RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
मैने संगीता की गुदाज जवानी को सहलाते हुए उससे कहा मेरी रानी आज मैं तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा और तू एक दम मस्त हो जाएगी, कुच्छ देर बाद मैं और संगीता तैयार हो गये और फिर अपनी बाइक पर संगीता को बैठा कर मैं हरिया और रामू के गाँव की ओर चल दिया,
मैं बाइक बड़े आराम से चला रहा था और संगीता मेरे पिछे मुझसे सॅट कर बैठी थी, संगीता ने जीन्स और टीशर्ट पहना हुआ था और अपनी टाँगे बाइक के दोनो तरफ करके मेरी कमर पकड़ कर मुझसे पूरी तरह सटी हुई थी जब कोई ब्रकेर आता तो संगीता मुझसे और भी सॅट जाती और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, कुच्छ ही देर मे हम साइट पर पहुच गये और मैने मजदूरो को काम पर लगाने के बाद पेदल संगीता का हाथ पकड़ कर उसे तालाब के आसपास घुमाने लगा और गाँव का नज़ारा दिखाने लगा, संगीता काफ़ी खुस लग रही थी और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी, मैं थोड़ा उसके बराबर मे पहुच कर धीरे से उसकी मोटी गंद पर हाथ मारते हुए उससे पुच्छने लगा- संगीता कैसा लगा तुमको गाँव का महॉल संगीता- अच्छा लग रहा है भैया यहा तो पेड़ की च्चाँव मे बैठ कर ठंडी हवा लेने का मज़ा ही कुच्छ और है,राज- चल तुझे गाँव के गन्ने चुस्वाता हू, बड़े मीठे गन्ने है यहा केसंगीता और मैं पेदल घूमते हुए हरिया के खेत की ओर चल देते है कुच्छ देर बाद हम दोनो हरिया के खेत मे पहुच जाते है और हमे वहाँ चंदा मिल जाती है,राज- अरे चंदा तुम्हारा बाबा हरियाकहाँ हैचंदा- बाबू जी वह सुधिया चाची के खेत की ओर गये है और हमे कह गये है जब तक हम आए ना तुम कही नही जाना,राज- अच्छा चंदा देखो यह संगीता है और संगीता यह चंदा है तुम दोनो बाते करो मैं हरिया के पास से आता हू उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और संगीता चंदा से बाते करने लगी,जब मैं रामू के खेतो की ओर पहुचा तो सुधिया बैठी बैठी घास काट रही थी और हरिया उसके सामने बैठा हुआ अपने लंड को धोती के उपर से मसल रहा था, मैने दूर से उसे आवाज़ दी और वह दौड़ कर मेरी तरफ आ गया
राज- अरे माफ़ करना हरिया मैने तुम्हे डिस्टर्ब किया लेकिन मैं अपनी बहन संगीता को लेकर आया हू और कुच्छ देर के लिए मैं उसे यही छ्चोड़ कर साइट पर जा रहा हू तब तक तुम उसे थोड़ा गरम करने की कोशिश करो, उसकी चूत से पानी बहने लगना चाहिए ताकि बाद मे मुझे उसे चोदने मे कोई दिक्कत ना हो,हरिया- आप फिकर ना करो बाबूजी बस आप हम पर छ्चोड़ दो, उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और हरिया सुधिया से यह कह कर चला गया कि वह अभी आता है,हरिया जब अपने खेत मे गया तो संगीता और चंदा उसे देख कर खड़ी हो गई,हरिया- अरे बैठो संगीता बैठो हम जानते है तुम हमारे बाबूजी की प्यारी सी बहना हो ना, आपके भैया आपके बारे मे हमसे बहुत बाते करते है, वह आपको बहुत प्यार करते है,संगीता- अच्छा और क्या कहते है भीया मेरे बारे मे हरिया- वो सब हम आपको बताएगे संगीता लेकिन पहले कुच्छ पानी वग़ैरह तो पीलो, चंदा जा संगीता बहन के लिए पानी लेकर आ और फिर चंदा पानी लेकर आ जाती है, हरिया झोपड़ी मे जाता है और चंदा को इशारे से बुला कर उसके कान मे कुच्छ समझा कर बाहर आ जाता है, हरिया- अरे चंदा मैं ज़रा रामू भैया के खेतो मे काम से जा रहा हू तू संगीता बहन को गन्ने के खेतो मे घुमा कर उन्हे अच्छे मीठे मीठे गन्ने चूसने को दे दे तब तक मैं आता हू, हरिया वहाँ से चला गया और चंदा संगीता के पास आकरछंदा- चलो दीदी मैं आपको मस्त गन्ने चुस्वाउंगी, आपको देख कर लगता नही है कि कभी आपने गन्ने चूसे है,संगीता- गन्ने तो नही चूसे चंदा लेकिन हाँ गन्ने का रस ज़रूर पिया हैचंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, अरे दीदी जब तक गन्ना चुसोगी नही रस कहाँ से निकलेगसांगीता- अरे पगली रस गन्ने को मशीन मे डाल कर निकाला जाता हैचंदा- मुस्कुराते हुए कौन सी मशीन उपर वाली या नीचे वाली या फिर पिछे वालीसंगीता उसे गौर से देख कर मैं तुम्हारा मतलब नही समझी,चंदा- दीदी कभी तुमने गन्ना देखा हैयसंगीता- अरे पागल वो सामने लगे तो है
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