RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
शुरू में तो उसकी यह हालत थी कि बस अभी रस निकला, पर बड़ा कँट्रोल करने के बाद कमल अब बड़े आराम से उसकी चिकनी मखमली चूत पर अपना लंड घिस रहा था। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि कलपना करना भी मुशकिल है। सिगरेट खतम होने के बाद कमल ने अपने मुँह में उसकी चूँची भर ली और जोर-जोर से चूसना चालू कर दिया। चूचियों का टेस्ट इतना नशीला था कि इतनी देर से रोका हुआ उसके लंड का लावा पूरा सोनल के पेट पर निकल गया और कमल भी परवाह किये बिना सोनल कि तन्नाई हुई चूचियाँ चुसने में लगा रहा। कमल ने किताबों में सिर्फ पढ़ा था कि जवान चूँची चूसने से लंड तन्ना जाता है पर उसने तो उस समय खुद अनुभव किया कि मादरचोद मुश्किल से तीन या चार मिनट में फिर से गन्ना बन गया। कमल ने उठ कर कपड़े से सोनिया का पेट साफ करा और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनल के होंठों पर घिसने लगा। क्या सनसनाहट हो रही थी कि उसका लंड और कस गया।
करीब पाँच-दस मिनट बाद उसने सोनल कि टाँगें खोलीं और उसकी जाँघों को चूसता हुआ अपनी जीभ उसकी चुत पर ले गया। कमल ने भी अपनी जीभ की धार सोनल के चुत की दरार पर खूब घीसी। बाद में जब मस्ती बढ़ गयी तब उसने अपने होंठ पूरे चौड़े किये और सोनल की मस्तानी चूत अपने मुँह में भर ली और चूसाई चालू कर दी। क्या मादक सुगँध आ रही थी। कमल तो जन्नत में था। करीब आधा घंटा चुत का मज़ा अपनी ज़ुबां से लूटने के बाद कमल उसकी खुली टाँगों के बीच बैठ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा सोनल की चूत के लिप्स खोल कर घिसने लगा। थोड़ी ही देर में लौड़ा इतना उबाल खा गया कि इससे पहले कमल रोक पाता सोनल के खुले लिप्स के उपर ही उसका लंड झड़ गया। कमल ने करीब दो घँटे सोनल के शरीर के साथ जी भर के खेला, और बाद में फिर से उसे पैंटी पहना कर और नाइटी ढँग से बंद कर के कमल बाहर आ गया और टी.वी. देखने लग गया।
सोनल करीब शाम को 7 बजे उठी और उन ही कपड़ों में उसके पास आ कर बैठ गयी और बोली कमल शरीर बहुत दुख रहा है!
कमल ने कहा, कोई नहीं सोनल थोड़ा सा सुस्ता लो अभी आप बस से आयी हो इसके लिये थकान ज्यादा हो गयी है!
सोनल वहीं पर उसकी जाँघों का सहारा ले कर लेट गयी और सुस्ताने लगी। थोड़ी देर बाद वो उठी और फ़्रैश होने के लिये चली गयी। शाम के साढ़े सात बज चुके थे। कमल आरती के कमरे से व्हिस्की की बोत्तल ले आया और अपने लिये एक पैग बनाया और टी. वी. देखने लगा। इतने में सोनल बाहर आयी और उसे व्हिस्की पीते देख बोली, कमल तुम कब से पीने लग गये, मैं अंकल से तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।
कमल ने कहा, सोनल जी आपकी मम्मी को मालूम है। मैं कभी-कभी उनके साथ छुप कर पी लेता हूँ।
कमल ने सोनल को नहीं बताया कि उसकी मम्मी ने ही उसे हफ़ते भर पहले पीना सिखाया है। और मेरी प्यारी सोनल आप क्या मेरी शिकायत करोगी!
सच में? रियली? तब सोनल बड़े ही शरारती मूड में उससे बोली, एक शर्त है! तुम्हें मुझे भी टेस्ट करानी पड़ेगी।
कमल को तो जैसे मन माँगी मुराद मिल गयी। उसने कहा चलो आप बैठो। मैं आपके लिये एक पैग बना कर लाता हूँ।
कमल ने अंदर जा कर तीन पैग के बराबर एक पैग बनाया और बाहर आ कर सोनल को दे दिया। सोनल एक दम कमल के बगल में बैठी और पहला घूँट उसने ऐसे पीया जैसे कोई कोका कोला हो। पूरा आधा ग्लास एक झटके में पी गयी। फिर बोली, क्या कमल यह तो बहुत स्ट्राँग है!
