RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं बोली- मुझे बाहर जाने दो, तुम्हीं कर लो पहले! गेट खोलो!और मैं गेट खोलने को बढ़ी तो अंकित ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला- मरवायेगी क्या? बाहर दो तीन लोग खड़े हैं लाइन में और आवाज भी जोर से मत कर! वरना लोग तो यही सोचेंगे कि तू मुझसे बाथरूम में चुदवा रही थी, कुछ अभी करवायी भी नहीं और सूखा इल्ज़ाम लगवा देगी.
अंकित का इतना कहना हुआ कि किसी ने बाहर से दरवाजा खटखटाया और बोला- कौन है जरा जल्दी करो?अंदर से अंकित ने बोला- मैं अंकित हूं! अभी अभी अंदर आया हूं मुझे समय लगता है, या तो इंतजार करिए नहीं तो डब्बा लेकर मैदान चले जाओ!इतना कहकर अंकित धीमे से बोला- मेरे पीछे ही एक दो लोग आ रहे थे. अगर बाहर गयी तो आज तू खुद भी फंसेगी और मुझे भी फंसायेगी. इसलिए तू मेरी बात मान और कुछ करके ही बदनाम होते हैं.
बहुत ही जोर से सू-सू लगी थी मुझे और बहुत तेजी से प्रेशर बना था. मुझे अंकित बोला- शरमा मत, तू अपना काम कर ले, मैं पीछे घूम जाता हूं.मुझे शर्म आ रही थी तो अंकित बोला- मजबूरी में सब करना पड़ता है, ये एक ऐसी चीज है कि संध्या इसे तुम रोक नहीं सकती.सच बोला ये बात अंकित ने!
और वहीं टायलेट में वो पीछे घूम गया, मैंने हिम्मत की और तब तक अपना लोवर नीचे खिसका कर उतार दी. अब पैंटी बस बची थी उसे भी खिसका कर नीचे घुटनों तक कर दी, अंकित एकदम मेरी तरफ घूमा, मुझे उसी हालत में देखा और बिल्कुल पकड़ के लिपट गया मुझसे और बोला- बहुत मस्त हो संध्या!मैंने जोर से उसे एक थप्पड़ मार दिया, थप्पड़ पड़ते ही वह वहीं टॉयलेट में में पूरी ताकत से मुझसे लिपट गया और मेरे होठों को चूम लिया, फिर मेरी तरफ घूम गया और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया.
मैं पता नहीं क्यों … पर चिल्लाई नहीं, ना आवाज की.उसका फायदा वह उठाने लगा और सीधे मेरी चूत में अपना हाथ रख कर मेरी चूत में अपनी उंगली जल्दी-जल्दी डालने लगा, निकालने लगा और ऐसे जकड़ लिया था कि मैं कुछ कर नहीं सकती थी, और जोर दो-तीन मिनट ऐसे रगड़ा मेरी चूत को कि जो मुझे गुस्सा आ रहा था जिसके कारण मैंने उसके कंधे पर अपने दांतों से काट भी दी थी, वह गुस्सा अब मेरा न जाने कहां गायब होने लगा, मुझे इस खेल में मजा सा आने लगा.
इतने में फिर से किसी ने दरवाजा खटखटाया तो अंकित अंदर से बोला- मैं लेट्रिन कर रहा हूं 15 मिनट बाद आना!मैं बिल्कुल डर गई कि अब क्या होगा? अंदर हम दोनों को कोई देख लेगा तो मैं तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचूंगी.मैं बिल्कुल घबराकर चुप हो गई.
तभी बाहर से आवाज आई, वो भी किसी पुरुष की- जल्दी फ्री हो जाओ, मुझे भी जोर से लगी है!इतने में अंकित धीरे से मुझसे बोला- अब अगर तुमने कोई हरकत की तो मैं सबको बोल दूंगा कि तुमने मुझे यहां बुलाया है और मेरा तुम्हारा पहले से ही सब होता है.
मैं कुछ नहीं बोली और एकदम शांत हो गई जिससे अंकित मेरी पैंटी को नीचे खिसका कर सीधे मेरे पैर से उतारने लगा मैं उसे मना करने लगी पर नहीं माना और पैंटी उतार करके वहीं रख दी. अब मेरी टांग खोल कर मुझे बोला- झुक जाओ!मैं नहीं झुकी तो पकड़ के झुका दिया और सीधे मेरी दोनों टांगों के बीच बैठकर मेरी चूत को चाटने लगा और जोर से जीभ चलाने लगा.
इतने में अब मुझे कुछ कुछ होने लगा.तभी वह बोला- अब शोर नहीं मचाना संध्या, तुम क्या मस्त माल हो! जब से आई हो, मेरे ही नहीं यहां सभी मर्दों के होश उड़े हुए हैं, तुम तो मुझसे छोटी हो पर मुझसे बहुत बड़ी लगने लगी हो, यह जादू तभी होता है लड़कियों में जब वो जमकर चुदाई करवाती हैं. कितनी भी छोटी उम्र की लड़की हो, उसकी शादी कर दो, फिर देखो वह पांच छः महीने में पूरी औरत बन जाती है. सिर्फ इस कारण कि वो हर दिन में हर रात में दो तीन राउंड चुदाई करवाती है. वैसे ही संध्या तुम भी इतनी उम्र में बिल्कुल मस्त माल बन गई हो, हर औरत तेरे सामने फेल है. सच बता कितने लोगों से अब तक में चुदवा चुकी हो? कितने लन्ड ले चुकी हो संध्या? बताओ संध्या?
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