Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
08-16-2019, 12:15 PM,
#27
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रजनी- नही बेटे अब कुछ ठीक है में ज़रा बाथरूम से आती हूँ और फिर रजनी उठ कर बाथरूम में
चली जाती है और अपनी साड़ी उठाकर सीधे अपनी फूली हुई चूत में दो उंगलिया डाल कर सहलाती है और फिर अपनी चूत में पानी के छींटे मारती हुई एक तेज धार के साथ मूतने लगती है, इधर राज अपने लंड को बाहर निकाल कर देखता है और जब थोड़ा दबाता है तो पानी की बूंदे उसके लंड से बाहर आ जाती है और वह अपने लंड से पानी पोछ कर वापस उसे अंदर कर लेता है और रूम से बाहर निकल कर टीवी ऑन करके टीवी के सामने बैठ जाता है, तभी सामने से उसे रश्मि और कोमल आती हुई नज़र आती है.
कोमल- हेलो राज भैया घूम आए कश्मीर

राज - हाँ कोमल, रश्मि तो बहुत खुश थी वहाँ

कोमल- अरे भैया जन्नत में जा कर कौन खुश नही होगा

रश्मि- कोमल काश तू भी हमारे साथ चलती तो बड़ा मज़ा आता

कोमल- हाँ यार पर मेरे ऐसे नसीब कहाँ

राज - फिकर ना करो कोमल अगली बार अगर हम गये तो तुम्हे भी साथ ले चलेगे

कोमल- मुस्कुराकर ठीक है भैया कुछ देर कोमल बैठती है फिर अपने घर चली जाती है, रश्मि उसे
दरवाजे तक छोड़ कर सीधी राज की गोद में आकर बैठ जाती है और उधर से रजनी आते हुए उसे देख लेती है, रजनी को देख कर रश्मि उठ कर राज के बगल में बैठ जाती है,
राज भी उठता हुआ मम्मी में ज़रा मार्केट से आता हूँ कुछ लाना तो नही है
रजनी बैठते हुए नही बेटा कुछ नही लाना
राज जब बाहर निकल जाता है तो रजनी रश्मि की पीठ पर मारते हुए

रजनी- क्यो री बेशरम अपने भैया की गोद में क्यो चढ़ कर बैठी थी

रश्मि- मुस्कुराते हुए यो क्या हुआ मम्मी आख़िर में उनकी छोटी बहन हूँ अगर अपने भैया की गोद में बैठ भी गई तो क्या हो गया

रजनी- अरे बेशरम ज़रा अपने भारी-भारी चुतड़ों को देख तुझे ज़रा भी शरम नही आती इतनी बड़ी जवान घोड़ी हो गई है और एक जवान लड़के के उपर चढ़ि जा रही है, क्या सोचता होगा राज

रश्मि- ऑफ हो मम्मी, अगर तुम्हे इतना ही बुरा लगता है तो तुम भी क्यो नही भैया की गोद में बैठ जाती, और अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों पर चिकोटी काटती हुई, तुम्हारे चूतड़ तो मुझ से भी बड़े है भैया को तो मज़ा आ जाएगा,

रजनी- उसकी पीठ पर मारती हुई, कमिनि कुछ तो सोच समझ कर बोला कर, तू ऐसी हरकत करती है क्या यह अच्छी बात है

रश्मि- मुस्कुराते हुए क्या करूँ मम्मी भैया से चिपकने में मुझे बहुत मज़ा आता है, ट्रेन में भी हम दोनो एक ही सीट पर चिपक कर सोए थे जब भैया ने मुझे अपने सीने से दबा लिया तो में क्या बताऊ मुझे कितना मज़ा आया था

