RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मुझे पता था कि इतनी देर तक मुझे अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखने के बाद उनका लंड भी जल्दी से जल्दी अपना पानी निकालने को बेताब था. मैं खुश थी कि मेरे पति ने फिर एक बार अपनी सेक्सी पत्नी को अपनी चूत मे उंगली कर के हस्त मैथून करते हुए देखने का मज़ा लिया है, दो दिनो मे दो बार ! वैसे तो मैने उन से पूरी तरह चुद्वाने के बाद, उनको मूठ मारते हुए कई बार देखा है जब वो अपना लॉडा पकड़ कर, हिला हिला कर, मूठ मार कर मेरी चुचियों पर, मेरे पेट पर और मेरे मूह मे अपने लंड का पानी निकालते हैं. लेकिन आज वो मौका था बाब मैं उन से चुडवाए बिना, उनके सामने बैठ कर, उनको शुरू से मूठ मारते हुए देखूँगी. मैं जानती थी कि ये खेल हम दोनो के लिए कितना मज़ेदार है. पति पत्नी दोनो नंगे, एक बंद कमरे मे, आमने सामने बैठे है, पर पति अपनी पत्नी को चोद नही रहा है, पत्नी अपने पति से चुद्वा नही रही है. दोनो, एक दूसरे को मूठ मार कर, हस्त मैथून कर के दिखाने का मज़ा ले रहे हैं.
“मैने कभी भी, किसी को भी आज तक अपना लंड पकड़ कर शुरू से आख़िर तक मूठ मारते हुए नही देखा है. मैं आज आप को देखना चाहती हूँ. वैसे आप को कैसा लगा मुझे मेरी चूत मे उंगली करते हुए देखने मे ?” मैने कहा.
वो बोले “बहुत अच्छा, बहुत सेक्सी. मैं बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया हूँ. कल की तरह आज भी तुम्हारा अपनी चूत मे उंगली करना ला-जवाब था.”
“तो फिर देर किस बात की. मुझे भी वही मज़ा लेने दो जो आप ने लिया है.” मैने कहा.
इतना सुनते ही उन्होने अपना मचलता हुआ, फड़फदता हुआ, तनटनाता हुआ लंबा, मोटा और सख़्त लॉडा अपने हाथ मे पकड़ा और उस से निकलता हुआ पानी लौडे के सूपदे के उपर मला. मैं बहुत ध्यान से देख रही थी कि वो क्या क्या करते हैं. और फिर उन्होने अपना लॉडा अपनी हथेली के बीच मे टाइट पकड़ कर उसको धीरे धीरे हिलाना शुरू किया. वो अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर आगे पीछे करने लगे जैसे उनका हाथ मेरी चूत का काम कर रहा हो.
मेरे पैर अभी भी चौड़े थे और उनको मेरी गीली चूत के दर्शन हो रहे थे. उन्होने अपने पैर ज़मीन पर रखे और ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी अपना लॉडा पकड़ कर हिलाने लगे, आगे पीछे करने लगे, मूठ मारने लगे. मैने देखा की उनके लौडे से निकला चुदाई के पहले का पानी उन के लंड पर कुछ सुख गया है और उनको मूठ मारने मे कुछ परेशानी हो रही है.
“क्या बात है?” मैने पुचछा.
“मुझे कुछ क्रीम या ऐसा ही कुछ चाहिए, लौडे को चिकना बनाना है.” वो बोले.
“रूको ज़रा” मैने कहा और उठ कर ड्रॉयर से एक वॅसलीन की डिब्बी निकाली. मैने डिब्बी का ढक्कन खोला, अपनी उंगलियों से थोड़ी वॅसलीन निकाली और उनके लौडे पर लगाई. मुझे पक्का पता था कि मेरी उंगलियों ने उनके लौडे को टच करके उनके अंदर चुदाई की आग को और भी भड़का दिया था. मैने जल्दी से उनके लौडे से अपना हाथ हटा लिया. हालाँकि मैने अपने आप को उनका लॉडा पकड़ कर मूठ मारने से रोक लिया था पर मैं अपने मन मे चाहती थी कि उनके तने हुए लौडे को पकड़ कर, हिला हिला कर उनके लंड का पानी निकाल दूं. पर आज मैं ये सब उनको खुद की करते हुए देखना चाहती थी. मैं ये ज़रूर देखना चाहती थी कि मैं जब उनसे दूर होती हूँ तो वो कैसे अपने लौडे को हिला हिला कर मूठ म्मार कर पानी निकालते हैं. मैं ये भी देखना चाहती कि मर्द लोग कैसे किसी लड़की को दिमाग़ मे रख कर मूठ मारते हैं.
