RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
शाम को आरति और रवि शोरूम से वापिश आ गए, दोनो अपने रूम में फ्रेश होने गए, फिर डाइनिग टेबल पर आ गए, सोनल और कविता भी टेबल पर आ गयी, सबने ने मिलकर डिन्नर किया। आरती और रवि खाना खत्म करके अपने रूम में चले गए। सोनल ने उनके जाने के बाद किचन में जाकर रामु को अपने कमरे में आने को बोला। रामु ने जी मालकिन कह कर हा भरी।
रामु सब काम खत्म करके पहले उप्पेर अपने रूम में गया और फ्रेश होकर कुछ सोचते हुए सोनल के कमरे की तरफ नीचे चल दिया।
रामु काका रूम के दरवाजे पर गया और उसने दरवाजा बजाया। तो अंदर से आवाज़ आई कि लंड हिलाता हुआ आजा.. यह सुनते ही रामु काका का लंड खड़ा हो गया और फिर उसने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि सोनल अपने कमरे में एक सेक्सी नाइटी में खड़ी है। और कविता वहा नही थी उस समय। फिर रामु सोनल के पास जाते जाते एकदम गरम हो गया था
रामु काका बोला कि क्या हुआ मालकिन इस समय क्यो बुलाया?
तो सोनल बोली कि तूझे कोई समस्या है क्या?
तो उसने बोला कि नहीं ऐसा कोई बात नहीं है
फिर सोनल ने पूछा कि कल तूने क्या क्या देखा कमरे में ?
तो रामु बोला कि मैंने कुछ नही देखा कि आप आ गयी थी।
तभी सोनल बोली कि तुझे क्या लगता है कि तेरी बातो का यकीन कर लुंगी मैं ?
तो रामु बोला कि नहीं मालिकन मेरी औकात कहा कि आपसे झूठ बोलू। अब आपसे ऊपर कोई नहीं है.. बल्कि मैं तो आपके चरणों के बीच में रहने के लायक हूँ।
तो सोनल एकदम से बोली कि तुझ जैसे कुत्तो को मैंने बहुत ठीक किया है और हाँ तू मुझको सच बोल।
फिर रामु काका बोले कि जी मालकिन।
फिर सोनल रामु काका को बोली कि तू अब जल्दी से अपने कपड़े उतार और अपने घुटनों के बल मेरे सामने आ।
तो उसने ऐसा ही किया जैसे ही सोनल उसकी तरफ बढ़ी.. रामु एकदम से बोला कि मालकिन क्या में आपके तलवे चाट सकता हूँ?
तो सोनल ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि कुत्ते तलवे क्या तुझसे तो मैं सब चटवाऊँगी और उसने अपना पैर आगे किया और बोली कि मेरे सेंडल चाट और धीरे धीरे ऊपर की तरफ चाटता हुआ आ।
फिर रामु ने उसकी नाइटी को ऊपर उठाया..सोनल के पैर एकदम चिकने थे और वो जन्नत की एक परी लग रही थी.. रामु ने करीब 5 मिनट उसके सेंडल को चाटा और धीरे धीरे उसके घुटनों को चाटा और जैसे ही रामु काका ऊपर बढ़ने लगे।
सोनल ने अपने सेंडल से उसके गाल पर धक्का मारा और रामु गिर गया तो सोनल हंसने लगी।
फिर धीरे धीरे सोनल रामु काका की तरफ बड़ी और उसे फर्श पर सीधे लेटने को कहा और रामु काका ने बिल्कुल ऐसा ही किया।
फिर सोनल ने अपने दोनों पैर रामु काका के सर के दोनों तरफ रखे और नाइटी को थोड़ा सा उठाया और बोली कि उफ्फ्फ बहनचोद क्या देख रहा है?
रामु काका बोला कि नहीं ऐसे ही मालकिन मुझे प्लीज वो पेंटी चाटने दो।
सोनल बोली कि पहले भीख माँग कुत्ते.. गिड़गिड़ा मेरे सामने।
रामु बहुत खुश हो गया और खुसी से कांप रहा था.. रामु काका ने अपने दोनों हाथ जोड़े और बोले कि मालकिन अपने इस कुत्ते को अपनी पेंटी साफ करने का मौका दो प्लीज।
तो सोनल ने अपनी एक सेंडल उसकी गर्दन पर रखी और बोली कि उसको चाटकर क्या करेगा?
तो रामु ने कहा कि मालकिन में आपकी पेंटी और आपकी चूत को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ करूँगा?
