Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
08-18-2019, 02:38 PM,
RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"एक...एक मिनिट...रुकिये तो ज़रा..."एफ.ई.आर. का नाम सुनकर मेरी पूरी तरह फट पड़ी....
क्यूंकी ऐसा ही एक केस मेरे एक दोस्त के साथ हुआ था..हुआ कुच्छ ये था कि एक बार वो अपने किसी दोस्त का मोबाइल नंबर सेव कर रहा था तो ग़लती से अपने दोस्त के मोबाइल नंबर के कुच्छ डिजिट उससे ग़लत टाइप हो गये और फाइनली जो नंबर सेव हुआ वो उसके दोस्त का ना होकर किसी अननोन लड़की का था....अब बात यहाँ से शुरू हुई. मेरा वो दोस्त ,अपने मोबाइल पर सेव्ड उस नंबर पर अडल्ट मेसेज भेजा करता था,ये सोचकर कि ये मेसेज उसके दोस्त के पास जा रहे है...वो भी दिन मे तक़रीबन 10-12 मेसेज..और फिर एक दिन उसे पोलीस स्टेशन से फोन आया,जिसमे उसे पोलीस वालो ने धमकी दी कि वो पोलीस स्टेशन मे आए वरना उसके खिलाफ एफ.आइ.आर. दर्ज कर दी जाएगी....अब मेरे उस दोस्त की चारो तरफ से फटी ,जैसे अभी मेरी फटी पड़ी थी और मेरा वो दोस्त जहाँ रहता था,वहाँ से 200 कीलोमेटेर दूर ,दूसरे शहर के उस पोलीस स्टेशन मे गया...जहाँ उसके खिलाफ कंप्लेन हुई थी. जब मेरा दोस्त वहाँ पहुचा तो पोलीस वालो ने उस लड़की को भी बुलाया ,जिसके नंबर पर मेरे मासूम से दोस्त ने अडल्ट मेसेज भेजे थे....और फिर बाद मे ये खुलासा हुआ कि मेरे दोस्त ने नंबर सेव करते वक़्त कुच्छ डिजिट को टाइप करने मे ग़लती कर दी थी....उसने ये बात पोलीस को बताई लेकिन पोलीस नही मानी और मेरे उस दोस्त को खम्खा 10,000 का जुर्माना भरना पड़ा....
.
और अब यही डर मुझे भी सता रहा था कि कही यही सब मेरे साथ ना हो जाए,वरना खम्खा मुझे भी फाइन भरनी पड़ेगी..लेकिन जब मैने कॉल किया ही नही किसी को तो फिर ये लौंडिया मुझपर क्यूँ भड़क रही है....कही कल दारू के नशे मे अरुण लोगो ने तो ये बक्लोलि नही की और फिर मुझे पता ना चले इसलिए नंबर मिटा दिया होगा.....या फिर ये लौंडिया मुझे चोदु तो नही बना रही...
.
"हेलो...तो मैं क्या करूँ..."वो लड़की फिर मुझपर चीखी...

"दो मिनिट आप,होल्ड कर सकती है क्या...मैं अपने दोस्त से पुच्छ लेता हूँ कि कहीं उसने तो कॉल नही किया...प्लीज़..."

"ओके...ओके, "

"थॅंक्स..."

बोलकर मैने कस्टमर केयर को कॉल किया और अपने लास्ट थ्री कॉल्स की डीटेल्स माँगी और जो बात मेरे सामने आई ,वो ये कि मेरे नंबर से लास्ट कॉल कल का था...यानी ये लौंडिया जो बहुत देर से एफ.आइ.आर. -एफ.आइ.आर. कर रही थी...उसने या तो ग़लती से मेरा नंबर डाइयल कर दिया था,या फिर मेरे मज़े ले रही थी...इसकी माँ का
.
"ओह ,हेलो...जानेमन..."

"ये क्या बदसलूकी है..."

"देखो बेब्स....आवाज़ नीचे करके बात कर,वरना मैं तेरे खिलाफ एफ.आइ.आर. दर्ज करवा दूँगा कि तू सुबह-सुबह एक रहीस, शरीफ और भावी इंजिनियर को कॉल करके धमका रही है...."

"ये तो उल्टी ही बात हुई की...पहले खुद रात भर कॉल करके रूबिश लॅंग्वेज मे बात करो और फिर सुबह उल्टा धमकिया दो..."

"मैने तुझे कॉल किया ? अबे मैं अपने बाप को कॉल नही करता तो फिर तुझे क्या खामखा कॉल करूँगा...चल फोन रख दे,वरना ऐसे बजाउन्गा कि ज़िंदगी भर बजती रहेगी...."अपना गला फाड़ते हुए मैने कॉल डिसकनेक्ट किया और मोबाइल दूर पटक दिया....
.
"क्या हुआ ,अरमान भाई....ये सुबह-सुबह किसे बजा रहे हो..."मेरे कानो मे राजश्री पांडे की आवाज़ पड़ी....

