RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--22
गतान्क से आगे......................
रामू रुक्मणी की चूत को खूब फैला कर चाट रहा था और इसकी वजह से उसके लंड मे बहुत तनाव आ रहा था और वह चंदा को खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहा था, चंदा ठुकवाने मे एक्सपर्ट थी इसलिए अब वह अपनी गंद उछाल-उछाल कर रामू के लंड पर बहुत तेज़ी से मार रही थी और रामू भी उसके जोरदार धक्को का जवाब खूब हुमच-हुमच कर दे रहा था, तभी रामू ने अपना लंड बाहर निकाल कर खुद नीचे लेट गया और चंदा को अपने लंड पर बैठा लिया और फिर रुक्मणी चाची को अपनी चूत अपने मूह पर रख कर बैठने को कहा रुक्मणी ने अपनी दोनो जाँघो को रामू के आजू बाजू करके उसके मूह पर अपनी चूत खोल कर बैठ गई,
अब चंदा रामू के लंड पर तबीयत से कूदने लगी और इधर रुक्मणी अपनी फूली चूत को रामू को चूसाने लगी, दोनो मा बेटियाँ घोड़ी की तरह मस्ता रही थी और अपनी-अपनी चूत से रामू को रगड़ रही थी पूरे कमरे मे उन रंडियो की चूत की मादक गंध फैल गई थी,
मैं रमिया की गुलाबी चूत को बड़े प्यार से अपने होंठो मे दबा कर खिचता और उसके दाने को चूस्ते हुए सोच रहा था कि जब रमिया की चूत इतनी खूबसूरत है जब कि वह गाँव की लोंड़िया है तो फिर मेरी खुद की बहन संगीता तो रमिया से काफ़ी बड़ी हो गई है और उसका बदन भी खूब भरा हुआ है तो फिर उसकी चूत कितनी मस्त होगी और फिर मेरी मम्मी रति की चूत कितनी बड़ी और फूली होगी पता नही मम्मी और संगीता अपनी चूत के बाल साफ करती होगी या नही, वैसे मम्मी मेकप तो बहुत करती है और अपने होंठो पर लिपस्टिक लगाना कभी नही भूलती है ज़रूर मम्मी का मन भी खूब चुदवाने का होता होगा,
उधर चंदा ओह रामू भैया बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा और रामू के लंड पर कूदते हुए रामू के मूह के उपर अपनी चूत फैलाए बैठी अपनी मम्मी की पीठ से चिपक जाती है और उसका पानी छूट जाता है तभी रामू चाची की चूत के खड़े दाने को खूब कस कर पकड़ लेता है और उसका भी पानी चंदा की चूत मे छूट जाता है
रुक्मणी आह आह करती हुई अपनी चूत को लगातार रगड़ रही थी और चंदा हाफते हुए एक और लुढ़क जाती है तभी रुक्मणी रामू के लंड के उपर से उठ कर उल्टी होकर घूम कर रामू के मूह पर अपनी गंद झुका कर लगा देती है और रामू का रस से भीगा लंड अपने मूह मे भर कर उसे चूसने लगती है, रामू का लंड जैसे ही चाची के मूह मे जाता है रामू चाची की गंद और चूत के छेद को खूब फैला कर चूसने और चाटने लगता है,
रमिया से अब रहा नही जा रहा था और वह बार-बार अपनी चूत उठा कर मेरे मूह पर मार रही थी कभी-कभी तो वह पूरी ताक़त से अपनी चूत मेरे मूह पर रगड़ने लग जाती थी मैने देर करना ठीक नही समझा और रमिया को खड़ी करके उसे आँगन की तरफ ले गया, मैं आज रमिया की चूत मे अपना मोटा लंड इतना ज़ोर से पेलना चाहता था कि रमिया भी हमेशा मेरे मोटे तगड़े लंड को याद करे,
मैने रमिया को घोड़ी बना कर झुका दिया और उसकी गंद को खूब अच्छे से उपर की ओर उभार दिया फिर मैने अपने मोटे लंड पर तेल लगा कर उसे खूब चिकना कर दिया और पिछे से रमिया की चूत मे अपना लंड लगा कर उसकी मोटी-मोटी गंद को खूब कस कर दबोच लिया और ऐसा जोरदार धक्का उसकी चूत मे मारा कि रमिया ज़ोर से चिल्ला उठी,
ओह बाबा जी मर गई रे आ उसके चेहरे पर दर्द उभर आया और उसकी आवाज़ सुन कर सभी का ध्यान इस ओर हो गया हालाकी रामू अब चाची के उपर चढ़ कर चोद रहा था लेकिन चंदा वह आवाज़ सुन कर उठ कर बाहर आकर हमे देखने लगी चंदा ने जैसे ही देखा कि मेरा आधे से ज़्यादा लंड रमिया की चूत मे फसा है मैने चंदा को देखते हुए दूसरा जोरदार धक्का रमिया की चूत मे ऐसा मारा कि मेरा पूरा लंड रमिया की चूत को खोलता हुआ जड़ तक समा कर उसकी मस्तानी बुर मे फिट हो गया और रमिया आह सी सी ओह बाबा जी बहुत बड़ा है आपका मैं मर जाउन्गि आह आह ओह.
मैं अब रमिया की चूत को धीरे-धीरे चोदते हुए उसकी मोटी गंद को फैला-फैला कर सहला रहा था तभी चंदा जो बड़े गौर से मेरे मोटे तगड़े लंड को रमिया की लाल नज़र आ रही चूत मे आते जाते देख रही थी, कहने लगी बाबा जी हमे भी रमिया दीदी की तरह ऐसे ही ज़ोर से चोदेगे क्या,
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