यह सुनते ही सोनल ने रामु काका के मुहं पर ज़ोर से सेंडल मारा और रामु दर्द से चिल्ला उठा.. तभी वहाँ पर कविता आ गयी और देखते ही बोली कि अरे सोनल यह कौन सा खेल खेल रही है?
फिर सोनल बोली कि पता नहीं कविता आजकल के बुड्ढों को क्या हो गया है? सब कुत्ते बनना चाहते हैं मैं क्या करूँ?
और तू बता क्या हुआ तेरा पेट खराब था टॉयलेट नहीं गयी अभी तक?
तो कविता बोली कि अरे मत पूछ बहुत मुश्किल से पेट साफ हुआ है। आज तो वो इतना भयानक पेट दर्द था बड़ी मुश्किल से गया है, तबसे टॉयलेट सीट पर बैठी हु, बार बार टॉयलेट जाने से पानी भी खत्म हो गया है। ऐसे ही उठ कर आ रही हु कि पूरी पेंटी और गांड में टट्टी ही टट्टी भरी पङी है और मैं अभी इसको ही साफ़ करने जा रही हूँ बाहर वाले टॉयलेट में।
तभी यह सुनते ही रामु काका कांप गये और पता नहीं सोनल ने यह कैसे गौर कर लिया और सोनल बोली कि कविता साफ करने के लिए कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है यह जो कुत्ता है ना.. इसको चाटना बहुत पसंद है। फिर यह बात बोलकर नाइटी थोड़ी और ऊपर की और बोली कि चाटेगा ना बहनचोद।
रामु काका के पास वैसे भी अब और कोई चारा नहीं था और उसने सिर्फ़ सर हिलाते हुए हाँ का इशारा किया।
सोनल ने उसे घुटनों के बल बैठने को कहा और रामु भी बैठ ही रहा था कि कविता उसकी तरफ आई और अपनी स्कर्ट को उठाया और उसे देखकर कहने लगी कि क्यों रे मादरचोद क्या तूने कभी किसी लड़की की टट्टी चाटी है?
फिर रामु काका ने सर हिलाते हुए ना का इशारा किया.. कविता फिर बोली कि आज तू यह बात ध्यान रख तुझे सिर्फ़ चाटना ही नहीं है बहुत कुछ साफ भी करना है और पीना भी है।
यह बात बोलते हुए उसने रामु काका के बाल पकड़े और उसका मुहं अपनी पेंटी पर रख दिया और रामु जल्दी जल्दी चाटने लगा।
उसे थोड़ा थोड़ा टट्टी का स्वाद आ रहा था।
फिर कविता ने पूछा कि क्यों रे कुत्ते मजा आ रहा है ना?
तो रामु कुछ नहीं बोला और फिर उसने अपनी पेंटी को साईड में किया और अपनी गांड को रामु के मुहं पर रख दिया और बोली कि अगर अब मुहं हटाया तो मैं तेरा लंड काट लूँगी।
तो रामु जल्दी जल्दी चाटने लगा.. तभी उसने रामु को ज़ोर से थप्पड़ मारा.. रामु चुपचाप उसकी गांड पर होंठ लगाकर चाटता रहा। तभी कविता ने रामु काका के मुहं में मूत दिया और रामु काका ने एकदम से मुहं हटाया.. लेकिन कविता ने उनके बाल खींचे और उसे फिर से अपनी चूत के नीचे कर लिया और बोली कि अबे ओ भोसड़ी के.. गांड की टट्टी तो तू चाट गया.. लेकिन अब मेरा मूत क्या तेरा बाप पियेगा? चुपचाप पी इसको।
तो रामु काका बहुत डर गया। रामु काका ने अपना मुहं खोला और उसने एकदम रामु के मुहं के अंदर मूतना शुरू कर दिया। रामु काका ने जितना हो सका उतना उसका मूत पिया बाकी सारा उनके ऊपर गिर गया।
तभी सोनल बोलने लगी कि बड़ा किस्मत वाला है कुत्ते जो कविता का मूत पी रहा है एक भी बूँद नहीं बचनी चाहिए।
फिर रामु काका ने जैसे तैसे उसका मूत पिया पीते ही कविता ने अपनी सेंडल उसके सर पर रखी और बोली कि जल्दी से इस फर्श को चाट और पूरा मूत साफ कर दे।
