RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
आरती केशव की बात सुनकर बहुत गुस्सा हुई कि रवि अभी भी खुद को नही सुधार रहा है तो आरती केशव से चुदने के लिए तैयार हो गई, क्योंकि उसे भी पता था कि उसका पति वैसा ही है जैसा केशव ने उसे सब कुछ बताया और अब आरती ने देखा कि केशव ने रवि को पूरा नंगा करके कुर्सी को बांध दिया है तो
आरती उससे बोली कि मैं उसे ऐसा दिखाउंगी कि तुम मुझसे यह सब ज़बरदस्ती कर रहे हो।
आरति ने उसका पूरा पूरा साथ देने का वादा किया।
फिर केशव ने कहा कि ठीक है और अब केशव भी पूरा नंगा हुआ तो आरती ने देखा कि उसका लंड भी साईज में बड़ा, मोटा और अच्छा है।
फिर केशव ने थोड़ा पानी रवि के मुहं पर डाला तो वो अब धीरे धीरे अपने होश में आने लगा, लेकिन मुहं पर पट्टी बंधी होने के कारण वो कुछ बोल ना सका और बस चुपचाप देखता ही रहा l
अब केशव ने आरती को चाकू दिखाकर आरती के जिस्म को मसलना शुरू किया और उसके बूब्स को दबाया और करीब 15 मिनट तक लगातार आरती के जिस्म के हर एक अंग को चाटा और उसके बूब्स को तो चूस चूसकर लाल कर डाले और अब बारी थी आरती की चूत की, आरती की चुत एकदम नाजुक गुलाब की तरह उससे कामुक कर देने वाली खुश्बू निकल रही थी l
वो अंदर से बहुत खुली हुई थी, लेकिन केशव को देखने से पता चला कि उसकी चूत चोदने में बहुत ज़बरदस्त थी और केशव ने उसकी चूत को चाट चाटकर एकदम लाल कर दिया था। वो सिर्फ़ ऑश ओहहहह आईईइ छोड़ दो मुझे प्लीज आह्ह्हह्ह मेरे साथ ऐसा मत करो कर रही थी।
यह सब काम रवि की कुर्सी के ठीक सामने ही चल रहा था, लेकिन रवि एकदम लाचार, मजबूर वो अपनी पत्नी को केशव से चुदता हुआ देख सकता था, लेकिन उसकी कोई भी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकता था और वो दोनों भी यही चाहते थे और अब तक सब कुछ एकदम ठीक ठाक चल रहा था।
फिर केशव ने एकदम से आरती के पैरों को पकड़कर एकदम से पूरी तरह से खोल दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और फिर केशव ने चूत के मुहं पर लंड को रखकर एक ही जोरदार झटके से पूरा का पूरा लंड, चूत में उतार दिया।
तो आरती के मुहं से बहुत ज़ोर की चीखने के साथ साथ बहुत बार अजीब सी आवाजे भी निकाली उह्ह अफफ्फ्फ माँ ऑश ओहहह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो उह्ह्हह्ह्ह्ह वरना में मर जाउंगी, छोड़ दो मुझे, प्लीज अब बाहर करो, इसे मेरी चूत फट जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में केशव आरती के बदन पर पड़ा रहा l
केशव ने आरती को 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, उसके मुहं को चाटते हुए, उसके कान को काटते हुए, उसके बूब्स को दबाते मसलते हुए केशव ने उसे लगातार धक्के देकर चोदा, क्योंकि केशव का चुदाई के समय झड़ने का समय रवि से बहुत ज़्यादा था।
केशव बहुत देर तक आरती की चूत पर टिका रहा और अब उसकी चूत तो ढीली हो गयी और उसकी गरम गरम सांसे केशव को और भी जोश दे रही थी और आरती के जिस्म की खुश्बू तो जैसे केशव उस समय जन्नत में था। अब आरती को भी केशव की चुदाई करने से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन आरती अपने पति रवि को दिखने के लिए केशव के हर एक धक्के पर चीखती चिल्लाती रही l
