Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:22 PM,
#3
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
वो आंखे उसे देखते ही वहा से हट गई। कौन हो सकताहै इस वक़्त न्नगी होने कर कारण जा भी नही सकती थी बाहर।
ज्यादा ना सोचते हुए। आरती भी धम्म से अपनी जगह पर गिर पड़ी और। कंबल के अंदर बिना कपड़े के ही घुस गई। और सोने की चेष्टा करने लगी। न जाने कब वो सो गई और सुबह भी हो गई।
उठते ही आरती ने बगल में देखा। रवि उठ चुका था। शायद बाथरूम में था। वो बिना हीले ही लेटी रही। पर बाथरूम से ना तो कुछ आवाज ही आ रही थी। ना ही पूरे कमरे से। वो झट से उठी और घड़ी की ओर देखा।
बाप रे 8:30 हो चुके है। रवि तो शायद नीचे होगा।

जल्दी से आरती बाथरूम में घुस गई और। फ्रेश होकर नीचे आ गई। उसकी लाडली सोनल और रवि बाहर गार्डन में बैठे थे। चाय बिस्कट रखा था। टेबल पर। आरती की आहट सुनते ही दोनो पलटे

रवि- क्या बात है। आज तुम्हारी नींद ही नहीं खुली।

आरति-- जी।
रवि -और क्या। सोया कर । कौन सा तुझे। जल्दी उठकर घर का काम करना है। आराम किया कर और खूब घुमा फिरा कर और। मस्ती में रह। तंज कसा रवि ने

सोनल---क्या पापा औरक्या करेगी घर पर मम्मी। बोर भी तो हो जाती है। रामु दादा और जय दादी काम कर लेती है सभी। फिर मम्मी उठ कर क्या करेगी।क्यों ना कुछ दिनों के लिए हम नाना के घर हो आते है।



इतने में रवि की चाय खतम हो गई और वो उठ गया।
रवि- चलो। में तो चला तैयार होने। और सोनल तुम्हे नही तैयार होना, आज स्कूल नही जाना क्या।

सोनल- हाँ… हाँ… आ जाऊँगी पापा। अभी रेडी होती हूं।

रवि के जाने के बाद आरती भी उठकर जल्दी से रवि के पीछे भागी। यह तो उसका रोज का काम था। जब तक रवि शोरुम नहीं चला जाता था। उसके पीछे-पीछे घूमती रहती थी। और चले जाने के बाद कुछ नहीं बस इधर-उधर फालतू काम के बिजी।

रवि अपने कमरे में पहुँचकर नहाने को तैयार था। एक तौलिया पहनकर कमरे में घूम रहा था। जैसे ही आरती कमरे में पहुँची। वो मुश्कुराते हुए। आरती से पूछा।
कामेश- क्यों अपने पापा मम्मी के घर जाना है क्या। थोड़े दिनों के लिए।

आरती- क्यों। पीछा छुड़ाना चाहते हो।
और अपने बिस्तर के कोने पर बैठ गई।

रवि- अरे नहीं यार। वो तो बस मैंने ऐसे ही पूछ लिया। पति हूँ ना तुम्हारा। और सोनल भी कह रही थी। इसलिए नहीं तो हम कहा जी पाएँगे आपके बिना।
और कहते हुए। वो खूब जोर से खिलखिलाते हुए हँसते हुए बाथरूम की ओर चल दिया।

आरती- थोड़ा रुकिये ना। बाद में नहा लेना।

रवि- क्यों। कुछ काम है। क्या।

आरती- हाँ… (और एक मादक सी मुश्कुराहट अपने होंठों पर लाते हुए कहा।)

रवि भी अपनी बीवी की ओर मुड़ा और उसके करीब आ गया। आरती बिस्तर पर अब भी बैठी थी। और रवि की कमर तक आ रही थी। उसने अपने दोनों हाथों से रवि की कमर को जकड़ लिया और अपने गाल को रवि के पेट पर घिसने लगी। और अपने होंठों से किस भी करने लगी।

रवि ने अपने दोनों हाथों से आरती का चेहरे को पकड़कर ऊपर की ओर उठाया। और आरती की आखों में देखने लगा। आरती की आखों में सेक्स की भूख उसे साफ दिखाई दे रही थी। लेकिन अभी टाइम नहीं था। वो। अपने शो रूम के लिए लेट नहीं होना चाहता था।