मैने रूम मे चारो तरफ देखा ,लेकिन पांडे जी कहीं दिखाई नही दिए,

"ये कही मेरे कान तो नही बज रहे...मुझे अभी ऐसा लगा कि राजश्री ने मुझसे बात की..."

"अरे इत्थे देखो,अरमान भाई...इत्थे..."

"लवडा फिर मेरा कान बजा...."

"अरे कान नही बज रहा, मैं बिस्तर के नीचे पड़ा हूँ..."पांडे जी ने एक बार फिर मुझे आवाज़ लगाई...

"तू साले, पांडे...यहाँ मेरे बेड के नीचे क्या कर रहा है...निकल बाहर, बोसे ड्के...."

बोलने के साथ ही मैने पांडे जी का पैर पकड़ा और घसीट कर बिस्तर के नीचे से बाहर किया...

मेरा पूरा रूम बिखरा पड़ा था , मेरे रूम की हालत ऐसे थी ,जैसे कल रात यहाँ चोरी हो गयी हो...और तो और इस वक़्त अरुण ,सौरभ का भी कहीं अता-पता नही था....

राजश्री पांडे को बेड के नीचे से घसीट कर बाहर निकालने के बाद मैं वही उसके पास बैठ गया और उससे अरुण और सौरभ के बारे मे पुछा....
.
"जब आप सो गये थे तब वो दोनो माल चोदने गये थे...लगता है वापस नही आए...और सूनाओ क्या हाल है..."

"एक दम घटिया हाल है और ये बता ये रूबिश लॅंग्वेज का मतलब क्या होता है..."

"अगर इतना ही पता होता तो मैं आज यहाँ नही बल्कि एमआइटी या ऑक्स्फर्ड यूनिवर्सिटी मे होता...आप भी ना अरमान भाई,कमाल करते हो..."

"चल ठीक है और यहाँ से जाने के पहले पूरा रूम सॉफ करके जाना वरना बहुत चोदुन्गा..."
.
वहाँ से उठकर मैं नहाने पहुचा और नाल खोलकर अपना सर ठंडे पानी के नीचे किया, जिसके कारण मेरा सर कुच्छ हल्का हुआ....

"ये लौंडी कौन थी,इसकी माँ का...साली ने तो एक पल के लिए डरा ही दिया था....यदि मेरे कॉलेज की होती तो चूत फड़कर पूरा कॉलेज उसके अंदर घुसा देता...साली म्सी बीकेएल"

दारू का असर कॉलेज जाते वक़्त भी था...कॉलेज जाते वक़्त मेरा थोबड़ा ऐसे मुरझाया हुआ था जैसे अभी कुच्छ देर पहले किसी ने मुझे पकड़ कर दो चार हाथ जमा दिए हो...

"आज से दारू बंद..."एक सौ एक्किसवि बार झूठ बोलते हुए मैने खुद से कहा और क्लास के अंदर घुसा...

अब जब दिन की शुरुआत ही इतनी कन्फ्यूषन भरी रही हो तो बाकी का दिन कैसे अच्छा जाने वाला था...उपर से हमारे मेकॅनिकल डिपार्टमेंट की लड़कियो की शकल देखकर तो नोबेल पुरस्कार जीतने वाले बंदे का भी खुशी से झूम उठा हुआ मूड खराब हो जाए...साली एक तो अखंड काली उपर से किसी खून पीने वाले जानवर की तरह दाँत और जब वो मुझे देखकर मुस्कुराती थी तो दिल करता कि अपना सर अपनी डेस्क पर दे पटकु कि क्यूँ मैने उसकी तरफ देखा..क्यूँ
.
शुरू के दो पीरियड मैने शांत गुज़रे और तीसरे पीरियड मे मेरे दोस्तो की एंट्री होने के बाद मैं कुच्छ रिलॅक्स हुआ....
.
"क्यूँ बे अरुण, मुझे राजश्री पांडे ने बताया कि तुम लोग कल रात रंडी चोदने गये थे ,साले कुत्तो..."चलती हुई क्लास के बीच मे मैने खीस-पिश की....

"तो इसमे क्या बुरा किया...लेकिन साली कोई चोदने को मिली नही..."

"क्यूँ...सब सुधर गयी क्या.."

"सुधरी नही...म्सी ,सब दिन भर चूत मरवा-मरवा के थक कर सो गयी थी और जब रात के 1 बजे हम दोनो ने उनका दरवाजा खटखटाया तो सालियो ने माँ-बहन की गालियाँ देते हुए हमे वहाँ से भगा दिया..."

