RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
मेरी गांड में उठे भयंकर दर्द से से बिलबिला उठी. मेरा शरीर पानी से बाहर फिकी मछली के समान तड़प रहा था. राज के
विशाल शरीर ने मेरे थरथराते हुए शरीर को अपने नीचे कस दबा लिया. मैं सुबकियां और हिचकी मार मार कर रो रही
थी.
"नहीं...नहीं...राज..मेरी गांड फट गयी..ई...अपना लंड बाहर निका..आ..ल.. ..आ..आ..ये. मैं मर जाऊंगी ,
राज,” मैं सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी, “मुझे हुंह ....नहीं आन्नंह ....मरवानी
....अपनी गांड।”
राज ने अपने मुंह से मेरा मुंह दबोच लिया. राज ने बेदर्दी से मेरे रोने की उपेक्षा कर मेरी गांड अपने लंड से मारने लगा .
मेरी घुटी-घुटी चीखों और सिस्कारियों कमरे की दीवारों से टकरा कर मेरे कानों में गूँज रहीं थी. राज ने अपने विशाल लंड की आधी
लम्बाई अंदर बाहर कर मेरी गांड की चुदाई शुरू कर दी.
राज की बेरहमी ने मुझे दर्द से व्याकुल कर दिया। मेरे आंसूओं ने मेरे चेहरे को बिलकुल भिगो दिया।
मुझे पता नहीं की कितनी देर तक मैं रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर राज का विशाल लंड मेरी मेरी गांड को
निरंतर चोदता रहा.
मेरे आंसूओं ने मेरा चेहरा गीला कर दिया. थोड़ी देर में मेरी नाक बहने लगी. मेरी सुबकिया मेरे दर्द की कहानी सुना रहीं थीं।राज ने
मेरा मुंह अभी भी अपने मुंह से दबा रखा था.
राज ने मेरी गांड मारना एक क्षण के लिए भी बंद नहीं किया. मैं न जाने कितनी देर तक दर्द से बिलबिलाती हुई राज के
विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही।
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