RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
मैं नर्वस सा बैठा था की मुझे निशा का काल आया ,
“भैया मैं आपसे मिलना चाहती हु “
“कहा है तू “मैं उठकर खड़ा हो चुका था..
उसने पता बताया साथ ही हिदायत दी की मैं किसी को भी कुछ ना कहु और अकेले ही आऊ ..
मैं बिना किसी से कुछ कहे उसके बतलाए जगह पर पहुच गया था ,वो एक होटल के कमरे में ठहरी हुई थी ,
मेरे जाते ही उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया ..
और रोने लगी ..
“भइया अपको मेरी बात पर यकीन नही होता ना ,की काजल सच में बेवफा है अगर आपको देखना है की वो कितनी बड़ी कमीनी है तो जाओ यंहा “
उसने मेरे सामने एक पता रख दिया ,
“आपको पता लग जाएगा की वो क्या है ,काजल असल में सिर्फ और सिर्फ ठाकुर की रंडी ही है और ये सब कुछ उन दोनो ने ही प्लान करके किया है …”
उसकी बात को सुनकर मुझे विस्वास तो नही हुआ लेकिन मैं उस जगह पर जाने को राजी हो गया…
वो वही जगह थी जंहा पर खान को मारा गया था ,
पिछली बार जंहा मुझे खान की चीख सुनाई दे रही थी वही इस बार हँसी की आवाज सुनाई दी ,
मैं थोड़ा और पास पहुचा तो काजल को ठाकुर की बांहो में देखा ,ठाकुर के पास ही एक पिस्तौल पड़ी थी लेकिन काजल अभी ठाकुर के बांहो में थी ..
“तुमने तो मुझे डरा ही दिया था मुझे लगा जैसे तुम डबल गेम खेल रही हो और मुझे फसाना चाहती हो “
“इतने दिन मेरे साथ रहकर भी तुम मुझे समझ नही पाए ना “
“लेकिन तुमने हरिया को क्या मार दिया “
“ताकि हमारे खिलाफ कोई सबूत ना रह जाए ,उस चुतिये देव को कैद करने की क्या जरूरत थी उसे इसी कारण हरिया की सच्चाई भी पता लग गई ,और मुझे उसे मरना पड़ा,वरना पुलिस उसके जरिये हरिया तक पहुच जाती और फिर तुमतक और मुझतक भी ,मैंने तुमसे कहा था की तुम फिर से फार्महाउस मत जाना तुम क्यो गए “
“अरे मुझे क्या पता था की तुमने उसे मार दिया है ,चलो ठीक ही हुआ क्योकि फिर उसका इल्जाम किसके ऊपर आता,अब कम से कम लोगो को ये लगेगा की उसे भी मैंने ही मारा है और पुलिस मेरी तलास में ही लगे रहेगी और हम दोनो ...फुर्ररर “
दोनो ही जमकर हँस पड़े
“मेरा पासपोर्ट और वीसा कहा है “
काजल ने अपने पर्स से कुछ कागज निकाल कर उसे दिए …
“शेरखान वाह क्या नाम चूस किया है तुमने “
वो जोरो से हँस पड़ा ,साथ ही काजल के होठो में अपने होठ लगाने लगा काजल ने भी बिना किसी संकोच के अपने होठो को उसके होठो में लगा दिया ….
दोनो ही खिलखिला रहे थे लेकिन जैसे मेरा जिस्म आत्मा ही जल रही हो ………..मैं बौखला कर रह गया था ,मन कर रहा था की अभी उस पिस्तौल को जो की ठाकुर के बाजू में रखी हुई है उठाकर उन दोनो को ही सूट कर दु ……..
******************
दोनो ही के होठ एक दूजे से ऐसे चिपके हुए थे जैसे की कभी अलग ही नही होने वाले है ,वो दोनो ही थोड़ा आगे बढ़े और ठाकुर ने उसे उठा कर थोड़ी वही लिटा दिया वो जो खेल खेलने वाले थे उसमे मुझे कोई भी इंटरेस्ट नही था मुझे तो बस उन दोनो को मरना था यही मेरे सामने थी ठाकुर की बंदूख ..
मैं लपक कर आगे आया और बंदूख को अपने हाथो में थाम लिया ,
दोनो ही मेरे इस प्रयास से चौक पड़े थे ..