"इसीलिए....इसीलिए मैं रंडी चोदने नही जाता हूँ...सालो कुच्छ तो लेवेल रखो अपना..."

"काहे का लेवेल बे....सीधे-सीधे बोल ना कि तेरा लंड खड़ा नही होता है..."

"नो बेब्स...ऐसा नही है, मेरा लंड जब खड़ा होता है तो जितना बड़ा तू है,उतना बड़ा होता है...लेकिन वो क्या है ना कि ' आइ डॉन'ट लाइक दट चूत विच कनेक्ट वित माइ लंड ड्यू टू मनी'...."

"रहने दे...सब मालूम है मुझे, तभी दीपिका रंडी ने अच्छे से चूसाया था थर्ड सेमेस्टर मे...मुँह मत खुलवा मेरा,वरना..."
.
"तुम दोनो खुद बाहर जाओगे या मैं धक्के मार कर बाहर निकालु..."हमारे पवर प्लांट इंजीनियरिंग. सब्जेक्ट के प्रोफेसर ने हमे देख कर बड़े ही शालीनता से कहा...जैसे वो हमे बाहर जाने के लिए नही बल्कि किसी बात पर हमे शाबाशी दे रहे हो.....खैर हम दोनो वहाँ से बाहर आए और 5थ, 6थ और 7थ सेमेस्टर के बाद ये पहला मौका था,जब मुझे क्लास से निकाल दिया गया था.....
.
प्रोफेसर ने हम दोनो को क्लास से बाहर निकाल फेका और साथ मे ये भी कहा कि हम दोनो यही क्लास के बाहर ही खड़े रहे...फिर क्या था,हम दोनो पूरी पीरियड भर क्लास के सामने खड़े रहे...इस बीच जो भी वहाँ से गुज़रता उससे हम दोनो हाई..हेलो कहते और उसके पुछने पर कि हम दोनो यहाँ बाहर क्यूँ खड़े है,क्लास के अंदर क्यूँ नही जाते तो हमारा जवाब होता कि हम दोनो क्लास आने मे लेट हो गये थे, इसलिए नेक्स्ट क्लास से अंदर जाएँगे...

क्लास ख़तम होने के बाद वो प्रोफेसर बाहर निकला और हम दोनो से बोला कि रिसेस मे पूरी क्लास को लेकर ऑडिटोरियम मे हम लोग आ जाए, प्रिन्सिपल सर को कुच्छ कहना है.....

"क्या कहना है सर, प्रिन्सिपल सर को..."अरुण ने प्रोफेसर से पुछा...

"जितना बोला हूँ उतना करो...ज़्यादा चपड-चपड ज़ुबान मत चलाओ,वरना जीभ काट लूँगा...टाइम से पहुच जाना..."

"तेरी *** की चूत, तेरी *** का भोसड़ा...तेरी *** का लंड..."साइलेंट मोड मे अपनी आदत अनुसार अरुण ने अपना मुँह चलाया और क्लास के अंदर दाखिल हुआ.....
.
रिसेस के वक़्त जैसा कि पवर प्लांट वाले सर ने कहा था उसका पालन करते हुए हम सब ऑडिटोरियम पहुँचे और जैसे ही ऑडिटोरियम मे पहुँचे तो...वहाँ कॉलेज के सभी ब्रांच के फाइनल एअर वाले स्टूडेंट्स मौज़ूद थे....बोले तो फुल महॉल.

"ब्रांच वाइज़ बैठने की कोई ज़रूरत नही है...सब लोग जहाँ चाहे,वहाँ बैठ सकते है...."स्टेज पर खड़ा हुआ एक आदमी बोला...

"चल बे अरुण, दूसरी साइड चलते है,वहाँ सीएस की लड़किया बैठी हुई है...उन्ही के पीछे बैठेंगे...."

सीएस की लौंडिया का नाम लेना तो सिर्फ़ मेरे लिए एक बहाना था, मेरा मूड तो एश के ठीक पीछे वाली सीट मे बैठने का था...ताकि हम दोनो के बीच की केमिस्ट्री मे कम से कम कोई रिक्षन तो हो....

एश के लिए मेरे धड़कते दिल मे हमेशा वही अहसास,वही खुमार बना रहा ,जो उसे पहली बार देखने से शुरू हुआ था...और हर दिन वो बढ़ता ही जा रहा था. जी तो करता की अपना दिल चीर कर उसे दिखा दूँ और उसे अपने प्यार का नज़राना पेश करू,लेकिन फिर सोचा की ज़्यादा शान-पट्टी नही झाड़ना चाहिए...वरना यदि अपना दिल चीर-फाड़ भी दिया तो क्या फ़ायदा...मरना तो मुझे ही होगा, इसलिए फिलहाल मैने ये दिल की चीरा-फाडी करने का प्रोग्राम कॅन्सल कर दिया .....

