RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
उसकी फूली हुई चूत और गदराई मोटी गान्ड की कल्पना करके कई लोग रोज अपना लंड हिलाते होंगे, वह अक्सर बाहर के नल से पानी भरने जाती थी और वहाँ आस पास के लोग बस उसको भारी बाल्टी उठाने के लिए झुकने का ही इंतजार करते थे ताकि उसके मोटे-मोटे चुतड़ों का पूरी तरह से दीदार हो जाए. रजनी को बेड पर लेटे हुए लंड लेने की खूब इच्छा हो रही थी और वह सीधे लेटे हुए अपने पेट की तरफ से अपनी साड़ी के अंदर हाथ डाल कर अपनी फूली हुई चूत को धीरे-धीरे सहला रही थी. और अपने मन में अपनी चूत को सहलाते हुए)- कितनी जल्दी झान्टे बढ़ जाती है अभी एक हफ्ते पहले ही तो बनाई थी, जब झांट बना कर अपनी फूली हुई चूत पर हाथ फेरो तो बड़ा अच्छा लगता है. पर अपने नसीब में बस खुद के हाथो से ही अपनी चूत को सहलाना लिखा है. अभी तो उंगली भी नही कर सकती कहीं राज ना आ जाए.. (और रजनी अपनी कल्पना में मोटे-मोटे लंड को सोच-सोच कर गरम हो रही थी और उसकी आँखो में नींद नही थी, करीब 1 घंटे बाद राज अंदर आता है और अपनी मम्मी के साइड में लेट जाता है, ज़्यादा थके होने के कारण उसकी जल्दी ही नींद लग जाती है.
करीब 10 मिनट बाद रजनी अपने बेटे की ओर करवट लेकर अपनी आँखे खोल कर अपने बेटे को देखने लगती है. पहले तो उसे राज को देख कर प्यार आता है और वह मुस्कुराकर राज के सर के बालो में अपनी उंगलिया फसा कर उसके सर को सहलाने लगती है, और फ्लॅशबॅक में जाकर अपने बीते हुए दिनो को याद करती हुए..) अगर राज ना होता तो इसके पापा के मरने के बाद हम माँ बेटियो का क्या होता? (और राज को देख कर उसे उस पर प्यार आता है और वह राज के गाल को अपने मूह से चूम लेती है, तभी राज एक दम से करवट लेकर सीधा होकर सो जाता है और अचानक उसका टॉवेल उसकी कमर से अलग हो जाता है. रजनी की निगाहे राज के अंडरवेर में समाए मोटे लंड पर पड़ती है तो उसके चेहरे का रंग एक दम से फीका पड़ जाता है और वह एक टक राज के मोटे लंड जो कि सोया हुआ भी काफ़ी मोटा लग रहा था को घूर-घूर कर देखने लगती है.
उसकी चूत मे एक दम से चिकनाहट अपने आप बढ़ जाती है और जब वह राज के चेहरे को देखती है तो उसे अपने बेटे मे छुपा एक कसीला जवान मर्द नज़र आने लगता है और वह राज को प्यार से देखती है और उसका हाथ अपने आप ही अपने बेटे के गाल को छूने के लिए चला जाता है और आज वह पहली बार अपने बेटे के गालो को किसी मर्द के गाल समझ कर हाथ लगा रही थी. कुच्छ देर तक रजनी राज के चेहरे और कभी बीच-बीच में उसके मोटे लंड को देखती है और फिर मुस्कुराकर राज के सर के बालो में अपनी उंगलिया फसा कर उसके सर को सहलाने लगती है और अपने मन मे सोचती है..) अब राज भी बड़ा हो गया है और शादी लायक नज़र आने लगा है, पर इसके लंड का साइज़ तो काफ़ी बड़ा नज़र आ रहा है, क्या इसने कभी किसी को चोदा होगा? अरे नही! यह तो बड़ा ही सीधा लड़का है यह ऐसी हरकत नही कर सकता है. पर इसका लंड कितना बड़ा है, जब खड़ा होता होगा तो कितना बड़ा हो जाता होगा? रजनी की चूत काफ़ी गीली हो गई थी और वह अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाती हुई राज के बारे में सोचती हुई सो जाती है.
