RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम पलंग पर आए और एक दूसरे की तरफ मूह करके नंगे लेटे थे. उस की चुचियाँ काफ़ी कड़क थी. उस की चूत भी बहुत प्यारी थी जिस पर बारीक कटे हुए, ट्रिम किए हुए काले काले बाल थे. हम दोनो एक दूसरे मे इतनी डूब गयी थी की हम भूल गयी थी कि रमेश भी वहाँ है.
मैं जानती थी कि रमेश हम दोनो नंगी जवानियों को दरवाजे के बाहर से ज़रूर देख रहा होगा. कुछ ही देर मे रमेश अंदर आया और हमारे खेल मे शामिल हो गया. वो हम दो नंगी लड़कियों के बीच मे लेटा हुआ था और हम दोनो नंगी जवानियों ने मिल कर जल्दी ही उस को भी नंगा कर दिया. उस का मोटा तगड़ा लंबा और खड़ा हुआ लंड हमारे सामने था. अंजू उस का लंड अपने मूह मे ले कर चूस रही थी और मैं उस के लंड के नीचे की गोलियों से खेल रही थी, चूस रही थी. रमेश के दोनो हाथ हम दोनो की गीली चूत पर थे और उस की एक्सपर्ट उंगलियाँ हमारे चूत के दाने से खेल रही थी. हम तीनो के लिए ये हमारा सामूहिक संभोग का पहला मौका था और जितना भी हम चुदाई के बारे मे जानते थे, उस के अनुसार हम पूरा पूरा मज़ा ले रहे थे.
थोड़ी देर बाद रमेश मुझे चोद्ने लगा. मैं सीधी लेटी हुई थी और रमेश मुझे चोद रहा था. अंजू मेरे मूह पर अपनी चूत खोल कर बैठी थी और मैं उस की चूत चाट रही थी. थोड़ी देर बाद हम ने अपनी पोज़िशन बदली की. अब रमेश का लंड अंजू की चूत मे था और अंजू का एक हाथ मेरी चूत पर था. रमेश अंजू को चोद रहा था और अंजू मेरी चूत मे उंगली घुमा रही थी. मैं भी अंजू की चुचियाँ दबा रही थी. जैसा कि मैने बताया है, रमेश चोद्ने मे इतना मज़बूत है कि जल्दी से उस का पानी नही निकलता है. थोड़ी देर अंजू को चोद्ने के बाद वो हमारे बीच मे मेरी तरफ़ मूह कर के लेटा था और अपने लंड से मेरी चुचियों को चोद रहा था. अंजू पीछे से उस की गंद पर अपनी चुचियाँ रगड़ रही थी. हम तीनो को इस सामूहिक संभोग मे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब हम दोनो चूत वालियों को जोरदार चुदाई की ज़रूरत थी.
अंजू अपने पैर खोल कर बेड पर लेट गई और मैं घोड़ी बनी हुई अपना मूह उस की चूत पर ले गई. मैं अंजू की चूत चूस रही थी, चाट रही थी और रमेश पीछे से मेरी चूत मे लंड घुसा कर मुझे चोद रहा था. अंजू की चूत चूसी जा रही थी और मैं घोड़ी बनी हुई पीछे से चुदि जा रही थी. मैं क्यों कि पहले से काफ़ी गरम थी इस लिए जल्दी ही मैं एक ज़ोर का झटका दे कर झर गई. रमेश के लंड को मैने अपनी चूत मे जाकड़ लिया. रमेश भी समझ चुका था कि मेरा हो गया है, इस लिए उस ने भी मुझे चोद्ना बंद कर्दिया था. मैं तो मज़े के मारे पागल सी हो गई.
फिर रमेश अंजू को घोड़ी बनाकर चोद्ने लगा और मैने अंजू के दोनो तरफ पैर कर के, रमेश की तरफ मूह कर के कुछ इस तरह खड़ी हो गई कि रमेश का मूह अंजू को चोद्ते हुए मेरी चूत तक पहुँचने लगा. अब रमेश अंजू को चोद्ते हुए मेरी चूत भी चाट रहा था. वो अंजू की चूत मे लंड घुसा कर चोद्ता रहा और मेरी चूत चाट ता रहा जब तक कि अंजू झर नही गई और रमेश ने भी अपने लंड का पानी अंजू की रसीली चूत मे भर दिया था.
