RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
आज भी मेरे आने पर काजल नही आयी हुई थी ,होटल का काम बहुत ही बढ़ता जा रहा था,हमे आगे के प्लान को एक्सीक्यूट करने में मेहनत करनी पड़ रही थी ,हमारे पास कई नए इडियास थे,जिनपर हम धीरे धीरे से अमल करते जा रहे थे,मैं घर पहुचते पहुचते बेहद थक जाया करता था,वो शारीरिक ही नही मानसिक थकान भी होती थी ,और काजल को घर में ना देखने से एक जलन सी होने लगती…….
मैं जानता था की उसे रोक पाना अब मेरे लिए मुश्किल है और मैं तो अब उसे रोकना भी नही चाहता था,मैंने उसे उसकी जिंदगी में आजाद छोड़ दिया था,मैं अपने पति का धर्म निभाने को तैयार था लेकिन उससे उसके पत्नी धर्म निभाने की आशा छोड़ ही दी थी…….
हम दोनो के बीच में प्यार तो अब भी था लेकिन कई दीवार खड़ी हो गई थी ,मैं उस दिन को कोसने लगा था जब मुझे काजल की असलियत का पता चला,ना ही मुझे असलियत का पता चलता और ना ही मैं दुखी होता,जिंदगी ऐसे ही चलती रहती…………
खैर अब मेरे घर में मुझे सुकून पहुचने के लिए मेरी दो प्यारी बहने भी तो थी,मेरे जाते ही वो मेरी सेवा में लग गई कोई मेरे जूते उतार रहा था तो कोई चाय लाकर दे रहा था...उन दोनो को देखकर ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती थी…
मैं फ्रेश होकर खाना खाने बैठा था,आज तीनो ने साथ में ही खाना खाया,मैं जब सोने रम पहुचा तो कल की तरह ही निशा मेरे कमरे में आ गई,लेकिन आज उसके साथ पूर्वी भी थी…
मैं दोनो को ही आंखे फाडे हुए देख रहा था,वो दोनो इतनी बड़ी हो गई थी और मुझे पता ही नही चला…….
दोनो के जिस्म में भराव आने लगे थे,निशा जंहा पूरी तरह से भर गई थी वंही पूर्वी के नए नए विकसित अंगों में मादकता भर रही थी…
दोनो के ही स्तनों की ऊँचाई अच्छी खासी हो चली थी और नितम्भो में भी भराव आने से उनकी चाल में एक मटक पैदा हो गई थी ,जंहा निशा ने आज भी वही नाइटी पहनी थी वही पूर्वी एक स्लेवलेस स्पोर्ट टीशर्ट में थी जो की डीप नेक भी था और उससे उसके उजोर पूरे तने हुए दिखाई दे रहे थे,वही वो नीचे एक छोटी सी निकर पहने हुए थी ,जो उसकी कमर के नीचे की गोलाइयों का भरपूर नजारा दिखा रही थी ……
एक बार मैं दोनो को घूरता रहा फिर अपने दिमाग को झटका…
ये मुझे क्या हो गया ,मैं अपनी ही बहनों की जवानी को घूर रहा था…
दोनो मुझे ऐसा देखकर हल्के से मुस्कुराए और मेरे आजु बाजू आकर लेट गए ……..
पूर्वी ने जहा मेरे सीने में अपना सर रख लिया था वही निशा ऊपर उठाकर मेरे सर को दबाने लगी,मेरा सर अब उसकी गोद में था….
मेरे सर के बाल निशा के जांघो को रगड़ रहे थे और उसकी मुलायम सी त्वचा का आभास मुझे सुकून दे रही थी ….
“चलो बीवी नही है तो मेरी प्यारी बहनों के साथ कुछ समय तो बिताने मिल रहा है..”
मेरी बात से दोनो ही मुस्कुराने लगे .
“हा भइया भाभी होती तो ऐसे रूम में घुसने थोड़ी देते ,दरवाजा लगा के ..”पूर्वी बोलकर हँसने लगी लेकिन इस बात से निशा नाराज हो गई
“कुछ भी बोलती रहती है थोड़ी भी तमीज नही है “
“अरे बोलने दे ..मेरी प्यारी गुड़िया है ये ,कुछ भी बोल सकती है मुझे ..”मेरी बात से पूर्वी खुस होकर मुझे और जोरो से जकड़ लेती है ….