सुबह-सुबह 4 बजे करीब, राज अचानक नींद में करवट लेकर अपनी एक टाँग अपनी मम्मी रजनी के मोटे-मोटे गदराए चुतड़ों पर रख लेता है और उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण किए खड़ा रहता है और वह सीधा उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड की दरार में साड़ी के उपर से ही घुसा रहता है. रजनी की नींद जब खुलती है तो अपनी गदराई मोटी गान्ड में कुछ महसूस करती है और अपने हाथ को पीछे ले जाती है उसके हाथ में अपने बेटे का मस्त तना हुआ लंड आ जाता है और रजनी के होश उड़ जाते है! वह धीरे से करवट लेती है लेकिन राज की टाँग उसके उपर से हटती नही है और राज का घुटना सीधे उसकी फूली हुई चूत के उपर आ जाता है और रजनी के मूह से एक हल्की सी सिसकी निकल जाती है. जब वह गर्दन घुमा कर राज की ओर मूह करती है तो राज मस्त खर्राटे लेकर सोया हुआ रहता है, रजनी की फूली हुई चूत में राज के घुटनो का भारी वजन उसकी चूत को और फूलने पर मजबूर कर देता है और उसका चेहरा लाल हो जाता है.
रजनी को अपनी फूली हुई चूत पर राज के पेर के घुटनो का वजन बहुत अच्छा लगता है और वह अपने हाथ को राज के घुटनो के उपर रख कर हल्के से अपनी फूली हुई चूत पर दबाती है तो उसकी चूत से पानी आ जाता है और वह आआअहह करके अपनी दोनो टाँगो को थोड़ा और फैला लेती है और उसके ऐसा करने से राज के पेर के घुटने का सीधा वजन उसकी फूली हुई चूत के तने हुए भज्नाशे पर पड़ जाता है और रजनी अपने दाँतों से अपने होंठ को कस कर दबा लेती है.
चूँकि रजनी पेंटी नही पहनती थी इसलिए उसकी साड़ी और पेटिकोट के पतले कपड़े के उपर से उसकी मस्तानी फूली हुई चूत पूरी उभरी हुई नज़र आ रही थी और उससे रहा नही जा रहा था और वह राज के घुटनो को हल्के से अपनी फूली हुई चूत पर दबा रही थी. तभी राज नींद में अपने हाथ को अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध पर रख कर उससे सट जाता है और उसका मोटा लंड जो सुबह-सुबह कुछ ज़्यादा ही तना हुआ था उसकी मम्मी की मोटी जाँघो में चुभने लगता है और रजनी की फूली हुई चूत से पानी बह कर उसकी गदराई गान्ड के छेद तक पहुच जाता है. रजनी एक तरह से अपने बेटे की बाँहो में जकड़ी सीधी लेटी हुई थी और उसके बेटे के पैर का घुटना उसकी फूली हुई चूत में रखा हुआ था और उसका मोटा लंड उसकी मम्मी की मोटी जाँघ में साइड से धसा हुआ था.
रजनी से रहा नही जाता है और वह अपने बेटे के लंड को उसके अंडरवेर के उपर से धीरे से पकड़ कर जब उसकी लंबाई और मोटाई का अनुभव करती है तो उसकी चूत का खड़ा हुआ मोटा दाना कूदने लगता है और वह अपनी चूत मराने के लिए तड़पने लगती है. आज उसे बहुत दिनो बाद असहनीय पीड़ा अपनी चूत में महसूस होने लगती है वह बहुत संभाल-संभाल कर अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से दबा-दबा कर उसकी मस्त मोटाई और लंबाई का जयजा लेती है और अपने मन में बस यही सोचती रहती है कि हे भगवान राज का लंड कितना बड़ा और कितना मोटा है.. उसकी फूली हुई चूत इस कदर खुजलाने लगती है कि वह अपने बेटे के लंड को अपने हाथों में कस्ति हुई उसकी मोटाई की कल्पना करते हुए अपनी आँखे बंद किए हुई मस्ती मे डूबी रहती है.
तभी अचानक राज करवट लेकर अपनी टाँगे अपनी मम्मी की चूत से हटा कर सीधा लेट जाता है और रजनी हड़बड़ा कर उसके लंड को छोड़ देती है, और जब राज की ओर देखती है तभी उसकी नज़र राज के लंड की ओर पड़ती है और उसके मोटे लंड को जो कि उसके अंडरवेर को छत की ओर उठाए सीधा तना हुआ था को देख कर उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है और जहाँ उसकी चूत गीली हो जाती है वही उसका गला सूखने लगता है.
