RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
सुधिया अपने बेटे के द्वारा ऐसा तगड़ा धक्का अपनी गान्ड मे खाने के बाद एक दम से हाय मर गई रे आह रामू बहुत मोटा लंड है बेटे तेरा आह आह आ
रामू अपनी मा की बात सुन कर अपना लंड थोड़ा सा बाहर खींच कर एक जबरदस्त शॉट
अपनी मा की गान्ड मे मार देता है और उसका पूरा लंड उसकी मा की गान्ड मे उतर जाता है और सुधिया का बदन ऐथ जाता है, अब रामू धीरे-धीरे अपने लंड को अपनी मा की गान्ड मे आगे पीछे करने लगता है, धीरे-धीरे सुधिया भी अपने चुतड़ों को पीछे की ओर धकेलने लगती है, आह बेटे आह रामू बहुत अच्छा लग रहा है,
रामू अब अपने लंड की रफ़्तार को थोडा बढ़ा कर सतसट अपनी मा की गान्ड मे अपने मोटे लंड को पेलने लगता है, रामू अपनी मा की मोटी-मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी गान्ड को खूब कस-कस कर ठोकने लगता है,
अब रामू अपने परो के पंजो के बल बैठ कर अपनी मा सुधिया की गान्ड की मस्त ठुकाई चालू कर देता है और सुधिया आह आ करती हुई रामू का लंड अपनी गान्ड मे लेने लगती है,
जब सुधिया से रहा नही जाता है तो वह एक दम से ज़मीन पर पसर जाती है रामू सीधे अपनी मा की गान्ड पर लेट जाता है और नीचे हाथ लेजा कर अपनी मा की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोच लेता है और फिर से अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को खूब गहराई तक डालने लगता है, रामू लगभग आधे घंटे तक अपनी मा की मोटी गान्ड मार-मार कर लाल कर देता है और फिर उसका पानी उसकी मा की मोटी गान्ड मे छूट जाता है,
सुधिया उठ कर रामू के लंड को किसी कुतिया की भाँति सूंघते हुए चूसने लगती है और रामू अपनी मा को पूरी नंगी करके उसके मोटे-मोटे दूध उसके गुदाज पेट और उसकी चूत मे खूब सारा तेल लगा कर उसे खूब चिकनी कर देता है उसके बाद रामू सुधिया को अपने सीने से चिपका कर उसकी चूत मे अपना लंड फिर से पेल देता है और अपनी मा के होंठो को पीते हुए उसके दूध दबा-दबा कर उसकी चट को खूब कस-कस कर चोदने लगता है,
सुधिया अपने पेरो को हवा मे उठा कर मोड़ लेती है और रामू के लंड को अपनी चूत पर खूब दबोचने लगती है, रामू अपनी मा की गान्ड के नीचे हाथ डाल कर उसके भारी चुतड़ों को अपने हाथो मे भर कर ज़ोर से दबोचते हुए अपनी मा की चूत मे सतसट लंड डाल-डाल कर ठोकने लगता है, रामू सुधिया की चूत ठोक-ठोक के पूरी सूजा देता है और मस्त लाल चूत को चोद्ते हुए अपना पानी अपनी मा की चूत मे भर देता है,
सुधिया की चूत अपने बेटे के तगड़े लंड को पाकर मस्त हो जाती है,
उस दिन पूरा दिन रामू अपनी मा सुधिया को तारह-तरह के आसनो मे खूब कस कर चोद्ता है उसके बाद शाम को रामू जब अपनी मा के साथ अपने घर वापस जाने लगता है तो रास्ते मे हरिया काका के खेत मे हरिया बैठा-बैठा दम मार रहा था और रामू उसे देखता हुआ अच्छा काका अब चलते है घर को
हरिया- मुस्कुराते हुए अच्छा बेटा ठीक है, क्या कल भी अपनी मा को लेकर आओगे
रामू- अपनी मा को देखता है और सुधिया मुस्कुरा देती है, रामू हरिया की और मुस्कुराकर देखता हुआ अपनी मा का हाथ पकड़ कर अपने घर की ओर चल देता है तो भाई लोगो इस तरह रामू का सपना पूरा हुआ दोस्तो फिर मिलेंगे इसी कहानी के अगले पार्ट के साथ तब तक के लिए विदा
क्रमशः .....................
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