RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
लालजी मेरे होंठ चूमते हुए रजाई में पकड़ कर मुझे लिटाने लगा. जैसे ही मैं सीधी लेटी तो पीयूष बोला- अब सुन संध्या.. हम तीनों बहुत गंदी गालियां और गंदी बातें करेंगे.. इसी में बहुत मजा आता है. जैसे स्टोरी में या फिल्म में होता है.मैंने भी कहानी में माँ भैन की गालियां देते हुए चुदाई की स्टोरी को पढ़ा था. मैंने हां में सिर हिलाया और बोली- मुझे भी ऐसा ही मन करता है.
लालजी और पीयूष दोनों मेरे साथ बिस्तर में लेट गए. मुझे बीच में लिटा दिया और दोनों अगल-बगल लेट गए. अब मेरे बदन पर सिर्फ ब्लाउज था और मैं पूरी नंगी थी. मेरे सामने तरफ पीयूष बैठ गया और पीछे लाल जी दोनों मेरे बदन से चिपक गए. दोनों के लंड मेरी जांघों में चुभने लगे.
तभी पीयूष बोला- मामा, आज यह हम दोनों की बीवी है. ऐसा संध्या ने खुद बोला हुआ है.तब मैं बोली- हां, दो की नहीं तीन की बीवी हूं.. तुम्हारे आने वाले दोस्त की भी हूँ, पर अभी तुम दोनों की हूं.तो लालजी बोला- संध्या तू अभी बीवी नहीं, तू अभी हमारी रंडी है.. बीवी जब शादी का खेल खेलेंगे तब बनेगी कुतिया.
मुझे यह बात जाने क्यों अच्छी लगी पीयूष भी बोला कि संध्या यह बहुत मस्त माल है साली.. अभी इसे हम रंडी बनाकर चोदेंगे.मैं लाल जी को बोली- लाल जी तुम बहुत मस्त मर्द हो!और पीयूष को कहा- एक बार अपने दोस्त को और जल्दी से फोन लगा दे भोसड़ी के.
पीयूष ने फोन उठाया और अपने दोस्त को लगाया. वह बोला- बस रास्ते में हूं 10 से 15 मिनट में पहुंच जाऊंगा.लालजी बोला- जब तक उसे टाइम लगेगा आने में.. अपन एक राउंड चुदाई का कर देंगे.
बस उन दोनों एक साथ मुझे चूमना शुरू कर दिया. लालजी मेरे पीछे तरफ आके मेरे पैर की एड़ी से मुझे चूमने लगा और चाटने लगा. पीयूष मेरे माथे से शुरू हो गया. पहले मेरे माथे को फिर मेरी आंखों को फिर मेरे नाक को चूमने लगा.
पीयूष बोला- संध्या, तेरी नाक बहुत सेक्सी है.. इतनी सेक्सी नाक और अच्छी बनावट की मैंने किसी हीरोइन की भी आज तक नहीं देखी.. लगता है संध्या तेरे नाक में लंड डाल दूं.
वो नाक चूसता रहा, चूमता रहा. ये बात हर कोई कहता है कि मेरी नाक बहुत खूबसूरत और बहुत ज्यादा सेक्सी लगती है. फिर उसने मेरे होंठों को चूमा और चूसने लगा. मैं बहुत गर्म होने लगी. मैंने पूरा मुँह खोल दिया तो पीयूष मेरी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगा और अपने होंठों से चूसने लगा. मैं भी पीयूष की जीभ को चूसने लगी और उसके होंठों को अपने दांतों से काटने लगी. मैंने उसे ज़ोर से कस के अपनी बांहों में दबा दिया.
तभी लालजी मेरे पीछे से जांघों को चूमते हुए मेरे पीछे गांड के छेद तक पहुंच गया और अपनी जीभ को जैसे ही मेरी गांड में टच कराया, मैं बिल्कुल अकड़ गई. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, वह पूरी गांड को अपनी जीभ से चाटने लगा.
लालजी बोला- साली संध्या, तेरी गांड बहुत बहुत हॉट है.. भैन की लौड़ी क्या उठान है तेरे चूतड़ों के.. काश और पहले तुम मुझसे खुल जातीं तो हम आज तक में हम दोनों कितनी बार मस्त चुदाई कर चुके होते, पर कोई बात नहीं तुमसे सेक्सी कोई नहीं है.. बहुत हॉट हो. तुम्हारी गांड को संध्या जो भी देखेगा, वह भोसड़ी का पागल हो जाएगा और तुझे चोदे बिना नहीं रह पाएगा.
मुझे लाल जी की यह बात बहुत अच्छी लगी. फिर लालजी मेरी पूरी गांड को मस्ती से चाटता रहा और वो मेरी गांड के छेद में अन्दर तक जीभ घुसाए दे रहा था. मैं उछल उछल पड़ती थी, जाने क्या हो रहा था, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.
इधर अब मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही पीयूष मेरे मम्मों को जोर से अपने हाथों से दबाने लगा. पहली बार मुझे दूध दवबाने से इतना अच्छा लग रहा था.
मैं बोली- अओह.. पीयूष और जोर से दबाओ न साले दबा और जोर से.. उंहहह आहहहह..लालजी बोला- पीयूष, संध्या का ब्लाउज खोल दे. अब ब्लाउज का कोई काम नहीं.
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