रजनी पागलो के तरह अपने बेटे के खड़े लंड को लेटी-लेटी घुरती रहती है और अपने हाथ को अपनी साड़ी के अंदर डाल कर अपनी फूली हुई चूत को सहलाती रहती है. जब उससे रहा नही जाता है तो वह हिम्मत करके डरते हुए राज के लंड को धीरे से अपने हाथ में पकड़ कर हल्के से उसके लंड को दबाती है और उसकी चूत पानी-पानी हो जाती है और वह जैसे ही राज के लंड को थोड़ा ज़ोर से अपने हाथ से पकड़ कर दबाती है राज एक दम से दूसरी ओर करवट ले लेता है. और उसकी पीठ उसकी मम्मी की तरफ हो जाती है और रजनी का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगता है तभी सुबह के 6 बजे का अलार्म बज उठता है और रजनी एक दम हड़बड़ा कर उठ जाती है.
रजनी राज के उपर एक चादर डाल कर धीरे से रूम के बाहर चली जाती है और फिर राज के रूम का दरवाजा बजा कर रश्मि को उठाती है. रश्मि तैयार हो जाती है और कुछ देर बाद राज भी अपनी बाइक की चाबी लेकर रश्मि को बैठाता है और उसे उसके स्कूल के सामने ले जाकर उतारते हुए…)
राज- आराम से सोच समझ कर पेपर लिखना और कोशिश करना कि कोई भी प्रश्न छूटना नही चाहिए.
रश्मि (अपने दोनो हाथों से अपने भाई के हाथ को पकड़ कर..)- उहुउऊ भैया मुझे तो बहुत डर लग रहा है.
राज (मुस्कुराता हुआ उसके गाल पर हाथ फेर कर..)- अरे पागल! डरती क्यों है जा आराम से पेपर करना तू पास हो जाएगी.
रश्मि (मुस्कुराकर) भैया क्या मेरी जगह तुम एग्ज़ॅम नही दे सकते..?
राज (मुस्कुराकर उसके गाल पर चपत लगाते हुए..)- अब जाती है या दूं एक रख कर…!
रश्मि (मुस्कुराते हुए..)- जाती हूँ जाती हूँ बिगड़ते क्यो हो? अच्छा भैया बाइ!
राज (मुस्कुराकर)- चल बेस्ट ऑफ लक!!! (रश्मि मुस्कुराते हुए एग्ज़ॅम हॉल की ओर चल देती है और राज वापस घर आकर ऑफीस जाने की तैयारी करने लगता है, आज रजनी की नज़रे अपने बेटे के लिए बदली हुई नज़र आ रही थी, जब राज अपने कपड़े पहन रहा था तो रजनी उसको बड़ी हसरत भरी निगाहो से देख रही थी.
उसकी फूली हुई चूत उसे रात भर से परेशान कर रही थी, उसे अब उसका बेटा कामदेव का अवतार नज़र आने लगा था. राज अंडरवेर और बनियान पहने खड़ा हुआ ड्रेसिंग टेबल के सामने अपने बाल जमा रहा था और रजनी उसके कसिले बदन को बड़ी चाहत से घूर रही थी. तभी शीशे में देखता हुआ कुछ गुनगुनाते हुए अपने बाल सवार रहा था तभी उसकी नज़र अपनी मम्मी पर पड़ती है और अपनी मम्मी की कातिल निगाहो को जब वह अपने बदन को घूरते हुए पाता है तो एक पल के लिए उसकी नज़र अपनी मम्मी की नज़र के उपर ठहर जाती है.
फिर कुछ सोच कर वह मुस्कुराता हुआ फिर से अपने बाल सवारने लगता है और) राज- मम्मी चाइ तो पिला दो..!
रजनी (मुस्कुराकर)- बेटे चाइ के बजे दूध पिया कर..
राज- सॉरी!
रजनी- कुछ नही! अभी लेकर आती हूँ. (और फिर रजनी किचन की और अपनी मोटी गदराई गान्ड को हिलाते हुए जाने लगती है और राज पलट कर अपनी मम्मी को एक नज़र उपर से नीचे टक मारते हुए देखता है और फिर ना जाने क्या सोच कर मुस्कुरा देता है. कुछ देर बाद रजनी चाइ लेकर आती है और राज चाइ पीने लगता है लेकिन जैसे ही वह अपनी नज़रे अपनी मम्मी की ओर करता है, रजनी उसे ही देखती रहती है.)
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