RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--26
गतान्क से आगे......................
सुधिया- बाबाजी हर औरत को चूत मरवाने की इच्छा होती है, पर जब औरत को बातो बातो मे कही उसकी मोटी
गंद को सहला दो कही उसके दूध पर हाथ मार दो कभी उसका चिकना पेट सहला दो, कभी अगर उसे चूमने का
मोका मिले तो अपनी जीभ निकाल कर उसे चाटने लगो और जब भी मोका मिले औरत को अपने मोटे लोदे के दर्शन
ज़रूर कर्वाओ, तब बाबाजी कैसी भी औरत हो उसकी चूत से पानी आना ज़रूर शुरू हो जाएगा, एक बार औरत आपके मोटे
लंड से चुदने के बारे मे अगर सोच लेती है तो फिर उसे भी बार बार आपके मोटे लंड को अपनी फूली चूत मे
भरने की इच्छा होने लगती है,
राज- मैने सुधिया की बात सुन कर उसकी चूत मे अपने लंड के धक्के थोड़े तेज़ी से मारना शुरू कर दिया और फिर
मैने उससे पुछा, क्या रामू से चुदने से पहले कभी तुमने उसके लंड को देखा था,
सुधिया- हाँ बाबाजी मैं तो उसके लंड को कई बार देख चुकी थी और कई बार मेरा मन उसके लंड को सहलाने और
चूसने का भी होने लगा था, आप नही जानते बाबाजी हम औरतो को ऐसे मोटे लंड से अपनी चूत कुटवाने मे कितना
मज़ा आता है,
सुधिया बहुत चुदासी लगने लगी थी और अपनी गंद उठा उठा कर मेरे लंड पर खूब झटके मार रही थी मैं
उसकी नंगी गंद को दबोच दबोच कर खूब उसे कस कस कर चोद रहा था, उसकी चूत से फॅक फॅक की आवाज़ आ
रही थी और मेरा लंड उसकी चिकनाई मे फिसल फिसल जा रहा था, कुच्छ देर बाद मैने सुधिया को सीधा होकर लेटा
दिया और जब मैने उसकी फूली चूत मे लंड डाल कर उसके नंगे बदन पर लेट कर उसके गुदाज मोटे दूध को
मसल्ते हुए उसे चोदना शुरू किया तो सुधिया ने अपनी जाँघो को मोड़ कर मुझे जाकड़ लिया और मेरे मूह को
चूमने की कोशिश करने लगी मैं अपना मूह उससे बचाते हुए उसकी बुर मे खूब कस कस कर धक्के मारने
लगा,
मुझे डर था कभी चिपकाने के चक्कर मे मेरी दाढ़ी मुछ ना निकल जाए इसलिए मैं अपना मूह उसके
चेहरे से दूर ही रख कर उसे चोद रहा था,
मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो चुकी थी और ऐसा लग रहा था की सुधिया भी चरम पर पहुचने वाली है वह खूब
सीसियते हुए मुझसे चोदने के लिए कह रही थी,
सुधिया- आह आह सीयी सीईईई ओह बाबाजी चोदिये खूब चोदिये फाड़ दीजिए मेरी चूत आह आह आह
मैं ताबड़तोड़ उसकी बुर मे अपने लंड के धक्के दे रहा था, और तभी मैने दो तीन खूब गहरे धक्के उसकी
चूत मे मार दिए और सुधिया की चूत और मेरे लंड से पानी की फुहार छूट पड़ी और दोनो एक दम से कस कर
चिपकते हुए अपने लंड और चूत को एक दूसरे की ओर खूब दबा दबा कर रगड़ने लगे,
सच सुधिया की चूत
चोदने मे मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आया था, आज मैने उसके भारी बदन को यह सोच सोच कर खूब दबोचा
और मसाला था कि मेरी मम्मी रति भी जब पूरी नंगी होकर मेरे सामने आएगी तो ऐसी ही भारी भरकम जवानी
होगी उसकी,
|