का मारने लगे और फिर देखते ही देखते दो मिनट के अन्दर राज के लंड से बहुत ज्यादा गर्म गर्म लावा मेरी चूत में भरने लगा. उधर मुन्ना अंकल भी मेरे मुँह में अपना लंड डाल कर पूरा अन्दर बाहर जोर से डालने लगे और करीब दस मिनट तक मेरे मुँह में मेरे अन्दर बाहर लंड करके मेरे मुँह को फ्रेंच स्टाइल में चोदता रहे.
मुन्ना अंकल बोले- संध्या, मैं भी अब झड़ने वाला हूं.. मेरे लंड का रस निकलने वाला है.फिर मेरे बाल पकड़ कर मुन्ना अंकल बोले- अरे साली कुतिया रंडी.. तू मुँह में क्या मस्त चुसाई करती है.. गजब लंड चूसती है, आह.. ले संध्या और ले.बस मेरे मुँह से फच फच की आवाज निकल रही थी. तभी मुँह में उनका भी गर्म गर्म लावा की तरह लंड रस आ गया.
मुझसे मुन्ना अंकल बोले- संध्या तू पूरा इसे पी जा.. आह.. लंड का माल बहुत टेस्टी और पौष्टिक होता है.. आह.. भैन की लौड़ी.. लंड जोर से चूस ले साली.. बहुत मजा आएगा.. और ले और चूस संध्या..
मुन्ना अंकल ने पूरा लंड रस गर्म गर्म मेरे मुँह में छोड़ दिया, सच में मेरा बहुत मन कर रहा था और यह आज पहली बार लंड का रस मुँह में निकला था जिसे मैं चाटने लगी, लंड चूसने लगी और पूरा माल पी गयी.मेरे मुँह में मुन्ना अंकल ने अपना लंड का रस छोड़ दिया था इसलिए वे ढीले पड़ गए. जब उनका लंड बिल्कुल छोटा हो गया तो मेरे मुँह से निकाल कर बाहर कर लिया और उठ कर अलग खड़े हो गए.
इधर राज अंकल मेरे ऊपर बिल्कुल मस्त होकर थक कर मेरे ऊपर लेटे पड़े हुए थे. उनका लंड अभी भी मेरी चूत में घुसा हुआ था. मैं कस के उनको पकड़े हुए उनके होंठों को चूसने लगी, चाटने लगी. मैं बोली- राज चोद साले.. और चोद.. क्या हुआ तुझे राज.. अभी मेरा मन बहुत कर रहा है.
तभी मुन्ना अंकल उधर पीछे दरवाजे के पास चौकीदार की तरह खड़े अंकित को बोले- अबे साले अंकित, उधर क्या ताक झांक कर रहा है.. कोई नहीं आएगा बेफ्रिक रह.. दो बजे रात को कौन आएगा बे, चल अब इधर आजा हम चार-पांच लोग भी इस चुदासी सेक्सी तेरी रिश्ते में बहन संध्या की प्यास नहीं बुझा पाए, तू जवान लड़का है.. उसको चोद ले जमके.. नहीं हम क्या मुँह दिखाएंगे कि तेरे सहित 6 मर्द तेरी बहन को संतुष्ट नहीं कर पाए. चल जल्दी से संध्या की चूत के मैदान में आजा.. और इसे चोद कर तू बहनचोद बन जा.
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