रवि- रात को। अभी नहीं। तैयार रहना। ठीक है।
और कहते हुए नीचे जुका और। अपने होंठ को आरती के होंठों पर रखकर चूमने लगा। आरती भी कहाँ पीछे हटने वाली थी। बस झट से रवि को पकड़कर बिस्तर पर गिरा लिया। और अपनी दोनों जाँघो को रवि के दोनों ओर से रख लिया। अब रवि आरती की गिरफ़्त में था। दोनों एक दूसरे में गुत्थम गुत्था कर रहे थे। आरती तो जैसे पागल हो गई थी। उसने कस पर रवि के होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था। और जोर-जोर से चूस रही थी। और अपने हाथों से रवि के सिर को पकड़कर अपने और अंदर घुसा लेना चाहती थी। रवी भी आवेश में आने लगा था, । पर दुकान जाने की चिंता उसके दिलोदिमाग़ पर हावी थी थोड़ी सी ताकत लगाकर उसने अपने को आरती के होंठों से अपने को छुड़ाया और झुके हुए ही आरती के कानों में कहा।
रवि- बाकी रात को।
और हँसते हुए आरती को बिस्तर पर लेटा हुआ छोड़ कर ही उठ गया। उठते हुए उसकी टावल भी। खुल गया था। पर चिंता की कोई बात नहीं। वो तौलिया को अपने हाथों में लिए ही। जल्दी से बाथरूम में घुस गया।

आरती रवि को बाथरूम में जाते हुए देखती रही। उसकी नजर भी रवि के लिंग पर गई थी। जो कि सेमी रिजिड पोजीशन में था वो जानती थी कि थोड़ी देर के बाद वो तैयार हो जाता। और आरती की मन की मुराद पूरी हो जाती। पर रवि के ऊपर तो दुकान का भूत सवार था। वो कुछ भी हो जाए उसमें देरी पसंद नहीं करता था। वो भी चुपचाप उठी और रवि का इंतेजार करने लगी। रवि को बहुत टाइम लगता था बाथरूम में। शेव करके। और नहाने में। फिर भी आरती के पास कोई काम तो था नहीं। इसलिए। वो भी उठकर रवि के ड्रेस निकालने लगी। और बेड में बैठकर इंतजार करने लगी। रवि के बाहर आते ही वो झट से उसकी ओर मुखातिब हुई। और।
आरती- आज जल्दी आ जाना शो रूम से। (थोड़ा गुस्से में कहा कामया ने।)

रवि- क्यों। कोई खास्स है क्या। (थोड़ा चुटकी लेते हुए रवि ने कहा)

आरती- अगर काम ना हो तो क्या शोरुम में ही पड़े रहोगे।

रवि- हाँ… हाँ… हाँ… अरे बाप रे। क्या हुआ है तुम्हें। कुछ नाराज सी लग रही हो।

आरती- आपको क्या। मेरी नाराजगी से। आपके लिए तो बस अपनी दुकान। मेरे लिए तो टाइम ही नहीं है।


रवि- अरे नहीं यार। मैं तो तुम्हारा ही हूँ। बोलो क्या करना है।

आरती- जल्दी आना कही घूमने चलेंगे।

रवि- कहाँ

आरती- अरे कही भी बस रास्ते रास्ते में। और फिर बाहर ही डिनर करेंगे।

रवि- ठीक है। पर जल्दी तो में नहीं आ पाऊँगा। हाँ… घूमने और डिनर की बात पक्की है। उसमें कोई दिक्कत नहीं।

आरती- अरे थोड़ा जल्दी आओगे तो टाइम भी तो ज्यादा मिलेगा।

रवि- तुम भी। आरती। कौन कहता है अपने को कि जल्दी आ जाना या फिर देर तक बाहर नहीं रहना। क्या फरक पड़ता है। अपने को। रात भर बाहर भी घूमते रहेंगे तो भी सोनल अब बच्ची तो है नही कि घर पर अकली नही रह सकती।

आरती भी कुछ नहीं कह पाई। बात बिल्कुल सच थी कि घर से कोई भी बंदिश नहीं थी आरती और रवि के ऊपर लेकिन आरती चाहती थी कि रवि जल्दी आए तो वो उसके साथ कुछ सेक्स का खेल भी खेल लेती और फिर बाहर घूमते फिरते और फिर रात को तो होना ही था।

