RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अभी तक की इस मस्त चुदाई स्टोरी में आपने जाना था कि जगत देव अंकल के मोटे लंड ने मेरी चूत से खून निकाल दिया था और इस बात को राज अंकल ने सबसे कहा कि मेरी चूत की सील जगतदेव अंकल ने ही तोड़ी है. मैं बस उनकी बात को सुन कर दर्द से बिलबिलाए जा रही थी.अब आगे..
अब जगत देव अंकल मुझे गाली बकने लगे.. बोले- साली संध्या छिनाल तू रंडी की लड़की है.. सबको पता है तेरी मम्मी के बारे में.. जिस मम्मी को तू चिल्ला रही है, वो तेरी मम्मी इतनी बड़ी लालची है कि अपनी जवानी में यहीं हमारे गांव में दो सौ पांच सौ रुपए के लिए किसी से भी चुदवा चुकी है. कई किस्से हैं तेरी मम्मी के.. साली सब से चुदवाती रही है. जिनने चोदा है.. तेरी मम्मी को मिलवा दूंगा उनसे.. तुझे सब बता देंगे.
यह बोलते हुए जगत अंकल जोर जोर से चूत में धक्का देने लगे. उनकी उम्र 65 वर्ष की थी, पर लग रहा था जैसे अभी जवान लौंडे हैं.
अभी जगत अंकल बहुत जोर से चोदने लगे थे. मेरी चूत में दर्द कम हो नहीं रहा है तो मैं समाली अंकल से लिपट गई और जोर से चिल्लाने लगी- बचा लो मुझे मार डालेंगे मेरी चूत में दर्द है, अंकल बहुत दर्द हो रहा है.. उई मम्मी कोई तो बचा लो.
मैं जितना रो रही थी, दर्द के मारे जितना ज्यादा चिल्ला रही थी, जगत अंकल और उतनी ताकत से जोर जोर से चोदने में लग गए थे.
तभी राज अंकल मेरा एक हाथ पकड़ कर अपना लंड पकड़ा दिया और मुन्ना अंकल मेरी छाती पर चढ़ गए. उन्होंने मेरे दोनों मम्मों को दबाकर दोनों बूब्स के बीच में अपना लंड फंसा दिया.
वे मम्मों के बीच में लंड रगड़ने लगे और बोले- साली कुतिया रंडी संध्या.. तू गजब सेक्सी माल है. क्या तो तेरी मस्त सेक्सी नाक है.. तेरे होंठ भी गजब के हैं मस्त बूब्स हैं संध्या.. तू एक नंबर की छिनाल दिखती है, सबसे गांड मरवाती है, साली सिर्फ हमें ही मना करती है.
अब तक सभी अंकल लोग फुल जोश में आ चुके थे. सभी जो मन में आ रहा था, वही बोले जा रहे थे. सभी अंकल मेरे बारे में बहुत गन्दा गन्दा बोले जा रहे थे. बहुत गन्दी गन्दी गालियां मुझे बकने लगे थे.
ऐसे में जगत अंकल ने फिर से पूरा लंड निकालकर इस बार इतनी जोर से ताकत लगाकर मेरी चूत में लंड का धक्का लगाया, इतना दर्द हुआ और लगा कि मैं अब नहीं बचूंगी.
मैं और तेजी से रोने लगी, चिल्लाने लगी- बचाओ मुझे बचाओ यह कमीने मार डालेंगे.तभी राज अंकल बोले- अब तो शांत हो जा संध्या.. बहुत हो गया. चुप हो जा नहीं तो आज तेरी अच्छे से बजा ही देंगे.
मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था. तभी मुन्ना अंकल मेरे दूध दबा के बोले- तू साली रंडी कहीं की.. इतनी मस्त माल है मादरचोद.. फिर भी चिल्ला रही है.. रो रही है.
मुन्ना अंकल मेरे दूध पूरी ताकत से दबाने लगे और फिर दोनों दूधों को पकड़कर बीच में लंड डाल कर दूधों को चोदने लगे.
पर कुछ भी करने से मेरा दर्द कम नहीं हो रहा था. समाली अंकल मेरे होंठों को कस के चूसने लगे.
तभी राज अंकल पीछे आए, उन्होंने राजीव अंकल, जो पीछे से मेरी गांड में लौड़ा डाले मुझे चोद रहे थे, उनसे बोले- तुम्हारा हो गया हो राजीव भाई तो मुझे संध्या की गांड चोदने दो.. तुम बहुत देर से चोद रहे हो… अब तो तुम्हारा हो ही गया होगा.. अब हट जाओ राजीव भाई, मैं इस छिनाल को देखता हूं. अब दर्द ही दे दूं इस साली रंडी संध्या को.राजीव अंकल बोले- बस दो चार मिनट रुक जाओ राज भाई.. मेरा काम तमाम होने वाला ही है.राज अंकल बोले- ठीक है जमके चोदो इसकी गांड.. जब हो जाये मुझे बताना. मुझे संध्या की चूत से मस्त इसकी गांड लगती है.
अब राजीव अंकल पूरी ताकत से जोर जोर से मेरी गांड में अपना लंड पूरा डाल कर जमकर चोदने लगे और मुझे बहुत गालियां देने लगे.राजीव अंकल बोले- रंडी साली संध्या क्या मस्त गांड है तेरी.. तू गजब चुदवाती है.
‘वोहहह अहह ऊंहहह..’ की आवाज उनके मुँह से निकलने लगी. राजीव अंकल मेरी कमर उठाकर उठाकर बहुत जोर जोर से मेरी गांड को चोदने लगे.
मेरी चूत में जगत अंकल धक्का देने में लगे थे. मैं दर्द के मारे कराह रही थी. वे सब के सब इतने निर्दयी थे, किसी को दया नहीं आ रही थी. मैं जितना चिल्लाती, उन लोगों को उतना मजा आ रहा था.वे बोल रहे थे- एक नंबर की अनटच माल है यार.
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