तो रामु अपनी गर्दन झुकाए कविता के मूत को फर्श से पीने लगा और साफ करने लगा।
फिर जब मूत साफ हुआ तो कविता ने उसके बाल पकड़े और उसे अपनी चूत में घुसा लिया और कहने लगी कि चाट.. अब तुझे मेरी चूत चाटनी है और अच्छे से साफ भी करनी है।
तो रामु काका चुपचाप रानी की चूत अपनी जीभ से चाटने लगा.. उसके पास अब कोई भी रास्ता नहीं था। रामु काका ने चाट चाटकर उसकी गांड से पूरा का पूरा टट्टी और चुत से मूत्र साफ किया और उसे ऐसा करता देख सोनल बोली कि कविता तेरी चूत और गांड तो पहले से बहुत ज्यादा साफ दिखने लगी है.. इसकी जीभ में तो कोई जादू लगता है.. मुझे भी अपनी चूत साफ करवानी पड़ेगी और सोनल भी अपनी चूत रामु काका के मुहं के सामने रखकर बोली कि मेरे नौकर आज तू हम दोनों की चूत साफ कर।
फिर सोनल और कविता उठी और उन्होंने झुककर रामु की तरफ अपनी बड़ी सी गांड झुका दी और कहा कि आजा मेरे गुलाम हम दोनों की गांड चाट डाल। फिर रामु ने कुत्ते की तरह दोनों की गांड चाटने लगा। रामु एक की गांड और चूत चाटता और दूसरी की गांड में उंगली करता रहा। अब उनकी मादक सिसकारियों से कमरे का माहौल गर्म हो गया था।
तो रामु काका अब उन दोनों की चूत बारी बारी से चाटने लगा और साफ करने लगा और वो दोनों सिसकियाँ लेने लगी और सोनल कहने लगी कि कविता हमारा गुलाम तो बड़े काम का है इसने तो मुझे थोड़ी ही देर में गरम कर दिया।
तभी सोनल वहाँ से खड़ी हुई और रामु काका को पूरा नंगा किया और उसका लंड चूसने लगी.. उसने रामु का लंड चूसकर खड़ा कर दिया और इसी बीच कविता रामु काका के मुहं में झड़ गई और रामु काका सोनल के मुहं में झड़ गया। फिर रामु काका ने कविता की चूत का सारा माल चाट लिया और पी गया और उधर सोनल ने भी ऐसा ही किया.. वो रामु काका के उस लंड को आईसक्रीम की तरह चूस रही थी जिसको देख कर उसे घिन आती थी और रामु काका लंड अब भी खड़ा उनकी चूत को सलामी दे रहा था।
रामु काका दोनों के बीच में लेट गया था तो वो दोनों लड़कियों से जोंक की तरह लिपट गया। अब रामु काका उनके कोमल शरीर के बीच सैंडविच बन गया था। फिर सोनल बोली कि गुलाम अब कंट्रोल नहीं हो रहा है तो अब तो चोद ही डाल। फिर कविता बोली कि चल बे लोड़े पहले दीदी को शांत कर दे और मैं सेक्स लीला देखूँगी और फिर मेरी बारी, वैसे भी ये मुझसे बड़ी है तो तेरे लंड पर पहला अधिकार इनका है।
फिर रामु काका ने अपना लंड हाथों में लिया और सोनल की टांगो के बीच में बैठ गया । फिर रामु काका ने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। फिर एक साँस में पूरा का पूरा 8 इंच का लंड सोनल की चूत में उतार दिया तो वो कसमसा गई और रामु काका ने धक्के मारना शुरू कर दिया। अब सोनल की चूत बिल्कुल गर्म हो रही थी और पीछे से कविता भी रामु की गांड सहला रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