कमल ने कहा, कोई नहीं, आराम से एक-एक घूँट भर के पियो, तब आपको मज़ा आयेगा!
टी.वी. पर रोमाँटिक फिल्म चल रही थी। कमल आरती के रूम से जा कर सिगरेट ले कर आ गया। सोनल पर अब खुमारी चढ़नी चालू हो गयी थी। कमल ने जब अपने लिये एक सिगरेट जलाई तो वो बोली, कमल ये तुम्हें को क्या हो गया है, पहले शराब, फिर सिगरेट!
कमल ने कहा, सोनल शराब का मज़ा दुगना हो जाता है स्मोक करने से!
सोनल ने कमल के हाथों से सिगरेट छीन कर एक जोरदार कश लगाया। पहली बार पीने के कारण उसको खाँसी लग गयी। कमल एकदम घबरा उठा और उसकी पीठ सहलाने लगा और पेट के ऊपर हाथ ले जा कर उसे पीछे आराम से सोफे पर बैठाने की कोशिश करने लगा। नाइटी का कपड़ा चिकना होने के कारण उसके हाथ फिसल गये और उसकी पूरी लैफ्ट साइड की चूँची कमल के हाथ में आ गयी। सोनल ने उसका कुछ बूरा नहीं माना और कमल भी उसकी चूँची दबाये हुए सोफे पर पीछे खींच लाया और बोला, सोनल!
ऐसे थोड़ी पी जाती है! देखो मैं बताता हूँ कि कश लिया जाता है!
सोनल शायद खाँसी से थोड़ा घबरा गयी थी। इस कारण वो कमल की बाहों का सहारा ले कर उसके आगोश में बैठ गयी। पहले तो कमक ने उसे उसका पैग दिया और बोला,
लो एक घूँट लगा लो, थोड़ा सा आराम मिलेगा और फिर एक कश लगाओ।
दो-तीन बार कश लगाने के बाद सोनल को मज़ा आने लगा और बोली, कमल मुझे एक पैग और दो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है!
कमल ने फिर से पहले जैसा पैग बना कर सोनल को दे दिया। अब वो पैग और सिगरेट तो ऐसे पी रही थी जैसे कब से उसकी आदत हो और अब वो थोड़ा मस्ती में भी आ गयी थी। अचानक उसने कमल से पूछा, कमल! क्या तुम्है मेरी चुत की याद नही आई, मेरी चुत इतनी बुरी थी कि तुमने उसकी कदर नही करी और छोड़ कर चले गए थे ?
कमल तो सोनल के मुँह से यह सुन कर हक्का बक्का रह गया। उसे उम्मीद ही नही थी कि सोनल खुद उसके लिए इतना सोच रही है।
कमल ने कहा, नही सोनल मैं बेवकूफ था जो तुमसे दूर चला गया, यहा से जाने के बाद तुम्हारी कीमत मालूम चली, प्लीज् मुझे माफ़ कर दो। लेकिन अभी अचानक ये सब क्यो पूछ रही हो।
सोनल बोली, इसलिये पूछ रही हूँ कि मुझे पता है! कि तुम और मम्मी फिर से साथ हो और मुझे शामिल नही किया अभी तक। मुझे अपनी चुत में लण्ड लेने में बड़ा मज़ा आता है। बताओ ना कमल ये लंड फिर दोगे मुझे?
कमल को सोनल के इस बात पर हँसी आ गयी।
कमल ने भी सोचा कि मौका अच्छा है और सोनल को बोला कि, मैं आपको अपना लंड दूँगा लेकिन आरती चाची को अभी मालूम नही चलना चाइए?
