RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि- मुस्कुराकर आह सोच लो में कह भी दूँगी में नही डरती उससे
राज - मुस्कुराकर नही-नही मत कहना पता नही क्या सोचेगी, पर कुछ तो कर रश्मि कि वह मुझसे अपनी चूत मरा ले अभी तो मुझे यह भी पता नही है कि वह मुझसे अपनी चूत मरवाना भी चाहती है या नही, कुछ तो कर रश्मि अब तो मुझे दिन रात मम्मी नंगी ही नज़र आती है उसकी गदराई जवानी का रस पीने के लिए में तड़प रहा हूँ
रश्मि- फिकर ना करो भैया, में अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती हूँ और तुम्हे बताती भी हूँ कि उसका क्या रिप्लाइ था पर तुम भी उसके बदन को मोका मिलते ही सहला दिया करो तभी तो उसे भी लगेगा कि हाँ तुम उसे चोदना चाहते हो
राज - रश्मि की चूत को कस-कस कर गहरे धक्के मारते हुए ठोकने लगता है और रश्मि उसे अपने सीने से दबाए अपनी गान्ड उठा-उठा कर अपनी चूत अपने भैया के मोटे लंड पर मारने लगती है,
राज - पर रश्मि यह कैसे पता चले कि मम्मी भी मेरे मोटे लंड से चुदना चाहती है
रश्मि- आह, थोड़ा ज़ोर से चोदो, भैया उसके लिए तो तुम्हे आज रात भर जागना पड़ेगा तभी पता चलेगा कि वह तुम्हारे लंड को पकड़ती है या नही, पर हाँ अभी मुझे चोद कर जब जाओगे तो इस बात का ध्यान रखना कि आज उसकी मोटी गान्ड में अपने लंड को ज़रूर गढ़ा देना वैसे भी मम्मी पेंटी पहनती नही है और जब तुम्हारा लंड उसकी गान्ड से टकराएगा तो पतली सी साड़ी और पेटिकोट में उसे जल्दी ही तुम्हारे लंड की चुभन का अहसास अपनी गान्ड में हो जाएगा और फिर देखना वह तुरंत समझ जाएगी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मोटी गान्ड में घुसने के लिए तना हुआ है और जब तुम सो जाओगे तो वह ज़रूर तुम्हारे लंड को पकड़ कर देखेगी,
बस तुम सोने से पहले अपनी हरकतों से मम्मी की चूत को अच्छे से गीली ज़रूर कर देना, फिर देखना उसे रात भर नींद नही आएगी और वह चुदने के लिए तड़प उठेगी,
राज और रश्मि अब तगड़े झटके एक दूसरे को देने लगते है और रश्मि खूब ज़ोर-ज़ोर से अपने भैया के मोटे लंड को अपनी चूत से मारने लगती है, और राज भी पूरी ताक़त से रश्मि की चूत की जड़ तक अपने लंड को पेलने लगता है और फिर दोनो एक दूसरे को चूमते हुए कस कर चिपक जाते है और उनकी चूत और लंड आपस में एक दूसरे से पूरी ताक़त से चिपके हुए अपना-अपना पानी छोड़ने लगते है और फिर दोनो गहरी साँसे लेते हुए एक दूसरे से चिपक कर लेट जाते है,
करीब 10 मिनट बाद दोनो उठ कर अपने-अपने कपड़े पहन लेते है और फिर रश्मि, राज के सीने से चिपकती हुई,
रश्मि- भैया मुझे आपके बिना नींद कैसे आएगी, ये मम्मी तो मेरी सौतन बन गई है
राज - उसके होंठो को चूम कर अच्छा तू कहती है तो आज में नही जाता हूँ और तेरे पास ही तुझे अपनी बाँहो में भर कर सो जाता हूँ,
रश्मि- मुस्कुराकर बड़े आए सोने वाले, आप सो जाओगे तो मुझे चोदेगा कौन
राज - क्यो अभी क्या और चुदना है तुझे
रश्मि- और नही तो क्या, आज तो आप मुझे पूरी रात नंगी करके चोदोगे, में चाहती हूँ आज आप सारी रात पूरे नंगे होकर मेरे उपर ही चढ़ कर सो जाओ,
राज - जैसी तेरी मर्ज़ी और फिर राज उसे अपनी बाँहो में उठाकर फिर से बेड पर लेटा देता है, उस रात राज रश्मि की कस कर चूत मारता है और रश्मि अपने भैया का मोटा लंड लेकर मस्त हो जाती है, राज कम से कम दो बार रश्मि को और चोदता है और दोनो काफ़ी आराम से बाते करते हुए मज़ा ले-ले कर चुदाई करते है, सुबह लगभग 4 बजे दोनो की नींद लगती है.
