RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मुझसे बोले राज अंकल- तू बता सोनू, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं? बस थोड़ी देर की बात होगी, अपन बीस पच्चीस मिनट में वापस आ जाएंगे.मैं उस समय किसी हालत में बस चुदवाना चाहती थी, मुझे दिमाग में कुछ नहीं सूझा, मैंने हाँ में सिर हिला दिया.
फिर राज अंकल बोले- बता सोनू? बोल तू?उस समय मुझसे दो दो मर्द नंगे लिपटे हुए थे, मैं अपने होशोहवास में नहीं थी, मैं बिना सोचे समझे बोली- जैसा आपको ठीक लगे अंकल … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं!इतना सुनते ही राज अंकल अंकित से बोले- यार तेरा घर है, तू यहीं का है, बता, यहाँ पर तो कोई रूम खाली नहीं तो अगल बगल घर कहीं कोई खाली जगह है क्या? कोई इंतजाम करा!
तब अंकित बोला- बहुत रात हो गई है. बगल वाले घर में एक अंकल हैं उनका घर ऊपर खाली रहता है, नीचे परिवार रहता है. अगर उनका फोन उठ गया तो हो जाएगी व्यवस्था, वैसे भले ही वे बुजुर्ग हैं, बुड्ढे हैं लगभग 65 साल के होंगें, पर वह बहुत रसिया हैं, कई बार वो अंकल नई लड़कियों की मांग करते रहते हैं, मुझसे खुले हुए हैं.
तब राज अंकल बोले- फोन लगा शायद बात बन जाए, उनको भी क्या है, जब 65 साल के हैं.. तो थोड़ा वह भी आ जाएंगे तो कोई बात नहीं!
अंकित ने तुरंत फोन लगाना शुरू कर दिया. उसने दो-तीन बार फोन मिलाया, तब जाकर उनका फोन उठा.
अंकित इधर से बोला- अंकल, अभी एक बहुत मस्त नई लड़की पटी है, अगर कहो तो ले आऊं?
ये सुन कर वह कुछ उधर से कुछ बोले.
तब अंकित ने बोला- अंकल, उसे देख लोगे तो पागल हो जाओगे तुम, बहुत दिनों से बोल रहे थे.. आज अभी हो पाया इसलिए मैंने फोन किया. रहने दो अगर तुम्हें डर लगता है! अरे अंकल तुम बस चुपचाप गेट खोल देना, हम लोग ऊपर चले जाएंगे.तब वो अंकल जो भी बोले हों, अंकित बोला- तुम्हें बता ही देता हूं कि मेरी चाची की सगी बहन की बेटी है, एकदम गजब माल है. तुम देख चुके हो अंकल, लालजी की सगी मौसी की बेटी सोनू घर में नाम है, वैसे संध्या नाम है. मैंने तुम्हें फोटो दिखाई थी, लालजी ने भी तुम्हें कुछ कुछ सोनू के बारे में बताया था. लालजी ने फोटो दिखाई थी और तुमने बोला था कि यार इसकी एक बार दिला दो जो बोलोगे कर दूंगा, मैं उसी की बात कर रहा हूं!जैसे उसने मेरा नाम बताया, उन अंकल ने शायद तुरंत हाँ कर दी और वे उससे कुछ बोले भी.तो अंकित इधर से बोला- ठीक है, चलेगा.. देख लेंगे.
इसके बाद अंकित ने राज अंकल के और मुन्ना अंकल के कान में कुछ धीरे से बोला. जो कुछ बोला वो मुझे सुनाई नहीं दिया.
तब राज अंकल बोले- अरे यार चलते हैं, वहाँ जो भी होगा देख लेंगे. यह संध्या मैनेज कर लेगी, वहीं डिसाइड करेंगे.राज अंकल और मुन्ना अंकल बोले- फाइनली अपन चलते हैं, जल्दी चलकर जल्दी आ जायेंगे.
मुझे मुन्ना अंकल ने मेरी स्कर्ट और टॉप उठा कर दी और बोले- संध्या ऐसे ही जल्दी से पहन लो.
मैंने जल्दी स्कर्ट टॉप पहने और दोनों अंकल ने भी अपने कपड़े पहने, राज अंकल तुरंत मेरा हाथ पकड़े और बोले- चुपचाप चले चलो सोनू जल्दी करो.
मैं बोली- अंकल कुछ गड़बड़ तो नहीं होगा? मुझे डर लग रहा है.. किसी को पता चल गया तो मैं मर जाऊंगी, मैं कहीं भी मुँह दिखाने लायक नहीं बचूंगी. प्लीज अंकल, कुछ गड़बड़ ना हो? आज रहने दीजिए.तब राज अंकल मेरी कमर में हाथ डाल कर बोले- चल सोनू, मेरे ऊपर भरोसा रख.. कुछ नहीं होगा बिल्कुल मेरी गारंटी है.ऐसा बोला तो मुझे कुछ भरोसा हुआ, मैं बोली- ठीक है अंकल, मैं आपके भरोसे चल रही हूं.
और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा, वे भी मेरा हाथ पकड़ कर यहाँ से चल दिए.
मौसी के घर के बगल वाला ही घर था, अंकित आगे था. दरवाजा खुला हुआ मिला और सब लोग धीरे से ऊपर सीढ़ियों में चढ़ने लगे. ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर गए, अंकित ने एक दरवाजा खोला, जैसे ही अन्दर गई, देखा वहाँ दो तखत बिछे हुए थे. चूंकि गांव का ही घर था इसलिए उतना डेकोरेशन नहीं था पर हॉल बड़ा था, एक तखत में बिस्तर लगा था, एक खाली था लेकिन उस पर भी गद्दा मुड़ा हुआ रखा था, उसको अंकित ने बिछा दिया.
राज अंकल मुझे बैठने को बोले. वहां दो ट्यूबलाइट लगी थीं, दोनों को जला दिया तो रोशनी बहुत हो गई.
तभी एक अंकल वहां आए, उनकी उम्र करीब 70 साल की रही होगी, अंकित ने उनके पैर छुए, राज अंकल ने भी पैर छुए.
उन अंकल ने मुझे देखा और बोले- मेरे समधी साहब आ रहे हैं, जरा नीचे हैं.मैं सोचने लगी कि अरे इनके अलावा और भी है कोई क्या?
तभी मैंने देखा दो अंकल और लगभग 65 साल के आसपास आए. राज ने तीनों अंकल के पैर छुए और अंकित ने भी!
जिनका घर था, उनके पास अंकित गया और बोला- अंकल जी, अब दरवाजा बंद कर दीजिए, कोई दिक्कत तो नहीं है?
वे अंकल बोले- बिल्कुल कोई दिक्कत नहीं, मेरी बीवी और बेटी बहुत अन्दर सो रही हैं.. मैं बाहर से उनके कमरे का दरवाजा बंद कर आया हूं, बिल्कुल खुलकर आराम से करो, जो मन पड़े! कोई दिक्कत नहीं होगी
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