RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
कामया का दिल अंदर ही अंदर रो पड़ता है- सुनीता का जादू विमल पे चढ़ चुका था – अब वो कुछ भी कर ले ये जादू नही उतरने वाला था. आख़िर खून खून के पास खींच रहा था, और फिर जब रमण और उसके बच्चे आ जाएँगे – तब सुनीता उन में बिज़ी हो जाएगी – कुछ दिन की ही तो बात है – दिल को यही समझा कर कामया अपनी स्वीकृति दे देती है.
‘ठीक है विमू जो तू चाहता है वो कर- पर मुझे भूल तो नही जाएगा?’
‘अपनी देवी को कोई भूल सकता है क्या’ कह कर विमल कामया को अपने तरफ घूमता है और उसके होंठों पे छोटे छोटे चुंबन जड़ने लगता है.
कामया पिघलने लगी उसकी चूत में तेज खुजली शुरू हो गई और वो विमल से चिपक गई, अब दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लगे और कामया का हाथ नीचे चला गया, विमल की पॅंट की ज़िप खोल कर उसके लंड को पकड़ के सहलाने लगी.
कामया को चूमते हुए विमल उसकी सारी उतारने लग और कुछ ही पलों में कामया पेटिकोट और ब्लाउस में आ गई.
दोनो का चुंबन अभी जारी था और कामया का पेटिकोट भी जिस्म का साथ छोड़ दिया.
फिर विमल ने कामया के ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए और कामया ने चुंबन तोड़ कर विमल के कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
विमल सिर्फ़ अंडरवेर में रह गया और कामया सिर्फ़ पैंटी में. विमल ने वहीं एक कुर्सी पे बैठ कर कामया को अपनी गोद में बिठा लिया और उसके उरोज़ को चूसने और मसल्ने लगा.
दूसरे कमरे में राम्या, सुनीता के साथ चिपक जाती है और उसके होंठ चूसने लगती है. सुनीता भी उसका साथ देने लगी, अब से भी इस खेल में मज़ा आने लगा था.
दोनो के कपड़े जिस्म का साथ छोड़ देते हैं और दोनो ही एक दूसरे के उरोज़ मसल्ने लगती हैं.
दोनो को पता ही नही चलता कब दोनो बिस्तर पे पहुँच कर 69 में आ गई और ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे की चूत को चूसने लगी.
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रमेश को एक झटका लगता है, शायद उसका दिमाग़ जाग जाता है- हथौड़े बज रहे थे दिमाग़ में, पहले राम्या और अब रिया – ये हो क्या रहा है. कैसे वो अपनी ही बेटियों को भोगने के लिए तयार होगया. उफ़फ्फ़ लानत है.
वो झटके से रिया से अलग होता है.
‘नही ये ग़लत है. रिया बेटी ये ग़लत है’
रिया को रमेश पे गुस्सा चढ़ जाता है और लगभग धक्के देते हुए उसे अंदर बिस्तर पे गिरा देती है और उसकी छाती पे चढ़ जाती है.
रिया की आँखों में इस वक़्त नशीले डोरे तैर रहे थे.
‘क्या ग़लत है? नौकरानी को चोदना सही है? अपनी साली पे झपटना सही है? और जो तुम्हें प्यार करता हो उसे तुम ठुकराते हो – ये सही है? – क्या चाहते हो? अपनी चूत के दरवाजे दूसरों के लिए खोल दूं? चुद जाउ दूसरों से? – बोलो – क्या चाहते हो?’
रिया इस भाषा में बात करेगी और ऐसे सवाल खड़े कर देगी ये तो उसने ख्वाब में भी नही सोचा था. फिर उसे डॉक्टर की बात याद आती है – रिया को इस वक़्त प्यार की ज़रूरत थी – उसके कॉन्फिडेन्स को वापस लाना था और उसके लिए अगर…….आगे रमेश नही सोच पाता और रिया को खुद पे खींच कर उसके होंठों के अपने कब्ज़े में ले कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया.
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वहाँ विमल बाल्कनी में कामया को अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मे चूस रहा था और मसल रहा था.
हां विमू हां, चूस और चूस पी जा मेरा सारा दूध – उफफफफफफफ्फ़
‘ओह मोम, तुम्हारे दूध कितने अच्छे हैं- दिल करता है बस इन्हें चूस्ता ही रहूं’
‘तो चूस ना मेरे लाल, कब तुझे रोका है जी भर के चूस, जब तेरा दिल करे तब चूस--------आाआऐययईईईईईईईईईईईई आराम से ‘
विमल ज़ोर ज़ोर से कामया के उरोज़ चूसने लग गया, और कामया की सिसकियाँ हवाओं में फैलने लगी.
अहह उूुुउउम्म्म्ममममममम हाआंणन्न् ऐसे ही उफफफफफफफ्फ़
काफ़ी देर तक विमल कामया के उरोज़ चूस्ता है फिर उसे थाम कर अंदर कमरे में ले जाता है और बिस्तर पे लिटा देता है.
विमल झुक कर आज कामया के पैरों की उंगलियों को चूसने लगा और जो लज़्जत और जो मज़ा कामया को मिलने लगा वो बयान के बाहर है. रमेश ने कभी इस तरहा उसे प्यार नही किया था.
विमल धीरे धीरे कामया की जांघों पे आ जाता है और अपनी ज़ुबान फेरने लगता है.
कामया की सिसकियाँ बदस्तूर कमरे में गूँज रही थी. और विमल के होंठ उसकी जांघों से तरंगों को जागृत कर उसकी चूत और उसके उरोज़ को झंझणा रहा थे.
कामया जल बिन मछली की तरहा बिस्तर पे तड़पने लगी, विमल को उसे ज़ोर से पकड़ना पड़ा फिर भी कामया के जिस्म में जो थिरकन उठ चुकी थी वो थमने का नाम नही ले रही थी.
‘अहह ववववववववववीीईईईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्ममममम्मूऊऊुुुउउ’
विमल उसकी जांघों को चूमते चूस्ते और काटते हुए उसकी नाभि तक आ जाता है और अपनी ज़ुबान से नाभि को छेड़ने लगता है.
कामया की उत्तेजना चर्म तक पहुँच चुकी थी, नाभि से उठती हुई लहरों को वो बर्दास्त ना कर सकी जो सीधा उसकी चूत तक जा रही थी.
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