लड़कियो से कनेक्षन के मामले मे मैं एसा के सिवा अब तक र.दीपिका, विभा और आंजेलीना डार्लिंग के ही संपर्क मे रहा था....लेकिन जैसा उत्साह मेरे दिल मे एश को देखकर आता था ,वैसा उत्साह बाकी की तीनो हसीनाओ को देखकर नही आता था....जिसका कारण था कि बाकी तीनो लड़किया बहुत चालू थी लेकिन एश भोली-भाली प्यारी सी,सुंदर सी ,परी जैसे दिखने वाली एक बिना दिमाग़ की लड़की थी....जिसे कोई भी ,कभी भी बेवकूफ़ बना सकता था...वो तो शुक्र हो एश के बाप का जिसके रौब के कारण पूरे कॉलेज मे किसी लड़के के अंदर हिम्मत नही हुई कि वो कभी एश से जाकर बदतमीज़ी करे.....वरना कॉलेज तो वो 10 दिन मे ही छोड़ कर भाग जाती...
.
मैं और मेरी मंडली ने एश और उसके फ्रेंड्स के ठीक पीछे वाली रो पर अपना तशरीफ़ रखा और फिर हमारे हेरलेस प्रिन्सिपल सर ने अंदर एंट्री मारी....

"मुझे बहुत खुशी हुई कि आप सब यहाँ आए...उसके लिए सभी को धन्यवाद...."

"कोई बात नही सर...ये आप पर एहसान रहा..."प्रिन्सिपल के भाषण का एक्स-रे करते हुए अरुण ऐसे ही कुच्छ भी बके जा रहा था.(और इस एक्स-रे का रिज़ल्ट नीचे रेड कलर मे शो होगा)

"आप सब यही सोच रहे होंगे कि मैने आपको यहाँ क्यूँ बुलाया,दरअसल बात ये है कि इस वर्ष हमारे कॉलेज के पचास वर्ष पूरे होने के उपलक्ष मे समिति ने स्वर्ण जयंती मनाने का फ़ैसला किया है.."

"ये सला बूढऊ, स्वर्ण जयंती मे सोने के सिक्के बाँटेगा क्या बे अरमान..."

अरुण को इस वक़्त मैने फुल्ली इग्नोर मारा क्यूंकी क्या पता प्रिन्सिपल सर सबके सामने खड़ा करके इन्सल्ट कर दे...इसलिए मैं बड़े ध्यान से उनकी बातें सुनने मे लगा हुआ था.....

"मेरे ख़याल से स्वर्ण जयंती शब्द से यहाँ सभी परिचित ही होंगे कि यह स्वर्ण जयंती समारोह किसी विद्यालय या महाविद्यालय या फिर किसी विश्वविद्यालय मे क्यूँ आयोजित किया जाता है....खैर ये सब तो हम सबके लिए पहली खुशी का विषय है कि लेकिन दूसरी खुशी का विषय जो है वो ये कि स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घातटन और कोई नही बल्कि इस राज्य के मुख्यमंत्री महोदय करेंगे और वही हमारे स्वर्ण जयंती समारोह के मुख्य अतिथि भी रहेंगे...."

"ये एमसी टकला संस्कृत मे बात कर रहा है क्या बे, बीसी..."

"अभी कुच्छ देर पहले ही हमारी मुख्यमंत्री महोदय से बात हुई थी और तीसरी खुशख़बरी जो मैं आपको देने वाला हूँ वो ये है कि अगले वर्ष से हमारा ये इंजिनियरिंग कॉलेज, अटॉनमस बनने जा रहा है...."
.
'अटॉनमस' वर्ड सुनते ही वहाँ ऑडिटोरियम मे बैठे सभी लौन्डो ने जोरदार तालिया बजानी शुरू कर दी और इधर ये वर्ड मैं पहली बार सुन रहा था, इसलिए मुझे कुच्छ पता ही नही चला कि आख़िर लौन्डे इतनी तालिया क्यूँ बजा रहे है...लेकिन जब सब बजा ही रहे थे ,तो हमने भी बजा दी ताकि किसी को शक़ ना हो कि हमे कुच्छ समझ नही आया है मैने अरुण की तरफ देखा और अरुण ने सौरभ की तरफ देखा...इस आस मे कि हम तीनो मे से किसी एक को तो उस 'अटॉनमस' बॉम्ब का मतलब मालूम ही होगा...

"तुम तीनो ठहरे बक्चोद लेकिन अभी चुप रहो ,बाहर सब कुच्छ समझा दूँगा..."सुलभ ने अपना सीना थोड़ा चौड़ा करके कहा....
"रहण दे...कोई ज़रूरत नही है , मेरे पास गूगल महाराज है ,मैं अभी चेक कर लेता हूँ..."

