RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
खाना खाने के बाद सोनल रवि को बाहर घूमने को बोलती है। रवि सोनल को लेकर घर के बाहर आ गया। फिर बाहर आकर उनका मूड चेंज हुआ और रवि सोनल से बोले कि चल बेटा पिक्चर देखने चलते है.
तब सोनल को रवि पर इतना प्यार आया कि पापा मेरे साथ अकेला रहने की कितनी कोशिश कर रहे है? खैर फिर दोनो कार में पर होकर एक सिनिमा में पहुँच गये और रास्ते में ही आरती को फोन कर दिया कि हम पिक्चर देखने जा रहे है. जब सिनिमा में कोई पुरानी मूवी लगी होने की वजह से ज़्यादा भीड़ नहीं थी, पूरे हॉल में लगभग 30-40 लोग ही होंगे.
अब सोनल रवि की समझदारी पर बहुत खुशी हुई थी, वो चाहते तो सोनल को किसी बढ़िया पिक्चर दिखाने ले जाते, लेकिन उन्हें शायद कुछ ज़्यादा मज़े लेने थे. फिर उन्होने सबसे महेंगे टिकट लिए और फिर दोनो लोग बालकनी में जाकर बैठ गये. उनका नसीब इतना बढ़िया चल रहा था की बालकनी में सिर्फ़ दोनो के अलावा सिर्फ़ एक ही लड़का था, जिसकी उम्र लगभग 18 साल थी और वो भी आगे की सीट पर बैठ गया था. अब तो दोनों को और भी आराम हो गया था.
पिक्चर चालू हुई, लेकिन पिक्चर पर तो किसका ध्यान था? अब सोनल का दिमाग तो उसके पापा के लंड की तरफ था और रवि भी तिरछी नजर से उसकी छोटी-छोटी चूचीयों की तरफ देख रहे थे. अब बस शुरुआत करने की देर थी कि कौन करे? अब सोनल तो पापा का स्पर्श पाने के लिए वैसे ही मरी जा रही थी और फिर उसी वक़्त जैसे बिल्ली के भागों छिका टूटा हो, सोनल के पैर पर किसी जानवर ने काटा हो, में उउउइई करती हुई खड़ी हो गयी.
फिर तब रवि ने घबराते हुए पूछा कि क्या हुआ? तो तब सोनल ने बताया कि उसके पैर पर किसी कीड़े ने काटा है. तो तब रवि बोले कि बैठ जा और अब काटे तो तुम मेरी सीट पर आ जाना. तो सोनल बैठ गयी और फिर 5 मिनट के बाद फिर से उछलती हुई खड़ी हो गयी, लेकिन इस बार उसे किसी ने काटा नहीं था बल्कि वो जानबूझकर खड़ी हुई थी. खैर फिर रवि हंसते हुए बोले कि तू मेरी सीट पर आ जा.
तब सोनल बोली कि पापा कोई बात नहीं जैसे उस कीड़े ने मुझे काटा है, ऐसे ही आपको भी काट लेगा. तो तब रवि बोले कि तू एक काम कर मेरी गोद में बैठ जा. अब सोनल तो पहले से ही तैयार थी तो रवि के बोलते ही में उनकी गोद में बैठ गयी और पर्दे की तरफ देखने लगी थी. अब सोनल उनकी गोद में बैठी हुई बिल्कुल छोटी सी लग रही थी, उस्की उम्र उस वक़्त 18 साल ही तो थी.
अब रवि उसकी गर्मी पाकर गर्म होने लगे थे. अब उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा था. अब सोनल को भी उनके लंड पर बैठना बहुत अच्छा लग रहा था, वैसे तो उनकी नजर पर्दे की तरफ थी, लेकिन ध्यान सिर्फ़ अपनी-अपनी टाँगो के बीच में था. अब सोनल का बदन तो जैसे किसी भट्टी की तरह तप रहा था. अब सोनल की स्कर्ट में उसकी चड्डी बिल्कुल गीली हो रही थी.
रवि का लंड ठीक उसकी गांड के छेद पर था और रवि धीरे-धीरे सोनल का पेट सहला रहे थे. अब सोनल का मन कर रहा था कि उसके पापा अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत पर रगड़ दे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था, क्योंकि वो दोनों ही एक दूसरे से शर्मा रहे थे.
कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहने के बाद सोनल अपने हाथ में पानी की बोतल थी वो नीचे गिरा दी और फिर उसको उठाने के लिए झुकी तो अपने पापा का लंड बहाने से अपनी चूत पर सेट किया और फिर सीधी बैठकर मज़े लेने लगी. अब 1 घंटा 30 मिनट निकल गये थे और उन्हें पता ही नहीं चला कि कब इंटरवेल हुआ?
फिर रवि सोनल को पैसे देते हुए बोले कि कैंटीन से जाकर कुछ ले आओ तो सोनल बाहर गयी और कैंटीन से कुछ खाने की चीज़े खरीदी और फिर टॉयलेट में चली गयी और फिर जब तक वापस आई तो पिक्चर चालू हो चुकी थी.
