RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
सुबह आरती के उठने से पहले ही रवि जा चुका था।
आरती फ्रेश होकर नीचे आती है, डाइनिग टेबल पर सोनल बैठी थी, किचन में जया काकी थी , आरती ने उससे च्याय के लिए बोला, और टेबल पर आकर बैठ गयी।
आरती ने जरा गौर से किचन में देखा लेकिन रामु उसे वहा नही दिखा। आरती ने सोचा कि शायद काल रात के हादसे के बाद गायब हो गया है।
सोनल ने आरति को बताया कि पापा उसे बोलकर गए है कि आज उनके मेहमान आएंगे तो उनका कमरा और लंच तैयार रखे।
आरती कुछ जवाब नही देती है। और चाय पीकर वापिश अपने कमरे में चली जाती है, और बेड पर लेट कर कल रात की बात सोचने लगती है, सोचते सोचते उसकी आंख लग जाती है, आरती की आंख दोपहर में नीचे हलचल से खुलती है, आरती नीचे आकर देखती है तो वो विदेशी लोग आए हुए थे तो आरती देख कर हैरान रह गई। तीन लड़के अंग्रेज़ और एक हब्शी, सब के सब 25 से 30 के बीच थे। एक बार उनको देख कर तो कल रात के हादसे को भूलकर आरती के मुँह में भी पानी आ गया, मगर जब उसने अपनी बेटी सोनल को देखा तो उसके चेहरे पर जो खुशी देखी, उसे देख कर तो एक बार आरती भी हैरान सी हो गई। उसकी आँखों में भी वही चमक थी, जो उसकी आँखों में थी।
आरती ने सोचा--क्या मेरी बेटी भी चुदाई की आदि हो गई है, जो इन नौजवान लड़कों को देख कर मुस्कुरा रही है। क्या इसका दिल भी इनको देख कर धड़का है, मैं तो ये सोच कर मुस्कुराई थी कि अगर इन लड़कों में से किसी एक से भी चुदने का मौका मिल जाए तो मज़ा आ जाए। मैं भी कह सकूँ के मैंने अंग्रेज़ से या हब्शी से चुदवाया है, मगर मेरी नन्ही सी परी सोनल उन्हे देख कर क्यों मुस्कुराई? क्या वो भी उनसे चुदने का सोच रही थी, या सिर्फ दोस्ती करने का।
मगर जो भी हो दोस्ती, प्यार… सबकी आखरी मंज़िल है तो सेक्स ही।
फिर आरती ने मन ही मन खुद को डांटा- चल हट, क्या बकवास सोच रही है, सोनल तो अभी छोटी है, स्कूल में ही पढ़ती है, अभी ये सब कहाँ उसके दिमाग में होगा कि इन विदेशी के बारे में सोचे, मैं भी कभी कभी फालतू में बहुत आगे का सोच जाती हूँ।
एक दो दिन तक तो सब कुछ शांत ठीक चलता रहा। न ही रवि ने आरती को कुछ कहा और न ही आरती को रामु दिखा, वो घर से बाहर ही रहा, घर मे मेहमान होने के कारण सब अपने अपने काम मे बिजी रहे मगर दो दिन बाद आरती ने देखा सोनल उन लोगों से इंग्लिश में कुछ बात कर रही थी, सभी बहुत खुश थे। मगर आरती को जलन सी महसूस हुई जाने क्यों, आरती भी धीरे धीरे चलती हुई उनके पास जा कर खड़ी हो गई,आरती को देख कर सबने विश किया और आरती से भी बात करी, मगर उन लड़कों का सारा ध्यान सोनल की तरफ ही था। आरती भी कुछ देर उनके साथ बातें करके वापिस आ गई, एक लड़के ने आरती को भी बड़े गौर से देखा। करीब 6 फीट का गोरा चिट्टा अंग्रेज़ था। आरती को अच्छा लगा जब उसने आरती के हुस्न की तारीफ की के वो जवान लड़की की माँ होकर भी बहुत जवान और हसीन है, और उसका फिगर आज भी बहुत बढ़िया है। सच में आरती तो फूली न समाई। आरती ने मन में सोचा, अरे यार तूने तो दिल खुश कर दिया, इसके बदले में अगर मेरी चूत भी मांग लेता तो मैं हँसते हँसते दे देती।
अगले दिन शाम के करीब 7 बजे होंगे, आरती अपने एक सहेली के घर गई थी, जब आरती वापिस अपने घर आई, तो उसे हल्के से रोने की आवाज़ सुनाई दी।
अब आरती माँ है तो एकदम से पहचान गई कि ये तो सोनल के रोने की आवाज़ है।
आरती का दिल तो डर से काँप उठा, आरती तो भागी भागी गई कि अभी तो उसकी बच्ची छोटी है, कहीं किसी मुश्टंडे उसको छेड़ न दिया हो, उसके साथ कोई बदतमीजी तो नहीं कर रहे। आरती जल्दी जल्दी से सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर गई और ऊपर कमरे में जो नज़ारा देखा तो आरती सन्न रह गई।
उसकी बेटी सोनल बेड पे औंधी लेटी थी, बिल्कुल नंगी, और वो हरामज़ादा मुश्टंडा हब्शी उसे अपने 10 इंच लौड़े से चोद रहा था, और उसकी बच्ची, उस दर्द को न सहते हुये, रोये जा रही थी। आरती झट से कमरे के अंदर जा कर उस हब्शी के बच्चे का मुँह नोच लेना चाहती थी, मगर सोनल की बात ने उसे रोक दिया।
उसने उस हब्शी से अँग्रेजी में कहा- ज़ोर से चोद मादरचोद, तेरे लौड़े में दम नहीं क्या?