इधर एक तरफ मैं गूगल बाबा की छत्र-छाया मे पहुचा तो वही दूसरी तरफ प्रिन्सिपल सर ने अपना प्रवचन चालू रखा......

"तो मैने आप सबको यहाँ इसलिए बुलाया है क्यूंकी स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य मे हम एक बहुत बड़ा कार्यक्रम रखेंगे, जिसकी जानकारी आप सभी को छत्रपाल जी देंगे....यहाँ आने के लिए सबका बहुत-बहुत धन्यवाद...आप सभी का दिन मंगलमय हो..."
.
मंगलमय का आशीर्वाद देने के बाद हमारे प्रिन्सिपल सर वहाँ से हटे तो छत्रपाल सर ने माइक का टेटुआ पकड़ लिया...प्रिन्सिपल सर के ऑडिटोरियम से जाने के बाद सभी स्टूडेंट्स रिलॅक्स हुए, वरना अभी तक अपनी कमर ऐसे सीधी किए हुए थे ,जैसे पीछे कोई हंटर लेकर खड़ा हो और उसने वॉर्निंग दे के रखी हो कि यदि ज़रा सा भी पीछे टिके तो रगड़ के रख दूँगा...खैर ये सब तो चलता रहता है.
.
एश , दिव्या और उसके पास बैठी हुई बाकी लौन्डियो को ये पता चल गया था कि इस कॉलेज का सबसे स्मार्ट बंदा उनके पीछे बैठा हुआ है और जब से उन्हे ये बात मालूम पड़ी उनमे से कोई ना कोई बीच-बीच मे पीछे पलट कर ये कन्फर्म करती कि ,मैं सच मे वहाँ बैठा हूँ या मेरा कोई प्रतिबिंब वहाँ है , मेरी आगे रो वाली लगभग सभी लड़कियो ने पीछे पलट कर हमे देखा और उस वक़्त हम सबको ऐसे अहसास हुआ जैसे इस दुनिया के सबसे खूबसूरत बंदे हमी लोग है लेकिन उनका बार-बार यूँ पीछे मुड़कर हमे देखना ,हमारे गाल पर तमाचे की तरह तब लगा...जब प्रिन्सिपल सर के जाने के बाद आगे वाली रो की सभी लड़किया वहाँ से उठकर पीछे चली गयी.....

"इनका माँ का..."अरुण आगे कुच्छ बोलता उससे पहले ही मैने उसका मुँह बंद कर दिया....

कुच्छ देर बाद वहाँ और भी कयि टीचर्स आ गये,जिसमे हमारे कॉलेज की बॅस्केटबॉल टीम का कोच भी था....जब सब आ गये तो छत्रपाल सर, ने बोलना शुरू किया....
छत्रपाल सर हमारे कॉलेज के सबसे चहेते टीचर्स मे से एक थे, मतलब कि वो ऐसे टीचर थे,जिनकी लौन्डे थोड़ी बहुत इज़्ज़त करते थे.....छत्रपाल जी ने हमे बताया की गोलडेन जुबिली के इस सुनहरे मौके पर कुल 7 दिन का फंक्षन होगा...जिसमे प्रॉजेक्ट्स, मॉडेल्स, सिंगिंग,डॅन्सिंग,स्पोर्ट्स एट्सेटरा. कॉंटेस्ट आयोजित किए जाएँगे और जिस स्टूडेंट को जिस फील्ड मे इंटेरेस्ट हो,वो उस फील्ड से रिलेटेड टीचर के पास जाए और तैयारी शुरू कर दे....इस बीच एक सवाल मेरे अंदर उठा वो ये कि अभी तक ऐसी कोई बात नही हुई थी,जिसमे कॉलेज के सिर्फ़ फाइनल एअर के स्टूडेंट्स को ही बुलाया जाए...लेकिन छत्रपाल सिंग ने मेरा डाउट कुच्छ देर मे ही दूर कर दिया....और जो बात हमे पता चली वो ये कि हम फाइनल एअर वालो को ऑडिटोरियम मे इसलिए बुलाया गया था ताकि हम गोलडेन जुबिली फंक्षन को सही ढंग से चलाए,बोले तो सारी ज़िम्मेदारी हम पर ही थी....जैसे कि कॉलेज के जूनियर्स के क्लास मे जाना और उनसे पुछ्ना कि क्या वो गोलडेन जुबिली फंक्षन मे पार्टिसिपेट करेंगे....

"मैं तो बिल्कुल भी ये चूतियापा नही करने वाला...साला नौकर समझ रखा है क्या..."अरुण फिर भड़क उठा...

