RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब मैं मन ही मन सोचने लगी कि इनको कैसे मेरे अंदर मन की बात पता हो गई?यह बात बिल्कुल सच है कि जब जीजा मुझे ड्रेस दिलाने के लिए घर आ रहे थे, जीजा के साथ आने के लिए मैं जब तैयार होने के लिए नहाने गई तो मेरा ध्यान गया कि नीचे मेरे में कुछ बाल हैं चूत में. मैंने पापा के रेजर ब्लेड से अपनी नीचे चूत के बाल साफ किए. और तब अपने आप मन में आ गया जो कमलेश सर ने कहा था कि ‘जब भी मौका मिले किसी भी मर्द के साथ… तो चुदाई करवा लेना, बहुत बहुत मजा आएगा तुझे संध्या!’मुझे एक दम से सतीश जीजा का ख्याल आया और उनकी बातों का कि जो सतीश जीजा अपने घर में मुझसे बोले थे कि ‘संध्या लगता है यही तुम्हें चोद दूं और तुम्हारी चीख निकाल दूं, मेरा बहुत बड़ा लन्ड है लड़कियां तरसती हैं मुझसे चुदवाने को…’यही यही बात मेरे दिमाग में मन में चलने लगी और मैं एकदम से गर्म हो गई, सिर्फ सोच सोच कर दो बार मेरी पैंटी गीली हो गई, आज लाइफ में पहली बार मेरी पैंटी गीली हो रही थी, मैं दो पैंटी बदल चुकी थी एक घंटे के अंदर! ऐसा क्यों हो रहा यह भी नहीं मुझे मालूम, आज सब यह इस तरह का मेरा पहला एक्सपीरियंस है.मैं फिर सोचने लगी कि आज मुझे सतीश जीजा चोदेंगे और मैं इस लिए सिंगल पीस की घुटनों तक की फ्रॉक पहन ली, कि जीजा जहां चाहे फ्राक ऊपर करके मुझे चोद दे, मैं बिल्कुल आज मन में तय कर चुकी थी कि जीजा मुझे चोदेंगे और मैं उनसे उनका लोड़ा घुसवाऊंगी.
पर यह बात मकान मालिक शुक्ला को कैसे पता चल गई मैंने तो कुछ बताया नहीं पर जो मकान मालिक बोले बिल्कुल सच था, अब मैं सोच में पड़ गई की मकान मालिक को मेरे मन के अंदर की बात कैसे पता चली?
तभी वह मुझसे बोले- संध्या, दिखने में जो तुम्हारा लुक है वह बहुत सेक्सी है, बहुत हॉट है, कोई भी तुम्हें चोदना चाहेगा.वो मुझे घूरने लगे और फिर बोले- लगता है वह सतीश तुम्हें प्यासी और तड़पता छोड़ गया, चलो मैं आज तुम्हारा काम कर देता हूं और मैं तुम्हें ड्रेस भी दिला दूंगा.
मैं बिल्कुल डर गई कि यह कैसी बात कर रहे हैं? इनकी उम्र 50 साल के ऊपर है और ऐसी बातें कर रहे हैं.मैं बिल्कुल रोने सी लगी तभी मकान मालिक मुझे ऊपर से नीचे तक घूरने लगे एकटक देखने लगे और मुझसे लिपट गए. तभी उन्होंने मेरे बदन पर जो चादर ढकी थी उसे हटा दिया, मैं उनके सामने बिल्कुल नंगी हो गई, वो बोले- तू तो बहुत जबरदस्त माल है संध्या, आज मुझसे चुदवा लो, वादा है अपने जीजा को भूल जाएगी.और मेरे होठों को चूमने लगे और मेरे दूध दबाने लगे.
जैसे ही बूब्स को अपने मुंह में भरने लगे मैं उन्हें मना करने लगी. तब उन्होंने मुझे छोड़ दिया लेकिन मकान मालिक मुझे गाली देने लगे, बोले- संध्या, तू इतनी बड़ी छिनाल होकर चिल्ला रही है चल आज तेरे घर चलता हूं और तुझे बताता हूं! तीन दिन के अंदर या तो तू अपने घर में खुद बता देना कि मैं यह सब करती हूं, रंडी बनकर चुदवाती हूं, नहीं मैं तेरे घर आकर तेरे मां बाप से खुद बताऊंगा. चल आज तो तू निकल जा!
मैंने फटाफट कपड़े पहने और डरते हुए वहां से निकल आई.
मुझे घर आते हुए बहुत डर लग रहा था कि अब मेरे घर में यह बात पता चल जाएगी, मैं घर कैसे तो घबराते हुए पहुंची. अपनी यह सारी बात तो नहीं पर मैंने इस डर से कि अगर मकान मालिक घर में बता दिया तो पता तो चल ही जाएगा, इसलिए मैंने खुद अपनी दीदी को यह बताया- दीदी मुझे आपके देवर सतीश ड्रेस दिलाने के बहाने सतना ले गए मैं उनके साथ चली गई तो वह किराए के अपने कमरे में ले गए और फिर मुझसे जबरदस्ती करने लगे और मुझे बोले मैं तुमसे प्यार करता हूं और आज मुझे तुम्हारे साथ सोना है, मैं उनसे लड़ पड़ी छीना झपटी की और रोने लगी चिल्ला दी तब जाकर उनसे कैसे तो बचकर आई हूं.
मैंने दीदी से बहुत सारा झूठ बोल दिया अपने को बचाने के लिए, जबकि सच यह है कि मैं जो बातचीत हुई थी उसके अनुसार मैं अपनी मर्जी से जीजा के साथ गयी थी और मेरा खुद का भी मन था सेक्स करने का.
अब मेरी दीदी ने अपने ससुराल में हंगामा कर दिया. दीदी ने अपने पति से यह सब बात बताई और बोली- तुम्हारा भाई राक्षस है, मेरी बहन के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की, संध्या बेचारी अभी बहुत छोटी और भोली मासूम है.बहुत हंगामा हुआ और सतीश जीजा को सब ने बहुत गालियां दी और बहुत बेइज्जत घर में किया.
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