फिर कविता अपने मुँह को बिल्कुल नीचे लाकर लेट गयी और रामु के आंड और सोनल की गांड को नीचे से चाटने लगी। वो बीच-बीच में रामु काका का गीला लंड सोनल की चूत से निकालकर चूस रही थी और कमरे में आवाज़े गूँज रही थी, फ़चह फ़चह पुच पुच आाईईई ओईईईई में मर गई मेरे राजा आआआआआअ मेरे राजा चोद और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सीई आआआआआआआआईईई उईईईईईईईई उम्म्म्मममममममममममम। फिर सोनल ज़ोर से चिल्लाई, ये मेरी गांड क्या तेरा बाप मारेगा? फिर रामु काका ने अपना लंड सोनल की चूत से निकाला और सोनल की टाईट गांड पर रख दिया और एक जोर से धक्का मारा तो रामु का लंड सोनल की गांड में फिट हो गया था। अब वो कुत्तिया बनकर रामु से गांड मरवा रही थी और चिल्ला रही थी, मार ले मार ले मेरी गांड मार ले, मेरा अच्छा गुलाम, मेरा प्यारा लंड मजा आआआआ गया आाआईईई और तेज़ और तेज़ करो।
फिर 15 मिनट के बाद सोनल ने रामु काका का लंड वापस चूत में घुसा दिया और वो अपने चूतड़ो को नीचे से एक एक फुट तक उछालने लगी और नीचे से रामु को चोदने लगी, सस्स्स्स्स्स्सई अब में झड़ रही हुउऊुउउ आआआआआआ कहते हुए पिचकारी मारी और शांत हो गई। अब रामु सांस ले पाता इससे पहले कविता ने उसे बेड पर धक्का दिया और रामु का गीला लंड अपने मुँह में लेकर पागल कुत्तिया की तरह चूसने लगी और बोली कि बेटा तेरा लंड तो वाक़ई में ताक़तवर है चल ज़रा अपनी इस मालकिन की चूत को भी चोद डाल और चूची खींचकर तोड़ दे प्लीज। अब वो रामु काका के ऊपर अपनी घुड़सवारी करने लगी और अब उसका 8 इंच का लंड उसकी चूत के अन्दर ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और उधर सोनल चुपचाप लेटी अपनी गांड में उंगली कर रही थी। फिर रामु काका ने कविता की गांड भी उन्हें खड़े करके मारी। फिर जब कविता झड़ गई तो सोनल बोली कि हमें अपने लंड के शेम्पियन से भी तो भीगो दो। फिर रामु काका ने उन दोनों रंडियों को अपने पैरों के पास बैठाया और पिचकारी मारकर उनके गोरे-गोरे बोबो पर अपना पानी झाड़ दिया।
अब वो दोनों चुदक़्कड़ रंडियाँ रामु काका के लंड को आखरी हिस्से तक चूस रही थी। चूस चूस कर दोनो ने रामु काका का लण्ड फिर से खड़ा कर दिया। फिर सोनल ने रामु काका के लंड को अपने एक हाथ से पकड़ा और अपनी चूत पर सेट किया और उसे कहने लगी कि दे मादरचोद जोर से धक्के.. तो रामु ने जोश में आकर धक्के लगाने शुरू किए और साथ में सोनल ने रामु के धक्को का जवाब धक्को से दिया और वो खुद ही अपनी चूत की चुदाई रामु के लंड से करने लगी और रामू बस कविता की चूत पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। फिर कविता की चूत एक बार फिर से झड़ गई तो कविता कहने लगी कि सोनल तेरे नौकर ने तो मेरी और तेरी चूत दोनों को ही हरा दिया.. अब क्या करें?
फिर सोनल कहने लगी कि करना क्या है अब यह बारी बारी से हमारी गांड भी चाटेगा।
तो कविता ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से अपनी गांड फिर से रामु काका के मुहं पर चिपका दी और कहा कि चाट अब तू गांड और मजे ले..
रामु एक तरफ गांड चाट रहा था और दूसरी तरफ चूत चोद रहा था।
फिर करीब एक घंटे तक रामु काका ने उन दोनों की चूत, गांड चाटी और एक एक करके चोदी और दोनों की आग को ठंडा किया। फिर पूरी रात रामु काका ने उन दोनों को जमकर चोदा और उन दोनों ने उसकी भी प्यास बुझा दी..