"चिंता मत कर हम लोग ये सब नही करेंगे बोले तो हम लोग किसी चीज़ मे पार्टिसिपेट ही नही करेंगे...दे ताली"
.
अब जब मैने और मेरे दोस्तो ने ये डिसाइड कर लिया कि हम लोग इस पूरे चका-चौंध से दूर रहेंगे तो तभी बॅस्केटबॉल का कोच सामने आया और उसने कहा कि जिस-जिस को भी बॅस्केटबॉल खेलना आता है,वो यहाँ आ जाए....और ये सुनते ही मेरे अंदर घंटी बजी...लेकिन मैं फिर भी नही उठा...

"अरमान जा बे, इंप्रेशन जमाने का सॉलिड मौका है..."अरुण ने मुझे कोहनी मारते हुए कहा...

"अबे कहा यार, अब तो बॅस्केटबॉल पकड़ना भी भूल गया हूँ....खम्खा फील्ड मे बेज़्जती हो जाएगी..."

"अबे,यदि शेर शिकार करना छोड़ दे तो इसका मतलब ये नही होता कि वो शिकार करना भूल गया है...इसलिए जा मेरे शेर जा....और अब तो गौतम भी नही है..."

"नो बेब्स...अब मेरे बस की नही रही..और वैसे भी बॅस्केटबॉल का खेल कोई चुदाई करने का खेल नही है,जहाँ तीन साल बाद भी चूत से दूर रहने के बाद जब अपना लंड चूत मे डालोगे तो परर्फमेन्स वही रहेगी.... "
.
धीरे-धीरे जिन्हे गोलडेन जुबिली के फंक्षन मे पार्टिसिपेट करना था ,वो सब अपने-अपने ग्रूप मे बँट गये....लेकिन हम चारो मे से अभी तक कोई नही उठा था और फिर छत्रपाल सिंग ने आंकरिंग के लिए इंट्रेस्टेड स्टूडेंट्स को स्टेज पर बुलाया....

"वो देख तेरे सपनो की रानी ,आंकरिंग के लिए जा रही है..."एश को स्टेज की तरफ जाते देख सौरभ ने मेरी चुटकी ली...
और एक बार फिर मेरे अंदर घंटी बजी और इस बार वो घंटी रुकने के बजाय लगातार बजती ही रही....और मेरे दिल मे ख़याल आया कि मैं जाउ या नही.....
.
"अरुण ,मैं आंकरिंग करने जाउ क्या....एश भी जा रेली है..."

"तू और आंकरिंग... अबे बक्चोद ,वहाँ स्टेज पर जाकर गालियाँ नही देनी है...तू रहने दे कक्के..."

"ऐसा क्या फिर तो पक्का मैं जाउन्गा...."बोलते हुए मैं अपनी जगह पर खड़ा हुआ लेकिन अरुण ने मुझे वापस बैठा दिया....

"चुदेगा बेटा...बैठ जा चुप चाप..."

"एक असली मर्द की पहचान उसकी बातो से नही बल्कि उसके कारनामो से होती है और मैं ये कारनामा करके के ही रहूँगा....छोड़ मुझे..."

"मुझे मालूम है कि तू अपनी उस आइटम को देखकर जा रहा है,लेकिन कुच्छ देर बाद जब तेरा जोश ठंडा होगा ना तब सबके सामने कुच्छ बोलने मे तेरी फटेगी...."

"एश मिल जाए तो मैं अपनी इंजिनियरिंग छोड़ दूं,फिर ये आंकरिंग क्या चीज़ है..."

आंकरिंग वाले मसले पर अरुण को मुझसे आर्ग्युमेंट करते देख सौरभ ने अरुण को चुप कराया और मुझसे बोला"जाइए, यहाँ बैठे क्यूँ हो...अपना शौक पूरा करो..."

"य्स्स...तू ही मेरा सच्चा दोस्त है, आइ लव यू..."

मैं अपनी जगह से उठा और स्लोली-स्लोली चारो तरफ का महॉल देखते हुए चलने लगा....मेरे स्टेज पर पहुचते तक वहाँ छत्रपाल सिंग के साथ एश को छोड़ कर दो लोग और थे, जिनमे से एक लड़की थी और एक लड़का.....

मैं जब छत्रपाल सिंग के सामने जाकर खड़ा हुआ तो उन्होने मुझसे पुछा" क्या बात है अरमान..."

"मैं सोच रहा था कि मैं आंकरिंग अच्छा कर सकता हूँ...."

"क्या..."मेरे मुँह से आंकरिंग करने की बात सुनकर छत्रपाल जैसे बेहोश होकर गिरने ही वाला था ,लेकिन फिर बाद मे उन्होने खुद को संभाल लिया....जो हाल इस वक़्त छत्रपाल सर का था ,वैसा ही कुच्छ हाल वहाँ मौज़ूद उन स्टूडेंट्स का भी था,जिन्होने मेरे आंकरिंग करने की बात सुनी थी....
.
"आर यू श्योर ! ,क्यूंकी मुझे नही लगता कि तुम कर पाओगे...."

