RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं बोली- पन्द्रह दिन की तो तेरी बीवी बन ही चुकी हूं.. बोल तो दिया है अब आगे के लिए मम्मी से बात कर लेना.जगत अंकल बोले- पर तेरी मम्मी कैसे मानेगी.. मैं पैंसठ साल का हूं और तू ज्यादा से ज्यादा होगी तो 18 साल की. तेरे मेरे बीच में पैंतालीस पचास साल का अंतर है.. पर मैं तुझे और तेरी मम्मी के नाम पूरी अपनी जायदाद लिखा दूंगा. करोड़ों का तो मेरा घर है और जमीन कार सब अलग सब दे दूंगा और तुझे फुल आजादी.. चाहे जहाँ जा चाहे, जिससे चुदवा. संध्या.. कुछ बात जमा, मैं तो तुझे देख कर और चोदकर तेरा दीवाना हो गया हूं, तेरे बिना रह पाना अब मुश्किल है.
मैं बोली- अंकल, तेरी उम्र से मुझे कोई दिक्कत नहीं है और किसी लड़की को उम्र से कोई प्राब्लम नहीं होती. बस लड़की को अगर कुछ चाहिए, तो वह है संतुष्टि.. अभी भी तेरे लंड में बहुत दम है.. तू बहुत मस्त चोदता है. मैं बिल्कुल पागल हो गई और तूने अंकल मुझे बहुत दर्द भी दिया, बहुत रुलाया तेरा लौड़ा बहुत कड़क है. मुझे आज तक ऐसा दर्द नहीं हुआ. मैं तेरे साथ रहने को तैयार हूं.
मुझे खुद पता नहीं था कि मैं क्या बोल रही हूं.
तभी जगत अंकल बोले- ओ मेरी जान संध्या, अब मुझे अंकल कहना छोड़ दे तू.. मुझे डार्लिंग जान या पति बोल. एक बार अपने मुँह से मुझे पति बोल.मैं फुल जोश में थी तो बोली- हाँ मेरे राजा.. मेरे पति तू बहुत मस्त है और जोर से घुसा.. फाड़ दे अपनी बीवी संध्या की चूत..
जगत अंकल फुल जोश में आकर बहुत अपनी कमर उठा उठा कर जोर जोर से चोदने लगे. अब मेरी चूत और गांड दोनों जगह से फच फच की आवाज आने लगी.
इतने में जगत अंकल बोले- संध्या अब मेरा लौड़ा तेरी चूत फाड़ने वाला है.. तू कुतिया मादरचोदी.. तेरी मां चोदूं साली रंडी ओहहहह.. तू जन्नत का मज़ा देती है.. उंहहह ऊंहहह..
इस तरह की आवाज जगत अंकल जोर जोर से निकालने लगे और फिर मुझे कस के पकड़ कर बोले- संध्या मेरी बीवी.. आह.. मैं झड़ने वाला हूं.. मेरा काम तमाम हो रहा है..
वे मेरे कंधे को जोर से पकड़ कर मुझसे लिपट गए और बेहद गर्म गर्म वीर्य अंकल का मेरी चूत में भर गया.
मुझे बहुत अजीब गुदगुदी सी लगी. जैसे ही जगत अंकल ने मेरी चूत में पूरा लंड रस डाल दिया, मैं भी जोश में आकर आएं बाएँ बकने लगी.
‘आहह वोहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊंहहह मेरे राजा बहुत मस्त है तू.. आह.. मेरे कमीने पति मादरचोद.. मार दिया साले..’ मैं भी जगत अंकल से लिपट गई. करीब दो मिनट वे मुझसे लिपटे रहे. फिर उनका लंड चूत में ही सिकुड़ गया और बहुत छोटा हो गया, तब जगत अंकल ने मुझे छोड़ा और उठ गए.
राज अंकल बोले- समाली… जगत जी का तो काम तमाम हो गया है. अब आप आ जाओ.. और सम्हालो सोनू की चूत को.. लंड पेल कर फुल मजा लो और आप भी सोनू को भी सेटिस्फाई करो.ये कहते हुए राज अंकल तेजी से मेरी गांड को चोद रहे थे.
समाली अंकल बोले- यार राज तू एक काम कर.. तू इसके आगे आजा और संध्या की चूत में अपना लंड डाल ले.. मुझे सिर्फ इसकी गांड मारनी है. मुझे संध्या की गांड बहुत ज्यादा पसंद है. वैसे तू मुझे गलत मत समझना, मैं सच बोलूं तो मुझे भी गांड मारना ही पसंद है यहाँ तक की मैं लड़कों की गांड भी पैसे देकर मारता हूं. सच कहूं तो गांडू ही हूं. यह मेरी आदत बन चुकी है और संध्या की गांड भी तो लाजवाब है. मैंने आज तक ऐसी गांड नहीं देखी, जो इतना उठान लिए हुए हो.राज अंकल बोले- ठीक है अंकल आ जाओ.. मैं तो इस मस्त सोनू की गांड काफी देर से चोद रहा हूं. अब इसकी चूत का भी मजा ले लेता हूं. पर सच तो ये है कि मेरा सोनू की गांड छोड़ने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा.. उंहहह अंकल बहुत गजब की गांड है.. सच में आ जाओ आप.
फिर राज अंकल ने अपना लंड मेरी गांड में से निकाल लिया और उठकर मेरे आगे तरफ आकर मेरी दोनों टांगों को चौड़ा किया और मेरी नाभि को चाटने चूसने लगे. मुझे फिर से बहुत गुदगुदी होने लगी. फिर वे अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगे, मेरी चूत बहुत चिपचिपा रही थी. जगत अंकल के लंड रस अभी अभी मेरे चूत में छोड़ा था इसलिए एकदम मलाई से भरी हुई चूत थी.
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