RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी बहन का लड़का पीयूष मुझे चोदने के लिए एकदम तैयार हो उठा था और उसने मेरी चूत के लिए अपने एक दोस्त को बुला लिया था. इसके बाद वो मुझको चोदने के लिए आगे बढ़ा.अब आगे..
तभी मेरे पास को पीयूष आया और बोला- आज तुम मेरी बीवी हो.. जो मैं बोलूं, तुमको वही करना है.यह कह कर वो मुझसे आकर लिपट गया और मेरे होंठों को उसने पहली बार किस किया. जैसे ही उसने मेरे होंठों को चूमा, मुझे भी जरा अजीब सा लगा. मैंने होंठों पर रेड कलर की लिपस्टिक लगाई थी, पूरी लिपस्टिक पीयूष के होंठों में लग गई.
तभी मैंने उससे क हा कि देखो तुम्हारे होंठ लाल हो गए हैं.यह सुन कर वो मुस्कुराया और फिर से बहुत जोर से मेरे होंठों को चाटने लगा. उसकी गर्म सांसें मेरी गर्म सांसों से टकराने लगीं. उसने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया.वो बोला कि तुम वास्तव में बहुत सेक्सी हो संध्या.. आज बड़ा मजा आने वाला है.यह कहते हुए वो मेरे सीने को समीज के ऊपर से ही चूमने लगा.
मैं बोली- इससे पहले तुम कभी किसी लड़की के साथ सोये हो?तो मेरा भानजा बोला- नहीं, संध्या आज पहली बार ही मैंने तुम्हें चूमा है. आज तुम पहली लड़की हो, जिसे मैंने टच किया है. पर जबसे मुझे इसकी जानकारी हुई है, मैंने हमेशा से सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचा है. संध्या तुम मेरी मौसी हो, पर जब तुम नहाती हो या सोती हो, मैं तुम्हारी जांघों और दूधों को देखता रहता हूं. सच मैं तुम बहुत सेक्सी लगती हो. मैंने कई ब्लू फिल्म के वीडियो देखे हैं. उस वक्त भी संध्या मैंने सिर्फ तुम्हें ही चोदने का सोचा है.
इतना कहकर पीयूष में मेरे दूधों को समीज के ऊपर से ही दबाने लगा और बोला- संध्या तुम आज मेरी बीवी हो, अभी मेरा दोस्त आ रहा है. फिर जैसे मेरा दोस्त आ जाएगा, हम दोनों मिलकर तुम्हें बहुत चोदेंगे, तुम बहुत सेक्सी माल लगती हो. हम दोनों तुमको ठीक वैसे ही चोदेंगे, जैसे अंग्रेजी फिल्मों में विदेशी करते हैं. हम दोनों तुम्हें आगे पीछे से एक साथ चोदेंगे. तुम आज अपनी सुहागरात एक साथ 2 पतियों से मनाना. बताओ चलेगा संध्या?
मैं उससे लिपट गई और बोली- तुम बहुत मस्त हो पीयूष, मुझे तेरे जैसा ही पति चाहिए.
तभी पीयूष ने मेरी लैगी के अन्दर हाथ डाल दिया और बोला कि मैंने तुम्हारी चूत आज तक नहीं देखी.. मेरा बहुत मन करता है.ऐसा कहते हुए जैसे ही उसने मेरी पैन्टी के ऊपर से चूत को छुआ, मैं बिल्कुल और कसके उससे लिपट गई, मैं बोली- क्या तुम मुझे मार ही डालोगे.उसने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही दबा दिया.
तभी एकदम से किसी ने दरवाजा खटखटाया.मैं बोली- अपने कपड़े पहन जल्दी से.. और जा दरवाजा खोल, तेरा दोस्त तो नहीं आ गया. तब तक मैं अन्दर जाकर अपने कपड़े ठीक करती हूं.पीयूष गया, दरवाजा खोला और वहीं से बोला- मौसी, लाल जी मामा आए हैं.
लाल जी मेरी मौसी का बेटा है, वह मेरे बराबर का है… वह मुझसे बहुत मजाक और नटखट बातें करता रहता है. पर उसके साथ कभी भी मेरे इस तरह के सेक्सी संबंध नहीं बने थे. पर मैंने सोचा कि अगर आज अकेले हैं तो आज उसे भी कोशिश करके इस खेल में शामिल करूंगी.
मैं बोली- ठीक है.मैं बाहर आ गई और बोली- अरे लाल जी, तू कब आया?वह छोटा सा बैग लिए था, उसने उसे रखा और बोला- अभी बस चला ही आ रहा हूं संध्या.
मैं बोली- चल बैग रख दे और फिर हाथ मुँह धोले.. तू थक गया होगा, आज मैं तेरी पूरी थकान दूर कर दूंगी. मैं और पीयूष गुड्डा गुड्डी की शादी का खेल खेल रहे थे, तुम भी आ जाओ, मिलकर खेलते हैं. अभी पीयूष का एक दोस्त भी आ रहा है, वो भी साथ ही खेलेगा.
लालजी को अभी कुछ पता नहीं था, तो मैंने सोचा कि इसे कैसे पटाया जाए कि ये भी चुदाई के खेल के लिए तैयार हो जाए. मुझे मन में डर भी लग रहा था कि कहीं ये राजी न हुआ और किसी से बता न दे, पर मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.
तभी मैं जल्दी से बोली कि जल्दी से हाथ मुँह धो लो और फिर तैयार हो जाओ. मैं भी तैयार होने जा रही हूं और पीयूष भी तैयार हो जाएगा. अपन तीनों गुड्डा गुड्डी के खेल को खेलेंगे, बता लालजी तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है ना?लालजी बोला- नहीं संध्या मुझे बहुत पसंद है.. मैं भी खेलूंगा.
यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं बोली- ठीक है, मैं तैयार होने जा रही हूं.. तू भी तैयार हो जाओ.लालजी बोला- ठीक है संध्या, मैं तैयार हो जाता हूं.मैं बोली- तुम्हें दूल्हा बनना है, तो तुम अपने अच्छे कपड़े पहन लेना और अच्छे से तैयार हो जाओ.
लालजी ने पूछा- संध्या दुल्हन कौन बनेगी?मैं बोली- लालजी दुल्हन मैं बनूंगी और कौन बनेगी?लालजी बोला- तब ठीक है संध्या.. तो आज गुड्डा गुड्डी के खेल में मैं और तुम दुल्हा-दुल्हन बनेंगे, वाह मजा आ जाएगा.
लालजी की यह बात सुनकर मैं खुश हो गई और सोचा ये तो पहले से ही लगता है कि पट गया है.
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