"यहाँ आते वक़्त तो श्योर ही था और अब भी श्योर ही हूँ...इसलिए जल्दी से प्रॅक्टीस शुरू करते है..."

"एक मिनिट, ज़रा रुकिये तो....पहले टेस्ट तो कर ले कि तुमसे कुच्छ बोला भी जाता है या ऐसे ही यहाँ स्टेज पर आ गये...."मेरे हाथ मे माइक पकड़ते हुए सिंग सर ने ऑडिटोरियम मे बैठे सभी स्टूडेंट्स को सामने देखने के लिए कहा और फिर मुझे देखकर बोले"एक-दो लाइन ज़रा बोलकर दिखाना तो..."

"बोलना क्या है...ये तो बताओ पहले..."दिल की तेज़ होती हुई धड़कनो को नॉर्मल करते हुए मैने पुछा....

"कुच्छ भी बोल दो, चाहे तो अपना इंट्रोडक्षन ही दे दो ,सबको...."

"ठीक है...फिर..."मैने माइक पर अपना एक हाथ मज़बूत किया और सिंग सर के पास से दो कदम आगे आकर अपना दूसरा हाथ उठाते हुए बोला"आर यू थिंकिंग अबाउट मी..."

इतना बोलकर मैं चुप हो गया और 'यस' के जवाब का इंतज़ार करता रहा,लेकिन ऑडिटोरियम मे बैठे हुए लोगो मे से किसी एक ने भी जवाब नही दिया....

"सर ,इन लोगो को इंग्लीश नही आती..."सिंग सर की तरफ पलटकर मैने मज़े लेते हुए कहा...जिसके बात पूरा ऑडिटोरियम हँसने लगा...और मैं खुद से पुछने लगा कि 'मैने अभी कोई जोक मारा क्या ?'

"आर यू थिंकिंग अबाउट मी...."

"यस...."अबकी बार पूरा ऑडिटोरियम गूंजा...

"इफ़ यू आर थिंकिंग अबाउट मी देन इट'स एनफ टू शो माइ पॉप्युलॅरिटी...लव यू ऑल..."बोलने के बाद मैने सिंग सर को माइक थमाया और उनसे पुछा"कैसा लगा सर..."

"कल सुबह 10 बजे यही पर आ जाना...."

"पहुच जाउन्गा सर..."
.
स्टेज से अपने दोस्तो की तरफ आते हुए मैने अपना कॉलर खड़ा किया और अरुण के कंधे पर अपनी कोहनी रख कर बोला"अब बोल ,क्या बोलता है..."

"दिव्या की जल कर राख हो गयी थी, साली तुझे देखकर ऐसे मुँह बना रही थी जैसे दुनिया भर का गोबर उसके मुँह मे पेल दिया गया हो...साली छिनार"

"दिव्या... दिव्या से याद आया ,सुलभ तू अपना मोबाइल दे तो एक मिनट. "

मैने सुलभ से मोबाइल लिया और आज सुबह जिस नंबर. से मुझे कॉल आया था ,उसे डाइयल करने लगा...क्यूंकी मैं चेक करना चाहता था कि कही वो कॉल दिव्या का तो नही था...और अपने मोबाइल से कॉल ना करके सुलभ के मोबाइल से कॉल करने का भी एक लॉजिक था क्यूंकी यदि वो कॉल दिव्या की ही करामात थी तो उसके पास ज़रूर मेरा नंबर. होगा और वो इस वक़्त कॉल नही उठाएगी और अरुण का नंबर. तो उसके पास थर्ड सेमिस्टर. से ही है इसलिए मैने सुलभ का मोबाइल माँग कर उस नंबर. पर कॉल किया....

कॉल करते वक़्त मैं अपनी जगह पर खड़ा हुआ और पीछे की तरफ बैठी हुई दिव्या को देखने लगा....घंटी जाती रही लेकिन ना तो ऑडिटोरियम मे कोई रिंगटोन सुनाई नही दी और ना ही किसी ने कॉल रिसीव किया...

"कॉलेज मे तो सबका मोबाइल तो साइलेंट मे रहता है...ऐसे तो पता नही चलने वाला...लेकिन कोई बात नही नेक्स्ट टाइम देख लूँगा इसे...."

"क्या हुआ बे ये खड़ा होकर पीछे क्या देख रहा है,वो देख सामने माल है..."मुझे सामने स्टेज की तरफ मोडते हुए अरुण बोला...