आरती के तो पाँव के नीचे से ज़मीन निकल गई। उसकी बेटी, उसकी फूल सी बच्ची, इतनी बड़ी हो गई कि 10 इंच का लौड़ा लेकर भी उसकी चूत नहीं फटी।
सोनल की बात सुन कर हब्शी ने उसे और ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया, सोनल रो भी रही थी, उसके आँखों से आँसू लगातार बह रहे थे, मगर वो फिर भी अपनी कमर हिला कर उस का लंड अपनी चूत में ले रही थी।
आरती ने पहली बार देखा कि वो इतने दर्द को झेल कर भी मज़े में थी।
सावला जिस्म, छोटे छोटे मम्मे, छोटे छोटे गोल चूतड़, पतली पतली जांघें, मगर फिर भी कितनी चुदासी!
आरती कुछ देर खड़ी देखती रही। मगर इस देखने ने उस पर भी उल्टा असर किया। आरती को नहीं पता कब उसका हाथ उसकी लेगिंग के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लग गया। आरती भी जवान थी, खूबसूरत थी, आग से भरी थी, तो वो गरम क्यों न होती। मगर इसमें कुछ कुछ जलन भी थी, बेशक सोनल भी बहुत सुंदर है, मगर आरती भी कम सुंदर नहीं, उसे भी अपनी खूबसूरती और जवानी का गुमान है। आरती भी चाहती थी कि अगर एक लड़का शिखा को चोद रहा है, तो कोई एक उसे भी चोदे।
पहली बार अपनी ही बेटी से जलन हुई आरती को।
कुछ देर तो लेगिंग के ऊपर से ही आरती ने अपनी चूत सहलाई, मगर कब तक…
फिर आरती ने अपना हाथ अपनी लेगिंग में ही डाल लिया। शायद पहली बार ही कोई माँ अपनी ही बेटी की चुदाई देख कर हस्तमैथुन कर रही थी। अपनी चूत के दाना सहलाया तो पता लगा कि उसकी चूत तो पहले ही पानी पानी हो रही है।
आरती अपनी चूत का दाना मसल ही रही थी कि तभी पीछे से किसी ने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा। आरती एकदम से डर गई, पलट कर पीछे देखा, वही अंग्रेज़ लड़का खड़ा था। उन दोनों ने कुछ पल एक दूसरे की आँखों में देखा, फिर वो आगे बढ़ा, बढ़ता गया, तब तक जब तक उसके होंठ आरती के होंठों से मिल न गए। आरती तो खुद चुदाई को मचल रही थी। होंठ मिलते ही वो दोनों एक दूसरे से लिपट गए। उसी तरह अपनी आगोश में लिए ही वो आरती को घसीट कर दूसरे कमरे में बेड पे ले गया और आरती को नीचे बेड पे गिरा कर खुद भी उसके ऊपर ही लेट गया।
आरती ने भी अपनी टाँगें खोल कर उसकी टाँगों से उलझा ली, अपनी बांहें उसके गले में कस दी और अब वो दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
फिर वो एकदम से खड़ा हुआ, अपनी टाई खोली, कमीज़, बनियान, पेंट चड्डी सब उतार दी। इस अंग्रेज़ लड़के का दूध जैसा गोरा लंड करीब 8 इंच का होगा। मोटा मजबूत, बिल्कुल उसके यार रामु के लंड जैसा।
मगर रामु का जितना काला था, ये उतना ही गोरा।
आरती इतना सुंदर लंड देख कर उसे चूसने का लालच कैसे छोड़ सकती थी, आरती एकदम से उठी और उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया। पहले उसको सहलाया, फिर उसकी चमड़ी पीछे हटा कर उसका सुर्ख लाल टोपा बाहर निकाला।
गुलाबी टोपा तो हिंदुस्तानी मर्दों का भी होता है, मगर ये लाल था। आरती ने टोपा निकाला और अपने मुँह में ले लिया। अंग्रेज़ लड़के ने भी पहले आरती की कमीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे दबा कर देखे, फिर वो आरती के कपड़े उतारने लगा, आरती ने भी उसे उतारने में सहयोग दिया।
एक मिनट बाद आरती भी नंगी थी। वो उसके मम्मो को दबाता रहा और आरती उसका लंड चूसती रही। थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड आरती के मुँह से खींच लिया और बोला- लेट जाओ!