आरती भी चुप हो गई। और रवि को तैयार होने में मदद करने लगी। तभी

रवि- अच्छा एक बात बताओ तुम अगर घर में बोर हो जाती हो तो कही घूम फिर क्यों नहीं आती।

आरती- कहाँ जाऊ

रवि- अरे बाबा। कही भी। कुछ शापिंग कर लो कुछ दोस्तों से मिल-लो। ऐसे ही किसी माल में घूम आओ या फिर। कुछ भी तो कर सकती हो पूरे दिन। हाँ…

आरती- मेरा मन नहीं करता अकेले। और कोई साथ देने वाला नहीं हो तो अकेले क्या अच्छा लगता है।

रवि- अरे अकेले कहाँ कहो तो। आज से जया काकी से कह दूँगा मेरे जाने के बाद वो तुम्हें घुमा फिरा कर ले आएगी।

आरती- नहीं।

रवि- अरे एक बार निकलो तो सही। सब अच्छा लगेगा। ठीक है।

आरती- अरे नहीं। मुझे नहीं जाना। बस। काकी के साथ । नहीं। हाँ यह आलग बात थी कि मुझे गाड़ी चलानी आती होती तो में अकेली जा सकती थी।

रवि- अरे वाह तुमने तो। एक नई बात। खोल दी। अरे हाँ…

आरती- क्या।

रवि- अरे तुम एक काम क्यों नहीं करती। तुम गाड़ी चलाना सीख क्यों नहीं लेती। घर में 2 गाड़ी है। एक तो घर में रखे रखे धूल खा रही है। छोटी भी है। तुम चलाओ ना उसे।

रवि के घर में 2 गाड़ी थी। नई गाड़ी लेने के बाद आल्टो गाड़ी जो कि अब वैसे ही खड़ी थी घर मे।

आरती- क्या यार तुम भी। कौन सिखाएगा मुझे गाड़ी। आपके पास तो टाइम नहीं है।

रवि- अरे क्यों। अपने मनोज अंकल है ना उनका कार ड्राइविंग स्कूल तो है ही। मैं आज ही उन्हें कह देता हूँ। तुम्हें गाड़ी सीखा देगे।

और एकदम से खुश होकर आरती ने रवि के गालों को और फिर होंठों को चूम लिया।
रवि- और जब तुम गाड़ी चलाना सीख जाओगी। तो मैं पास में बैठा रहूँगा और तुम गाड़ी चलाना

आरती- क्यों।

रवि- और क्या। फिर हम तुम्हारे इधर-उधर हाथ लगाएँगे। और बहुत कुछ करेंगे। बड़ा मजा आएगा। ही। ही। ही।

आरती- धात। जब गाड़ी चलाउन्गी तब। छेड़छाड़ करेंगे। घर पर क्यों नहीं।

रवि- अरे तुम्हें पता नहीं। गाड़ी में छेड़ छाड़ में बड़ा मजा आता है। चलो यह बात पक्की रही। कि तुम। अब गाड़ी चलाना सीख लो। जल्दी से।

आरती- नहीं अभी नहीं। मुझे सोनल से पूछना है। इसके बाद। कल बताउन्गी ठीक है। और दोनों। नीचे आ गये डाइनिंग टेबल पर रवि का नाश्ता तैयार था। रामु काका का काम बिल्कुल टाइम से बँधा हुआ था। कोई भी देर नहीं होती थी। आरती आते ही रवि के लिए प्लेट तैयार करने लगी। जया काकी और मोनिका रसोई घर मे थी। सोनल का नास्ता तैयार कर रही थी।

रवि ने जल्दी से नाश्ता किया और घर के बाहर की ओर चल दिये बाहर रामु काका गाड़ी को सॉफ सूफ करके चमका कर रखते थे। रवि खुद ड्राइव करता था।

रवि के जाने के बाद आरती भी अपने कमरे में चली आई और कमरे को ठीक ठाक करने लगी। दिमाग में अब भी रवि की बात घूम रही थी। ड्राइविंग सीखने की। कितना मजा आएगा। अगर उसे ड्राइविंग आ गई तो। कही भी आ जा सकती है। और फिर रवि से कहकर नई गाड़ी भी खरीद सकती है। वाह मजा आ जाएगा यह बात उसके दिमाग में पहले क्यों नहीं आई। और जल्दी से अपने काम में लग गई। नहा धो कर जल्दी से तैयार होने लगी। वारड्रोब से चूड़ीदार निकाला और पहन लिया वाइट और रेड कॉंबिनेशन था। बिल्कुल टाइट फिटिंग का था। मस्त फिगर दिख रहा था। उसमें उसका।

