RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
सर के जाने के बाद मैं उस बुक को पढ़ने लगी, उन पुस्तकों में सिर्फ सेक्स की कहानियां लिखी थीं, अब मैंने जिन्हें पढ़ना शुरू कर दिया. मेरा मन उन कहानियों में ही लगता था. किताब पढ़ना अपनी क्लास की भूल गई, जैसे ही अकेला घर मिलता, मैं कमलेश सर के द्वारा दी गई सेक्स की बुक्स पढ़ने लगी.
उसमें वही था, सब कैसे चुदाई करते हैं, कैसे चूत चाटते हैं और फिर लंड कैसे मुँह में लड़की लेती है, कैसे लंड चूत में घुसता है और फिर कैसे चुदाई करते है. मैं ये सब पढ़ने लगी. मुझे उस समय कुछ ज्यादा समझ नहीं थी, ना ज्यादा ना कुछ जानती थी, पर सब कुछ जानने की इच्छा बहुत होने लगी. मैं एकदम से वह कहानियां पढ़ते वक्त अजीब से नशे में हो जाती थी. अजीब सा सुरूर हो जाता था.
अब मैं वो सेक्स की लम्बी कहानी, चुदाई की, बार-बार पढ़ने लगी. कमलेश सर ने उन बुक्स के साथ मैगजीन दी थी तो उसमें सभी नंगे चित्र लड़कियों के और लड़कों के साथ में चुदाई करते, लंड चूसने के और चूत में लंड डालते हुए, सभी जो कहानी में पढ़ी बुक्स द्वारा वह सब पत्रिका में देखने को मिल जाता था.
अब मुझे कुछ कुछ सब समझ आने लगा था. कमलेश सर अब मुझे हमेशा मेरे अंगों को देखते हुए घूरते रहते.
एक दिन मौका पाकर पूछने लगे- संध्या तुमने वो बुक्स पढ़ी और मैगज़ीन देखी?उनकी इस बात से अब मैं शरमाने लगी, मैं कुछ नहीं बोली.तो सर बोले- शरमा रही हो, बस ये बता दो कि मैंने पढ़ने को कहीं खराब चीज तो नहीं दी थी?तब मैं बोली- नहीं सर.‘तुमको मजा आया?’‘हां सर.’
फिर अगले बीस पच्चीस दिन तक जब कमलेश सर पढ़ाने आते, कोई ना कोई घर में होता ही था. पांच मार्च को जब कमलेश सर आये तो उस दिन घर में कोई नहीं था.सर बोले- घर में कोई नहीं है क्या?मैं बोली- नहीं सर.उसी समय कमलेश सर बोले- संध्या तुम वो बुक और मैगजीन लेकर आओ. मैं कुछ टेस्ट लेता हूं.
मुझे शर्म आ रही थी तो मैं कुछ नहीं बोली.कमलेश सर ने मेरा हाथ पकड़ा और बोले- जाकर ले आओ.
मैं गई, बुक्स और मैगजीन लेकर आ गई. तभी कमलेश सर ने मैगजीन खोली और मेरे सामने एक पेज किया, जिसमें लड़का लड़की एक दूसरे के साथ चुदाई कर रहे थे. मैंने सर नीचे कर लिया.कमलेश सर बोले- यह क्या है बताओ.. मुझसे शरमाओ नहीं संध्या.. सभी लड़कियों को यह करना ही पड़ता है. और यह भगवान ने बनाया है.
मैंने फिर भी नीचे सर कर रखा था, इतने में कमलेश सर मेरी स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और अपनी उंगली मेरी चूत में डालने लगे. मैंने सर का हाथ पकड़ लिया- कमलेश सर, यह ठीक नहीं है.
कमलेश सर वो पहले मर्द थे, जिन्होंने मेरे चूत को छुआ और यह मेरी जिंदगी का पहला अहसास था, जब मुझे कोई मर्द छू रहा था. मेरे नाजुक बदन को अपनी बांहों में जी भर के मसल रहा था. जैसे ही मैंने मना किया टीचर जी सीधे खड़े हो गए और मुझसे लिपटने लगे. मैं विरोध करने लगी, तो कमलेश सर ने मेरे होंठों में अपने होंठों को रख दिया और मेरे जीवन का पहला लिप किस कमलेश सर ने ले लिया. अब वो जबरदस्ती पर उतर आए. सर जमकर किस करने लगे.
मेरे टीचर मेरी स्कर्ट में हाथ डालकर बोले- संध्या, मैं तुम्हें बहुत पसंद करने लगा हूं, तुम बहुत सेक्सी हो.सर ने मेरे दोनों हाथ अपनी कांख में दबा लिए, जिससे मैं कुछ कर ना पाऊं.मैं बोली- सर, मैं मम्मी से बता दूंगी.तभी सर ने बोला- जिससे बताना है, बता देना.. पर मैं तुम्हें प्यार करके ही जाऊंगा.
सर ने मुझे वहीं तखत पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए. एक हाथ से मेरी पैंटी को खींच दिया और मेरी टांगों को फैला कर चौड़ा कर दिया. मैं बहुत डर गई. मैं अपने दोनों पैर झटकने लगी क्योंकि मुझे लगा कि पता नहीं टीचर जी क्या करेंगे. पर उनको कोई असर नहीं हुआ. वो मेरे ऊपर आये और मेरे दोनों पैरों को पकड़ कर मेरी खुली चूत में सीधे अपना मुँह जोर से रख दिया. कमलेश सर ने मेरी चूत में पहला किस किया.
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