RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--24
गतान्क से आगे......................
सुधिया- पर बाबा जी आपने तो मुझसे कहा था कि मैं जब तालाब मे स्नान करके बाहर आउन्गि और जो भी पहला
पुरुष नज़र आएगा उसके साथ मुझे, बस इतना कह कर सुधिया ने अपनी नज़रे नीचे कर ली,
राज- बेटी हम जानते है लेकिन तुम नही जानती कि हम अंतर्यामी है और हमने अपनी शक्ति से यह भी देख लिया है
कि तुमने गन्ने के खेत मे अपने बेटे के साथ च्छूप कर किसी और पुरुष का लिंग देखा था और अपने बेटे से उसी
गन्ने के खेत मे संभोग किया था,
सच मानो तो उस समय सुधिया की शकल देखने लायक थी वह घोर आश्चर्या के साथ मेरी ओर देख रही थी और
मैं बहुत संभाल कर अपने चेहरे के भाव (एक्सप्रेशन) को च्छुपाने की कोशिश कर रहा था,
राज- बोल बेटी हम ठीक कह रहे है या नही,
सुधिया- अचानक मेरे पेरो मे गिर कर बाबा जी मुझे माफ़ कर दीजिए मुझसे ग़लती हुई है,
राज- नही बेटी इसमे पछताने की ज़रूरत नही है, मन के साधे सब साधे वाली बात है तुम भी एक इंसान हो और
ग़लती इंसान करता ही रहता है नही तो वह परमात्मा नही हो जाता, खेर कोई बात नही तेरे सभी दुखो का निवारण
करने के लिए ही तो मैं इसी गाँव मे रुक गया, लेकिन याद रहे अब जैसा मैं कहूँगा वैसा करना होगा और यह बात
किसी को भी पता नही होना चाहिए, यहाँ तक कि तू अपने बेटे रामू से भी यह ना कहना कि कोई बाबा जी तुझे मिले
थे,
सुधिया- मेरी ओर हाथ जोड़ कर नही बाबा जी मैं किसी से नही कहूँगी और जैसा आप कहेगे वैसा ही करूँगी,
राज- ठीक है तो सुन अब तुझे इस तालाब मे पूरी नंगी होकर नहाना होगा और फिर तुझे नंगी ही चल कर उसी स्थान
पर जाना होगा जहाँ तूने अपने बेटे के साथ मिल कर किसी और का लिंग देखा था, और हाँ चलते समय पीछे मूड
कर कतई नही देखना,
क्यो कि तेरे पीछे हम आएँगे और अब तुझे घबराने की ज़रूरत नही है तुझे किसी अन्य
पुरुष से संभोग करवाने की बजाय पहले मुझे तेरे पूरे जिस्म को अच्छे से पवित्र करना होगा,
राज- बोल अब तू तैयार है,
सुधिया- अपना सर नीचे झुकाए हुए, लेकिन बाबाजी आप कल दो आदमी से मुझे चुदवाने, मेरा मतलब है
मुझसे संभोग करेगे ऐसा कह रहे थे,
राज- बेटी तू चिंता मत कर मुझे सब से ज़्यादा तेरी इज़्ज़त की फिकर है इसलिए पहले वाले पुरुष के रूप मे मैं तुझे
पवित्र करूँगा और दूसरे पुरुष के लिए मैं अपनी शक्ति से उसे तेरे करीब बुला लूँगा और वह आदमी ऐसा होगा जो
तेरे साथ संभोग भी करेगा और तेरी बदनामी भी नही करेगा,
सुधिया- हाथ जोड़ते हुए, बाबा जी आप का यह एहसान मैं कभी नही भूलूंगी, आप बिल्कुल सही कह रहे है किसी
अंजान से संभोग करने पर वह मुझे बदनाम भी कर सकता है, पर बाबा जी आप किसी अपनी शक्ति से मेरे पास
बुलाएगे,
राज- बेटी अभी उसकी तस्वीर मेरे मन मे हल्की है जब तू मेरे द्वारा पवित्र हो जाएगी तब ही उसका चेहरा साफ
नज़र आएगा और वह बहुत भरोसे का आदमी होगा, तुझे मैं कोई समस्या नही आने दूँगा, तो बेटी अब दिन
निकलने से पहले ही तुझे यह सब करना है, चल अब सबसे पहले तू अपने कपड़े उतार कर तालाब मे डुबकी मार कर
आजा,
सुधिया मेरी बात सुन कर खड़ी हो गई और तालाब की ओर जाने लगी तभी मैने कहा बेटी तुझे कपड़े यही मेरे
सामने ही उतारने होंगे और फिर अपने कपड़े उतार कर मुझे देना होंगे ताकि मैं उनको भी पवित्र कर दू,
सुधिया मेरी बात सुन कर इधर उधर देखने लगी और उसका चेहरा पूरी तरह लाल हो रहा था, उसने अपने लरजते
हाथो से अपने ब्लौज के उपर का बटन खोलना शुरू कर दिया और बीच बीच मे अपनी नज़रे मेरी ओर मार कर
मुझे देखने लगती, मैं अपने मोटे लोदे को धोती मे दबाए सुधिया की गुदाज जवानी को अपनी आँखो से पी रहा
था,
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