थोड़ी देर में ही पूर्वी नींद के आगोश में चली गई,ऐसे सो तो मैं भी गया था लेकिन मेरी नींद खुली जब निशा उसे उसके कमरे में ले जाने को उठा रही थी ,पूर्वी जैसे नींद में चल रही हो वो अपने कमरे में जाकर सो गई ,निशा उसे पहुचाकर फिर से आयी,और मेरे गले से लग गई,मैं अभी थोड़े नींद में तो था लेकिन मुझे ये पूरी तरह से पता था की ये निशा ही है,मैंने भी उसे जकड़ा,उसकी झीनी नाइटी की वजह से उसके यौवन के सभी उभारों का आभास मुझे हो रहा था,लेकिन वो मेरी बहन थी मेरी सगी बहन ..
“भइया …”
“ह्म्म्म “
“ये भाभी रात रात भर कहा रहती है आप उसे कुछ बोलते क्यो नही हो “
उसके सवाल ने मेरे होशं ही उड़ा दिए ,जैसे नींद में किसी ने पानी डाल दिया हो ..
मैं जानता था की निशा अब बड़ी और समझदार हो गई है,वो चीजो को समझने लगी है और दो दिनों से उसका यू मेरे पास आकर सोना निरर्थक तो नही हो सकता ,जरूर कुछ बात तो थी ,
“अरे काम होता है ना तू तो जानती है ना “
“हा जानती हु लेकिन फिर भी भइया ,आप तो रात में आ जाते हो ,और आपको नही लगता की भाभी का काम अभी अभी ज्यादा बढ़ गया है ,पहले तो वो भी रात में आ जाया करती थी लेकिन कुछ दिनों से उनका रात रुकना कुछ ज्यादा ही हो गया है “
निशा की चिंता बेवजह तो नही थी लेकिन मैं उसके नजरो में काजल को गिरा तो नही सकता था……
“अरे तू भी कहा की बातो में पड़ गई ,चल सो जा “
“नही भइया ये बेवजह की बात नही है ,ऐसे में आपकी और भाभी की शादी शुदा जिंदगी भी प्रभावित हो जाएगी “
उसकी बात से मैं चौक गया ,ये मेरी वही छोटी बहन है जो कभी मेरी गोद में खेला करती थी ,ये इतने समझदारी की बाते कर रही है,हा अब वो कालेज जाने लगी है और उसका शरीर भी किसी औरत की तरह विकसित हो चुका है,शायद उसे सभी चीजो का ज्ञान भी हो ,लेकिन फिर भी थी तो वो मेरी छोटी बहन ही ,मेरे लिए ये समझना हमेशा ही मुश्किल रहेगा की वो बड़ी हो गई है ..
“प्लीज़ भइया बताओ ना कही कोई प्रॉब्लम तो नही है “
“नही मेरी जान कोई प्रॉब्लम नही है बस कुछ ही दिनों की बात है उसके होटल में कोई जरूरी काम चल रहा है “मैं उसे अपने से और भी सटाते हुए बोला...लेकिन मेरे मन में कई बाते चल रही थी ,मुझे काजल से बात करके ये सब बंद करवाना होगा कम से कम रात रुकना कम करवाना ही होगा,मैं नही चाहता की मेरी बहनों को ये पता चले की उनकी भाभी कैसे काम कर रही है,
मैं सोने की कोशिस कर रहा था पर मेरी आंखों से नींद काफी दूर हो चुका था….
तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी ,नंबर देखकर मैं हैरान हो गया,ये रश्मि थी इतने रात को क्या हो गया इसे ,मैं बुझे हुए मन से फोन उठाया मुझे लगा की शायद कोई काम आ गया होगा…
“हैलो देव …”
“हा रश्मि “
“तुम जल्दी से आ जाओ बहुत गजब हो गया “
मैं हड़बड़ाया और रश्मि मुझे देखकर मेरे ऊपर से उठ गई
“क्या क्या हो गया …”
“यार छापा पड़ा है ..”
मेरी फट के चार हो गई अभी अभी तो वो काम शुरू किया था और अभी छापा भी पड़ गया ..
“खान के होटल में “
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