RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--29
गतान्क से आगे......................
सुधिया- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, हरिया क्यो मेरे पीछे पड़ा है चल जा यहाँ से मुझे बहुत ज़रूरी काम
है
हरिया- क्या काम है पहले बताओ तभी जाउन्गा,
सुधिया- थोड़ा शरमाते हुए अपने चेहरे को नीचे करके तू जा यहाँ से मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है
हरिया- एक दम से उछल कर खुश होता हुआ, वाह भौजी क्या बात कही है अब तो मैं तुम्हे बिना मुतते देखे बिना
यहा से कही नही जाउन्गा,
सुधिया खड़ी होकर अपनी चूत को घाघरे के उपर से हरिया की ओर देख कर मसल्ति हुई आह हरिया कमिने जा
यहाँ से नही तो मैं तेरे मूह मे ही मूत दूँगी,
हरिया- खुस होते हुए हाय भौजी मैं तो कब से तेरी बुर से मूत चाटने के लिए तड़प रहा हू,
अब देर ना कर और
जल्दी से मेरे मूह मे अपनी मस्त फूली हुई चूत धर कर बैठ जा,
उन दोनो की हरकते देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था लेकिन आज मैं बाबाजी के भेष मे नही था और सिवाय
उन दोनो को देखने के कुच्छ नही कर सकता था,
उधर मुझे हरिया से ज़्यादा सुधिया चुदासी लग रही थी और बार बार हरिया के मोटे लंड को देख कर अपनी चूत
को घाघरे के उपर से मसल्ते हुए हरिया से कह रही थी, देख हरिया यहाँ से चला जा मुझसे अब नही सहा जा
रहा है मुझे पेशाब कर लेने दे,
हरिया- अरे भौजी तो क्या मैने तुम्हे या तुम्हारी चूत को पकड़ रखा है जो तुम मूत नही रही हो, चलो अब
जल्दी से घाघरा उठा कर अपनी बुर फैला कर खूब मोटी धार निकाल कर मुतना शुरू कर दो,
सुधिया उसी पत्थर पर एक पेर रख कर खड़ी थी जहा एक बार निम्मो मूतने बैठी थी, हरिया सुधिया की मोटी
जाँघो के पास अपने मूह को लगा कर चूमते हुए ओह भौजी कितनी गुदाज और भरी हुई जंघे है तुम्हारी अब
जल्दी से मूत भी दो,
सुधिया- कमिने तू नही मानेगा ले पी ले अपनी भौजी का मूत और सुधिया उसी पत्थर पर अपनी मोटी जाँघो को
फैला कर जैसे ही बैठती है हरिया अपना मूह आगे कर देता है, और सुधिया की फूली हुई चूत को नीचे झुक कर
देखने लगता है,
सुधिया अपना भोसड़ा फैलाए हरिया के सामने मंद मंद मुस्कुराते हुए बैठी रहती है,
तभी हरिया उसकी चूत को सहला कर कहता है भौजी मूत ना, उसके इतना कहते ही सुधिया अपनी चूत उठा कर हरिया
के मूह मे एक मोटी धार मारने लगती है और हरिया एक दम से सुधिया की बुर से निकलती पेशाब को देख कर अपना
मूह खूब कस कर सुधिया की चूत से लगा कर उसकी चूत के भज्नाशे को अपने मूह मे भर लेता है,
सुधिया का
पेशाब एक दम से रुक जाता है और हरिया जैसे ही उसकी चूत के मोटे दाने को अपनी जीभ मे दबा कर चूस्ता है
सुधिया की चूत से फिर से पेशाब निकल जाता है और हरिया उसकी चूत को किसी कुत्ते की भाँति चूसने लगता है,
सुधिया का पेशाब फिर से रुक जाता है और हरिया उसकी चिकनी मूत से भीगी चूत को किसी पागल कुत्ते की तरह सूंघ
सूंघ कर चाटने लगता है,
सुधिया- आह कुत्ते मूतने तो दे फिर बाद मे चाट लेना
हरिया- भौजी और मुतो बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत से मूत पीने मे और फिर हरिया लंबी लंबी जीभ निकाल
कर सुधिया की बुर को खूब कस कर दबोचते हुए चाटने लगता है, सुधिया की चूत एक दम मस्त हो जाती है और
सुधिया थोड़ा और ज़ोर लगा कर छुल से एक धार सीधे मारती है और हरिया अपना मूह खोल कर उसकी पेशाब को पीते
हुए सुधिया की चूत को खूब ज़ोर से अपने मूह मे दबा कर चूसने लगता है,
हरिया- भौजी और मूत थोड़ा ज़ोर से मूत बहुत मज़ा आ रहा है, सुधिया आ कुत्ते चाट ले खूब ज़ोर से चाट ले
अपनी भौजी की चूत, और सुधिया अपनी जाँघो को और फैला देती, और हरिया उसकी चूत को अपने होंठो मे दबाए
हुए कहता है और मूत भौजी और मूत,
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