RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रवि -अपने दोनो हंतो को कोमल के मोटे दूध पर लेजा कर उसकी पीठ को अपने सीने से चिपका कर उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो के बंधन से दबाता हुआ उसके गदराए और गुदाज दूध का अहसास करता हुआ पागल होने लगता है और उसका मोटा लंड अपनी बेटी की गदराई गान्ड में चुभता हुआ झटके खाने लगता है, कोमल की चूत अपने पापा के मोटे लंड के अहसास से बहने लगती है,
रवि- कोमल के गालो को चूमता हुआ एक हाथ से उसकी गदराई जाँघो को सहलाता हुआ, कोमल तेरे पास पेंटी भी नही है क्या
कोमल- अपने पापा की बात सुन कर अपने मन में सोचती है मेरे पापा तो बड़ी जल्दी मेरी गदराई जवानी के जादू में आ गये और वह मुस्कुराते हुए, क्यो आपको कैसे पता है कि मेरी दोनो पेंटी फॅट गई है
रवि- कोमल की मोटी गान्ड पर हाथ फेर कर उसे दबाता हुआ, इसलिए की अभी तूने पाजामे के नीचे कुछ भी नही पहना है ना
कोमल- शरमाने का नाटक करते हुए, पापा मेरी ब्रा की लेस भी खराब हो गई है
रवि- कोमल के दूध को एक दम से हल्के से दबा कर पकड़ कर सहलाते हुए हाँ बेटी तूने तो ब्रा भी नही पहनी है
कोमल- का चेहरा अपने पापा की हरकतों से लाल हो जाता है,
रवि जब कोमल के मोटे-मोटे गुदाज और गदराए दूध को एक बार हल्के से दबाता हुआ पकड़ता है तो उसको इतना मज़ा आता है कि वह पागल हो जाता है, और वह एक बार बिना डरे फिर से कोमल के मोटे-मोटे दूध को अपने पूरे हाथ में भर कर दबाता हुआ, बेटी तू ब्रा क्यो नही पहनती
कोमल- सीसियाते हुए अपने पापा के सीने से अपनी पीठ को चिपकाते हुए पापा मेरी दोनो ब्रा बहुत छोटी हो गई है
रवि- उसके दोनो मोटे दूध के उपर अपने दोनो हाथो का घेरा बना कर कस कर दबाता हुआ, हाँ तेरी छातियाँ बहुत बढ़ गई है ना तो ब्रा तो छोटी होगी ही ना
कोमल- पापा एक तो मम्मी से अच्छी ब्रा और पेंटी खरीदते भी नही बनता है ना
रवि- कोमल के गालो को चूमता हुआ, तू फिकर मत कर इस बार में तुझे अपनी पसंद की ब्रा और पेंटी दिलाउन्गा, फिर तू मुझे पहन कर दिखाना कि तुझ पर फिर रहती है कि नही
कोमल- जान बुझ कर इठलाते हुए पापा में आपके सामने कैसे पहनुगी
रवि- उसे अपने सीने से दबाते हुए तो क्या हुआ तू तो मेरी बेटी है और फिर अभी तू कौन सी बड़ी हो गई है अभी तो तू बच्ची ही है, बोल पहन कर दिखाएगी ना
कोमल- मन ही मन खुश होती हुई आप कहते है तो दिखा दूँगी पर अगर मम्मी कुछ कहेगी तो
रवि- अरे पागल हम क्या खरीदेगे और हम दोनो के क्या सीक्रेट है अपनी मम्मी को मत बताया कर वह बेकार में ही ताने मारने लगती है, तू समझी की नही
कोमल- हाँ पापा मम्मी जब देखो चिड-चिड करती रहती है में उसे कुछ भी नही बताउन्गी
रवि- वेरी गुड
तभी किचन से मालती आवाज़ देती हुई कोमल ले तेरे पापा की थाली ले जा और तू भी वही बैठ कर खा ले
कोमल- जाकर अपनी और अपने पापा की थाली लेकर आ जाती है और फिर अपने पापा के सामने बैठ कर खाने लगती है और रवि खाना कहते हुए कोमल के मोटे-मोटे दूध को घूर-घूर कर देखता रहता है और बीच-बीच में अपने खड़े लंड को अपनी लूँगी के उपर से मसलता रहता है, कोमल अपने पापा को अपना मोटा लंड मसल्ते हुए देखती रहती है और उसकी चूत भी पूरी तरह से गीली हो जाती है, दोनो बाप बेटी खाना खाने के बाद मार्केट जाने के लिए रेडी हो जाते है,
उधर राज को रश्मि कोमल से हुई बातों को बता देती है और
राज - बड़ी चुदासी लग रही है कोमल, क्या में उसकी चूत मार दूं
रश्मि- पहले अपनी बहन और मम्मी को तो अच्छे से चोद लो फिर कोमल के बारे में सोचना अब चलो मेरे दूध को थोड़ा कस-कस कर दबा दो
राज रश्मि के दूध को खूब कस-कस कर दबाता हुआ उसकी चूत को चूसने लगता है तभी रजनी की आवाज़ आती है राज , रश्मि चलो खाना खा लो और फिर राज रश्मि की चूत से मुँह हटाते हुए, चल रश्मि पहले खाना खा लेते है
रश्मि- मुँह बनाते हुए, भैया ऐसा लगता है जैसे तुमने मुझे सालो से नही चोदा हो
राज - उसके होंठो को चूमते हुए, आज दोपहर को तुझे अच्छी तरह कस कर चोदने के बाद ही में मम्मी के रूम में जाउन्गा
राज की बात सुन कर रश्मि खुश हो जाती है और फिर दोनो बाहर आ कर खाना खाने लगते है और राज रश्मि के गदराए जिस्म को देखता हुआ मुस्कुराने लगता है,
इधर...................