सुबह-सुबह रश्मि जब किचन में जाती है तो उसकी मम्मी वहाँ चाइ बना रही थी
रश्मि- पीछे से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड पर हाथ मारती हुई हे ममा, क्या कर रही हो
रजनी- देख नही रही है क्या कर रही हूँ
रश्मि- वो तो देख रही हूँ मम्मी डार्लिंग पर आप सुबह-सुबह नाराज़ क्यो हो रही हो
रजनी- सकपकाते हुए में कहाँ नाराज़ हो रही हूँ बेटी, ले जाकर अपने भैया को चाइ दे आ
रश्मि- मुस्कुराते हुए चाइ लेकर बाहर आ जाती है
राज - मुस्कुराते हुए क्यो मुस्कुरा रही है रश्मि क्या बात है
रश्मि- मम्मी लगता है रात भर आपके इंतजार में ठीक से सोई नही और सुबह-सुबह ही मुझ पर भड़क गई
राज - जा जाकर उसे मना ले
रश्मि- अच्छा ठीक है
रश्मि वापस किचन में जाकर अपनी मम्मी से पीछे से जाकर चिपक जाती है
रजनी- क्या बात है आज सुबह-सुबह प्यार आ रहा है अपनी मम्मी पर
रश्मि- मम्मी सॉरी, कल मेरी नींद लग गई और में भैया को आपके पास भेजना भूल गई
रजनी- चल कोई बात नही राज मेरे पास सोए या तेरे पास क्या फ़र्क पड़ता है
रश्मि- नही मम्मी, में देर तक पढ़ना चाहती हूँ और भैया को लाइट में नींद नही आती इसलिए आज से वह आपके साथ ही सोएंगे, मुझे मेरा मेद्स अच्छे से पढ़ना है इसलिए मुझे देर तक पढ़ना पड़ेगा
रजनी- मुस्कुराते हुए, क्या बात है जब से कश्मीर से आई है बड़ा मन लग रहा है तेरा पढ़ाई में, कहीं से कुछ टॉनिक या कोई जड़ी बूटी खा कर आई है क्या
रश्मि- बस ऐसा ही समझ लो, कहो तो तुम्हे भी खिलवा दूं
रजनी- ना बाबा तू ही खाती रह मुझे कौन सा पढ़ाई करना है
रश्मि- मम्मी वह जड़ी बूटी केवल पढ़ने के लिए ही नही है बल्कि और भी मज़े देती है
रजनी- क्या मज़े देती है
रश्मि- में क्यो बताऊ, जब तुम खुद खओगि तो अपने आप पता चल जाएगा
रजनी- पागल कहीं की पता नही क्या गोल मोल बके जा रही है
रश्मि- मुस्कुराते हुए, हे मम्मी भैया के साथ कल चिपक कर सोने में बड़ा मज़ा आया
रजनी- तेरी हरकत ठीक नही लग रही है, तेरी हरकतों से लगता है मेरे बेटे का भी दिमाग़ खराब हो जाएगा
रश्मि- अरे मम्मी आप भैया को बड़ा सीधा समझती हो, एक बात बता दूं तो आप भी कहोगी कि भैया कितने गंदे है
रजनी- उसको देखती हुई क्या बात
रश्मि- पहले आप वादा करो आप भैया से नही कहोगी
रजनी- नही कहूँगी अब बोल भी
रश्मि- कल जब में सो गई तो भैया समझे में सो गई हूँ और फिर उन्होने अपने बेड के नीचे से एक किताब निकाली और उसे देखने लगे जानती हो उस किताब में क्या था
रजनी- उसे हैरत से देखती हुई क्या था
रश्मि- मम्मी उस किताब में बड़ी-बड़ी तुम्हारी उम्र की औरतो के पूरे नंगे फोटो थे और खूब गंदे-गंदे फोटो थे उसमे तो औरत आदमी के मोटे-मोटे लंड को भी चूस रही थी और आदमी औरतो की चूत को फैला-फैला कर चाट रहे थे और एक आदमी ने तो एक औरत की फूली हुई चूत में अपना खूब मोटा लंड डाल रखा था, में तो देख कर डर गई पर मुझे अच्छा भी लगने लगा था,
रजनी- धीरे बोल कमिनि, फिर क्या हुआ
रश्मि- मम्मी मेरी चूत से पानी आ गया ऐसे मोटे-मोटे लंड और चूत देख कर
रजनी- अरे कमिनि में तेरे बारे में नही पूछ रही हूँ, राज ने फिर क्या किया
रश्मि- में नही बताउन्गि,
रजनी- प्लीज़ बेटी बता दे
रश्मि- में नही बताउन्गि तुम हर बात में मुझे डांटती रहती हो, जाओ नही बताती और भाग कर बाहर जाने लगती है और
रजनी- अरे रश्मि मेरी बात तो सुन बेटी
रश्मि- अपनी हसी छुपाती हुई, मुझे कुछ नही सुनना में जा रही हूँ अपने भैया के पास और फिर रश्मि अपने भैया के रूम में आ जाती है और राज को देख कर हँसती हुई आँख मार देती है
राज - क्या हुआ रश्मि क्यो हंस रही है
रश्मि- अपने मुँह पर उंगली रख कर राज को चुप रहने का इशारा करती है और फिर पीछे से रजनी आ जाती है और
रजनी- बेटी ज़रा यहाँ आ मुझे तुझसे थोड़ा काम है