मैने अपने आप को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन रोक नही सकी. उनका तना हुआ, खूबसूरत लॉडा मुझे मज़बूर कर रहा था. आख़िर मैने अपने हाथ मे उनके खड़े हुए लौडे का मूह, सूपड़ा पकड़ ही लिया. फिर मैं उनके लंड के सूपदे पर हाथ फिराने लगी, अपना हाथ उपर नीचे करने लगी तो उन्होने अपनी गंद आगे पीछे करनी शुरू करदी और उनका लॉडा मेरे हाथ को ही चोद्ने लगा. लेकिन मैने अपने आप पर काबू किया और वापस अपनी जगह पर आ कर बैठ गई. मैने उन से कहा ” आप ने तो मुझे दो दिनो मे दो बार हस्त मैथून करते हुए देखा है, पर मैने आप को कभी भी पूरा हस्त मैथून करते हुए नही देखा है. जो मज़ा आप ने लिया है, अब वो मज़ा मुझे भी तो मिलना चाहिए.”
अब उन्होने अपने एक हाथ से अपना खड़ा लंड पकड़ा और एक हाथ से अपने लंड के नीचे लटकती गोलियों को पकड़ा. मैने महसूस किया कि वो मेरे लिए अपना हाथ धीरे धीरे घुमा रहे थे ताकि मैं पूरी तरह से उनके लौडे को मूठ मरवाते हुए देख सकूँ. मुझे सचमुच बहुत अच्छा लग रहा था अपने पति को अपने सामने बैठा कर, उनको मूठ मारता हुआ देखा कर. वो एक हाथ से अपना लॉडा पकड़ कर हिलाने लगे और उनकी हिलने की, हाथ के लौडे पर आगे पीछे करने की, मूठ मारने की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ती गई. अपने दूसरे हाथ से वो लगातार अपने लंड के नीचे की गोलियो को मसल रहे थे. इतनी देर तक मुझे अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखने के कारण वो बहुत गरम हो चुके थे और इसी जोश की वजह से उनकी गंद भी उत्तेजना के मारे आगे पीछे होने लगी थी. उनका पूरा लॉडा वॅसलीन मे लिपटा हुआ होने की वजह से उनका हाथ बड़े आराम से, तेज़ी से उनके अपने लंड पर घूम रहा था. मैने देखा कि उनके लौडे पर लगाई गई वॅसलीन बह कर अब उनके लंड के नीचे लटकती गोलियों की थैली को भी गीला कर दिया है.
उनके मूठ मारने की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी और मैने अपनी चूत मे फिर से खुजली महसूस की. मैने कोई देर नही की. मैने तुरंत ही अपनी पहले से ही गीली फुददी मे अपनी उंगली डाली और अपनी खुद की चूत को फिर से एक बार अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनको भी मेरा ये काम बहुत पसंद आया. अब हम दोनो पति पत्नी, एक बंद कमरे मे, साथ साथ, नंगे हो कर, आमने सामने बैठ कर हस्त मैथून कर रहे थे, वो अपने लौडे पर मूठ मार रहे थे और मैं अपनी चूत मे उंगली कर रही थी. क्या शानदार नज़ारा था. अक्सर नंगे पति पत्नी बंद कमरे मे होते है तो चुदाई का खेल होता है पर हमारे बीच मे एक दूसरे को हस्त मैथून करते हुए देखने का खेल हो रहा था. मैने तो शुरू से अपनी चूत को अपनी उंगली से तेज़ी से चोद्ना चालू कर दिया.
मैने देखा कि उनका लॉडा बहुत ही सख़्त हो चला है और उनका सूपड़ा भी काफ़ी फूल गया है. मुझे पता लग गया था कि ये निशानी है कि लंड से पानी निकलने मे अब ज़्यादा वक़्त नही है. वो अपनी आँखें बंद किए, लगातार अपने लौडे को पकड़ कर तूफ़ानी रफ़्तार से मूठ मार रहे थे. उनकी गंद तो ऐसे हिल रही थी जैसे वो किसी को चोद रहे हो. मैने भी अपनी चूत मे अपनी उंगली की रफ़्तार बढ़ा दी. उनका लंड तो तेज़ी से उनके हाथ को चोद ही रहा था. अचानक मुझे एक शरारत सूझी.
मैने एक हाथ से उनके लंड के नीचे की गोलियाँ पकड़ी और और उनसे पूछा” झड़ने मे कितनी देर है?”
” जल्दी ही पानी आने वाला है.” वो अपनी साँसों पर काबू करते हुए बोले.
|