रवि- चल बेटे बैठ बाइक पर और कोमल अपनी दोनो मोटी-मोटी जाँघो को फैला कर बैठ जाती है,
दोनो बाइक पर बैठ कर शॉपिंग माल पहुच जाते है और फिर रवि अपनी बाइक पार्क करके अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर शॉपिंग माल के अंदर जाकर ले बेटा देख ले तुझे क्या-क्या लेना है, कोमल अपनी पसंद की टॉप और स्कर्ट पसंद कर लेती है और फिर एक दो अच्छी टीशर्ट भी ले लेती है,
रवि - क्या-क्या सेलेक्ट किया
कोमल- मुस्कुराते हुए ये देखो पापा और अपने पापा को अपने कपड़े दिखाने लगती है
रवि- अरे यह तो बहुत अच्छे है, और क्या लेना है
कोमल- मुस्कुराते हुए वो पापा
रवि- मुस्कुराकर समझ गया तेरी ब्रा और पेंटी भी फॅट गई है ना चल तुझे एक दम फेशनेबल ब्रा और पेंटी दिला देता हूँ, अच्छा अभी तूने अपनी जीन्स के नीचे पेंटी पहनी है कि नही
कोमल- मुस्कुराते हुए पहनी है पर वह बहुत पुरानी हो गई है
रवि- कोई बात नही हम दूसरी ले लेते है
कोमल- पापा मम्मी के लिए भी आप ही ले कर आते हो ना
रवि- हाँ लेकिन तेरी मम्मी साड़ी के नीचे कभी पहनती ही नही है
फिर कोमल ब्रा और पेंटी देखने लगती है और
रवि- अरे यह तो बहुत छोटी लग रही है, तेरी बॉडी पर तो बहुत कसी हुई लगेगी
कोमल- नही पापा में ऐसी साइज़ ही पहनती हूँ मुझे कसी हुई फिटिंग ही अच्छी लगती है
रवि- अच्छा जैसी तेरी मर्ज़ी, फिर कोमल अपनी पसंद की ब्रा और पेंटी ले लेती है
रवि- तूने रेड और ब्लू कलर ही क्यो सेलेक्ट किया क्या तुझे यही कलर पसंद है
कोमल- हाँ यह कलर मुझे अच्छे लगते है
रवि- अच्छा अभी तूने कौन से कलर की पेंटी पहनी है
कोमल- वाइट पर वह मम्मी की है
रवि- कोमल की गदराई उठी हुई गान्ड को देखता हुआ, तेरी मम्मी की पेंटी तो तुझे ढीली लगती होगी ना
कोमल- नही पापा मम्मी और मेरी साइज़ लगभग एक ही है
रवि अपने मन में सोचने लगता है कि कोमल के भारी-भारी चूतड़ नंगे कैसे लगते होंगे, और उसकी चुचिया तो बहुत ही मोटी है और खूब कसी हुई होंगी टीशर्ट के उपर से ही कितनी ठोस और गदराई हुई नज़र आती है
कोमल- अपने पापा की नज़रो को ताड़ कर अपने मन में देख लो पापा अपनी बेटी की गदराई जवानी को आपके मोटे लंड से पानी नही निकाल दिया तो मेरा नाम कोमल नही, आगे देखते जाओ में आपको जब अपनी गदराई जवानी दिखाउन्गी तो आप पागलो की तरह मेरी गान्ड के पीछे -पीछे फ़िरोगे
कोमल शॉपिंग करने के बाद अपने पापा के साथ बाहर आ जाती है
रवि- कोमल तूने तो कोई भी कपड़े ट्राई करके नही देखे अगर फिटिंग गड़बड़ निकली तो
कोमल- पापा सब बिल्कुल फिट है और फिर में घर पर पहन कर देखूँगी ना
रवि- अच्छा ठीक है चल अब घर चलते है
कोमल- पापा अभी से अभी तो बहुत टाइम है चलो कहीं घूमने चले
रवि- अच्छा ठीक है घर नही चलते है किसी पार्क में चल कर बैठते है और कुछ खाने पीने का समान ले लेते है
कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ यह ठीक रहेगा
फिर रवि कुछ खाने का समान लेकर उसे के पार्क में ले जाता है और वहाँ वह अपनी बेटी को एक एकांत वाली सीट पर लेजा कर बैठ जाता है और कोमल को अपने पास बैठा कर उसे खाने का समान दे कर ले खा बेटी
कोमल- बैठ जाती है और रवि उसके गले में हाथ डाल कर उसकी बाँहो को सहलाता हुआ बीच-बीच में उसके गालो को चूमने लगता है,
कोमल- पापा आप नही खाओगे
रवि- नही तू खा में तब तक तेरी ड्रेस देखता हूँ और फिर रवि उसकी ब्रा और पेंटी निकाल कर उसकी लाल वाली पेंटी को फैला कर देखता हुआ, कोमल तेरे बदन पर यह बहुत कसी हुई रहेगी ना
कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ वह तो है
रवि -पर इसमे तेरे आधे से ज़्यादा चूतड़ तो बाहर ही दिखेगे ना
कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ पापा लेकिन लड़किया ऐसी ही पेंटी पहनती है
रवि- अब मुझे क्या पता तेरी मम्मी तो पेंटी पहनती ही नही
कोमल- पर पापा मम्मी क्यो नही पहनती है
रवि- में उसे पहनने के लिए मना करता हूँ ना
कोमल- आप क्यो मना करते है
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