Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
08-23-2019, 01:36 PM,
#96
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
दीपा- आहह.. सोनू छोड़ दो मुझे… कोई देख लेगा आह..।
दीपा ने काँपती हुई आवाज़ में कहा।

सोनू ने दीपा की सलवार से हाथ बाहर निकाला और अपने चेहरे पास ले जाकर उसे देखने लगा…
उसकी ऊँगलियाँ दीपा की चूत से निकले काम-रस से सनी हुई थीं। दीपा की आँखें अभी भी बंद थीं और वो तेज़ी से साँसें ले रही थी। सोनू ने दीपा का हाथ पकड़ा और पेड़ के नीचे बैठ गया और दीपा को भी खींचते हुए नीचे बैठाने की कोशिश करना लगा।
दीपा मदहोश सी उसके साथ बैठ गई.. सोनू ने अपनी टाँगों को फैला कर दीपा को बीच में बैठा लिया।

“कोई देख लेगा यहाँ..।” दीपा ने फिर से धड़कते हुए दिल के साथ एक बार फिर कहा।

“कोई नहीं आएगा यहाँ…” सोनू ने दीपा को अपने बदन से चिपकते हुए कहा और अपने दोनों हाथों को आगे ले जाकर दीपा की चूचियों को कमीज़ से ऊपर पकड़ कर धीरे-धीरे मसलने लगा।

दीपा ने अपनी अधखुली आँखों से सोनू के हाथों की हरकत देखते हुए कहा- उई..अह.. ईए.. ईए क्या कर रहे हो.. आह्ह.. दर्द हो रहा है।

सोनू ने अपने दहकते हुए होंठों को दीपा की गर्दन पर लगा दिया और दीपा के मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई..।
“यहाँ कोई नहीं देखेगा… मैं तुम्हें प्यार कर रहा हूँ…तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा क्या..?”

सोनू की बात का दीपा ने कोई जवाब नहीं दिया, सोनू उसकी दोनों चूचियों को धीरे-धीरे अपने हाथों में भर कर मसलते हुए.. उसके गर्दन पर अपने होंठों पर रगड़ रहा था।

दीपा की साँसें एक बार फिर से पूरी तेज़ी से चलने लगी थीं और वो घुटी सी आवाज़ में सिसिया रही थी। जिसे सुन कर सोनू के हिम्मत और बढ़ती जा रही थी। उसने अपना एक हाथ उसकी चूची से हटा कर नीचे सलवार के जाबरान की तरफ ले जाना शुरू कर दिया।
जैसे ही दीपा को इस बात का अहसास हुआ, उसने अपने सलवार के नाड़े को कस कर पकड़ लिया.. ताकि सोनू अपना हाथ अन्दर ना ले जा सके.. पर सोनू के आगे दीपा की एक ना चली और सोनू ने थोड़ी सी मशक्कत के बाद अपना हाथ दीपा की सलवार और चड्डी के अन्दर घुसा दिया।
आहह.. क्या अहसास था…उस कुँवारी चूत का.. एकदम गरम और गदराई हुई.. दीपा की चूत एकदम चिकनी थी। शायद उसने एक दिन पहले ही अपनी चूत की बालों को साफ़ किया था।
अपनी चूत पर सोनू के हाथ का अहसास पाते ही.. दीपा एकदम से मचल उठी। उसने अपने दोनों हाथों से सोनू की जाँघों को दबोच लिया और उसने अपनी पीठ को सोनू की छाती से सटा लिया। जिससे सोनू का हौसला हर पल बढ़ता जा रहा था। सोनू ने दूसरे हाथ को नीचे ले जाकर दीपा की कमीज़ और नीचे पहनी हुई समीज़ के नीचे से डालते हुए.. उसकी चूचियों पर पहुँचा दिया।


दीपा की नंगी चूचियों को महसूस करते ही.. सोनू का लण्ड अपनी औकात पर आ गया और पीछे दीपा की कमर पर जा धंसा। सोनू के लण्ड के गरमी को अपनी कमर महसूस करते ही दीपा एकदम से सिहर उठी, उसकी साँसें और तेज हो गईं.. उसके होंठ उत्तेजना के कारण काँप रहे थे।

सोनू ने दीपा के बाईं चूची को अपने हाथ में लेकर धीरे से मसल दिया।

“आह.. उफ़.. बसस्स ओह्ह..” दीपा एकदम से सिसक उठी।

उसकी ये सिस्कारियां बयान कर रही थीं कि वो कितनी गरम हो चुकी है। फिर सोनू ने दीपा की गर्दन पर अपने दहकते हुए होंठों को रख कर.. उसकी चूची के चूचुक को अपनी उँगलियों के बीच में लेकर मसलना शुरू कर दिया। दीपा के चूचुक एकदम नुकीले होकर कड़क हो चुके थे। दीपा की मस्ती का कोई ठिकाना नहीं था।

