RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
इतना सुनते ही सतीश जीजा एक हाथ से मेरी गर्दन पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरे बाल पकड़ कर पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लन्ड अन्दर घुसाने लगे, अपनी कमर को मेरी गान्ड में जोर से पूरी ताकत से जीजा जोर देकर धक्का देने लगे, जिससे अब हर झटके में मेरे मुंह से उंहहह ऊंहहह आहहहह वोहहहह निकल जाता था, अब सतीश जीजा गजब की चुदाई मेरे गांड की करने लगे.
सतीश जीजा और मकान मालिक अंकल दोनों के द्वारा करीब 20 मिनट लगातार दोनों तरफ गांड और चूत में एक साथ चोदने के बाद अचानक जीजा बहुत तेजी से अपना लन्ड मेरी गांड में अंदर बाहर करने जमकर रगड़ने लगे और बोले- संध्या मेरी सेक्सी रंडी, तूने तो जन्नत से भी ज्यादा मजा दिया… क्या सेक्सी हाट माल है रे, बहुत ही गर्म लड़की है तू, मेरी संध्या रंडी, मेरी सेक्सी जान, अब झड़ने वाला हूं मेरे लन्ड का रस कहां लोगी? मुंह में लोगी या गांड में?मैं बोली- मुझे कुछ नहीं पता जीजा, यह मेरी लाइफ की पहली चुदाई है, मुझे कुछ भी नहीं पता कि कहां लन्ड रस लेना चाहिए, इसलिए आप बोलो.
जीजा बोले- संध्या, तुम इसे अपनी गांड में ही लो, बहुत मजा आएगा.मैं बोली- ठीक है जीजा, तुम इस लन्ड रस को मेरी गांड में ही डाल दो भर दो!
तभी जीजा बहुत जोर से अकड़ गए और मुझे कस के पकड़ लिया, मेरे बालों को खींच कर बोले- ले साली कुतिया, मेरे लन्ड का रस!और बहुत तेजी से उनके लन्ड का गर्म गर्म रस मेरी गांड में उन्होंने भर दिया.
करीब 4-5 मिनट मुझसे लिपटे रहे, बेहोश की तरह मेरी गांड में चिपके पड़े रहे और फिर बोले- बहुत सेक्सी है तू संध्या, आज मेरा जीवन धन्य हो गया. तेरी गांड मस्त है, बहुत ही सेक्सी और मेरी पीठ चूमते हुए वह उठकर बिस्तर से अलग खड़े हो गए.
अब सिर्फ मकान मालिक अंकल बचे और अब उन्होंने मेरी दोनों टांगों को फैला कर, ऊपर करके कंधे में चढ़ा कर रख लिया और बहुत जोर जोर से मेरी चूत में अपने लन्ड का धक्का मारने लगे. मुझे बहुत जोश चढ़ा हुआ था, अपने आप मेरे मुंह से निकल गया- अंकल तू बोला था कि बहुत बड़ा लड़कियों का चोदू है, तेरे लंड के बाद मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो चोद मुझे देख तेरी संध्या तेरे बिस्तर में नंगी तुझसे चुद रही है, पूरा लन्ड घुसा और फाड़ मेरी चूत और मुझे अब किसी लन्ड की जरूरत ना पड़े… ऐसा कर दे अंकल! कितना दम है अंकल तेरे लौड़े में, आज अपनी संध्या को दिखा, अगर सच में तेरी गांड में दम है तब?
अंकल फुल जोश में मेरे दोनों दूधों को कस के पकड़ कर पूरी ताकत से अपना लन्ड फचाफच मेरी चूत में धक्का देने लगे और बोले- साली रंडी संध्या, तू बहुत बड़ी छिनाल बनेगी एक दिन… तेरा बड़ा नाम होगा. आज ले… तेरी चूत फाड़ देता हूं!और बहुत जोर से धक्का मारने लगे.
पर थोड़ी देर बाद अंकल बोले- आज तेरी चूत का कचूमर बना दूंगा.मुझे जाने क्या हुआ कि मेरी चूत में अजीब सी सुरसुराहट हुई और मैं मचलने लगी और बोली- अंकल और जोर से चोदो, मुझे कुछ हो रहा है.
तभी मेरी चूत से गर्म गर्म पिचकारी की स्पीड से चूत रस मेरी चूत से निकलने लगा और उधर अंकल बोले- संध्या, तेरी चूत तो बह चली, तेरी प्यास बुझ गई आज की चुदाई की, गजब है तेरी चूत संध्या, कितनी गर्मी है तेरे में सेक्स की… अब मैं भी झड़ने वाला हूं, तेरी चूत में आज अपने लन्ड रस से तेरी चूत भरकर पूरी प्यास बुझा दूंगा.और अंकल जमकर जोर जोर से तेजी से मेरी चूत में अपने लन्ड से चोदने लगे, मेरे मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज अपने आप निकलने लगी.