जिससे रवि को लगे कि यह सब काम जबरदस्ती हो रहा है और केशव उसे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ने लगा और केशव ने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया और केशव 5 मिनट तक उसके ऊपर ही लंड को चूत में डालकर पड़ा रहा। फिर आरती केशव के कान में बोली कि वाह यार तुम तो बहुत अच्छा चोदते हो, लेकिन अब बस करो।
तो केशव ने कहा कि अभी तो एक बार और भी चुदाई होगी और फिर दोनो उठे और देखा तो रवि का लंड भी उठा हुआ है और वो नज़ारा तो बहुत जबरदस्त था। केशव ने फिर से अपना लंड आरती के मुहं पर रगड़ा आरती के गुलाबी होंठो पर अपना पूरा लंड घुमा रहा था, लेकिन केशव ने आरती के मुहं में नहीं दिया। शायद उसे डर था कि कहीं आरती काट ना ले और बीच में रखी हुई एक टेबल पर आरती का एक पैर रख दिया और केशव उसके ऊपर चढ़कर उसके पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल रहा था।
तभी आरती उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ ऑशओह उह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो मुझे कर रही थी और वो हर बार रवि की आखों में देख रही थी और उसकी चूत को तो केशव पीछे से धक्के देकर फाड़ रहा था और बहुत देर बाद केशव ने उसकी चूत में ही एक बार और अपना वीर्य डाला और फिर आरती को बहुत देर तक रगड़ा।
उसकी टाईट गांड में लंड डाला और अब केशव आरती की गांड को फाड़ रहा था, लेकिन आरती बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। उसके बूब्स पर केशव के दोनों हाथ गोल गोल घूम रहे थे और रवि अपना लंड खड़ा करके रो रहा था। केशव ने इस बार झड़ने से पहले अपना लंड आरती की गांड से बाहर निकाला और रवि के मुहं पर झड़ गया और कपड़े पहनकर आरती के कान में बोला कि अब तू उसे समझा देना कि मैंने आज तुझे क्यों चोदा?
केशव ये बोल कर वहा से निकल गया, आरती ने खुद को संभालने की एक्टिंग की ओर रवि को खोल दिया,
रवि ने खुलते ही अपने मुह को साफ करने की वाश बेसिन पर दौड़ा, अपने को साफ करके आरती के पास आया, और उससे पूछने लगा कि कोन था ये,
आरती--मुझे क्या मालूम कौन था, तुम्हारा ही जानकार था कोई,
रवि--मेरा कौन जानकार?
आरती--जिसकी बीबी को तुम नोकरी के रौब दिखाकर चोद कर आये थे वो बदला लेने आया था और बोल कर गया है कि अब अगर आगे तुमने कुछ किया तो वो फिर उसका बदला लेगा।
रवि--क्या ये शुभांगी का पति था?
आरती--कौन शुभांगी?
रवि--वो वो अभी एक लड़की रखी है शोरूम पर।
आरती--तो तुमने उसके साथ भी। तूम नही सुधरोगे।
आरती वहा से निकल जाती है और उप्पेर कमरे में चली जाती है,
आरती अंदर बेड पर लेट कर सोचती है कि उसने ना चाहते हुए भी बदले की भावना में आकर अपनी चूत को कुर्बान कर दिया। उसे अपनी मस्त वाली चुदाई की मन ही मन ख़ुशी भी थी, लेकिन चुदाई खत्म होने के बाद में थोड़ा सा दु:ख भी हुआ, लेकिन अब सोचने के क्या फायदा था वो तो अपना काम कर गया था और वो उसके लंड से चुदकर अपने आप को बहुत संतुष्ट समझ रही थी। ऐसा सुख अगर उसे अपने पति से पहले ही मिला होता तो क्यो वो बाहर गंदे आदमीयो से अपनी चुदाई क्यों करवाती? लेकिन जो भी हुआ सब ठीक हुआ ।। इससे कुछ तो अक्ल लगेगी रवि को।
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