दीपा की चूत में सरसराहट और तेज हो गई थी और उसकी कुँवारी चूत लगातार अपना कामरस बहा कर लण्ड को लेने के लिए तड़फ रही थी। मदहोश हो रही दीपा ने अपना सारा वजन सोनू के ऊपर डाल दिया था.. उसका सर पीछे लुड़क कर सोनू के कंधे पर टिका हुआ था, जिसका फायदा उठाते हुए.. सोनू ने एक बार फिर से अपने होंठों को दीपा के रसीले होंठों पर टिका दिया।

इस बार दीपा ने कोई विरोध नहीं किया और उसने अपने होंठों को ढीला छोड़ कर सोनू के हवाले कर दिया। उसके पूरे बदन में मस्ती के लहरें दौड़ रही थीं और उसका बदन आग के तरह तप रहा था, पर सोनू जानता था कि वो यहाँ कुछ ज्यादा नहीं कर सकता। सोनू अब आराम से दीपा के होंठों को रस चूस-चूस कर पी रहा था और दीपा भी अपने होंठों को ढीला को छोड़ कर सोनू से चुसवाते हुए मदहोश होती जा रही थी।

तभी दोनों को किसी के क़दमों की आहट पास आते हुए महसूस हुई। दोनों एकदम से अलग हो गए..खड़े होकर अपने कपड़ों को दुरस्त करने लगे। तभी उनके पास से एक आदमी गुज़रा और वो आगे की तरफ चला गया। दोनों ने चैन की साँस ली।

“अब घर चलना चाहिए…” दीपा ने घबराए हुए हड़बड़ाते हुए सोनू से कहा।

सोनू- हाँ चलो.. घर पर सब इंतजार करते होंगे..।

फिर दोनों बाग़ से निकल कर घर की तरफ चल पड़े। रास्ते में दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई.. घर आते ही दीपा कमरे में घुस गई और अपनी सलवार उतारने के बाद अपनी चड्डी निकाल कर देखने लगी। उसकी पैन्टी नीचे से एकदम उसके कामरस से सनी हुई थी। जब उसने अपनी चूत की फांकों को अपनी उँगलियों से छुआ, तो उसकी ऊँगलियाँ भी उसकी चूत से निकल रहे पानी से लसलसा गईं।दीपा- आहह.. सोनू छोड़ दो मुझे… कोई देख लेगा आह..।
दीपा ने काँपती हुई आवाज़ में कहा।

सोनू ने दीपा की सलवार से हाथ बाहर निकाला और अपने चेहरे पास ले जाकर उसे देखने लगा…
उसकी ऊँगलियाँ दीपा की चूत से निकले काम-रस से सनी हुई थीं। दीपा की आँखें अभी भी बंद थीं और वो तेज़ी से साँसें ले रही थी। सोनू ने दीपा का हाथ पकड़ा और पेड़ के नीचे बैठ गया और दीपा को भी खींचते हुए नीचे बैठाने की कोशिश करना लगा।
दीपा मदहोश सी उसके साथ बैठ गई.. सोनू ने अपनी टाँगों को फैला कर दीपा को बीच में बैठा लिया।

“कोई देख लेगा यहाँ..।” दीपा ने फिर से धड़कते हुए दिल के साथ एक बार फिर कहा।

“कोई नहीं आएगा यहाँ…” सोनू ने दीपा को अपने बदन से चिपकते हुए कहा और अपने दोनों हाथों को आगे ले जाकर दीपा की चूचियों को कमीज़ से ऊपर पकड़ कर धीरे-धीरे मसलने लगा।

दीपा ने अपनी अधखुली आँखों से सोनू के हाथों की हरकत देखते हुए कहा- उई..अह.. ईए.. ईए क्या कर रहे हो.. आह्ह.. दर्द हो रहा है।

सोनू ने अपने दहकते हुए होंठों को दीपा की गर्दन पर लगा दिया और दीपा के मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई..।
“यहाँ कोई नहीं देखेगा… मैं तुम्हें प्यार कर रहा हूँ…तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा क्या..?”

