Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:43 PM,
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
“अच्छा भाभी… आप मुझे सिखाओगी कि लंड कैसे चूसते है?”, सोनल ने पूछा. तो रश्मि ने नटखट आँखों से उसकी ओर देखा और बोली, “चुप कर… कुछ भी कहती रहती है. मैं नहीं सिखाने वाली तुझे.”

“भाभी… क्यों इतने नखरे दिखा रही हो? ज़रा सिखा दोगी तो तुम्हारा कुछ बिगड़ जाएगा क्या?”, सोनल ने रश्मि का हाथ पकड़ते हुए कहा और अपनी भाभी के तन से बिलकुल चिपक गयी. रश्मि बेचारी क्या करती और उसने नज़रे झुकाकर हाँ कर दी. अब सोनल अपनी भाभी के कुछ कहने का इंतज़ार करने लगी. और रश्मि ने बिस्तर पर बैठकर अपने आँचल को संवारा और आँखें बंद कर बोली, “ठीक है तो तू सुन…”



“पर आँखें क्यों बंद कर रही हो भाभी?”

“मैं आँखें खोलकर तेरे सामने नहीं कह सकती. तुझे सुनना है तो सुन.”, रश्मि बोली.

“ठीक है. तुम आँखें बंद कर के ही सिखा दो.”, और सोनल अपनी भाभी से चिपक कर बैठ गयी.

“सबसे पहले उनके बेहद करीब जाना… इतने करीब कि तुम्हारे बूब्स उनके सीने से लग जाए. फिर उनकी बांहों को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनके तन से लगकर खड़ी हो जाना. और फिर उनकी नजरो में देखते हुए उनके होंठो को चूमना”

रश्मि की बात सुन सोनल ने रश्मि की ब्लाउज की आस्तीन पर से उसकी दोनों बांहों को पकड़ा और उसे बिस्तर से उठाया और रश्मि के सीने से चिपक गयी. रश्मि की आँखें अब भी बंद थी और उसे समझ नहीं आया कि सोनल क्या कर रही है. पर सोनल अपनी भाभी के बूब्स से अपने बूब्स दबाकर बेहद करीब आ गयी और अपनी भाभी के मुलायम होंठो पर अपने होंठो से हल्का सा चुम्बन देकर बोली, “ऐसे?”

सोनल की गर्म सांसें और बूब्स को अपने सीने पर महसूस कर रश्मि एक बार फिर नर्वस होने लगी. और वो अपनी आँखें बंद की रही. सोनल मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं करेगी? ऐसे विश्वास के साथ रश्मि गहरी सांसें लेने लगी.

“इसके बाद क्या करना है भाभी?”, सोनल ने जब कहा तो रश्मि जैसे वापस होश में आते हुए बोली, “… और फिर… और फिर… धीरे धीरे उनके तन पर हाथ फेरते हुए उनकी पेंट के उस हिस्से पर ले जाना और उसे ऊपर से ही पकड़ने की कोशिश करना. इस वक़्त उनका लंड धीरे धीरे कर खड़ा होने की कोशिश करेगा.”

तो सोनल भी अपनी भाभी की साड़ी पर से ही उनके तन पर हाथ फेरते हुए उनकी कमर के निचे उस हिस्से तक ले गयी जहाँ प्लेट के पीछे रश्मि का लंड छुपा हुआ था. उसके ऊपर हाथ फेरते हुए सोनल ने धीरे से रश्मि के लंड को साड़ी के ऊपर से ही पकड़ने की कोशिश की. रश्मि भाभी का लंड इस वक़्त मुलायम से थोडा सख्त होने लगा था. “और आगे भाभी…”, सोनल आंहे भरती हुई बोली.

“… और फिर धीरे धीरे अपने बूब्स को उनके तन से दबाकर पूरे शरीर को छूते हुए निचे अपने घुटनों पर चली जाना.” और सोनल ने वैसा ही किया और अपने बूब्स अपनी भाभी के कोमल तन पर दबाने लगी. रश्मि के बूब्स तो वैसे ही सोनल के स्पर्श से सख्त हो गए थे और उसके निप्पल भी फुल गए थे. रश्मि की साँसे गहरी हो चली थी. सोनल उसके जिस्म को गर्म जो कर रही थी. रश्मि की साड़ी पर सोनल के फिसलते हुए बूब्स धीरे धीरे उसके लंड के पास पहुच गए.

“अब उनके लंड को फिर से अपने हाथो से उनकी पेंट के ऊपर से ही सहलाना.. जब तक वो थोडा और सख्त न हो जाए.” रश्मि की बात सुन सोनल ने एक बार फिर रश्मि की साड़ी की प्लेट के बीच हाथ डाला और ऊपर से ही उनके लंड को सहलाने लगी. रश्मि का लंड अब और सख्त हो चला था. उसके स्तन भी अब फुल गए थे और उसका ब्लाउज अब गहरी साँसों की वजह से उसे और टाइट लग रहा था. आज तक रश्मि को इसके पहले किसी लड़की ने इस तरह छुआ नहीं था. वो तो हमेशा से ही अपने पति की ही थी. पर उसकी ननद सोनल आज उसे बेहद उकसा रही थी. सोनल को भी अपनी भाभी की सैटिन साड़ी को छूने में मज़ा आ रहा था. वो भी उत्सुक थी जानने के लिए कि उसकी भाभी का लंड आखिर कैसा है. छूने पर तो रश्मि का लंड सोनल को बड़ा ही लग रहा था पर उसने अब तक उसे देखा नहीं था. वो तो जैसे उसे देखने को बेताब हो रही थी. साड़ी में उसकी भाभी के लंड की उभरती हुई आकृति उसे उकसा रही थी.