“देव तूम यंहा “
काजल ने मुझे आंखे फाड़ कर देखा
“हा साली रंडी मैं यंहा,सच कहती थी मेरी बहन की तू है ही रंडी तुझपर बहुत भरोसा कर लिया अब और नही “
“देव शांत हो जाओ और गन मुझे दे दो “
काजल के इतना बोलते ही मैं और भी भड़क गया और एक गोली उसके पैरो के पास चला दी ,
ठाकुर भी खोफ जदा खड़ा हुआ मुझे ही देख रहा था लेकिन वो भी मंझा हुआ खिलाड़ी था ,उसने अपनी चाल चल दी
“तू साले नपुंसक है तो तेरी बीवी क्या करेगी ,तू नामर्द है जो अपनी बीवी को दूसरे से चुदते हुए देखता है ,और हा अपनी बहनों को भी चोदता है ,साले भड़वे...तुझ जैसा पति काजल जैसी मतवली और चालाक लड़की का पति हो ही नही सकता उसे तो मेरी पत्नी होना चाहिए था…उसने ना सिर्फ दो लोगो को आसानी से मार दिया बल्कि उनकी सारी प्रॉपर्टी भी अपने नाम कर लिया ..”वो जोर से हँसने लगा ,वो बातो ही बातो में मेरे पास आ चुका था और वो घुमा और मेरे हाथो से पिस्तौल छीन ली …
इंस्पेक्टर ठाकुर के बंदूख कि नोक मेरे ही ओर थी ,
“बहुत खेल खेल लिया तुमने अब मेरी बारी है ,”
मैं बेखोफ खड़ा हुआ था,पास ही काजल स्तब्ध सी मुझे देख रही थी,
‘रुको ठाकुर ‘
वो चिल्लाई लेकिन तब तक ठाकुर की गोली चल गई ,काजल ने उसका हाथ उठा दिया था और मैं बचने के लिए थोड़ा दूर जा गिरा था,ठाकुर फिर से बौखला गया और मेरे ऊपर फिर से बंदूक तान दी इस बार उसका निशाना सही था लेकिन उसकी गोली चलती इससे पहले ही काजल बीच में आ गई ..
धाय धाय धाय
ऑटोमेटिक लोडिंग वाली बंदूक ने अपना काम कर दिया था ,लगातार तीन गोली सीधे जाकर काजल के सीने को चीरते हुए निकल गए मैं बौखला गया था ,जैसे कोई सुध ही ना बची हो ,वही ठाकुर भी स्तब्ध सा उसे देख रहा था वो तो मुझे मरना चाहता था ताकि काजल को पा सके लेकिन काजल ने ये गोलियां खाकर ये साबित कर दिया था की वो जिस्म से चाहे जिसकी भी हो लेकिन उसकी रूह सिर्फ मेरी है …..
मैं गुस्से से तिलमिलाया और पास ही पड़े एक पत्थर से ठाकुर पर वॉर कर दिया ,उसका सर जख्मी हो गया था ,मैं उसकी पत्थर से उसका सर फोड़ना शुरू कर दिया ,वो बेसुध हो गया था और मैं तो पहले से ही बेसुध था ,मैं चीख रहा था चिल्ला रहा था ,और पत्थर उसके सर पर मारे जा रहा था..
“नही देव मेरे पास आओ “काजल इस हालत में भी थोड़े होश में थी
मैं जल्दी से काजल के पास पहुचा ,मैंने उसे सीने से लपेट लिया था,मेरा पूरा कपड़ा खून के रंग से रंग चुका था ..
“आई लव यु देव ,हमेशा से तुम मेरे हीरो रहे हो हमेशा से मैंने सिर्फ और सिर्फ तुम्हे प्यार किया है “
काजल इतना ही बोलकर बेसुध हो गई ,मैं चीखा
“काजल ………..नही काजल तुम मुझे छोड़कर नही जा सकती काजल “
तभी
धाय ….
एक गोली मेरे पीठ में आकर धंस गई ,ठाकुर लेटे हुए था और उसके हाथो में बंदूक थी
मैं गुस्से से लाल हो चुका था और उसे जान से मार देना चाहता था .
मैंने पास ही पड़ा हुआ एक रॉड उठाया और उसके पैरो में घुसा दिया ,वो चीखा ही था की मैंने अपने पैरो से उसके मुह पर वॉर किया ,वो बेसुध हो गया मैं फिर से काजल के पास आया ,मैं रो रहा था मेरी काजल मुझे छोड़कर नही जा सकती थी ………
मैं होशं में आया तो मैंने अपने पास डॉ चुतिया को पाया ,
“काजल कहा है “
मेरा पहला सवाल यही था ..
“वो कोमा में है,गोलियां निकाल दी गई है लेकिन होश नही आया है ,खैरियत है की दिल को गोली नही लगी वरना”
मैं रोने लगा था
“ये सब मेरी ही गलती के कारण हुआ है डॉ ना मैं वो कदम उठता और ना ही ये हादसा होता “
डॉ मेरे पास आकर मेरे सर पर हाथ फेरा ..
“तुम्हारी गलती नही है देव अपने को दोष मत दो जो भी हुआ वो किस्मत का ही तो खेल था ,सब ठीक हो जाएगा “
“निशा कहा है ???”
