RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
राज- अरे हरिया कहाँ घूम रहे हो,
हरिया- अरे क्या बताए बाबाजी हम तालाब पर गये थे लेकिन वहाँ सुधिया भाभी का तो कोई पता ही नही है
राज- हरिया- माफ़ करना हमने सोचा तालाब का स्थान ठीक नही रहेगा इसलिए थोड़ा प्लान चेंज करके हम सुधिया
को तुमसे चुदवाने के लिए यही ले आए है, तुम अपनी बेटी चंदा को किसी काम मे लगा कर चुपचाप रामू के
गन्नो के खेत के बीचो बीच आ जाओ मैं वही तुम्हारा इंतजार कर रहा हू,
मेरे इतना कहते ही हरिया के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और उसने जेब से चिलम निकाल कर कहा बाबूजी
पहले थोड़ा सा इसका मज़ा ले ले तब उस घोड़ी को चोदने मे ज़्यादा मज़ा आएगा, मुझे भी लगा की हरिया की चिलम
पी कर नशा तो मस्त आता है,
इस बार मेरा मूड सुधिया की गुदाज मोटी गंद मारने का था इसलिए मैने भी हरिया
से कहा ठीक है जल्दी से बना लो सुधिया मेरी राह देख रही होगी उसे मैं गन्नो के बीच नंगी ही बैठा कर आया
हू, हरिया कहने लगा, मान गये बाबू जी आपको, एक बार हम सुधिया की चूत मार ले फिर देखना बाबूजी आप हमसे
जो कहोगे हम करेगे आख़िर आपका इतना बड़ा एहसान जो हम पर रहेगा,
हम दोनो ने बाते करते हुए चिलम पी और पीकर एक दम मस्त हो गये,
हरिया- अपनी लाल आँखो से मेरी ओर देख कर, सच बाबूजी इसको पीते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है आप चलिए
मैं दो मिनिट मे आ गया,
मैं वापस वही पहुच गया और सुधिया के सामने बैठ गया जो आँखे बंद किए बैठी थी,
राज- बेटी अब तैयार हो जाओ मैं हरिया को अपनी शक्ति से यहाँ बुला रहा हू,तुम बस आराम से लेट जाओ और अपनी
जाँघो को खूब अच्छे से फैला लो, और फिर जब सुधिया ने अपनी चूत को उठा कर फैला लिया तो मैने उसके मस्त
उठे हुए भोस्डे मे हाथ मारते हुए कहा बेटी आज तुम्हे अपने इन दोनो छेदो मे लंड लेना है, क्या तुम
तैयार हो,
सुधिया- हाँ बाबाजी मैं पूरी तरह तैयार हू, सुधिया की बुर मेरी बातो से फिर से पिघलने लगी थी तभी धीरे से
हरिया मेरे पास आ जाता है और जब वह सुधिया को पूरी नंगी अपनी मस्त चूत फैलाए लेटा हुआ देखता है तो
उसके होश उड़ जाते है, उसकी नशीली लाल आँखो मे एक चमक सी आ जाती है, वह मेरी ओर मुस्कुराकर देखता है
और फिर अपने खड़े लंड को धोती के उपर से मसलता हुआ मुझसे इशारे से पुछ्ता है कि अब मैं क्या करू,
मैने हरिया को पूरा नंगा होने का इशारा किया और हरिया ने तुरंत अपनी धोती हटा कर अपने मोटे लंड को
बाहर निकाल लिया, अब मैने हरिया को सुधिया की फूली हुई चूत को चाटने का इशारा किया और हरिया ने अपने
काँपते हाथो से जब सुधिया की मोटी गुदाज जाँघो को मसला तो वह खुशी के मारे मुझे देखते हुए झुक कर
सुधिया की बुर को पागलो की तरह फैला कर चूसना शुरू कर देता है,
सुधिया- आह बाबाजी बहुत अच्छा चाटते है आप, पर अभी तक हरिया क्यो नही आया,
राज- बेटी तुम अपना मूह खोलो हम तुम्हे मस्त मीठा गन्ना चूसाने वाले है मेरा इतना कहना था कि सुधिया
