RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
जवां रंग ,जवां कालिया ,जवां जवां सी उमंग...ये नजारा दिखाई देता है सुबह सुबह गार्डन में घूमने से ..
उसी जवानी में मैं भी डूबा हुआ गहरी गहरी सांसे ले रहा था ,मेरे साथ साथ मेरी दोनो बहने भी थी ,मैं उनके साथ कुछ ज्यादा समय बिताने के इरादे में था,
एक हँसता मुस्कुराता हुआ हसीन सा चहरा मेरे पास आया ,मैं उसे देखकर पहचान तो गया लेकिन फिर भी मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नही की ..
“कैसे हो देव सुना है तुम अपनी बीवी के अतीत को ढूंढने में लगे हुए हो “
उस मदमस्त बाला ने कहा जिसे देखकर गार्डन में उपस्थित सभी लड़के आहे भर रहे थे,उसके शरीर की बनावट की कुछ ऐसी थी लेकिन मेरे लिए वो बिल्कुल भी उत्तेजक नही थी …
“तुम्हे किसने कहा “
मोहनी जोरो से हँस पड़ी ..
“मुझे तुम्हारे एक एक पल की खबर रहती है,और मैंने जो तुमसे काम कहा था तुम उसपर भी ध्यान नही दे रहे हो ,लगता है तुम अपनी बीवी के वर्तमान से ज्यादा उसके अतीत पर धयन दे रहे हो ,खान साहब को ये बिल्कुल भी पसंद नही आएगा “
उसने थोड़ा गुस्से से कहा ,मैंने एक बार अपनी बहनों की ओर देखा जो की मुझसे बहुत दूर थी और अपने आप में ही मस्त थी …
मेरे चहरे में एक कुटिल सी मुस्कान आ गई
“पहले तो मुझे ये समझ आ गया है की तुम खान साहब के लिए काम नही करती ….”
जैसे उसके होश उड़ गए उसके चहरे से ये बात साफ थी की मैंने उसे पकड़ लिया था ,
“और दूसरा तुम्हे मेरे पल पल की कोई खबर नही है वरना तुम यंहा मेरी जासूसी करने या मुझे धमकी देने नही आती “
वो बौखलाई ,लेकिन मैं मंद मंद मुस्कुराता रहा
“अच्छा तो तुम रश्मि के लिए काम करती हो ,तभी मैं भी सोचु की किसी को पता भी नही लगा और तुमने मुझे उस जगह से जंहा से मुझे बंदी बनाकर रखा था वँहा से होटल के कमरे तक कैसे लायी ,फिर तुम्हे जब काजल और मेरे बारे में सब कुछ पता है तो खान साहब कोई एक्शन लेने की बजाय मुझे को किडनैप करवाएंगे...रश्मि ने ये सब क्यो किया और खान साहब का नाम ही क्यो फसाया ये तो मुझे भी समझ में आ गया है ,लेकिन तुम्हारी क्या मजबूरी थी की तुम अजीम और खान को धोखा देकर रश्मि के साथ काम करने लगी …”
मेरे चहरे की मुस्कुराहट और भी गहरी हो गई वंही मोहनी के चहरे में भी एक मुस्कान आ गई
“तुम तो सच में बहुत ही दिमाग वाले निकले ,क्या तुम्हे जरा भी डर नही लगा था जब मैंने तुम्हे किडनैप करवाया था “
“डर तो मैं गया था लेकिन जब मैंने चीजो को ध्यान से सोचा तो मुझे सब कुछ ही समझ आ गया ,खान के पास अभी तो इतना दिमाग नही है की वो काजल के खिलाफ कोई काम करे लेकिन हा रश्मि जरूर काजल के पीछे पड़ी हुई है मुझे बस ये जानना है की तुम क्यो रश्मि की गुलामी कर रही हो”
मैंने गुलामी शब्द में ज्यादा जोर दिया क्योकि मैं उसे थोड़ा सा बहकाना चाहता था और मेरे कहे अनुसार वो थोड़ी बेचैन भी हो गई
“मैं उसकी कोई गुलामी नही करती ,मुझे वो पैसे देती है ये काम करने के लिए पहले वो मुझसे अजीम की जासूसी करवाती थी वही अब वो मुझसे खान की जासूसी करवाती है ,मुझे अपने पैसे से मतलब है ना की मैं कोई जासूसी करती हु ,और अब जब काजल खान को अपने वस में कर रही है तो रश्मि के लिए सबसे बड़ा खतरा तो काजल ही है ,इसलिए वो अब काजल की जासूसी करवाती है लेकिन काजल शायद उसके उम्मीद से ज्यादा ही चालक है इसलिए उसने तुम्हे टारगेट करने की सौची लेकिन उसने गलतियां कर दी और तुम्हे सब कुछ पता चल गया …”उसने एक ही सांस में कह दिया