मैं पूरी तरह से निढाल हो गई स्खलित होकर… बहुत ज्यादा गर्मी मेरे जिस्म की शांत सी हो गई आज सच में!उधर अंकल भी मुझसे लिपट के अकड़ गये और मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लगे- साली कुतिया, मादरचोदी, संध्या तेरी बहन चोदूं… ले और ले मेरा लन्ड छिनाल और चुदा ले आज तेरी चूत फाड़ता हूं संध्या.और मुझसे जोर से लिपट गये, कसकर मुझे अपने बांहों में लपेट लिया और बहुत गर्म गर्म लन्ड का रस मेरी चूत में भरने लगे.
करीब दो तीन मिनट में मेरी चूत में अंकल का लन्ड रस समा गया, मेरी चूत अंकल के गर्म गर्म वीर्य से लन्ड रस से भर गई, एक अजीब पर बहुत मस्त सा अहसास होने लगा, ऐसा लगा जैसे मुझे बहुत कुछ मिल गया हो.पांच मिनट तक अंकल मुझसे चिपक कर मेरे ऊपर लेटे रहे, उसके बाद उठे मेरी चूत को अपने रूमाल से पौंछने लगे और फिर अपने जीभ से भी चाट कर मेरी चूत साफ कर दिया.
मुझे ये अच्छा लगा. अब मैं अपने कपड़े पहनने लगी. अंकल और जीजा ने भी अपने अपने कपड़े पहन लिए और अंकल ने मुझे तीन हजार रुपए दिए कि अपनी पसंद की ड्रेस खरीद लेना संध्या!मैं जीजा को बोली- मुझे बस स्टाप तक जल्दी पहुंचा दो.
जब अंकल के रूम से निकलने लगी तो अंकल मुझसे लिपट गए और एक हजार रुपए और दिए बोले- जो मन हो खा लेना!और मेरे होठों को चूमने, चूसने लगे और फिर बोले- आज तक मेरी लाइफ में तुमसे हाट और सेक्सी लड़की नहीं देखी, ना मिली. थैंक्यू संध्या आज के लिए!
और फिर मैं तैयार होकर अंकल के घर से निकल गई, जीजा भी मेरे साथ आए और अपनी बाइक से मुझे बस स्टॉप तक पहुंचा दिया.
जैसे ही बाइक से उतरी, चलने में बहुत तकलीफ होने लगी, मेरी कमर, पीछे गांड और आगे चूत में बहुत दर्द होने लगा, मैंने सामने मेडिकल स्टोर से पेन किलर की टैबलेट ली और खा ली, मुझसे 7 दिन तक ठीक से चलते नहीं बन रहा था. जब भी कोई पूछे कि संध्या क्या हुआ तो मैं उसे बोलती कि बस से पांव फिसल गया और गिर गई तो थोड़ा चोट लग गई थी.
और फिर 10 दिन बाद मेरा फिर अपने आप फिर से बहुत मन करने लगा और वही अंकल और जीजा ने जिस तरह से किया था बार-बार वही सब दिमाग में और ख्यालों में चलने लगा.सोचते सोचते बहुत गर्म हो जाती, मेरी पैंटी भीग जाती गीली हो जाती थी.
यह कोई मेरी कहानी नहीं है, एक एक शब्द एक एक बात पूरी सच लिख रही हूं, यह मेरे जीवन की सच्चाई है, इसे झूठ कोई मत मानिएगा.मैं अपनी मम्मी की कसम खाती हूं और गॉड कसम… सब कुछ बिल्कुल एक-एक शब्द सच लिखा है.
यह बात सच है कि मुझे खुद भी बहुत ही ज्यादा मजा आया, यह कैसा सुख और इंज्वाय है मैं इसे नहीं जानती थी. पर बहुत ही बेस्ट अनुभव रहा है. आपको मेरे जीवन की पहली पूर्ण सत्य घटना, जो मेरे साथ हुआ, वह कैसी लगी? अपना अनुभव बता सकते हैं.
यह बिल्कुल सच है और मेरा दावा है कि मुझे देखने के बाद आप अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे, और मुझसे मिले बिना आपको चैन नहीं मिलेगा.पाठको, हर वक्त आप मुझे अपने ख्वाबों ख्यालों में सिर्फ मुझे पाओगे और मुझसे मिलने का अरमान लिए अपनी रातों को गुजारेंगे.
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