हम तीनो बिस्तर पर नंगे लेटे हुए एक अनोखी चुदाई, पहली बार सामूहिक चुदाई का आनंद ले रहे थे. अकेले रमेश ने दो दो लड़कियों को साथ मे चोदा था.
अंजू अब पूरी तरह खुल चुकी थी और मैं तो उस समय हैरान रह गई जब उस ने मुझ से कहा कि वो अपनी चुचि से मेरी चूत को चोद्ना चाहती है. मैने तो ऐसा कभी सोचा भी नही था कि चुचि से भी चूत को चोदा जा सकता है. मैं सोच रही थी कि वो कैसे अपनी चुचि से मुझे चोदेगि, पर ये अनुभव भी मैं लेना चाहती थी. रमेश भी कुछ समझा नही और हम दोनो की तरफ देख रहा था.
अंजू मेरे फैले हुए पैरों के बीच मे लेट कर अपनी एक चुचि को मेरी चूत पर रखा. उस की कड़क चुचि मेरी गीली चूत पर बहुत मज़ा दे रही थी. उस ने अपनी चुचि को अपने हाथ मे पकड़ कर दबाया तो उस की लंबी निपल और भी कड़क, और भी बड़ी, और भी लंबी हो गई. फिर उस ने अपनी चुचि की कड़क लंबी निपल को मेरी चूत के बीच मे रख कर रगड़ना और घुमाना चालू कर्दिया. उस की कड़क और लंबी निपल मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगी और मेरी चूत की चुदाई एक चुचि से होने लगी जिस के बारे मे मैने पहले कभी नही सोचा था. मेरी चूत से फिर से रस निकलना सुरू हो गया था. जब उस ने अपनी लंबी निपल को मेरी चूत के अंदर दबाया तो मुझे लगा कि कोई छोटा सा लंड मेरी चूत को चोद रहा है. कोई छोटा सा बच्चा अपने छोटे से लंड को मेरी चूत मे डाल कर मुझे चोद रहा है. ऐसा केवल इस लिए हो रहा था क्यों कि अंजू की चुचियों की निपल्स काफ़ी लंबी थी. और अब वो सचमुच अपनी चुचि की लंबी निपल को मेरी चूत मे अंदर बाहर करते हुए मुझे बाक़ायदा चोद रही थी. इस अनोखी, चुचि से चूत की चुदाई से मैं झटका खा कर बहुत ही ज़ोर से झर गई.
तब तक रमेश का लंड हमारी चुचि और चूत की चुदाई देख कर फिर से तन कर खड़ा हो चुका था.
आप लोगों का समय बचाने के लिए, डीटेल मे ना जा कर सिर्फ़ इतना बता दूं कि रमेश ने फिर एक बार हम दोनो को एक साथ जम कर चोदा और इस बार उस ने अपने लंड रस को मेरी चूत मे बरसाया.
सामूहिक संभोग का ये एक बहुत ही शानदार अनुभव था. अंजू बहुत ही प्यारी, बहुत ही सुंदर बहुत ही समझदार और बहुत ही सेक्सी है. उस को मेरे प्रेमी रमेश से वो मिल रहा है जो उस का पति उस को नही दे पाता.
मेरे बहुत चाहने पर भी हम, मैं, रमेश और अंजू दोबारा सामूहिक संभोग का मज़ा ना ले सके. कारण की वो पूरे परिवार के साथ रहती थी और मैं भी तो दूर रहती थी, इस लिए फिर से इस का मौका नही मिला. लेकिन रमेश, जो अंजू के पड़ोस मे ही रहता है, जब भी मौका मिलता, वो उस प्यासी औरत को ज़रूर सन्तुस्त करता. मुझे आशा है कि मैं जब भी मौका मिला, अंजू के साथ ज़रूर चुदाई करूँगी, भले ही वो सामूहिक संभोग ना हो, एक लेज़्बीयन ही हो, पर मैं करूँगी ज़रूर क्यों कि अंजू है ही इतनी प्यारी.
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