मुझे अचानक ही निशा की याद आयी
“वो भी ठीक है और अभी जेल में है ,फिक्र मत करो वँहा हमारे लोग है उसे कोई तकलीफ नही होगी ,”
मैं थोड़ा शांत हुआ
“उसके खिलाफ कोई सबूत मिला ??”
मैंने फिर से कहा
“नही अभी तक तो नही ,सिर्फ पूर्वी की ही गवाही है उसके खिलाफ लेकिन उतना काफी नही है ,काजल के गवाही के बिना उसे जेल में ज्यादा दिनों तक नही रख पाएंगे उसके वकील भी बहुत ई स्ट्रांग है ,लेकिन अभी उसका छूटना ठीक नही होगा “
डॉ के चहरे में चिंता साफ झलक रही थी
“उसे बेल दिलवाओ डॉ वो मेरी बात सुनेगी ,मैं बहक गया था जो मैं उसकी बात नही सुना ,लेकिन इस हादसे से मुझे समझ आ चुका है की मुझे उसकी बातो को सिरियसली लेना चाहिए था “
“लेकिन उसके बाहर आने से काजल और पूर्वी दोनो के ही जान को खतरा है ??”
डॉ मेरी बातो से चकित दिख रहे थे ,
“मैं सम्हाल लूंगा ,मैं उसे अच्छे से समझता हूं आप उसे बाहर निकलवाये “
डॉ थोड़ी देर तक तो सोच में ही डूबा रहा लेकिन फिर वो बाहर चला गया ,मैं उठाकर उसके पीछे ही बाहर आया
“आप पागल हो गए हो क्या ये क्या कर रहे हो “
सामने पूर्वी और शबनम खड़ी थी
“मुझे काजल से मिलना है “
“अभी तुम आराम करो शाम को मिल लेना ,ऐसे भी उसे ज्यादा मिलने नही दिया जाता हम तम्हे स्ट्रेचर में ले जाएंगे “
शबनम की आंखों में भी पानी था और पूर्वी के भी ,मुझे शक था की कही काजल को कुछ हुआ तो नही है और ये लोग मुझसे झूट बोल रहे है ,मैंने शंका की नजर से दोनो को देखा ,
पूर्वी रोते हुए मेरे पास आयी और मुझसे लिपट गई ..
“भइया ये क्या हो गया “
“काजल ठीक तो है ना तुमलोग मुझसे कुछ छिपा तो नही रहे “
पास खड़े हुए डॉ के चहरे में मुस्कान गहरा गई
“छुपाने को बचा ही क्या है देव ,अभी आराम करो शाम को मिल लेना,फिक्र मत करो काजल हमे छोड़कर इतनी जल्दी नही जाने वाली “
डॉ के चहरे में दृढ़ता के भाव उभर गए जैसे उन्हें काजल पर बहुत ही ज्यादा यकीन हो ..
काजल मेरी काजल ,आंखे बंद किये ना जाने कीस दुनिया में खो गई थी ,उसे देखकर एक बार तो मूझे चक्कर ही आ गया,मैं वही था जो कुछ दिनों पहले उसे मारने का प्लान कर रहा था ,आज उसकी इस कुर्बानी ने मुझे फिर से याद दिलाया जो वो मुझे बोला करती थी ,
‘मैं तुम्हारी ही रहूंगी देव चाहे शरीर किसी और के पास ही क्यो ना रहे लेकिन रूह तलक बस तुम्हारी ही रहूंगी ‘
मेरी आंखे भीग गई थी और मैं सिसक रहा था ,मेरा हाथ अभी भी काजल के हाथो में था,वो ऑपरेशन थिएटर मुझे काटने को दौड़ रहा था ,
‘कितना पागल था तू देव जो अपनी जान की वफादारी पर उसके प्यार पर शक किया ‘
मैं अपनी अतीत की यादों से तब निकला जब पूर्वी ने मुझे बुलाया ,आज 3 दिनों से काजल को होशं नही आया था वो अब भी कोमा में ही थी ..
“भइया देखो तो कौन आया है “
बाहर निशा खड़ी थी वो मुझे देखते ही मेरे पास आयी और मुझे अपने गले से लगा लिया ,
“सॉरी भइया मेरे कारण भाभी की ये हालत हो गई मुझे नही पता था की भाभी का प्लान क्या है मुझे तो लगा की वो आपको धोखा देना चाहती है “
“कोई बात नही मेरी जान तू मुझसे प्यार ही इतना करती है की तू मेरे आगे कुछ सोच ही नही पाती “
वो थोड़ी देर मुझसे ऐसे ही चिपकी रही ..
