RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
हरिया जहाँ उसकी चूत मे लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था वही मैं पूरी
आज़ादी के साथ सुधिया की गंद चोद रहा था, अब मेरा लंड बड़ी आसानी से सुधिया की गंद मे जा रहा था और
उसकी चूत खूब पानी छ्चोड़ रही थी, हरिया ने सुधिया के होंठो को चूसना शुरू कर दिया तब सुधिया थोड़ा
उपर अपने सीने को उठाने लगी तभी मैने उसके दूध को नीचे हाथ लेजाकार पकड़ लिया और कस कस कर तीन चार
धक्के सुधिया की गंद मे मार दिए और सुधिया धदाम से हरिया की छाती से चिपक गई और हरिया ने नीचे
से कस कस कर तीन चार धक्के मारे और उसको खूब कस कर दबोचते हुए मुझसे कहने लगा
हरिया- बाबाजी लगता है भौजी मूतने वाली है,
राज- हरिया अपनी भौजी से पुंछ लो अगर मूतने वाली हो तो हम तीनो एक साथ मुतेन्गे और आज तुम्हारी भौजी की
गंद और चूत को अपने रस से भर देंगे,
हरिया- सुधिया के मूह को उठा कर चूमते हुए, बोलो भौजी तुम मूतने वाली हो ना
सुधिया- सीयी आहह आहह हाँ रे हाँ रे हरिया खूब चोद मैं अब मूतने वाली हू जल्दी चोद कमिने नही तो तेरे मूह
मे मूत दूँगी,
हरिया- मूत दे ना भौजी मैं तो कब से तेरी चूत से मूत पीने को तरस रहा हू, एक बार मैने तुझे छुप कर
मुतते हुए देखा था बस तब से तेरी मोटी धार का मैं दीवाना हो गया हू,
राज- हरिया अब एक साथ मैं और तुम सुधिया बेटी की चूत और गंद को चोद्ते हुए अपना पानी निकालेंगे और फिर
मैने उसकी गंद मे सतसट धक्के मारना शुरू कर दिया और नीचे से हरिया खूब खचा खच लंड पेलने
लगा और सुधिया अपनी जाँघो को और भी खोल कर बुरी तरह गंद हिलाने लगी वह कभी अपनी गंद उपर मारने की
कोशिश करती और कभी नीचे मारने की कोशिश करती, फिर सुधिया के मूह से एक गहरी कराह निकल गई और वह बुरी
तरह हरिया से चिपक गई, मैने भी सुधिया को पूरी तरह जाकड़ लिया और उसकी गंद मे अपने लंड को खूब
गहराई तक ठोक कर अपने पानी को छ्चोड़ना शुरू कर दिया, उधर हरिया ने भी सुधिया की चूत मे अपने लंड को
खूब अंदर तक पेल कर अपना पानी निकाल दिया और फिर मैं और हरिया सुधिया को उपर और नीचे से नंगी अपने
बीच मे दबाए हाफ्ते हुए पड़े रहे,
कुच्छ देर बाद मैं उठा और जब मैने सुधिया के भारी चूतादो को देखा तो वह पूरे लाल हो चुके थे,
मेरे उठने के बाद भी सुधिया हरिया के उपर पड़ी हाफ़ती रही, फिर मैने जल्दी से अपनी धोती पहनी और फिर सुधिया
भी उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी, हरिया ने अपनी धोती पहन कर कहा बाबाजी हम चंदा के पास जा रहे है
आप हमे भी आशीर्वाद देते हुए जाना,
हरिया वहाँ से उठ कर चला जाता है और फिर मैं सुधिया को हाथ पकड़ कर उठा लेता हू और
राज- बेटी तुम ठीक तो हो ना
सुधिया- मुस्कुराते हुए अपनी नज़रे झुका कर, हाँ बाबाजी
राज- बेटी हमने अपना वादा पूरा कर दिया अब हमे भी यहा से प्रस्थान करना होगा क्यो कि हम सिर्फ़ तुम्हारी
खातिर रुके थे अब हमे किसी और का भला करने के लिए जाना होगा,
सुधिया- बाबाजी फिर कब पधारेंगे आप
राज- बेटी हमने तेरे सुख के लिए ही हरिया के दिमाग़ को घुमा कर तेरा दीवाना बना दिया है, अब रामू के अलावा
जब भी तेरा दिल करे तू हरिया से अपनी इच्छा पूरी करवा लेना और शरमाना मत, तू शरमाती बहुत है,
सुधिया- बाबाजी मुझे तो आपकी याद हमेशा आएगी, अब आप कब आओगे
राज- बेटी तू फिकर मत कर हम तो इतनी शक्ति लेकर घूमते है कि कभी भी किसी भी रूप मे आकर हम तुझे अपने
मोटे लंड से भरपूर आनंद पहुचाएगे, अभी तू हमे जानती नही है, तू कहे तो हम किसी जवान लोंडे के रूप
मे आकर भी तुझे चोद सकते है,
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