आरती लेट गई तो वो उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसने आरती की चूत पर रखा और हल्का सा ज़ोर लगा कर अपना टोपा उसकी चूत में डाल दिया।
“आह…” संतुष्टि से भरी एक ठंडी सांस तन से निकली। थोड़ा थोड़ा सा ज़ोर लगा कर ही उसने अपना सारा लंड आरती की चूत में पेल दिया और फिर लगा अपनी जवानी का जोश दिखाने। लड़के में दम था, बड़े अच्छे से वो आरती को चोद रहा था। आरती भी पूरी मस्त थी और नीचे से कमर उठा उठा कर उससे चुदवा रही थी।
इतने में कमरे में दो लड़के और आए, वो उन्हें देखने लगे, आरती को पहले तो बड़ा अजीब सा लगा और शरम भी आई, मगर अब उसके कपड़े उसके पास नहीं थे, और लड़के ने भी कोई ऐतराज नहीं किया, और चुदाई वैसे ही चलती रही।
तो वो लड़का बोला- हम भी इसे चोदना चाहते हैं, इस से पूछो हमसे चुदवायेगी क्या!
मगर उस लड़के के बोलने से पहले ही आरती ने कह दिया- हाँ, मुझे अच्छा लगेगा।
तो उन लड़कों ने भी अपने कपड़े उतार दिये, और नंगे हो गए, मगर फिर एक लड़का उधर हब्सि के पास चला गया।
सोनल के रोने की आवाज़ जो आ रही थी, वो बंद हो गई, मतलब अब उसकी चुदाई खत्म हो चुकी थी।
पहले वाला लड़का भी शायद झड़ने वाला था इस लिए ज़्यादा ज़ोर लगा रहा था, आरती ने दूसरे लड़के का लंड चूस कर खड़ा कर दिया था, और उससे बोली- इसके उतरते ही तुम चढ़ जाना।
वो बोला- ठीक है।
अगले 2 मिनट की धुरंधर चुदाई के बाद पहले वाले ने अपना लंड बाहर निकाला और आरती के पेट को अपने सफ़ेद माल से नहला दिया। उस लड़के के हटते ही दूसरा लड़का आया और अपना लंड उसने आरती की चूत में डाल कर उसे पेलना शुरू कर दिया, ये भी अच्छा खिलाड़ी था, आरती को बहुत तसल्ली से चोद रहा था।
फिर उसने आरती को घोड़ी बनाया और पीछे से आरती को चोदा। इतने में आरती ने देखा दरवाजे में हब्सि, तीसरा लड़का और उसकी बेटी सोनल, सब खड़े उसे देख रहे हैं। सोनल से जब आरती की नज़रें मिली तो वो बड़ी हैरानी से बोली- मम्मी!
आरती ने सोचा, अब जब इसने सब देख ही लिया, तो शर्म कैसी, आरती ने बड़ी बेशर्मी से कहा- क्यों मेरा दिल नहीं कर सकता क्या?
वो आरती के पास ही आकर बैठ गई- मगर मम्मी फिर भी… मैंने तो कभी ऐसे सोचा ही नहीं था कि आप इनसे भी चुद सकती है।
आरती ने कहा- सोचा तो मैंने भी नहीं था कि तुम अपने 18 की होने तक भी इंतज़ार नहीं कर पाओगी, अब जब शुरू कर ही दिया है, तो जाओ फिर। खुद भी मज़े करो, और मुझे भी करने दो।
सोनल मुस्कुरा दी- ओ के मॉम एंजॉय करो!
कह कर सोनल चली गई।
कोई पाँच मिनट बाद वो लड़का आरती की चूत के अंदर ही झड़ गया, इतने में वो हब्शी लड़का मैक आ गया और आरती से बोला- हे मिस, मैं भी तुमसे सेक्स करना चाहता हूँ।
आरती ने कहा- मैं भी तुमसे सेक्स करके खुश होऊँगी मगर मुझे अभी अभी दो लड़कों ने बहुत बढ़िया सेक्स किया है मेरे साथ, और अब मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ। हाँ, अगर तुम चाहो तो हम कल कर सकते हैं।
वो लड़का खुश हो कर बोला- ओ के, कल इसी समय ।
उसके बाद आरती ने कपड़े पहने और अपने कमरे में वापिस आ गई।
आने से पहले आरती ने दूसरे कमरे में देखा, सोनल अभी भी दो लड़कों से चुदवा रही थी, मगर इस बार वो बहुत खुश थी, आरती की तरफ उसने देखा, उसकी आँखों में चमक थी, खुशी थी जैसे कह रही हो- मम्मी देखो मैं भी जवान हो गई।
उसको वैसे ही छोड़ कर म
आरती नीचे आ गई।
उसके बाद अगले 4 दिन उन दोनों माँ बेटी को उन चारों लड़कों ने जी भर कर चोदा, दोनों माँ बेटी की अगले जन्म की भी सेक्स की प्यास मिटा दी या जगा दी आने वाला वक़्त ही बताएगा।
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