“तो तुम बस अगर पैसे के लिए काम करती हो तो क्यो ना मेरे साथी काम करो “
उसकी आंखे चौड़ी हो गई
“तुम्हारे पास है ही क्या देने के लिए “
मैं जोरो से हंसा
“शायद तुम्हे पता नही लेकिन अब अजीम से ज्यादा जायदाद मेरे पास है मैं तुम्हे पैसे से नहला सकता हु “
वो हक्की बक्की हो कर मुझे देखने लगी
“अजीम और खान के पास क्या है ???एक होटल केशरगड में ? एक होटल यंहा ?कुछ और बिजनेस जो की अभी पूरी तरह से घाटे में चल रहे है “
उसने हा में सर हिलाया ,वो एक C.A. के साथ काम करती थी तो मुझे यकीन था की उसे पैसे की भाषा अच्छे से समझ आएगी
“अब मेरी बात पहले ध्यान से सुनो फिर कोई फैसला करना ,मैं अभी केशरगड में था तुम्हे तो पता ही है की मैं काजल के बारे में पता करने की कोशिस कर रहा था वँहा मुझे जानती हो क्या पता लगा “
उसने ना में सर हिलाया लेकिन उसके चहरे से उसकी उत्तेजना और बेचैनी साफ साफ झलक रही थी
“मुझे ये पता लगा की काजल असल में होटल आदित्य के मालिक की बेटी है ,”उसके चहरे में कुछ खास प्रतिक्रिया नही आयी
“ये तो मुझे पहले से पता है ,की वो होटल पहले आकाश जी का था जिसकी बेटी काजल है लेकिन उन्होंने IAS ऑफसर बनने के बाद ही उसे बेच दिया और खुद वँहा से दूर चले गए “
इस बार मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया लेकिन मैंने उसे चहरे में लाने नही दिया
“उन्होंने वो होटल बेचा नही था बल्कि खान ने इसपर अपना अधिकार जमाया था ,साथ ही उसने यंहा की सभी प्रॉपर्टी पर भी अपना अधिकार जमाया जो की असल में काजल के पिता के ही नाम की थी ,तो उसकी असली मालिक कौन हुई काजल ही ना ,इसलिये ही काजल अपनी पूरी ताकत से खान को फसने पर तुली हुई है ,और जबकि आज भी उसके पास वो कागज है जिसपर खान ने आकाश जी से धोखे से साइन करवाये थे ,तो पहली चीज की काजल के लिए अब ज्यादा मुश्किल नही है की लीगली वो सब कुछ फिर से अपने नाम में कर सकती है ,और जबकि खान भी उसके झांसे में है अजीम तो उसका कुत्ता ही बना हुआ है वो जंहा बोलती है वो साइन कर देता है ,कुछ ही दिनों में सब कुछ ही काजल के नाम पर होगा वो भी बिल्कुल ही लीगल रूप से …….”
असल में मैंने ये कहानी बनाई थी मुझे भी नही पता था की असल में काजल को कितना सक्सेज मिला है या ये की वो असल में आकाश और मलीना की बेटी है भी की नही लेकिन मैंने जो पासा फेका मोहनी उसमे सच में ही फंस गई .उसका चहरा ही बतला रहा था की वो मेरी बातो पर यकीन कर रही थी …
“तो ..जब कुछ भी खान और अजीम का है ही नही तो कैसे वो रश्मि को मिलेगा ,साथ ही साथ हमारे पास ऐसा भी प्लान है की हम जब चाहे रश्मि और कपूर के पूरे बिजनेस को एक ही बार में तबाह करके यंहा के राजा बन सकते है ,अब तुम्हे सोचना है की तुम किसका साथ देना पसंद करोगी उगते हुई सूरज का या डूबते हुए सूरज का ……..
तुम्हे ये भी पता होगा की काजल के पिता एक IAS अधिकारी थे इसलिए सरकारी अमले भी उसकी बहुत ही पहचान है ,अगर उसके पास पैसा आ गया तो वो अपने हिसाब से सब कुछ चलाने लगेगी ,तब तुम कहा जाकर छुपागी ??”
मेरी बात में ऐसा कांफीडेंस था की मोहनी सच में डर गई..जबकि असलियत ये थी मुझे भी असलियत का कोई पता नही था ,लेकिन मेरा काम हो गया था
“हमारे साथ आ जाओ आज नही तो कल पैसे और पॉवर की कोई कमी मैं तुम्हे होने नही दूंगा ऐसे भी तुमपर तो मेरा दिल आ गया था ,जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था …..”
