RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मुझे बहुत ही अजीब लगा, मजा सा भी आया, मैं सर से बोली- प्लीज कमलेश सर क्या कर रहे हैं, मुझे गुदगुदी हो रही है…
टीचर जी अपनी जीभ निकाल कर मेरी चूत को चाटने लगे. दो तीन मिनट जब वो चूत में अपनी जीभ डाल कर चूसते रहे, तब ना जाने मुझे पहली बार क्या होने लगा, यह मैं भी नहीं जान पाई और अपने आप मेरी सांसें बहुत तेज होने लगीं. मेरे सीने की धड़कन जोर जोर से धक-धक करने लगी. कमलेश सर ने अब अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल दिया. मैं बिल्कुल मदहोश होने लगी.
अब जो भी पहली फीलिंग लाइफ की हो रही थी, मैं बता नहीं सकती. मैं हांफने लगी और अब उखड़े हुए स्वर में बोल रही थी, बिल्कुल अलग टूटी आवाज से- कमलेश सर प्लीज छोड़ दीजिए मुझे..
तभी सर ने एकदम से अपनी पूरी जीभ मेरी योनि में घुसा दी. मैं उछल गई और मुँह से ‘उंहहह ओह..’ निकल गया. अब सर जमकर चुत चूसने लगे. पहली बार मेरे साथ यह हो रहा था, मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि किस तरह रिएक्ट करूं.
तभी सर मेरी चूत में पूरी जीभ डाल दी और अपने दांतों से मेरे दाने को काटने से लगे. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ. मेरे हाथ अपने आप कमलेश सर के बालों पर चले गए और मैं कमलेश सर के बालों को पकड़ कर अपने ऊपर दबाने लगी.
तभी सर उठ गए और मुझसे बोले- संध्या अब बताओ कैसे लग रहा है? संध्या तुम बहुत सेक्सी लड़की हो, तुमसे बड़ा माल पूरे सतना जिले में कहीं दूसरा कोई नहीं होगा, तुम आगे बहुत नाम करोगी. मैं तुम्हें आज इस काबिल बना ही दूंगा.
ये कह कर सर मेरा टॉप ऊपर करने लगे. तभी मैं टीचर से बोली कि कमलेश सर मुझे कुछ हो रहा है, यह क्या है?
कमलेश सर बोले- यही जन्नत है संध्या इसी को मजा कहते हैं, सारी लड़कियां और मर्द इसी पल के लिए इंतजार में रहते हैं, सभी इसीलिए प्यार करते हैं. और इसी मजे के लिए शादी भी करते हैं, सिर्फ इतना ही मजा है जिंदगी का, जिसके लिए गर्लफ्रेंड और बॉय फ्रेंड बनते हैं. संध्या आज तुम कितनी मस्त माल लग रही हो, ये तुम सोच नहीं सकती. तुम अब चमकने लगोगी, देखना.
सर ने जैसे ही मेरे टॉप को ऊपर उठाया, मैं अन्दर समीज पहनी हुई थी. फिर कमलेश सर ने समीज को भी ऊपर किया तो मेरे छोटे छोटे चूचे सर के सामने नंगे हो गए. कमलेश सर ने अपने हाथों से दोनों छोटे छोटे कड़क चूचे पकड़ लिए और मसलते हुए बोले- इन्हें चूस लूं संध्या.. अभी छोटे हैं. ऐसे ही दबवाने और चुसवाने से ये मस्त बड़े बड़े हो जायेंगे. जिस दिन तुम्हारे ये चूचे बड़े हो गए, तो कोई हीरोइन भी तुम्हारे सामने कुछ नहीं लगेगी.
मैं कुछ ना बोली, तभी सर दोनों मेरे मम्मों को जोर से दबाने लगे. सर ने अपना पेंट भी खोल दिया. जैसे ही सर ने अपनी अंडरवियर नीचे कर उतारी, मेरे सामने सर का कड़क खड़ा लंड था.
मेरी ये रसभरी काम वासना से सराबोर कर देने वाली चुदाई की कहानी पर आप अपने कमेंट कर सकते हैं.
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