रश्मि और सोनल… इन दोनों औरतों को एहसास ही नहीं रहा कि ये जो वो कर रही थी उन्हें इस तरह मदहोश करने लगेगा. इसके पहले न कभी रश्मि का और न ही सोनल का किसी औरत में इंटरेस्ट था… फिर भी दोनों इस तरह मदहोश हो रही थी.

“… और अब उन्हें कमर से पकड़ कर धीरे से धक्का देकर बिस्तर पर लेटा देना और प्यार से उनके ऊपर चढ़ जाना.”

सोनल ने रश्मि की बात सुन रश्मि की कमर पर हाथ फेरा और फिर उनकी साड़ी हटाकर अपने होंठो से उनकी नाभि को चूम लिया और फिर अपने दोनों हाथो से भाभी की कमर को पकड़कर उन्हें बिस्तर पर लिटा उनके ऊपर चढ़ने लगी.

“.. अब धीरे धीरे उनके पैरो को छूते और चुमते हुए उनकी कमर तक जाना.” रश्मि की आवाज़ अब मदहोशी भरी हो गयी थी. बंद आँखों के साथ उसकी आवाज़ कांपने लगी थी.

और सोनल ने वैसा ही किया. उसने अपनी भाभी की साड़ी से लिपटी हुई टांगो को अपने बूब्स से छूते हुए ऊपर बढ़ने लगी… अपने हाथ से उनकी जांघो पर लिपटी हुई साड़ी को फेरने लगी और धीरे धीरे आगे बढ़कर उनकी कमर तक जा पहुंची जहाँ उसने अपनी भाभी की नाभि और थिरकती कमर को खूब चूमा. रश्मि ने अपने लंड के इतने पास सोनल को चुमते हुए महसूस किया तो वो और मचल उठी… और खुद अपने हाथो से अपने ब्लाउज पर से अपने बूब्स को मसलने लगी. पर सोनल तो अपनी भाभी को और तडपाना चाहती थी इसलिए उसने अपनी भाभी का हाथ उनके बूब्स पर से हटा दिया.

“.. अब उनके पेंट की ज़िप खोलकर उनके लंड को धीरे से बाहर निकालना.”, रश्मी आगे सोनल को बताती रही.

रश्मि भाभी ने तो पेंट पहनी नहीं थी इसलिए सोनल उनकी साड़ी के निचे से हाथ ले जाते हुए उनकी साड़ी को ऊपर उठाने लगी और उनके मखमली पैरो को छूने लगी और फिर उनकी जांघो पर अपने हाथ फेरने लगी. रश्मि अब पूरी तरह मचल उठी थी… वो तड़प रही थी कि कब सोनल उसके उफनते हुए लंड को पकडे पर सोनल अपनी भाभी को और उकसाती रही. कुछ देर जांघो को छूने के बाद सोनल ने रश्मि की साड़ी को और ऊपर उठाया और उनकी पेंटी पर उभरे हुए लंड को अपने हाथो से छूने लगी. अब तो उनके लंड का आकर उस पेंटी में साफ़ दिख रहा था. सोनल खुद अब उसे निकाल कर छूने को बेचैन हो गयी थी. उसने अपनी भाभी की पेंटी को निचे कर अपनी भाभी का लंड बाहर निकाल दिया… जिसे देखकर सोनल की आँखों में चमक आ गयी.

आज तक सोनल ने बहुत से लडको के लंड देखे थे और उनसे चूदी भी थी. पर ये लंड बेहद ख़ास था… गुलाबी और साफ़ सुथरा.. जिसके आसपास एक भी बाल न था. चमकदार, गुलाबी, और बेहद सुन्दर लंड था वो… इतना साफ़ तो उसे कोई रश्मि की तरह की औरत ही रख सकती थी. सोनल उसे तुरंत चूस लेना चाहती थी पर उसे तो अभी अपनी भाभी को और तडपाना था.

“.. अब वो लंड तुम्हारे होंठो के लिए बेताब हो रहा होगा. पर तुम उसे कुछ देर अपने हाथो से छूना…” रश्मि बंद आँखों से मदमस्त होते हुए बोली और अपने होंठो को खुद ही कांटने लगी.

सोनल ने भी वैसा ही किया और उसकी आँखों के सामने वो लंड और मचलने लगा.

“अब उस लंड के चमकते हुए गोल हिस्से को अपने होंठो से सिर्फ चूमना ताकि वो और बेताब हो..”, रश्मि बोली.

उफ़… सोनल के लिए खुद को उस लंड को चूसने से रोक पाना बेहद मुश्किल हो रहा था पर उसने सिर्फ उसे चूमा. तो वो लंड और मचलकर हिलोरे मारने लगा.

“… अब भी यदि लंड पूरी तरह सख्त न हुआ हो तो उसे अपने स्तनों के बीच दबाते हुए… उसे और उकसाना..” मदहोश होते हुए भी सोनल को सही तरीका सीखा रही थी.
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