RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
संगीता- मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोल कर, अच्छा लग रहा है, बस इतना कह कर संगीता मेरे मूह को चूम लेती है और मैं उसके मोटे मोटे दूध को कस कर दबाते हुए उसकी मोटी जाँघो को सहला कर जैसे ही अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाता हू संगीता एक दम से मुझसे ज़ोर से चिपक जाती है,
राज- संगीता
संगीता- हू
राज- संगीता चल खड़ी होकर अपनी पॅंटी उतार कर बैठ जा,
संगीता- नही भैया
राज- क्यो
संगीता- मुझे शरम आती है
राज- अच्छा तू अपनी आँखे बंद रखना पॅंटी मैं उतार देता हू
संगीता- नही भैया मैं नंगी नही होंगी
राज- संगीता के दूध को पीते हुए, देख संगीता एक बार नंगी हो जा, तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है
संगीता- आह भैया धीरे दब्ाओ ना, आप अपनी बहन को नंगी करोगे,
राज- हाँ संगीता तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है, मैं तो ग़लत सोच रहा था कि तू एक छ्होटी सी लड़की है पर जब मैने तुझे पॅंटी मे देखा तब मुझे समझ आया कि तू तो बहुत बड़ी हो गई है अब तू पूरी औरत लगने लगी है, सच तुझे साडी पहना कर मम्मी के साथ खड़ा कर दिया जाए तो तू मम्मी की बहन नज़र आएगी,
संगीता- अपनी आँखे खोल कर मुझे देखती हुई, क्यो झूठ बोलते हो भैया, कहाँ मम्मी और कहाँ मैं,
आपने कभी मम्मी को पूरी नंगी देखा है जो ऐसी बात कर रहे हो, क्या मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,
राज- क्यो मम्मी जब पूरी नंगी होती है तो बहुत मोटी लगती है क्या,
संगीता- और नही तो क्या, आपने कभी मम्मी की नंगी जंघे देखी है मुझसे तो तीन गुना ज़्यादा मोटी है और उनका पेट देखा है जैसे 6 महीने का बच्चा पेट मे लेकर घूम रही हो, और उनकी गंद कितनी मोटी और चौड़ी है, मैं तो मम्मी के अगल बगल भी नज़र नही आती हू और आप कहते है मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,
मेरी बातो से संगीता रंग मे आ चुकी थी और अब अपनी आदत के अनुसार खूब बाते करने लगी थी वो भी बिना किसी शर्म या झिझक के,
राज- अरे मेरा मतलब तुझे मोटी कहने का नही था, मेरा मतलब यह है कि एक जवान मर्द को औरतो का भरा हुआ गुदाज नंगा बदन ही ज़्यादा अच्छा लगता है,
संगीता- तो फिर आपने चंदा को क्यो चोदा
संगीता के मूह से चोदा शब्द सुन कर मैं एक दम से उसे देखने लगा और उसने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए मेरे सीने मे अपना मूह च्छूपा लिया,
राज- मैने उसकी चूत को सहलाते हुए कहा संगीता तुझसे किसने कहा कि मैने चंदा को चोदा है
संगीता- अपनी चूत मुझसे सहलवते हुए अपने मूह को मेरे सीने मे छुपाये कहने लगी, मुझे नही मालूम,
राज- अरे बता ना अब शर्मा क्यो रही है देख अब तो मैं तेरी भी चूत को सहला रहा हू चल अब बता मुझे तुझसे चंदा ने कहा है ना यह सब
संगीता- हाँ
राज- और क्या कहा उसने मेरे बारे मे
संगीता- यही कि आप बहुत चुड़क्कड़ हो और दिन भर औरतो को चोदने के चक्कर मे उनके पिछे घूमते हो
राज- तो तुझे बुरा लगा क्या,
संगीता- मेरी ओर जलन भरी नज़रो से देख कर मूह बनाते हुए, मुझे क्यो बुरा लगने लगा,
राज- क्या करू संगीता तेरे भैया का लंड बहुत खड़ा होता है और जहाँ मोटी गंद और बड़े बड़े दूध नज़र आते है मेरा लंड उन्हे देख कर खड़ा हो जाता है, तू देखेगी मेरा लंड,
संगीता- हल्के से मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग कर, मुझे नही देखना
राज- अच्छा मत देख एक बार अपने हाथ से सहला कर तो देख कैसा लगता है तेरे भैया का लंड और उसके बाद मैने अपनी चैन खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल कर संगीता के हाथो मे पकड़ा दिया और संगीता मेरे लंड को देख नही रही थी लेकिन वह अपने हाथो से मेरे लंड को छ्चोड़ भी नही रही थी,
वह मेरे लंड को हल्के हल्के टटोल कर महसूस कर रही थी, मैने उसका चेहरा उपर उठाया और उसके रसीले होंठ चूमते हुए कहा
राज- जानती है संगीता अब तेरे भैया का मन तुझ पर फिदा हो गया है और जब से मैने तेरे ये मोटे मोटे दूध और यह मस्त मोटी गंद देखी है तब से मैं तुझे चोदने के लिए तड़प रहा हू, बोल अपने भैया से चुदवायेगि, बोल ना ऐसे चुप रहेगी तो मैं तुझसे कभी बात नही करूगा,
क्रमशः........
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