सोनल रवि की गोद में बैठते हुए कहा कि पापा मुझे आपकी गोद में बैठने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है. फिर तब रवि बोले कि तो फिर 1 मिनट रुक और बैठे हुए ही अपने लंड को सेट करने लगे थे.
सोनल को अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था और फिर जब रवि ने उसे बैठने को कहा, तो उन्होंने अपना हाथ कुछ इस तरह से उसकी स्कर्ट पर लगाया कि उसकी स्कर्ट ऊपर हो गयी और सोनल उनकी गोद में फिर से बैठ गयी. फिर थोड़ी देर के बाद सोनल को अहसास हुआ कि रवि ने अपना लंड अपनी पेंट में से बाहर निकाल रखा है और इस अहसास के साथ ही जैसे उसके बदन ने एक तगड़ा झटका लिया और अब सोनल का भी मन अपनी चड्डी उतारकर पापा का लंड अपनी चूत से चिपकाने का करने लगा था.
फिर उसके लिए उसने फिर से एक प्लान बनाया और उसके हाथ में कोल्डड्रिंक का जो गिलास था, उसे अपनी जांघों पर उल्टा दिया तो सारी कोल्डड्रिंक उसके पैरो और चड्डी पर गिर गयी, तो तब रवि चौंकते हुए बोले कि यह क्या किया?
तब सोनल ने कहा कि सॉरी पापा गलती से हो गया, मैं तो पूरी गीली हो गयी और मेरे कपड़े भी गीले हो गये. तो तब कपड़ो का मतलब समझते हुए रवि बोले कि जा और टॉयलेट में जाकर साफ कर आ और कपड़े ज़्यादा गीले हो तो उतारकर आ जाना, जल्दी सूख जाएँगे. अब सोनल का मन रवि को छोड़ने का नहीँ था, तो सोनल ने वहीं खड़े होकर अपनी चड्डी उतारी और दूसरी सीट पर रखी और फिर से अपने पापा के लंड पर बैठकर पापा के लंड को अपनी दोनों टाँगों के बीच में ले लिया.
अब उनका लंड बिल्कुल उसकी चूत पर था. अब उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई गर्म लोहे की रोड उसकी जांघों में दबी पड़ी है. अब तो उसका मन कर रहा था कि जल्दी से रवि अपना लंड उसकी चूत में डालकर ज़ोर से रगड़ दे, लेकिन अभी दोनो ऐसा नहीं कर सकते थे.
अब सोनल की बारी थी. फिर सोनल का मन अपनी चूत को उनके लंड पर रगड़ने का हुआ तो तब सोनल अपनी चड्डी उठाने के लिए झुकी और ज़ोर से अपनी चूत आपने पापा के लंड पर रगड़ दी और फिर ऐसे ही 3-4 बार ज़ोर से रगड़ी, तो तब उसे ऐसा लगा कि जैसे उसका पानी निकल जाएगा. अब वो कभी किस बहाने से तो कभी किस बहाने से हिलती और अपनी चूत अपने पापा के लंड पर रगड़ देती थी. अब रवि समझ गया था कि सोनल का मन रगड़ने का हो रहा है.
तब रवि ने उसके पेट पर अपना एक हाथ रखकर दबाया और अपना जूता खोलने के बहाने से कभी खुजाने के बहाने से अपना लंड रगड़ने लगे थे. फिर कुछ ही देर में सोनल को लगा कि जैसे उसके जिस्म में से सारा खून फटकर उसकी चूत में से निकलने वाला है और फिर इसी के साथ उसका पानी झड़ गया. अब सोनल बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी, लेकिन रवि ने 2-3 बार और अपना लंड रगड़ा और फिर रवि भी जैसे अकड़ सा गया और उनका भी पानी निकलकर सोनल की चूत और उसके पेट पर फैल गया.
अब दोनों बिल्कुल शांत थे और बहुत थक गये थे. फिर 5 मिनट के बाद ही पिक्चर ख़त्म हो गयी और लाईट जलती इससे पहले ही सोनल ने अपनी चड्डी यह कहते हुए पहन ली कि अब वो सूख चुकी है. अब दोनों पिक्चर ख़त्म हो चुकी थी एक जो पर्दे पर चल रही थी और एक जो बाप बेटी के बीच में चल रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद लाईट जली और फिर दोनों हॉल से बाहर निकले.
बाहर आकर रवि मुस्कुराते हुए बोले कि पिक्चर कैसी लगी? तो तब सोनल ने जवाब दिया कि इससे बढ़िया पिक्चर मैंने आज तक नहीं देखी, तो तब रवि बोले कि मेरे साथ घूमा करेगी तो और भी बढ़िया चीज़े देखने को मिलेंगी और फिर सोनल मस्कुराती हुई गाड़ी में बैठ गयी और फिर दोनो घर की तरफ चल पड़े.
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