रजनी- अपना मुँह फाडे रश्मि को देखती हुई, क्या तू अपने भैया से चिपक कर सोई थी

रश्मि- मम्मी तुम तो ऐसी बात करती हो क्यो तुम भैया से चिपक कर नही सोती हो क्या

रजनी- अपना मुँह इधर उधर करते हुए, तो क्या हुआ वह तो मेरा बेटा है

रश्मि- बस इसी तरह वह भी मेरा भाई है, जब तुम अपने बेटे से चिपक सकती हो तो फिर में अपने भाई से क्यो नही चिपक सकती

रजनी- गुस्से से उसे देखती हुई, कमिनि तेरा जो मन करे वह कर जा अपने भैया के सामने नंगी होकर खड़ी हो जा

रश्मि- मुस्कुरा कर, क्या तुम भैया के सामने नंगी होकर खड़ी हो जाती हो, जब तुम भैया के सामने नंगी चली जाओगी तो में भी चली जाउन्गी

रजनी- थोड़ा मुस्कुराकर चुप हो जा बेशरम कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा, तुझ से तो बात ही करना बेकार है,

रश्मि- मम्मी एक बात पुछु

रजनी- क्या

रश्मि- मम्मी आज तुम भैया से अपना पेट क्यो मसलवा रही थी

रजनी- सकपका कर वो तो मेरे पेट में दर्द था इसलिए

रश्मि- मुस्कुराकर मम्मी भैया बहुत अच्छी मालिश करते है ना

रजनी- उसका मुँह देखते हुए तुझे कैसे पता

रश्मि- जब हम कश्मीर में थे ना तब एक दिन मेरी कमर में दर्द था मेने भैया को बताया तो उन्होने मेरी कमर में इयोडीक्स लगाकर बहुत अच्छी मालिश की थी मुझे तो पता भी नही चला कब नींद आ गई, पता नही भैया कब तक मेरी कमर को दबाते रहे

रजनी- उस दिन क्या पहन रखा था तूने

रश्मि- मुस्कुराकर मम्मी मैं तो पूरी नंगी थी

रजनी- उसे मुस्कुराकर मारती हुई कमिनि कहीं की

रश्मि- मुस्कुराकर अरे मम्मी मेने अपनी टीशर्ट और स्कर्ट पहन रखी थी
रजनी- कुछ सोचते हुए, अच्छा रश्मि एक बात सच-सच बता तेरा भैया तुझे भी यहाँ वहाँ छूता है क्या

रश्मि- मुस्कुराकर मुझे क्या पता, पर वो मुझे प्यार बहुत करते है

रजनी- रश्मि अब आगे से तू अपने भैया के साथ रात को नही सोएगी

रश्मि- क्यो में नही सोउंगी तो क्या तुम सोओगी

रजनी- समझा कर बेटी एक जवान लड़की को एक जवान लड़के के साथ एक ही बेड पर नही सोना चाहिए

रश्मि- क्यो नही सोना चाहिए

रजनी- अरे पगली अब तू जवान हो गई है, कही राज ने कुछ उल्टा सीधा कर दिया तो लेने के देने पड़ जाएगे

रश्मि- क्या उल्टा सीधा करेगे भैया

रजनी- अरे अब में तुझे कैसे समझाऊ तू तो मेरी बात समझती ही नही है

रश्मि- में नही जानती में तो आज से भैया से मेद्स की पढ़ाई करूँगी और नींद आएगी तो उन्ही के पास सो जाउन्गी

रजनी- गुस्सा कर जा सो मेरा क्या जाता है जब किसी दिन तुझे पकड़ कर .......

रश्मि- मंद-मंद मुस्कुराती हुई, क्या पकड़ कर मम्मी

रजनी- चुप कर घोड़ी अब मेरे मुँह से मत कुछ कहलवा

रश्मि- अच्छा ठीक है मम्मी एक काम करते है भैया रात को 12 बजे तक मुझे पढ़ा देंगे उसके बाद में उनके रूम में ही अपनी पढ़ाई करके वही सो जाया करूँगी और भैया को तुम्हारे पास सोने भेज दूँगी, तुम्हारे साथ तो सो सकते है ना भैया,