ने अपनी आँखे खोल कर अपना सर उठा कर नीचे देखा तो उसकी साँसे थम गई हरिया उसकी बुर को खूब फैला
फैला कर चाट रहा था, मैने सुधिया को इशारे से चुप रहने को कहा और अपने लंड को निकाल कर सुधिया के
मूह के पास उकड़ू बैठ गया और सुधिया मेरे लोदे को अपना मूह खोल कर पीने लगी,
हरिया सुधिया की चूत को पूरी खोल कर उसका रस चूस रहा था और उसकी चूत के दाने को अपने होंठो से दबा
दबा कर कभी खिचता और कभी उसे चूसने लगता, हरिया जितनी ज़ोर से सुधिया की चूत चाटता और चूस्ता था
सुधिया भी जोश मे आकर मेरे लंड को उतनी ही तेज़ी से दबा दबा कर चूसने लगती थी वह मेरे सूपदे को खूब
चूस चूस कर लाल कर चुकी थी और मैं उसके पास बैठा उसके मोटे मोटे दूध खूब दबोच कर मसल रहा था,
कुच्छ देर बाद मैने हरिया को कहा बेटा तुम अब सीधे खड़े हो जाओ और सुधिया बेटी तुम खड़ी होकर हरिया के
लंड को चूसो,
सुधिया ने शरमाते हुए हरिया की ओर देखा जिसकी नज़र सुधिया की मस्त फूली हुई चूत पर ही टिकी थी,
राज- बेटा हरिया सुधिया तुमसे शर्मा रही है ज़रा तुम खुद अपनी सुधिया भाभी को उठा कर अपने सीने से लगा
लो वह बहुत तड़प रही है तुम्हारे नंगे बदन से चिपकने के लिए,
हरिया- बाबाजी हम तो आपके भक्त है आप जो कहोगे करेगे और वैसी भी हम तो अपनी सुधिया भाभी को पूरी
नंगी करके कब से चोदने के लिए तड़प रहे है और फिर हरिया ने सुधिया को खड़ी करके उसे अपने सीने से
चिपका लिया और मैने मोका देखते ही सुधिया की मोटी गंद से अपने लंड को सटा कर उसके पिछे से चिपकते
हुए कहा
राज- सुधिया बेटी
सुधिया- जी बाबा जी
राज- बेटी अब क्या तुम दो मर्दो से एक साथ चुदने के लिए तैयार हो, और फिर मैने अपने हाथो से सुधिया की
गुदा को फैला कर उसकी गुदा को सहलाना शुरू कर दिया, उधर हरिया सुधिया के बोबे मसलता हुआ उसके होंठो
को चूसने की कोशिश करने लगा,
राज- बेटी अब तुम्हे अच्छा लग रहा है कि नही
सुधिया- आह बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है
हरिया- भौजी तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है, कितना मस्त बदन है तुम्हारा पूरी नंगी करके चिपकाने मे
मज़ा आ जाता है,
राज- हरिया अब तुम लेट जाओ और सुधिया को अपने लंड पर बैठा लो, मेरी बात सुनते ही हरिया लेट गया और सुधिया
उसके लंड पर बैठ गई और उसके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गई, हरिया का लंड सुधिया की चिकनी चूत मे
पूरा घुस चुका था, हरिया ने नीचे से धक्के मारते हुए सुधिया को थोड़ा आगे झुका कर उसके मोटे मोटे
पपितो को खूब कस कस कर मसलना शुरू कर दिया,
मैं सुधिया की मोटी गंद के पास आकर बैठ गया और उसकी मस्त गुदाज मखमली गंद को अपने हाथो से दबाते
हुए उसकी भूरे रंग की बड़ी सी गुदा को सहलाने लगा, सुधिया ने हरिया के लंड पर कूदते हुए मेरे लंड को कस
कर अपने हाथो मे दबोच कर मसलना शुरू कर दिया,
क्रमशः........
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