RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
संगीता की गरम सांसो की खुश्बू ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया था और मैने भी अपने सर को थोड़ा झुका कर संगीता के चेहरे के पास कर लिया था, संगीता जब सांस छ्चोड़ती तो उसकी साँसे सीधे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी मैने धीरे से अपना हाथ संगीता की मोटी गुदाज जाँघो के उपर रख लिया और हल्के हल्के उसकी मोटी मखमली जाँघो को दबाने लगा,
मम्मी जाग रही थी या सो रही थी पता नही पर मुझे उनकी आँखे नज़र नही आ रही थी मैं बहुत गरम हो चुका था और संगीता के बदन से सटा हुआ था,
संगीता की रेड कलर की टीशर्ट से उसके मोटे मोटे कसे हुए ठोस दूध का उभार मुझे पागल किए जा रहा था और मुझसे रहा नही गया और मैने अपने मूह से संगीता के गालो को चूमते हुए अपना एक हाथ संगीता के गले मे डाल कर जब मैने उसके एक मोटे बोबे को अपने हाथ मे भर कर हल्के से दबाया तो क्या बताऊ मैं तो मस्त हो गया,
मेरे द्वारा संगीता के बोबे दबाने से भी उसने कोई प्रतिक्रिया नही की तो मुझे लगा वह गहरी नींद मे सो चुकी है फिर मैने संगीता के पूरे दूध का जयजा लेते हुए उसकी मोटाई को महसूस किया उसके मोटे गुदाज भरे हुए दूध को मैने अपने हाथो मे पूरा समाते हुए उसे हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठो से कभी संगीता के गालो को चूमता कभी उसके रसीले होंठो को चूमने लगा,
दूसरे हाथ को जब मैने जाँघो पर फेरा तो घुटने के ज़रा सा उपर तक उसकी ब्लॅक कलर की स्कर्ट चढ़ि हुई थी मैने धीरे से संगीता की स्कर्ट को थोड़ा और उपर करके उसकी मोटी मसल जाँघो को अपने हाथो मे दबोच लिया और खूब गोरी गोरी जाँघो को सहलाने लगा,
एक हाथ से संगीता के मोटे-मोटे दूध उसकी पतली सी टीशर्ट के उपर से मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गुदाज जाँघो को सहला रहा था मेरा लंड पूरी ताक़त लगाए मेरे पेंट को फाड़ने की कोशिश कर रहा था, मैने धीरे से संगीता की जाँघो को थोड़ा सा खोल कर फैला दिया और फिर धीरे से उसकी मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी फूली हुई पॅंटी मे कसी चूत तक ले जाने लगा,
मैने जैसे ही संगीता की पॅंटी के उपर से उसकी फूली हुई चूत को सहलाया मैं मस्त हो गया, संगीता ने लगता है दो तीन दिन पहले अपनी झांते बनाई थी जिसके कारण उसके बाल मुझे पॅंटी के उपर से भी हल्के हल्के चुभ रहे थे,
अब मैं संगीता की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबाते हुए उसके मोटे मोटे दूध को मसल रहा था, फिर मेरी उत्तेजना के साथ ही मेरे हाथ का दबाव भी संगीता के मोटे मोटे बोबो और उसकी फूली हुई चूत पर बढ़ने लगा था और अब मैं काफ़ी ताक़त से संगीता के बोबे और चूत मसल रहा था,
संगीता सो रही थी या नही यह तो मैं नही जानता लेकिन जब मैने संगीता की मोटी जाँघो को और भी फैला कर उसकी पूरी फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोचा तो मुझे उसकी पॅंटी मे गीले पन का एहसास हुआ और मुझे लगा शायद संगीता जाग रही है,
मैने संगीता के बोबे को खूब कस कस कर मसलना शुरू कर दिया मैं यह सोच कर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया कि संगीता शायद जाग रही है अब मैं संगीता की चूत को पागलो की तरह खूब दबा दबा कर सहला रहा था और उसके दोनो दूध को बारी बारी से मसल रहा था तभी मथेर्चोद ड्राइवर ने गाड़ी एक ढाबे के पास जाकर रोक दी और मुझसे कहने लगा भैया जी चाइ पीना हो तो आ जाओ,
मैने मन मे कहा मथेर्चोद तू पी ले भोसड़ी वाले ने सारा मज़ा किरकिरा कर दिया, ड्राइवर की बात सुन कर मम्मी भी उठ गई और कहने लगी राज बेटे मेरे लिए भी एक चाइ ले आना, मैं उतार कर चाइ लेने चला गया पर संगीता अभी भी आँखे बंद किए हुए सो रही थी,
करीब 10 मिनिट बाद हम फिर चल दिए और मैने जब लाइट बंद करने का सोचा इससे पहले ही मम्मी ने लाइट ऑफ करने को कहा और फिर मैने लाइट ऑफ कर दी, अब मैने धीरे से फिर से संगीता के बोबो को जैसे ही च्छुआ संगीता के मूह से एक गहरी सांस निकल पड़ी,
क्रमशः........
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