RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
राज (मुस्कुराकर)- क्या बात है मम्मी? ऐसे क्यो देख रही हो?
रजनी (मुस्कुराकर)- देख रही हूँ मेरा बेटा कितना हॅंडसम और जवान हो गया है, अब लगता है तेरी शादी करने का वक़्त आ गया है.
राज- अरे मम्मी! अभी से मुझे शादी करके क्या करना है?
रजनी- बेटा तेरी हर तरह से देखभाल के लिए तेरे लिए बीबी तो लाना ही पड़ेगी ना.
राज (मुस्कुराते हुए अपनी मम्मी को देख कर)- मम्मी आप से बेहतर देखभाल मेरी और कौन कर सकती है?
रजनी- (मुस्कुराते हुए..) पर बेटे बीबी और मम्मी में बहुत फ़र्क होता है.
राज (मुस्कुराकर अपनी मम्मी के खूबसूरत चेहरे की ओर देखता है और फिर…) तो ठीक है मम्मी आप ही देख लो मेरे लिए कोई लड़की, लेकिन अपने जैसी ही बीबी लाना मेरे लिए ढूँढ कर.
रजनी (मुस्कुरा कर उसके गाल को खिचती हुई..) पगले मेरे जैसी बीबी क्या करेगा? मेरे जैसी भारी बीबी मिल गई तो तू संभाल नही पाएगा उसे?
राज- अरे आप फिकर मत करो मम्मी में सब संभाल लूँगा, और वैसे भी मुझे तो आप जैसी पर्सनॅलिटी की औरते ही अच्छी लगती है.
रजनी (मुस्कुराकर)- क्या बात है? बड़ा देखने लगा है आज कल तू औरतो को…
राज (मुस्कुराकर) अरे नही मम्मी! में तो मज़ाक कर रहा था!!!
रजनी- कहीं तेरा किसी लड़की या औरत से कोई चक्कर तो नही चल रहा है.
राज- अरे क्या बात करती हो मम्मी? भला मुझसे कौन औरत फसेगि?
रजनी- क्यों? अच्छा भला तो है, ध्यान रखना आज कल की औरते बहुत चालाक होती है कब जवान लड़के को फसा ले कुछ पता नही चल पाता है.
राज- अरे नही मम्मी में तो औरतो से दूर ही रहता हूँ और वैसे भी मुझे मेरे ऑफीस से ही फ़ुर्सत नही मिलती तो फिर इन सब कामो के लिए वक़्त ही कहाँ है?
(और राज अपना बॅग लेकर जैसे ही रोज की तरह अपनी मम्मी के गले लगता है, रजनी आज कुछ अलग ही अंदाज में अपने बेटे को अपनी बाँहो में भर लेती है और उसके गाल को अपने रसीले होंठो से चूम लेती है, राज को रोज की झप्पी से कुछ अलग अहसास होता है और रोज से कुछ ज़्यादा देर तक उसकी मम्मी उससे चिपकी रहती है और फिर राज जब अपनी मम्मी से अलग होकर उसके चेहरे की ओर देखता है तो आज उसे उसकी मम्मी का चेहरा काफ़ी सुर्ख लाल नज़र आता है और वह अपनी मम्मी के चेहरे को देखते हुए कुछ सोचने लगता है, तभी रजनी उसके गालो पर हाथ फेरती हुई..)
रजनी- अच्छा बाइ बेटे!
राज- (एक दम से मुस्कुराकर) बाइ मम्मी!! (और फिर राज अपने ऑफीस की ओर निकल जाता है.!)
(रश्मि एग्ज़ॅम हॉल से बाहर अपना मूह लटकाए बाहर निकलती है और उसकी नज़र कोमल पर पड़ती है कोमल उसकी खास सहेली थी जो कि उसकी ही क्लास में पढ़ती थी.)
कोमल- हे रश्मि! क्या हुआ? कैसा गया तेरा पेपर?
रश्मि- (अपना मूह बना कर..) यार हल तो मेने पूरा कर दिया है पर अब कॉपी चेक करने वाले के उपर है कि वह पास करता है या नही वैसे मेरा पेपर तो हमेशा अच्छा ही जाता है पर पता नही नंबर. क्यों कम आते हैं.
कोमल- (मुस्कुराकर रश्मि की मोटी गान्ड पर अपना हाथ मारते हुए..) जा एक बार कॉपी चेक करने वाले को अपनी मोटी गान्ड नंगी करके दिखा दे फिर देखना तू सीधे मेरिट में आएगी.
रश्मि- (उसको घूर कर देखती हुई..) तेरा मूह कभी बंद नही रह सकता है, यहाँ में टेन्षन मे हूँ और तुझे मज़ाक सूझ रही है.
कोमल- (उसकी गाल खीच कर) अरे जानेमन चलो में तुम्हारी टेन्षन अभी दूर कर देती हूँ.
रश्मि- (उसको देख कर) वो कैसे?
कोमल- अरे में तेरे लिए एक बहुत ही मस्त फोटो आल्बम ले कर आई हूँ, उसमे बहुत ही मस्त चुदाई के फोटो है और बिल्कुल जैसा लंड तुझे अच्छा लगता है बिल्कुल वैसे ही मोटे-मोटे लंड के बड़े ही कलरफुल फोटो है. तू जब देखेगी तो तेरी चूत एक दम मस्त हो जाएगी.
रश्मि- (कोमल की बात सुन कर इधर उधर अपनी नज़रे दौड़ाती हुई..) कहाँ है बता ना?
कोमल- अरे पागल अब यहीं देखेगी क्या चल हम लोग पीछे वाले गार्डेन में कहीं एक तरफ बैठ कर आराम से देखेगे.
रश्मि- (मुस्कुराते हुए..) चल!
(और फिर दोनो गार्डेन की ओर जाने लगते है कोमल गार्डेन में बैठते अपने बॅग को खोल कर अपनी बुक के अंदर से एक बड़ी सी आल्बम निकालती है और जैसे ही उसको खोलते हुए पहला फोटो रश्मि को दिखाती है, रश्मि की आँखे खुली की खुली रह जाती है, उस फोटो में एक लड़की एक लड़के के मोटे लंड को अपने हाथो मे कसे हुए उसके लंड के टॉप को अपना मूह खोल कर मूह मे लेने की तैयारी के पॉज़ में रहती है.
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