सुबह होने से पहले सोनल ने रामु को वहा से जाने को कहा और दोनो चिपक कर सो गई।
अगले दिन सुबह आरती और रवि अपने समय अनुसार उठे और अपने नित्यकर्मों को निपटा कर नीचे आ गए, च्याय के लिए,
निचे आरति ने देखा कि आज किचन में रामु काका की जगह जया काकी और मोनिका काम कर रही है।
आरती--काकी आज आप नास्ता बना रही है, काका कहा गए,
जया-- बहु, आज उनकी तबियत खराब है तो अभी तक सोए है,
आरती--अच्छा, क्या हुआ उनको।
जया-- मालूम नही बहु, सुबह होने से पहले ही उप्पेर कमरे से क्वाटर में आये और अपनी तबियत खराब का बोला और हमे सब काम करने को कहा और फिर खटिया में सो गये।
आरती--हम्म
आरती ज्यादा छानबीन करने उचित नही समझा, फिर रवि और आरती ने चाय पी और फिर उप्पेर अपने कमरे में चले गए तैयार होने,
कुछ देर में दोनो फिर से नीचे आये डाइनिग टेबल पर नास्ते के लिए, आरती ने नोट किया कि आज अभी तक सोनल और कविता भी नही उठी है,
वो सोनल के रूम में जाती है तो जैसे ही दरवाजा धकेलती है तो डोर ओपन हो जाता है, आरती अंदर झांकती है, अंदर सोनल और कविता अभी तक न्नगी ही एक दूसरे से चिपके हुए सो रही थी।
आरती जैसे ही उनको देखती है तो अपना माथा पिट लेती है,ये लड़कियां भी न कभी नही सुधरेगी , कितना समय हो गया ये ऐसे न्नगी सो रही है, कहि रवि आ जाता इनके कमरे में तो क्या देखता, उफ्फ क्या करूँ मैं इनका।
आरती डोर को अछे से बंद करती है और वापिश टेबल पर आ जाती है, रवि पूछता है तो आरती बोल देती है कि दोनों अभी सो रही है।
फिर दोनों नास्ता करते है और फैक्टरी के लिए निकल जाती है, जाते जाते आरती मोनिका को सोनल को उठाने को बोल देती है,
उनके जाते ही मोनिका सोनल को जगाने उसके कमरे की तरफ़ जाती है, और डोर नोक करती है, लकीन अंदर से कोई रेस्पॉन्स नही आता तो मोनिका डोर खोल लेती है तो अंदर का नजारा वही था दोनो अभी भी न्नगी सो रही थी चिपके,
मोनिका उनदोनो को इस हालत में देखकर मचल उठती है, उसे भी कई दिनों से चुदाई नही मिली थी, रवि बाहर था और रामु तो आरती के पीछे पागल, वो धीरे से डोर बंद करके बेड की तरफ आगे बढ़ती है और अपने कपड़े निकाल कर सोनल के पास लेट जाती है,
सोनल की नंगी चूत में मोनिका अपनी उंगली घुसा देती है, सोनल हड़बड़ा कर उठी, मोनिका ने उसकी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं-बहुत दिन हो गये थे बिना मर्द के स्पर्श के और तो और तुमने भी मुझे सिर्फ़ उत्तेजित कर छोड़ दिया था। सिर्फ़ और सिर्फ़ तुमने ही मेरी उत्तेजना को शांत की थी। आज तुम दोनों को न्नगी देखा तो मैं भी आ गयी तुम्हारे साथ सोने।
सोनल ने देखा कि मोनिका उसके साथ कुछ ज्यादा ही चिपक रही थी और पूरी न्नगी थी। कभी उसके गालों को सहलाती, कभी चूम लेती, उसके मम्मों को हल्के हाथों से सहला रही थी।
“मोनिका आज क्या बात है? क्या आज पापा के लण्ड की याद आ रही है?” सोनल ने उससे पूछा।
“नहीं ! कुछ नहीं, तुमको न्नगी देखा तो बस ऐसे ही तुझे प्यार करने का दिल कर रहा है !!” मोनिका सोनल को चूमती हुई बोली।
सोनल ने मोनिका को अपने साथ चिपका कर उसकी पीठ सहलाने लगी। मोनिका सोनल के साथ लेटे लेटे उसे चूमते चाटते हुए उसके ऊपर आने लगी। सोनल ने अपने उन्नत मोम्मे दबा कर मोनिका को कहा,”ले अब जहाँ पर प्यार करना है कर ले !!”
मोनिका सोनल के मोम्मे चूसती हुई उसकी चूत को सहलाने लगी। कुछ देर के बाद मोनिका अपनी एक उंगली सोनल की चूत में डालने लगी और फिर नीचे की ओर जाकर उसकी चूत चाटने लगी।
सोनल भी धीरे धीरे उत्तेजित हो रही थी सोनल बोली,”एक मिनट ! मैं जरा बाथरूम हो कर आती हूँ।”
जब सोनल वापिस आई तो फिर से मोनिका सोनल की चूत को चाटने लगी और अपनी उँगली डालने लगी। सोनल की आँखें उत्साह से बंद थीं, तभी उसे लगा कि उसकी चूत में मोनिका की उँगलियों की जगह कुछ और ठण्डा ठण्डा सा घुसने की कोशिश कर रहा है।
“यह क्या डाल रही है मोनिका?” सोनल ने पूछा।
“कुछ नहीं बस चुपचाप मज़ा लेती रह !” मोनिका ने जवाब दिया।
परंतु जब वो डंडा सा कुछ और अंदर जाने लगा तो सोनल ने हाथ बढ़ा कर उसको पकड़ा और देखा कि मोनिका ने अपनी कमर पर एक डिल्डो बांधा हुआ था और उसे ही उसकी चूत में डाल रही थी।
सोनल ने उसे पूछा,”यह डिल्डो कहाँ से ले कर आई है?”