पहली बात की मैंने हमारे साथ कहा था मतलब मैं उसे बतलाना चाहता था की मैं और काजल अब एक ही हो गए है ,और काजल के हर एक्शन के बारे में मुझे पता है ,दूसरा मैंने जो दुसरी बात उसे कही उसकी तारीफ में उससे उसे ये जरूर लगता की मैं कुछ तो उस पर फिदा हु ,मैंने ये जानबूझ कर कहा था क्योकि मैं उसे दिखाना चाहता था की मैं भी अमीरों की तरह अय्यास हो सकता हु ,क्योकि अभी तक उसने लोगे के अमीरी और उनके अय्यास होने का ही फायदा उठाया था मैं भी चाहता था की वो मेरा फायदा उठाये...बड़ी अजीब बात थी लेकिन असलियत ये ही थी की अगर वो मेरा फायदा उठाएगी तभी वो मेरे नीचे आ पाएगी ,जिस्म से भी और दिमाग से भी ,मैं उसे अपनी गुलाम की तरह यूज़ करना चाहता था …और इसके लिए सबसे जरूरी था की मैं एक मालिक की तरह पेश आउ…
वो बहुत ही सोच में पड़ गयी थी उसे मेरी मालकियत का तो अहसास होने ही लगा होगा वो मेरे बातो से ही समझ आ रहा हटा की मैं उससे क्या चाहता हु …
“मुझे सोचना पड़ेगा “
“सोच लो लेकिन देर मत करना क्योकि तुम सोचती थी की तुम मेरे ऊपर नजर रखे हो ,जबकि तुम मेरे रेडर में हो ,मैं तुम्हरे हर एक मूवमेंट पर नजर रखे हुए हु ,”
वो चौकी
“तुम्हे क्या लगा थी की तुम्हारा यंहा आना महज इत्तेफाक था,तूम आओगी ये मुझे पहले से पता था इसलिए ही मैं यंहा आया वरना कब तुमने मुझे यंहा आते हुए देखा था,और इसलिए मैंने अपनी बहनों को भी अपने से दूर ही रखा था क्योकि मैं तुमसे अकेले में बात करना चाहता था “
उसका चहरा आश्चर्य से लाल हो गया उसकी आंखे बड़ी हो गई उसे यकीन ही नही आ रहा था की एक साधारण सा दिखाने वाला शखस उसकी जासूसी कर रहा है ,
असली बात ये थी की मुझे इस बारे में बिल्कुल भी पता नही था की वो आ रही है या वो मुझे यंहा मिल जाएगी लेकिन जब वो आ ही गई थी और मेरे हर झूट को मान ही रही थी तो मैंने ये पासा भी फेक दिया उसे सचमे लगा की मैं उसकी जासूसी कर रहा हु और उसके ऊपर नजर रखे हुए हु ,मेरी बहने पता नही क्यो अभी भी हमसे दुर थी और मोहनी को लग रहा था की ये भी प्लान किया हुआ है ताकि हम दोनो आपस में ज्यादा बात कर सके …
मैं अपनी बातो को मोहनी को समझने में सफल हो गया था
“तो तुम्हे जल्दी से ही फैसला लेना पड़ेगा अगर इसके बारे में रश्मि को पता लगा तो पहले तुम्हारा पति जायेगा फिर तुम ...ऐसे भी मुझे कई नेताओ और अधिकारियों को दावत देनी थी ,तुमसे अच्छी रंडी मुझे कहा मिलेगी उसने सामने परोसने के लिए “
मैंने अपने आंखों में बड़ी ही कमिनियत लायी जिससे वो कांप ही गई ,ऐसी बाते कोई साधरण आदमी तो नही कर सकता उसे ये अहसास हो गया की सच में मेरे पास कोई पवार आ गई है वरना उसे मेरे बारे में पता ही था की मैं कितना सीधा साधा आदमी हु ,से लगने लगा की सच में मेरे पास कुछ ऐसा है की ये सब कर भी सकता हु ,मेरा सीधा साधा होना फिर मेरा ये रूप बदलना उसे समझ आ रहा था जो की मेरे लिए अच्छी बात थी ...वो गिड़गिड़ाई
“नही देब ऐसा कुछ भी मत करना मैं रश्मि को कुछ भी नही बतलाऊंगी “
“ह्म्म्म तो सोचकर बताना अगर तुम हमारे साथ हो तो तुम्हे डरने की कोई भी जरूरत नही हम पहले की ही तरह दोस्त रहेंगे और मैं अपने दोस्तो का बहुत ही ख्याल रखता हु ,,,और अगर तुम्हे कोई गलती करने की कोशिस की तो याद रखना की दोनो ही होटलों में कई लोग मेरे ही दया से जॉब कर रहे है और वो अब मेरे साथ है ,और पूरे होटल के कैमरे का एक्सेस भी मेरे ही पास है इसके साथ ही सभी कमरों में रश्मि के कमरों में भी मैंने उसकी बातो को रिकार्ड करने की डिवाइस लगा के रखे है ,तुम मुझसे कभी नही बच पाओगी …….”
मैं हल्के से मुस्कुराया ,माना की ये सभी बाते गलत थी लेकिन मोहनी के चहरे से पता चल गया था की वो मेरी बात को मान चुकी थी ………..
उसके जाने के बाद मैंने एक गहरी सांस ली ,आज मेरी एक्टिंग मेरे काम आ गई अगर ये मेरे साथ आ जाए तो मैं इसे डबल एजेंट की तरह यूज़ करूँगा ,रश्मि को लगेगा की वो मेरे ऊपर नजर रख रही है वही मैं रश्मि के ऊपर नजर रख पाऊंगा ……..
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