“दीदी अब तो मुझे नही मरोगी ना “
पूर्वी ने हंसते हुए कहा
“चुप कर पगली तू मेरी प्यारी वाली बहन है,और काजल भाभी ने तो मेरे भाई के लिए खुद गोली खाई है उनका ये अहसान तो मैं जीवन भर नही भूलूंगी “
“आपका कोई भरोसा थोड़ी है भइया के बारे में थोड़ा भी कोई कुछ कहे तो आप प्यार व्यार सब भूल कर मारने को दौड़ पड़ती हो “
पूर्वी जोरो से हँस पड़ी साथ ही वँहा खड़े सभी लोग भी..
“मेरे भइया का बुरा सोचेगा उसे ये निशा कच्चा चबा जाएगी समझ लेना “
निशा ने ये बात थोड़े मजाकिया अंदाज में कहा था ..
“डॉ अब तो आपको मेरी बहन पर कोई शक नही है ना “
“हा नही तो है लेकिन जिस तरह से उस दिन इसने धमकी दी थी कोई भी डर जाए ,खैर पूर्वी की तरफ से तो केस वापस हो चुका है तो किसी तरह की कोई प्रॉब्लम अब नही होगा ..लेकिन निशा तुम्हे ये क्यो लगा की काजल देव को धोखा देने वाली है “
“क्योकि मुझे पता लगा था की काजल ने ठाकुर का जाली पासपोर्ट बनवाया है ,वो तो बाद में शबनम और पूर्वी ने मुझे बतलाए की वो सब ठाकुर को फसाने के लिए चला गया दाव था,अगर भइया वँहा नही जाते तो उसे भी वो वैसे ही मरती जैसे की खान और अजीम को मारा था लेकिन मेरी गलती की वजह से ..”
“कोई बात नही निशा शायद जो भी होता है वो अच्छे के लिए ही होता है,मुझे लगता है की ठाकुर को काजल की सच्चाई का पता चल चुका था हो सकता है की अगर देव वँहा नही होता तो ठाकुर ही काजल पर अटैक कर देता,और खान और अजीम की बात अलग थी वो दोनो ही कमजोर थे लेकिन ठाकुर मजबूत और मरने मारने वाला इंसान है ,पता नही काजल उससे अकेले निपट पाती की नही क्योकि हमे वँहा पहुचने में समय लगने वाला था …”
“जो हुआ वो हो गया अब बस काजल जल्दी से ठीक हो जाए …”
मैं गहरी सांस लेकर कहने लगा ..
****************
मलीना मेडम मेरे सर पर हाथ फेर रही थी ..
“मेरी दोनो बेटियो को बहुत प्यार देना देव ये दोनो ही अब तुम्हारे हवाले है ,इन्होंने जीवन भर बस बदले और गुलामी में निकाल दिए अब इनकी जिंदगी शुरू हो रही है ,मैं तुमपर भरोसा कर सकती हु …”
मलीना मेडम की आंखों में पानी था और साथ ही काजल और शबनम की आंखों में भी …
काजल ठीक हो चुकी थी लेकिन उसके फेफड़ो में छेद हो चुका था जो नही भर पाया था,एक महीने बीत चुके थे और आज उसे घर ले जाया जा रहा था ,यंहा सभी मौजूद थे ,डॉ,मलीना,मैं,निशा,पूर्वी ,काजल ,शबनम ,काजल के मुह बोले भाई और पिता साथ ही भाई का दोस्त सुशांत और रश्मि भी …
कुछ दिन पहले ही शबनम ने अपने पति को तलाक दिया था और वो मेरे साथ ही रहने वाली थी ,सुशांत और निशा का टाका भिड़ गया था,जिस लड़की ने उसे गोली मारी थी अब वही उसकी जीवन संगनी बनने वाली थी ,सुशांत को भी निशा का इतिहास पता था लेकिन फिर भी प्यार क्या देखता है ,??
पूर्वी अभी सिंगल थी ,मैंने सोचा था की शायद वो अजीम के भाई को डेट करेगी लेकिन उसने क्यो इंटरेस्ट नही दिखाया ..
मैंने निशा और सुशांत को होटल आदित्य को सम्हालने भेज दिया क्योकि अब वो भी हमारे नाम पर था,अजीम के भाई को जब उसके पिता और भाई की सच्चाई का पता चला वो भी खुशी खुशी होटल छोड़ने को तैयार हो गया,लेकिन उसके बदले हमने उसे एक दूसरी जगह पर होटल खोलकर दे दिया था ,
खान का होटल मैं और शबनम चलाने लगे थे,काजल को आराम की सख्त जरूरत थी ,वो बेहद ही कमजोर हो चुकी थी ,
रश्मि अपने होटल का कारोबार अच्छे से चला रही थी लेकिन अब दोनो होटल में कोई कंपीटिशन नही था बल्कि कई मामलों में एक दूसरे का सहयोग ही करते थे …
और डॉ चुतिया ..???
वो नई स्टोरी लिखने के सोच में लगा हुआ था…….
************* समाप्त *****************
|