सोनल फट से बोल पड़ी, जो तुम कहो वैसा ही करुँगी।
कमल ने कहा, जो मैं बोलूँगा आपको मेरी बात माननी पड़ेगी और जैसे-जैसे मैं कहूँ वैसे ही आपको करना पड़ेगा। बोलो तैयार हो तो मैं अपना लंड दिखाऊँ।
सोनल तो एकदम उतावली हो रही थी। कमल
ने उसे अपने सामने खड़ा करा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और अपने दोनों हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसके मस्त चूत्तड़ों को दबाने लगा। सोनल ने भी अपना मुँह खोल दिया था और कमल बड़े आराम से उसकी जीभ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद कमल ने अपने हाथ उसकी पैंटी पर से हटाये और उसकी नाइटी खोल दी और उसको सिर्फ पैंटी पहने रहने दिया। कमल ने भी उसको छोड़ के अपने बदन पर अंडरवीयर के अलावा सारे कपड़े उतार दिये।
सोनल को शराब के नशे में होश भी नहीं था कि कमल उसको नंगा कर चुका है। बाद में कमल ने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी दरार पर अपना हाथ फेरने लगा। जैसे ही कमल ने उसकी दरार पर हाथ फेरा तो सोनल का थोड़ा सा नशा टूटा और वोह बोली, क्या कमल तुमने मुझे तो नंगा कर दिया पर अभी तक अपना लंड नहीं दिखाया। यह बात गलत है!
कमल ने जल्दी से अपना अंडरवीयर उतारा और अपना मोटा तगड़ा तंदुरूस्त लंड उसके हाथों में दे दिया। सोनल को तो मानो लकवा मार गया। वो बोली, कमल यह इतना सख्त बड़ा और मोटा कैसे हो गया!
तब कमल ने सोनल को बड़े प्यार से अपनी जाँघों पर बिठाया और उसकी पुश्त चूचियों को अपने हाथों में भर कर बोला,
मेरी प्यारी बहना! य़े तो आपको नंगा देख कर इतना बड़ा हो गया है। मर्दों को जब चूत नहीं मिलती और बहुत जोश में होते हैं
सोनल हंसते हुए बोली, कमल मैं बच्ची नहीं हूँ तुमसे पहले भी चुद चुकी हूँ और में जानती हूँ ये लण्ड ऐसे नही बड़ा हुआ है
कमल ने कहा, आप अभी यह मत सोचो, समय आने मालूम चल जाएगा पर आप अभी बड़े प्यार से अपने अंदर लो इसको, या अभी और तरसोगी। पर अभी आप वक्त मत खराब करो। अभी आप इसे लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में लेकर चूसो और जब तक मेरा जूस नहीं निकल जाता, आप इसे चूसती रहना और मेरा पूरा जूस पी जाना और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो। मैं भी आपकी चूत का पानी पीना चाहता हूँ।
सोनल को मुँह में लेने में थोड़ी सी तकलीफ हुई क्योंकि उसका लंड मोटा था और अभी उसका मुँह छोटा था पर धीरे-धीरे सरकाने पर वो बड़े आराम से अपना मुँह ऊपर नीचे करते हुए चूसने लगी। कमल ने भी सोनल के दोनों चूत्तड़ अपने हाथों में ले लिये और उनको मसलते हुए उसकी ताज़ी जवान खुशबूदार चूत पर अपने होंठ चिपका दिये और सोनल की तरह कमल भी उसकी चूत तबियत से चूसने लगा। करीब आधा घँटा एक दूसरे की चूसाई के बाद कमल का लंड अपनी धार उसके ताजे मुँह में देने को तैयार था और इधर सोनल का भी मस्ती के मारे बुरा हाल था। वो अब आगे-पीछे होते हुए उसके मुँह पर अपनी बूर जोर से घिस रही थी। कमल ने उसका सिर अपने हाथ ले जा कर लंड पर दबा दिया और पिचकारी छोड़ दी। सोनल ने भी लंड बाहर नहीं निकाला और उसका पूरा जूस पी गयी। कमल ने भी अपनी जीभ की स्पीड और बूर की चूसाई तेज़ कर दी और तभी सोनल ने अपने मुँह से उसका लंड निकाला और जोर से किलकारी मारते हुए उसके मुँह में अपना जूस निकाल दिया। फिर दोनों थोड़ी देर इस अवस्था में पड़े रहे और फिर बाद में नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सोफे पर बैठ गये और स्मोक करने लगे।
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