रश्मि- बेड पर राज के पास बैठी हुई, अपना अंगूठा दिखा कर में नही आउन्गि
रजनी- देख राज यह कितनी बिगड़ गई है अपनी मम्मी का कहना नही मानती है
राज - रश्मि जाओ मम्मी क्या कह रही है
रश्मि- मुँह बना कर जाती हूँ और फिर रजनी के पीछे-पीछे चल देती है, वह जैसे ही बाहर आती है रजनी उसका हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जाती है और बेड पर बैठा कर अब बता रश्मि फिर क्या हुआ
रश्मि- मुस्कुराकर फिर कुछ भी नही हुआ मम्मी में सो गई
रजनी- उसकी पीठ पर मुस्कुराकर मारती हुई, रश्मि मुझसे झूठ मत बोल सच-सच बता दे
रश्मि- मुस्कुराते हुए में सच कह रही हूँ मम्मी उसके बाद में सो गई थी
रजनी- अच्छा अपनी मम्मी को नही बताएगी, जा मत बता में भी आज से तुझे अपने दिल की कोई बात नही बताउन्गि
रश्मि- मुस्कुराते हुए कुछ सोच कर ठीक है में बता देती हूँ पर तुम सुन कर मुझ पर या भैया पर नाराज़ तो नही होगी
रजनी- नही-नही बेटी में बिल्कुल नाराज़ नही होउंगी, तू बिना डरे मुझे साफ-साफ बता दे
रश्मि- अच्छा ठीक है बताती हूँ पर इसमे मेरी कोई ग़लती नही है बाद में तुम मुझे दोष मत देने लगना
रजनी- उसके गाल चूमती हुई, अरे नही में अपनी प्यारी बेटी को कुछ नही कहूँगी अब बता भी दे उसके बाद राज ने क्या किया
रश्मि- मम्मी मुझे शरम आ रही है
रजनी- अरे घोड़ी तू कब से शरमाने लगी, चल अब ज़्यादा नखरे मत कर में जानती हूँ तू कितनी शर्मीली है तेरा बस चले तो खड़े-खड़े अपनी चूत मरा ले, और कहती है मुझे शरम आ रही है, अब जल्दी बोल कहीं राज ना आ जाए
रश्मि- मम्मी पहले तो भैया उन नंगी औरतो की चूत और मोटी-मोटी गान्ड देखते रहे फिर भैया ने
रजनी- रश्मि की पीठ पर मारती हुई रुक क्यो गई आगे बोल ना
रश्मि- अपने मम्मी के चेहरे की लाली देख कर मुस्कुराते हुए अपने मन में मम्मी आज में तुम्हारी चूत को गीली ना कर दूं तो मेरा नाम भी रश्मि नही,
रजनी- अब बोल भी रश्मि
रश्मि-मम्मी फिर भैया ने अपना टॉवेल हटा दिया और उन्होने जैसे ही अपनी अंडरवेर नीचे सरका कर अपने मोटे लंड को बाहर निकाला में तो उनका मोटा खड़ा लंड देख कर घबरा गई और मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, क्या बताऊ मम्मी भैया का इतना मोटा और इतना लंबा लंड है मेने आज तक ऐसा लंड नही देखा, फिर भैया उन नंगी औरतो को देखते हुए अपने मोटे खड़े लंड को अपने हाथो में लेकर हिलाने लगे, मेरी तो साँसे रुक सी गई थी भैया का लंड देख कर
रजनी- रश्मि को हैरत से देखती हुई अपने हाथ को रश्मि की नज़र बचा कर अपनी चूत पर लेजा कर मसल्ति हुई, फिर क्या हुआ
रश्मि- फिर मम्मी भैया ने पास में रखा तेल लेकर अपने लंड पर लगाना शुरू कर दिया और उनका लंड और मोटा और लंबा होने लगा, और वो अपने लंड को खूब कस-कस कर दबा-दबा कर मसल्ते हुए तेल से अपने लंड को चिकना करने लगे,
रजनी- गहरी सांस लेकर फिर क्या हुआ
रश्मि- अपने मन में मम्मी भैया के मोटे लंड का बखान करते हुए तो मेरी चूत ही गीली होने लगी है तुम्हारा क्या हो रहा होगा अपने बेटे के मोटे लंड के बारे में सुन कर
रश्मि- मम्मी फिर भैया कुछ देर तक अपने लंड को सहलाते रहे और फिर मम्मी वह मेरी तरफ घूम कर मेरी गान्ड से चिपक कर लेट गये मेरा तो डर के मारे बुरा हाल हो रहा था, और तब तो मेरी जान ही निकल गई जब भैया ने मेरे एक चूचे को अपने हाथो में भर कर दबाने लगे
रजनी- क्या राज तेरे चूचे को दबा रहा था
रश्मि- हाँ मम्मी भैया मेरे चूचे को धीरे-धीरे सहला रहे थे और मुझे क्या बताऊ इतना अच्छा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भैया खूब कस कर मेरे चूचे दबा दे
रजनी- चुप कर कमिनि अपने भाई से अपने चूचे दब्वा रही थी, कल से तू उसके साथ नही सोएगी
रश्मि- तो फिर भैया किसके साथ सोएगे
रजनी- मेरे साथ सोएगा और किसके साथ
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