Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:26 PM,
#21
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
कुछ देर बाद आरति अपने को ठीक करके सोनल के रूम में जाति है। वहा सोनल बहुत हताश और चिंतित दिखती है।
आरती--- बेटा, क्या हुआ कुछ प्रॉब्लम है क्या।
सोनल चोंकते हुए--नही मम्मी जी कुछ भी तो नही, वो न एग्जाम नजदीक आ रहे है बस उस्की टेंसन है।
आरती-- अरे तुमारे प्रेम सर् है ना वो तो कह रहे थे सोनल इस बार 80% लाएगी।
प्रेम सर का नामसुनकर सोनल मन मे-- वही तो टेंसन है।
मम्मी जी फिर भी एग्जाम की चिंता तो होगी ही।
आरती-- अच्छा ठीक है, और बताओ क्या चल रहा है आजकल।
सोनल-- कुछ नही मम्मी।
ऐसे ही दोनो मा बेटी अपनी अपनी धून में खोए बात करती रही।
आरति को ध्यान आया हाँ आज तो उसके पति तो लेट आने वाले थे चलो खाना खा लेते है फिर इंतजार करूँगी
वे नीचे आ गई और सोनल के साथ खाना खाने लगी पर अब सोनल तो बस बड बड किए ही जा रही थी उसका बिल्कुल मन नहीं था कोई भी बात का जबाब देने का पर क्या करे

सोनल--/मम्मीजी, कैसा रहा आज का आपका क्लास

आरती- बस बेटा
क्या बताती आरती की कैसा रहा

सोनल- क्यों कुछ सीखा की नहीं मम्मी।

आरती- खास कुछ नहीं बस थोड़ा सा

क्या बताती कि उसने क्या सीखा बताती कि उसने अपने जीवन का वो सुख पाया था जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था आज पहली बार किसी ने उसकी चुत को अपने होंठों से या फिर अपने जीब से चाटा था सोचते ही उसे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई थी

सोनल- चलो शुरू तो किया आपने, अब किसी तरह से जल्दी से सीख जाएगें तब हम दोनों खूब घूमेंगे

आरती- हा

आरती का खाना कब का हो चुका था पर सोनल बक बक के आगे वो कुछ भी कह पा रही थी वो जानती थी कि सोनल भी कितनी अकेली है और उससे बातें नहीं करेंगी तो बेचारी तो मर ही जाएँगी वो बड़े ही हँस हँस कर आरती की ओर देखती हुई अपनी बातों में लगी थी और खाना भी खा रही थी जब खाना खतम हुआ तो दोनों उठे और बेसिन में हाथ मुँह धो कर आरती अपने कमरे की चल दी और सोनल अपने कमरे की ओर ऊपर जाते हुए आरती ने सोनल को कहते सुना

सोनल - अरे रामू दादा ध्यान रखना, पापा को आने में देर होगी।

रामू- जी बिटिया जी आप निश्चिंत रहे

तब तक आरती अपने कमरे में घुस चुकी थी उसकी थकान से बुरी हालत थी जैसे शरीर से सबकुछ निचुड चुका था वो जल्दी से चेंज करके अपने बिस्तर पर ढेर हो गई और पता ही नहीं चला कि कब सो गई और कब सुबह हो गई थी
सुबह जब नींद खुली तो रोज की तरह बाथरूम के अंदर से आवाजें आ रही थी मतलब रवि जाग चुका था और बाथरूम में था वो । आरती भी बिस्तर छोड़ कर उठी और बाथरूम में जाने की तैयारी करने लगी । रवी के निकलते ही वो बाथरूम की और लपकी

रवि- कैसा रहा कल का ड्राइविंग क्लास

आरती- जी कुछ खास नहीं थोड़ा बहुत

रवि- हाँ… तो क्या एक दिन में ही सीख लोगी क्या

आरती तब तक बाथरूम में घुस चुकी थी जब वो वापस निकली तो रवि नीचे जाने को तैयार था

और आरती के आते ही दोनों नीचे काफ़ी पीने के लिए चल दिए । रवि कुछ शांत था कुछ सोच रहा था पर क्या। और नहीं कुछ पूछा उसने कि कब आई थी कब गई थी क्या-क्या सीखा और क्या हुआ कुछ भी नहीं

आरती का मूड सुबह सुबह ही बिगड़ गया जब वो नीचे पहुँचे तो जया काकी चाय सर्व कर रही थी और सोनल पेपर पर नजर गढ़ाए बैठी थी , दोनों के आने की अहाट से जया काकी और सोनल सचेत हो गये ,
रवि-- बेटा कैसी चल रही है आपकी पढ़ाई।