“ तुम्हारे पापा अभी जब बाहर गए थे , उन्ही से मंगवाया है। तेरी पसंद का है ! पूरा आठ इंच लंबा और रंग भी तेरी पसंद का है हल्का भूरा बिल्कुल असली लण्ड जैसा !! और आज तू सोच ले कि तुझे असली लण्ड ही चोद रहा है और यह लण्ड ना तो झड़ेगा और ना ही ढीला पड़ेगा और हमेशा खड़ा रहेगा ! सदाबहार !!” मोनिका उसे सोनल की चूत के मुँह पर रख कर धक्का लगाते हुए बोली।
जैसे ही उसने धक्का मारा, डिल्डो का सिरा सोनल की चूत के अंदर घुस गया. कुछ देर रुक कर मोनिका ने थोड़ा और जोर लगाया तो सोनल के मुह से एक हल्की सी चीख निकली और सोनल ने उसे कहा,”बस मोनिका ! इसको बाहर निकाल ले ! बहुत दर्द हो रहा है।”
“जब तुम्हारे पापा तेरी चूत में अपना लण्ड पेलता है तो तुझे दर्द नहीं होता!!! आज मेरे लण्ड से तुझे दर्द हो रहा है!!!” कहते हुए मोनिका और जोर से धक्का मारा और पूरा डिल्डो उसकी चूत में डाल दिया।
जब सोनल ने उसे जोर देकर बाहर निकालने की कोशिश की तो मोनिका बोलने लगी,”आज तो मैं तुझे चोद कर ही रहूंगी। अगर अभी प्यार से नहीं चोदने देगी तो रात को जब तू सो जायेगी तो तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी !!!”
“नहीं गांड नहीं!!! तू मेरी चूत चोद ले, पर आराम से धीरे धीरे चोदना !” सोनल के मुँह से निकला।
इस बीच सोनल की आवाज से कविता भी उठ गई थी और आंखे फाडे दोनो की रासलीला देख रही थी,वो भी आज पहली बार लड़की को डिलडो पहन कर चुदाई करते देख रही थी।
“हाँ ! अब तू मेरी प्यारी सोनल की तरह बात कर रही है ! अब तू देखना, मैं तुझे कैसे प्यार से चोदती हूँ!!!” कहते हुए मोनिका सोनल के ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूसने लगी।
अपने दोनों हाथों से उसके मोम्मे दबाती हुए उसे चूमने-चाटने लगी। सोनल जानती थी कि आज हर हालत में मेरी चूत की धुनाई होनी है इसलिए सोनल भी अब चुदाई का आनन्द लेने लगी। सोनल ने अपनी टांगों को पूरा खोल लिया और मोनिका की पीठ पर अपनी बाहें लपेट कर उसको अपने साथ चिपका लिया और उसको चूमने-चाटने लगी।
अब मोनिका ने धीरे धीरे अपना डिल्डो सोनल की चूत के अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। कुछ ही धक्कों के बाद मोनिका ने डिल्डो बाहर निकाल लिया और फिर से सोनल की चूत पर रगड़ कर उसे छेड़ने लगी।
“आह्हह्ह ! मोनिका प्लीज़, ऐसे मत कर !!! अपना लण्ड बाहर मत निकाल !!! अंदर डाल कर पूरा चोद दे मुझे !” सोनल ने अपनी लरज़ती हुई आवाज़ में कहा।
“चोदती हूँ ! पहले मेरा लण्ड तो चूस मेरी जान!!!” मोनिका ने सोनल के चेहरे पर अपना डिल्डो मारते हुए बोली।
“डाल दे ! अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल कर पहले मेरा मुँह चोद दे !!!” सोनल अपना मुँह खोलते हुए बोली।
फिर सोनल ने मोनिका का डिल्डो पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया। सोनल उस डिल्डो को ऐसे ही चूस चाट रही थी जैसे किसी लड़के के बड़े से लण्ड को चूस रही हो।
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