RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
रात को मैं और संगीता छत पर खड़े होकर बाते कर रहे थे और संगीता को मस्ती सूझ रही थी और उसने लूँगी
मे हाथ डाल कर मेरे लंड को मसल्ते हुए कहा
संगीता- भैया कितने दिनो से तुमने मुझे पूरी नंगी करके चोदा नही है, और फिर बच्चो जैसा मूह बना कर
कहने लगी आपको ज़रा भी ख्याल नही है अपनी बहन का, मैने उसके गालो को खिचते हुए उसके मोटे मोटे दूध
को मसल्ते हुए कहा,
राज- मेरी रानी कल से तुझे मैं घर मे ही चोदुन्गा, कल से तू चाहे जब अपने भैया का लंड ले सकती है
संगीता- उच्छल कर मुझे चूमती हुई वाह भैया पर ऐसा क्या करने वाले हो कि हमे मम्मी का भी डर नही
रहेगा,
राज- मेरी रानी कल से हम चुदाई करेगे लेकिन बिना डर के और फिर मैने संगीता के रसीले होंठो को अपने मूह
मे भर कर चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाना शुरू कर दिया, संगीता ने मुझसे
जानने की कोशिश की लेकिन मैने उसे बाद मे बताने का कह कर टाल दिया और फिर मैं मम्मी के रूम मे जाने
लगा,
मेरी तो हालत ऐसी थी कि मेरा लंड सिर्फ़ मम्मी का सुंदर चेहरा देख कर ही खड़ा होने लगा था फिर अभी
तो मम्मी मेरे सामने ही खड़ी थी,
रति- आ राज वहाँ क्यो खड़ा है बेटे,
मैं मोम के पास गया और उनके सामने बिस्तेर पर बैठ गया वह आराम से तकिये पर सर रख कर लेटी हुई थी,
मैने मम्मी के एक पेरो की गोरी पिंडलियो को पकड़ कर कहा, मम्मी कल सुबह आप रेडी हो जाना मैं आपको
भी अपनी साइट दिखाना चाहता हू, बहुत अच्छी जगह है आप बहुत खुश होगी वहाँ जाकर,
और फिर मैने उनकी
पिंदलियो को दबाते हुए कहा, क्या कहती है बोलिए,
रति- मुश्कूराते हुए, क्या बात है तुझे आज कल अपनी मम्मी का बड़ा ख्याल रहता है, मुझे भी ऐसी जगहो पर
घूमना खूब अच्छा लगता है जहा खेत, छ्होटे मोटे जंगल और बाग बगीचे हो, कल हम वहाँ ज़रूर जाएगे
बेटा, लेकिन राज यह बता कल मैं कपड़े कौन से पहनु,
मम्मी की यह बात सुन कर मैने मन मे सोचा मेरी रानी चाहे जो कपड़े पहन लेना उतारना तो है ही और फिर
मैने मम्मी को कहा आप जो भी पहन लो मम्मी चलेगा क्योकि गाँव मे इतने लोग आपको नही दिखाई देंगे,
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