सोनल- जी ठीक

रवि - ठीक से पढ़ने पर ध्यान दो। तुमारे प्रेम सर बहुत अच्छे टीचर है
सोनल- जी
वो जानती थी कि प्रेम सर कितने अच्छे टीचर है और कितनी अच्छी उसकी टीचिंग है उसके शरीर में एक लहर फिर से दौड़ गई वो अपने चाय की चुस्की लेती रही और सर के बारे में सोचने लगी कि कल उसने क्या किया एक दम से अपना लण्ड दिख दिया, कही आंटी आ जाती तो और कुछ अनहोनी हो जाती तो

उसके शरीर में एक सेक्स की लहर दौड़ गई वो चाय पी तो रही थी पर उसका पूरा ध्यान अपने साथ हुए हादसे या फिर कहिए कल की घटना पर दौड़ रही थी वो ना चाहते हुए भी अपने को रुक नहीं पा रही थी बार-बार उसके जेहन में कल की घटना की घूम रही थी और वो धीरे-धीरे अपनी उत्तेजना को छुपाती जा रही थी

चाय खतम होते होते सोनल की हालत बहुत ही खराब हो चुकी थी वो अब अपने कमरे में अकेली होना चाहती थी और उसके शरीर की आग को वो अब कंट्रोल नहीं कर पा रही थी तभी उसके होंठों से एक लंबी सी सांस निकली और सबका ध्यान उसकी ओर चला गया
रवि- क्या हुआ बेटा।

सोनल - (घबरा गई ) कुछ नहीं बस

सभी की चाय खतम हो गई थी सभी अपने कमरे की ओर चल दिए, रवि शोरुम जाने की तैयारी में थे चाय की टेबल पर रवि और आरती कल शाम की बातें ही करते रहे और सोनल भी अपने साथ हुई घटना के बारे में सोचते रही।
सोनल अपने कमरे में गुसी और एक दम बेड पर पसर गयी।

उधर जब रवि और आरति दोनों कमरे में आए तो रवि कल की घटना को अंजाम देने के लिए जल्दी बाजी में था और तैयार होकर शोरुम जाने को और आरती भी कल की घटना के बारे में सोचते हुए इतना गरम हो चुकी थी की वो भी उसको अंजाम देना चाहती थी पर जैसे ही कमरे में वो लोग घुसे

रवि- सुनो जल्दी से ड्रेस निकल दो आज से थोड़ा जल्दी ही जाना होगा शोरुम कभी भी बैंक वाले आ सकते है इनस्पेक्षन के लिए

आरती- जी पर रोज तो आप 10 30 बजे तक ही जाते है आज क्यों जल्दी

रवि- अरे कहा ना आज से थोड़ा सा जल्दी करना होगा
और कहता हुआ वो बाथरूम में घुस गया आरती का दिमाग खराब हो गया वो झल्ला कर अपने बिस्तर पर बैठ गई और गुस्से से अपने पैरों को पटकने लगी रवि को कोई सुध नहीं है मेरी हमेशा ही शोरुम और बिज़नेस के बारे में सोचता रहता है अगर कही जाना भी होता है तो अगर उसकी इच्छा हो तो नहीं तो मना।
और मनोज अंकल के बारे में सोचने लगी कि कल उसने क्या किया एक ग्राउंड में वो भी खुले में कोई देख लेता तो और कुछ अनहोनी हो जाती तो

पर कल तो मनोज अंकल ने कमाल ही कर दिया था जब उसके चुत पर उन्होंने अपना मुख दिया था तो वो तो जैसे पागल ही हो गई थी और अपना सबकुछ भूलकर वो अंकल का कैसे साथ दे रही थी वो सोचते ही आरती एक बार फिर से गरम होने लगी थी सुबह सुबह ही उसके शरीर में एक सेक्स की लहर दौड़ गई वो बेड पर रवि का इंतज़ार तो कर रही थी पर उसका पूरा ध्यान अपने साथ हुए हादसे या फिर कहिए कल की घटना पर दौड़ रही थी वो ना चाहते हुए भी अपने को रुक नहीं पा रही थी बार-बार उसके जेहन में कल की घटना की घूम रही थी और वो धीरे-धीरे अपनी उत्तेजना को छुपाती जा रही थी

इंतज़ार खतम होते होते आरती की हालत बहुत ही खराब हो चुकी थी वो अब अपने पति के साथ अपने कमरे में चुदना चाहती थी और अपने तन की भूख को मिटाना चाहती थी।
आरती को अपने ऊपर गुस्सा आरहा था वो अपने पैरों को झटकते हुए अपने शरीर में उठ रहे ज्वार को भी ठंडा कर रही थी वो जानती थी कि अब उसे किसी भी हालत में रवि की ज़रूरत है पर रवि को तो जैसे होश ही नहीं है उसकी पत्नी को क्या चाहिए और क्या उसकी तमन्ना है उसे जरा भी फिकर नहीं है