तैयार होने के बाद जब उसने अपने को मिरर में देखा। गजब की दिख रही थी। होंठों पर एक खूबसूरत सी मुश्कान लिए। उसने अपने ऊपर चुन्नी डाली और। मटकती हुई नीचे जाने लगी। सीढ़ी के ऊपर से डाइनिंग स्पेस का हिस्सा दिख रहा था। वहां रामु काका। टेबल पर खाने का समान सजा रहे थे। उनका ध्यान पूरी तरह से। टेबल की ओर ही था। और कही नहीं। सोनल अभी तक टेबल पर नहीं आई थी। आरती थोड़ा सा अपनी जगह पर रुक गई। उसे कल की बात याद आ गई रामु काका की नजर और हाथों का सपर्श उसके जेहन में अचानक ही हलचल मचा दे रहा था।
उसे कल दोपहर की बात याद आने लगी । जया काकी को मैले कपड़े निकाल कर वाशिंग मशीन में वाशिंग के लिए दे कर बाहर गार्डन में आ गयी थी। ऐसे ही घूमते घूमते वो रामु काका के सर्वेंट क्वाटर के पास आ गयी।
तभी आरती को कुछ सिकारियो की आवाज आई। उसके कान खड़े हो गए ये आवाजे इस समय क्वाटर रूम से आ रही थी। वो दबे पांव क्वाटर की खिड़की के पास पहुची तो उसकी आंखें फटी रह गयी।
उसने अपने जीवन मे जो सोच भी नही सकति थी वो नजारा उनके सामने था।
मोनिका और उसके बापू रामु काका दोनो एक दूसरे से लिपटे हुए थे।
मोनिका ने उस समय पेटीकोट के नीचे कुछ नहीं पहना था और रामु काका उसके बूब्स के खड़े निप्पल को अपनी मुठ्ठी में भरकर दबा रहे थे और साथ ही वो उसके दोनों बूब्स को भी मसल रहे थे. उस वजह से मोनिका मस्ती से भरी मज़ा ले रही थी. तभी रामु काका ने उससे पूछा, क्यों बेटी तुमको अच्छा लग रहा है? तो उसने कहा कि हाँ पापा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और रामु काका कहने लगे कि तुम इसी तरह कुछ देर बैठो, क्योंकि आज में तुमको शादी वाला पूरा मज़ा देता हूँ क्योंकि अभी तुम जवान हो और तुम यह मज़े लेने के लायक भी हो , आज मैं तुमको बहुत मज़े दूंगा. तुम अब प्यासी मत रहा करो। जब तक दोबारा तुमारा विवाह नही होता मैं ही तुमको खुश किया करुगा। रामु काका उसके खड़े बूब्स को निचोड़कर बोले, तो मोनिका एकदम उतावली होकर बोली उफ्फ्फ हाए पापा ऊहह्ह्ह सीईईईईइ इस तरह तो मुझे और भी अच्छा लगता है जब तुम कपड़े उतारकर नंगी होकर मज़ा लोगी तब और भी ज़्यादा मज़ा आएगा, वाह तुम्हारे बूब्स बड़े मस्त है.
आरती बाहर खड़ी हैरान और परेशान थी इन बाप बेटी की रास लीला देख कर ।
फिर मोनिका ने रामु काका से पूछा कि मेरे बूब्स इतने छोटे क्यों है? मा के तो बहुत बड़े है? वो कहने लगे कि तुम घबराओ मत बेटी तुम्हारे बूब्स को भी में तुम्हारी मा की तरह बड़ा कर दूँगा. बेटी तुम अपने पूरे कपड़े उतारकर नंगी होकर बैठो तब बड़ा मज़ा आएगा. फिर जब तक तुम्हारी दोबारा शादी नहीं होती तब में ही तुमको शादी वाला मज़ा दूँगा और तुम्हारे साथ में ही सुहागरात मनाऊंगा तुम्हारे बूब्स बहुत टाइट है और रामु काका पेटीकोट अंदर अपना एक हाथ डालकर उसके दोनों को बूब्स को दबातें हुए बोले कि बेटी अब तुम नंगी हो जाओ.
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RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस. - by sexstories - 08-27-2019, 01:22 PM

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