सोनू की बात का दीपा ने कोई जवाब नहीं दिया, सोनू उसकी दोनों चूचियों को धीरे-धीरे अपने हाथों में भर कर मसलते हुए.. उसके गर्दन पर अपने होंठों पर रगड़ रहा था।

दीपा की साँसें एक बार फिर से पूरी तेज़ी से चलने लगी थीं और वो घुटी सी आवाज़ में सिसिया रही थी। जिसे सुन कर सोनू के हिम्मत और बढ़ती जा रही थी। उसने अपना एक हाथ उसकी चूची से हटा कर नीचे सलवार के जाबरान की तरफ ले जाना शुरू कर दिया।
जैसे ही दीपा को इस बात का अहसास हुआ, उसने अपने सलवार के नाड़े को कस कर पकड़ लिया.. ताकि सोनू अपना हाथ अन्दर ना ले जा सके.. पर सोनू के आगे दीपा की एक ना चली और सोनू ने थोड़ी सी मशक्कत के बाद अपना हाथ दीपा की सलवार और चड्डी के अन्दर घुसा दिया।
आहह.. क्या अहसास था…उस कुँवारी चूत का.. एकदम गरम और गदराई हुई.. दीपा की चूत एकदम चिकनी थी। शायद उसने एक दिन पहले ही अपनी चूत की बालों को साफ़ किया था।
अपनी चूत पर सोनू के हाथ का अहसास पाते ही.. दीपा एकदम से मचल उठी। उसने अपने दोनों हाथों से सोनू की जाँघों को दबोच लिया और उसने अपनी पीठ को सोनू की छाती से सटा लिया। जिससे सोनू का हौसला हर पल बढ़ता जा रहा था। सोनू ने दूसरे हाथ को नीचे ले जाकर दीपा की कमीज़ और नीचे पहनी हुई समीज़ के नीचे से डालते हुए.. उसकी चूचियों पर पहुँचा दिया।


दीपा की नंगी चूचियों को महसूस करते ही.. सोनू का लण्ड अपनी औकात पर आ गया और पीछे दीपा की कमर पर जा धंसा। सोनू के लण्ड के गरमी को अपनी कमर महसूस करते ही दीपा एकदम से सिहर उठी, उसकी साँसें और तेज हो गईं.. उसके होंठ उत्तेजना के कारण काँप रहे थे।

सोनू ने दीपा के बाईं चूची को अपने हाथ में लेकर धीरे से मसल दिया।

“आह.. उफ़.. बसस्स ओह्ह..” दीपा एकदम से सिसक उठी।

उसकी ये सिस्कारियां बयान कर रही थीं कि वो कितनी गरम हो चुकी है। फिर सोनू ने दीपा की गर्दन पर अपने दहकते हुए होंठों को रख कर.. उसकी चूची के चूचुक को अपनी उँगलियों के बीच में लेकर मसलना शुरू कर दिया। दीपा के चूचुक एकदम नुकीले होकर कड़क हो चुके थे। दीपा की मस्ती का कोई ठिकाना नहीं था।

दीपा की चूत में सरसराहट और तेज हो गई थी और उसकी कुँवारी चूत लगातार अपना कामरस बहा कर लण्ड को लेने के लिए तड़फ रही थी। मदहोश हो रही दीपा ने अपना सारा वजन सोनू के ऊपर डाल दिया था.. उसका सर पीछे लुड़क कर सोनू के कंधे पर टिका हुआ था, जिसका फायदा उठाते हुए.. सोनू ने एक बार फिर से अपने होंठों को दीपा के रसीले होंठों पर टिका दिया।

इस बार दीपा ने कोई विरोध नहीं किया और उसने अपने होंठों को ढीला छोड़ कर सोनू के हवाले कर दिया। उसके पूरे बदन में मस्ती के लहरें दौड़ रही थीं और उसका बदन आग के तरह तप रहा था, पर सोनू जानता था कि वो यहाँ कुछ ज्यादा नहीं कर सकता। सोनू अब आराम से दीपा के होंठों को रस चूस-चूस कर पी रहा था और दीपा भी अपने होंठों को ढीला को छोड़ कर सोनू से चुसवाते हुए मदहोश होती जा रही थी।

तभी दोनों को किसी के क़दमों की आहट पास आते हुए महसूस हुई। दोनों एकदम से अलग हो गए..खड़े होकर अपने कपड़ों को दुरस्त करने लगे। तभी उनके पास से एक आदमी गुज़रा और वो आगे की तरफ चला गया। दोनों ने चैन की साँस ली।

“अब घर चलना चाहिए…” दीपा ने घबराए हुए हड़बड़ाते हुए सोनू से कहा।

सोनू- हाँ चलो.. घर पर सब इंतजार करते होंगे..।

फिर दोनों बाग़ से निकल कर घर की तरफ चल पड़े। रास्ते में दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई.. घर आते ही दीपा कमरे में घुस गई और अपनी सलवार उतारने के बाद अपनी चड्डी निकाल कर देखने लगी। उसकी पैन्टी नीचे से एकदम उसके कामरस से सनी हुई थी। जब उसने अपनी चूत की फांकों को अपनी उँगलियों से छुआ, तो उसकी ऊँगलियाँ भी उसकी चूत से निकल रहे पानी से लसलसा गईं।
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