क्या करे वो कल की घटना उसे बार-बार याद आ रही थी मनोज अंकल की जीब की चुभन उसे अभी भी याद थी उसके शरीर में उठने वाले ज्वार को वो अब नजर अंदाज नहीं कर सकती थी वो रवि के आते ही लिपट जाएगी और, उसे मजबूर कर देगी कि वो उसके साथ वो सब करे वो सोच ही रही थी कि दरवाजे पर नोक हुई, आरति ने मन मारकर दरवाजा खोला, बाहर जया काकी खड़ी थी

जया - अरे बहूरानी ,

आरती- जी काकी,

जया काकी- रवि बाबू से कह देना कि अभी शोरूम से फ़ोन आया था।

आरती- बाथरूम में है आते ही बता देती हूँ



वो सोच ही रही थी की रवि बाथरूम से निकला और मिरर के सामने आकर खड़ा हो गया आरती ने सोचा था वो सब धरा का धरा रह गया ।
आरती--- अभी शो रूम से फ़ोन आया था नीचे।
रवि-- हां वो इनक्सपेक्सन वाले आ गये होंगे।

आरती के जैसे शरीर में एक बिजली सी दौड़ गई हो उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि रवि उसको ऐसे ही छोड़ कर चला जायेगा।


आरती को अपने पति पर बहुत गुस्सा आ रहा था उनकी बातों में कही भी नहीं लगा था कि वो उसकी फीलिंग को समझ रहे है।

रवि- ऐसे ही कही घूम आना नहीं तो घर में बैठी बोर हो जाओगी और तुम थोड़ा बहुत घर से निकला भी करो बैठी बैठी मोटी हो जाओगी आंटियों की तरह

आरती- हाँ… अकेली अकेली जाऊ और जाऊ कहाँ बता दो तुम्हें तो काम से फुर्सत ही नहीं है

रवि- अरे काम नहीं करूँगा तो फिर यह शानो शौकत कहाँ से आएगी

आरती- नहीं चाहिए यह शानो शौकत

रवि- हाँ… तुम तो पता नहीं किस दुनियां में रहती हो कोई नहीं पूछेगा अगर घर में नौकार चाकर नहीं हो और खर्चा करने को जेब में पैसा ना हो समझी

और रवि मुँह बनाते हुए जल्दी से तैयार होने लगा फिर बाहर निकल गया।

आरती का दिमाग गुस्से से भर गया था कितना मतलबी है उसका पति सिर्फ़ अपनी ही सोचते रहते है पता नहीं क्या हुआ होगा पत्नी को और यह है की जब से सिरफ शोरूम की सोच रहे है आरती का चेहरा एकदम गुस्से से लाल था

पर रवी तो अपनी धुन में ही था और जल्दी से तैयार होकर नीचे चला गया


जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो वो भी गुस्से से उठी और अपने पति के पीछे-पीछे नीचे डाइनिंग रूम में चली आई। आरती ने सुबह की ड्रेस ही पहने हुई थी और दिमाग खराब वो गुस्से में तो थी ही पर खाने के टेबल पर जया काकी और रामू काका के रहते उसने कुछ भी ऐसा नहीं दिखाया कि किसी को उसके बारे में कोई शक हो वो शांत थी और खाने को परोस कर दे रही थी

रवि भी किसी भूत की तरह जल्दी-जल्दी खाना खतम करके बाहर की ओर भागा जब रवि चला गया तो----


उसी समय सोनल बिस्तर पर लेटी हुई अपनी मम्मी की तरह कल की यादों में खोई हुई थी और उसकी आंख लग गयी और सो गई। सोते ही सपने में खो गईईईई----
एक झटके में पूरा लौड़ा अन्दर उसकी चूत में डाल दिया जोर से, वो चिल्ला उठी बोली सर बहुत दर्द हो रहा है बाहर निकालो, सर बोले 5 मिनट रुको और फिर देखना, वो दर्द से तड़प रही थी और सर अब अपना लंड अंदर बाहर उसकी चूत में डाल कर उसे मसल रहे थे। सर उसे जमके चोदते हुए बोले अब दर्द कैसा है सोनल,

सोनल बिल्कुल ठीक हो गई दर्द नहीं रहा और एकदम से सोनल सर से लिपट गई उनके होठों को चूमने लगी और बोली सर और डालो चोदो मुझे, चोदो सर बहुत मस्त मजा आ रहा है..…......................
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस. - by sexstories - 08-27-2019, 01:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,303,304 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,593 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,152,374 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,771 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,807 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,988,212 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,799,249 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,524,893 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,828,612 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,472 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)