रजनी- मुस्कुराते हुए उसके गाल खीच कर बदमाश कही की, तेरी जो मर्ज़ी हो वह करना, तुझे भला अपनी मन मर्ज़ी करने से कोई रोक पाया है

रश्मि- मुस्कुराकर में जानती हूँ तुम्हे भैया के साथ सोने का मन करता है

रजनी- उसको आँखे फाड़ कर देखती हुई, क्या जानती है

रश्मि- भोली बनती हुई, में जानती हूँ मम्मी में शुरू से ही तुम्हारे साथ सोती आई हूँ और तुम भैया से इतना प्यार करती हो, तुम्हारा भी मन अपने बेटे को अपने सीने से लगा कर सुलाने का मन करता होगा ना

रजनी- मुस्कुराकर चल अब बंद कर अपनी बड़ी-बड़ी बाते

रश्मि- नही मम्मी दरअसल भैया भी तुम्हारे साथ सोने में खुस रहते है

रजनी- तुझे कैसे पता क्या राज मेरे बारे में तुझसे कुछ कह रहा था क्या

रश्मि- अपने मन में मम्मी तुम कितनी चुदासी हो अपने बेटे का मस्त लंड अपनी फूली हुई चूत में लेने के लिए कैसे तड़प रही हो, पर तुम फिकर ना करो में भैया से कह दूँगी कि वह तुम्हे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदे, तुम्हारी चूत को पूरी तरह फाड़ कर रख दे,.

रजनी- क्या सोचने लगी बोलती क्यो नही क्या कह रहा था राज

रश्मि- अरे मम्मी भैया कह रहे थे कि रश्मि में जब मम्मी से चिपक कर सोता हूँ और मम्मी मेरे सर को अपने हाथो से सहलाती है तो बहुत मस्त नींद आती है, मम्मी का भरा हुआ बदन बहुत मुलायम है मुझे उनके बदन से चिपक कर सोने में बहुत अच्छा लगता है

रजनी- और क्या कह रहा था तुझ से

रश्मि- और तो कुछ नही कह रहे थे हाँ लेकिन मम्मी जब भैया मेरे साथ मुझसे चिपक कर सोते है तो मेरे चुतड़ों पर अपना हाथ ज़रूर फेरते है लगता है उन्हे मेरे चुतड़ों पर हाथ फेरना बहुत पसंद है, क्या वह जब तुमहरे साथ सोते है तो तुम्हारे भी चुतड़ों पर हाथ फेरते है

रजनी को रश्मि की बाते बहुत अच्छी लग रही थी और उसकी चूत गीली हो रही थी, और इस बात को रश्मि अच्छी तरह समझ रही थी

रजनी- हाँ बेटे किसी-किसी की आदत होती है, पर राज और कहाँ-कहाँ हाथ लगता है तुझे

रश्मि- और तो कहीं हाथ नही लगते लेकिन एक दिन रात को जब में उनके साथ सो रही थी तब वह मुझसे पीछे से कस कर चिपके हुए थे और उनके हाथ में मेरा एक दूध था और वह मुझे चूमते हुए मम्मी, मम्मी कर रहे थे, मेने सोचा शायद नींद में आपको याद कर रहे होंगे

रश्मि की बात सुन कर रजनी अपने मन में ज़रूर राज मुझे सपने में पूरी नंगी करके चोद रहा होगा, तो क्या राज भी मुझे चोदना चाहता है, हो सकता है वह मुझे खूब कस-कस कर चोदना चाहता हो, हो सकता है में उसे बहुत अच्छी लगती हौं, में अपने बेटे को खूब अपनी चूत पिलाउन्गी कैसे मेरी दोनो जंघे फैला कर मेरी फूली हुई चूत को चाटेगा मेरा बेटा, कितना मोटा लंड है उसका मेरा तो खूब मन कर रहा है पूरी नंगी होकर अपने बेटे के मोटे लंड पर चढ़ने का

रश्मि- क्या सोच रही हो मम्मी
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