लेकिन मेरा ध्यान अभी सामने वाली उस लड़की पर ना होकर पूरी तरह दिव्या पर था....मैने एक बार और वो नंबर ,सुलभ के मोबाइल से ट्राइ किया....लेकिन इस बार भी सिर्फ़ रिंग जाती रही...लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नही किया...
.
कोई कॉल रिसीव नही कर रहा था जिससे मुझे और भी शक़ होने लगा था कि सवेरे-सवेरे मुझे कॉल करने वाली लड़की ज़रूर यहाँ मौज़ूद है....इसलिए मैने तीसरी बार ट्राइ किया और पीछे मुड़कर दिव्या पर अपनी आँखे गढ़ाए रखा...

"अबे तू ये बार-बार चूतियो की तरह किसे फोन कर रहा है...वो सामने वाली माल देख..."

"चुप रहेगा दो मिनिट...कुच्छ काम कर रहा हूँ ना..."अरुण पर झल्लाते हुए मैं बरस पड़ा...इस बीच रिंग बराबर जा रही थी.....

"तू कही एश को तो फोन नही कर रहा,....वो देख उसके मोबाइल का स्क्रीन हर थोड़ी देर बाद लॅप-लप्प, लॅप-लप्प हो रहा है...."
" क्या बोला बे..."

"सामने देख तो...."

"एक सेकेंड...."मैने कॉल डिसकनेक्ट करके फिर से उस अननोन नंबर पर घंटी मारी और एश के स्क्रीन की लाइट मेरे मोबाइल से जाते हुए रिंग के साथ ,लॅप-लप्प होना शुरू हो गयी....इसके बाद मैने बॅक टू बॅक 2-3 कॉल किए और जो नतीज़ा मेरे सामने आया उसे देखकर मैं चक्कर भी खा गया और बहुत खुश भी हुआ...

मैं चक्कर क्यूँ खा गया, ये तो सभी जानते है और मैं बहुत खुश क्यूँ हुआ, मेरे ख़याल से ये भी बताने की ज़रूरत नही है

,लेकिन जैसा कि लड़कियो पर मेरा भरोशा नाम-मात्र का भी नही था ,इसलिए मेरे शक़ की उंगली सबसे पहले दिव्या की तरफ गयी.....

"ज़रूर ये उस बबूचड़ र.दिव्या की करामात होगी...वरना मेरी एशू जानेमन ऐसा कैसे करेगी... ,दिव्या...साली ,डायन...लेकिन यदि ये काम दिव्या का ना हुआ तो....फिर ? "

"बेटा ,ज़रूर कुच्छ लफडा होने वाला है...मैं तो शुरू से ही कहता था कि ये लड़की कुच्छ ठीक नही...पहले तो तूने मेरी बात नही मानी, अब भुगत..."

"तू ये बोल तो ऐसे रहा है ,जैसे तू बड़ा समझता है लड़कियो को...तभी दिव्या ने गान्ड दिखा दी..."

"अरे हो जाता है कभी-कभी...इट'स ओके बेबी....और वैसे भी मैने कम से कम दिव्या का दूध तो दबाया तूने क्या दबाया...."

"मैने....मैने...."सोचते हुए मैने कहा"मैं ऐसा -वैसा लड़का नही हूँ..."

"मेरा लंड है तू...अब भी मान जा, वरना तू एक दिन ऐसा ठुकेगा, ऐसा ठुकेगा कि फिर दोबारा कभी थूकने के लायक नही रहेगा...."

"जानेमन यही तो तुम जैसे छोटे आदमी और मुझ जैसे बड़े आदमी मे फ़र्क है कि तुम ख़तरो से घबराते हो और मैं ख़तरो से खेलता हूँ..."

"तुम दोनो अब शांत हो जाओ,वरना यही पर जूता मारूँगा...लवडे के बालो...जब देखो लौन्डियो की तरह एक-दूसरे से भिडते रहते हो..."मुझे और अरुण को एक-एक घुसा जमाकर सौरभ ने शांत कराया....
.
जबसे मुझे पता चला था कि सवेरे-सवेरे मेरे मोबाइल पर कॉल एश के हाथ मे पकड़े मोबाइल से आया था तभी से मैं उस कॉल के आने की वजह को लेकर अपनी थियरी बना रहा था...जिसमे एक थियरी ये भी शामिल थी कि 'एश को मुझसे प्यार हो गया है....'

वैसे तो मेरे बहुत सारे अनुमान थे लेकिन सही कौन सा अनुमान था इसका जवाब सिर्फ़ एश दे सकती थी...लेकिन ऑडिटोरियम मे सबके सामने उससे इस बारे मे बात करना मुझे कुच्छ जँचा नही इसलिए मैं वहाँ से अपने दोस्तो के साथ बाहर आया और वैसे भी अब तो आंकरिंग की प्रॅक्टीस मे साथ ही रहना है ,इसलिए मैं जल्दबाज़ी क्यूँ करूँ......
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू - by sexstories - 08-18-2019, 02:38 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,479,447 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,058 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,461 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,012 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,666 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,070,512 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,933,743 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,999,458 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,010,341 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,842 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)